हिंदी सेक्स स्टोरी

कामुकता पैदा करने वाला काला जादू–1

Kamukta Paida karne wala kaala Jaadu-1

हमारे पड़ोसी गाँव में ये एक तांत्रिक है , जिसके पास मैं अपनी एक समस्या लेकर गई थी , लेकिन उस तांत्रिक ने मुझ पर काला जादू कर दिया था…

हैलो दोस्तों!
मेरा नाम रुपाली सिंह है , मैं 30 साल की विवाहित महिला हूँ और मैं उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ ।

दिखने में तो मैं गोरी नारी और कामुक होने के साथ सुडौल और आकर्षित भी हूँ , मेरी कद 5’6″ हैं और मेरी फिगर 36–30–40 हैं ।

मेरे शादी को अब चार साल हो चुके हैं , लेकिन मेरे पति मुझे उन चार सालों में एक बार भी गर्भवती नहीं कर पाए ।
उसके पीछे का कारण ये था ,की मेरे पति ने अपनी पहली पत्नी पे ही सारा पानी छोड़ दिया था और मेरी चूत में उनका पानी एक भी बीज बो ना सका ।
मेरे ससुराल वालों ने मुझे काई ऋषि मुनियों के पास लेकर गए थे , लेकिन दोष मेरी कुंडली में नहीं था ।

दोष था तो मेरे पति के कुंडली में , क्यों की मेरे पति ने अपनी पहली पत्नी को तलाक दे दिया था और वो भी इसलिए की वो बेटे दे ना सकी ।
शायद उसी औरत का शाप लगा था , तो मैं सोची की कहीं मेरे पति मुझे भी घर से ना निकल दे , इसीलिए मैं मेरी चाची से बात की ।
तब मेरी चाची मुझे एक नीलकंठ तांत्रिक के बारे में बताई , जिसके पास हर समस्या का समाधान होता है ।

तो मैं मेरे पति को बताई उस तांत्रिक के बारे में , तो मेरे पति ने भी मुझे कहा की ,” चलो देख लेते है उस तांत्रिक को भी ।”
तो मैं और मेरे पति अक्टूबर के महीने में गाँव गए थे , तो शाम में मैं , मेरे पति और चाची , उस तांत्रिक के पास गए थे ।
उस तांत्रिक का सही उम्र तो कह नहीं सकती , लेकिन वो मुझे 50 साल का लग रहा था , लेकिन शारीरिक से वो 40–42 साल का लग रहा था ।

और उस तांत्रिक का कद काठी 6′ होगा और उसके घर के आस–पास कोई घर नहीं है , बस एक तालाब है , जिसमें उसके अलावा कोई और नहीं नहाता।

तो मेरे पति खैनी खाते है और वो उस तांत्रिक के चौखट लांघने वाले थे , की उस तांत्रिक ने मेरे पति से कहा ,” खैनी बहार छोड़ कर आओ ।”

तो मेरे पति चौंक गए , यहाँ तक की मैं भी , क्यों की मेरे पति खैनी अपने पॉकेट में रखे हुए थे जो सिर्फ मेरे पति को ही पता था ।

तो मेरे पति चौंक गए और तांत्रिक को बोलने लगे ,” वह! बाबा आप तो सचमें चमत्कारी लगते हैं ।”
तो वो तांत्रिक मेरे पति से बोला की ,” क्या समस्या है बच्चे जिसके लिए तुम यहाँ तक आए हो?”
तो मेरे पति बोलने लगे की ,” बाबा!… हमे एक अवलाद चाहिए , साल भर से कोशिश कर रहे है , कोई बेटा नहीं हुआ अब तक ।”

तो उस तांत्रिक ने मेरे पति को पास बुलाए और फिर मेरे पति का हाँथ देखने लगे और उस तांत्रिक को कुछ समस्या दिखा ।
तो उस तांत्रिक ने मुझे और चाची को बहार जाने के लिए बोले और फिर उस तांत्रिक ने दरवाज़ा बंद कर दिया अंदर से करीब 20 मिनट के लिए ।
20 मिनट के बाद मेरे पति बहार आये और मुझे अंदर जाने के लिए बोले और फिर से उस तांत्रिक ने दरवाज़ा बंद किया ।

