शिमला की ठंड में प्रिया के साथ गर्म रात
Priya ki shimla me chudai
नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम अर्जुन है। मैं 26 साल का हूँ, 5 फीट 10 इंच का गोरा-चिट्टा नौजवान, और हरियाणा के एक छोटे से शहर से हूँ। आज मैं आपको अपनी और मेरी प्रेमिका प्रिया की एक सच्ची और रोमांचक कहानी सुनाने जा रहा हूँ। ये कहानी पिछले साल की है, जब हम दोनों ने एक अनोखे मौके का फायदा उठाकर अपनी वासना को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया।
प्रिया मेरी कॉलेज की दोस्त थी। वो 24 साल की है, उसकी कद-काठी 5 फीट 4 इंच, और उसका रंग हल्का सांवला। उसकी आँखें बड़ी-बड़ी हैं और होंठ इतने रसीले कि बस देखते ही चूमने का मन करे। उसकी चूचियाँ मध्यम आकार की, पर एकदम गोल और सख्त थीं, और उसकी कमर पतली होने के साथ उसकी गांड उभरी हुई थी, जो उसे और भी आकर्षक बनाती थी। हम दोनों की दोस्ती कॉलेज के दिनों में प्यार में बदल गई थी, और अब हम पिछले तीन साल से रिलेशनशिप में थे।
मैं एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हूँ, और प्रिया एक स्कूल में टीचर है। हमारी मुलाकातें कम ही हो पाती थीं, क्योंकि मैं गुरुग्राम में रहता था और वो अपने गाँव में, जो लगभग 80 किलोमीटर दूर था। लेकिन फोन पर हमारी बातें रोज होती थीं—कभी प्यार भरी, तो कभी गरमागरम सेक्स चैट। हम दोनों को एक-दूसरे के साथ वक्त बिताना और शारीरिक सुख लेना बहुत पसंद था।
पिछले साल नवंबर में मेरे पास एक लंबी छुट्टी थी। मैंने सोचा कि प्रिया को कहीं घुमाने ले जाऊँ। उसने भी अपनी छुट्टी फिक्स कर ली, और हमने shimla जाने का प्लान बनाया। मैंने एक अच्छे से होटल में रूम बुक किया, जो पहाड़ों के बीच में था, जहाँ से बर्फीली चोटियाँ दिखती थीं। हम दोनों बस से निकले, और रास्ते में ही हमारी शरारतें शुरू हो गईं। प्रिया ने मेरे कानों में धीरे से कहा, “अर्जुन, इस बार कुछ नया करेंगे ना?” उसकी आवाज में वो शरारत थी, जो मुझे हमेशा पागल कर देती थी। मैंने उसका हाथ दबाते हुए कहा, “हाँ जान, इस बार तुझे आसमान की सैर कराऊँगा।”
शिमला पहुँचते ही हम होटल गए। रूम में घुसते ही मैंने दरवाजा बंद किया और प्रिया को दीवार से सटा दिया। उसने हल्की नीली स्वेटर और टाइट जींस पहनी थी, जिसमें उसका फिगर और भी उभर रहा था। मैंने उसे बाँहों में भरा और उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया। वो भी मेरे होंठों को चूसने लगी, जैसे भूखी हो। हमारी साँसें तेज हो गई थीं। मैंने उसकी स्वेटर को ऊपर उठाया और उसकी कमर पर हाथ फेरने लगा। उसकी त्वचा इतनी मुलायम थी कि मेरा मन उसे चाटने को कर रहा था।
“अर्जुन, रुक मत,” उसने सिसकारी लेते हुए कहा। मैंने उसकी स्वेटर उतार दी। उसने सफेद ब्रा पहनी थी, जिसमें से उसकी चूचियाँ बाहर आने को बेताब थीं। मैंने ब्रा के ऊपर से ही उन्हें दबाया, और उसके निप्पल सख्त हो गए। फिर मैंने उसकी ब्रा का हुक खोला और एक चूची को मुँह में ले लिया। मैं उसे चूसने लगा, और दूसरी चूची को हाथ से मसल रहा था। प्रिया की सिसकारियाँ तेज हो गईं, “आह… अर्जुन… और जोर से… पूरा चूस ले।” उसकी बातों से मेरा जोश दोगुना हो गया। मैंने उसके निप्पल को हल्के से काटा, जिससे वो सीत्कार उठी।
फिर मैंने उसकी जींस खोली। उसने लाल रंग की पैंटी पहनी थी, जो उसकी गोरी जाँघों पर गजब ढा रही थी। मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को सहलाने लगा। वो पहले से ही गीली हो चुकी थी। मैंने पैंटी को नीचे सरकाया और उसकी चूत को देखा—एकदम गुलाबी, चिकनी और फूली हुई। मैंने अपनी जीभ से उसे चाटना शुरू किया। उसका स्वाद नमकीन और मदहोश करने वाला था। प्रिया जोर-जोर से चिल्लाई, “आह… और जोर से… पूरा चाट ले… मुझे पागल कर दे आज।”
मैंने उसकी चूत में जीभ डालकर अंदर-बाहर करना शुरू किया। उसका रस मेरे मुँह में आ रहा था, और मैं उसे पी रहा था। वो मेरे सिर को अपनी चूत पर दबा रही थी। फिर उसने मुझे खींचकर ऊपर किया और मेरी पैंट उतार दी। मेरा लंड पहले से ही सख्त हो चुका था। उसने उसे हाथ में लिया और अपनी जीभ से चाटना शुरू किया। उसकी गर्म जीभ मेरे लंड पर फिसल रही थी, और मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं स्वर्ग में हूँ। फिर उसने उसे मुँह में लिया और चूसने लगी। मैं उसके मुँह में आगे-पीछे करने लगा।
कुछ देर बाद मैंने उसे रोका और उसे घोड़ी बनाया। उसकी गोल गांड मेरे सामने थी। मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ा और एक जोरदार धक्का मारा। मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया। वो चीखी, “आह… अर्जुन… और जोर से…” मैंने उसकी कमर पकड़कर धक्के लगाने शुरू कर दिए। कमरे में हमारी साँसों और उसकी सिसकारियों की आवाज गूँज रही थी। वो बार-बार कह रही थी, “चोद दे मुझे… और तेज… फाड़ दे आज।”
10 मिनट तक मैंने उसे उसी पोजीशन में चोदा। फिर मैंने उसे सीधा किया और उसके पैर अपने कंधों पर रखे। इस बार मैंने धीरे-धीरे लंड डाला, ताकि उसे हर पल का मजा मिले। उसकी आँखें बंद थीं और मुँह से “उम्म… आह…” की आवाजें निकल रही थीं। मैंने रफ्तार बढ़ाई, और कुछ देर बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। उसका शरीर काँप रहा था। मैंने भी अपने धक्के तेज किए और आखिरकार उसकी चूत में ही झड़ गया। हमारा रस आपस में मिल गया, और वो मेरे सीने पर लेट गई।
उस रात हमने तीन बार चुदाई की। अगले दिन सुबह हमने बर्फ के बीच एक-दूसरे को नंगा करके ठंड में गर्माहट दी। वो अनुभव भी कमाल का था। दोस्तों, ये थी मेरी और प्रिया की कहानी। आपको कैसी लगी, जरूर बताना!