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और फिर उस तांत्रिक बाबा ने मुझ पर कुछ धुआँ सा छोड़ा और उसके बाद तो जैसे मेरी आँखों में अँधेरा सा छा गया था ।
लेकिन अचानक से मेरी आँखों में से वो अँधेरा चला गया और फिर उस तांत्रिक ने मुझे खड़े होने के लिए कहा ।

तो मैं खाड़ी हो गई और तब उस तांत्रिक ने मुझे कहा की ,” अब तुम्हें दशहरा तक , रोज़ रात में मुझे फल या मांसाहारी भोजन देने आना होगा ।”
तो मैं सोचने लगी की , ये क्या बोल रहे है तांत्रिक जी , तो मैं पूछ ली की ,” क्या मैं दिन में नहीं आ सकती?”
तो तांत्रिक मुझे बताने लगे की ,” इस टोटका को लोगों के नज़रों से बचा कर करना होता है , जब कोई तुम्हें देखे नहीं , नहीं तो ये टोटका किसी काम का नहीं है ।”

और तब मुझे ये बात थोड़ी अजीब लगी थी , लेकिन मैं सोची की अगर ऐसा करने से मुझे अवलाद प्राप्त हो सकता है तो मैं करुँगी ।
फिर हम तांत्रिक के घर से अपने घर आ गए और तब रात भी हो चुकी थी , तो मैं और चाची रसोई में खाना बनाने गई थी ।
और मेरे पति और चाचा जी दोनों बैठ कर शराब पि रहे थे , तो 30–35 मिनट के बाद खाना बन गया था और फिर हम खाना खाने बैठे ।

और फिर खाना खाने के बाद मैं और मेरे पति कमरे में गए , तब मेरे पति ने मुझे कहा की ,” ज़रा क्रीम लगाना छोड़ कर मेरे पास आओ ।”
तो मैं सोची की मेरे पति को रोमांस करने का मन कर रहा है तो मैं मुस्कुराते हुए अपने पति के पास गई , तब मेरे पति बिस्तर पर बैठे हुए थे ।
तो मैं मेरे पति के सामने खाड़ी थी तभी मेरे पति मेरी गदराई गांड को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर दबाने लगे ।

और मुझे मेरे पति बोलने लगे की ,” मुझे तुम्हारी बहुत याद आएगी मेरी जान ।”
तो मैं पूछी की ,” ऐसा क्यों बोल रहे है आप? कहीं जा तो नहीं रहे?”
तो मेरे पति मुझे बोले की ,” अरे! तुम्हें तो पता है , मेरा काम कितना ज़रूरी है , लेकिन तुम मुझे याद करती रहो उसके लिए मैं कुछ लाया हूँ ।”

और ये बोलते हुए मेरे पति ने मुझे अपने पैंट के पॉकेट से एक चांदी बेली चेन दिखाया और मैं हैरान थी की मेरे पति ने ये पहले क्यों नहीं दिया ।

तो मेरे पति मुझे बोले की ,” तनिक अपनी नाईटी तो ऊपर करो मेरी जान , मुझे ये बेली चेन पहनना है ।”
तो मैं उस समय रोमांटिक मूड में थी , इसीलिए मैं मेरे पति के सामने अपनी नाईटी ऊपर उठा ली और बोली ,” लीजिए पहना दीजिये मुझे ।”
और फिर मेरे पति मेरी कमर पर वो बेली चेन पहनते हुए बोले ,” उफ्फ्फ… तुम्हारी ये पतली कमर उउममहह… बहुत जल्द फूल जसगी उउममहह…”

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ये बोलते हुए मेरे पति मेरी नाभि को चूमे जा रहे थे और मैं ईईईसस… उउफफफ… करते हुए सिसक रही थी , जैसे तन में आग लगने लगी हो ।
और फिर मेरे पति मेरी कमर पकड़ कर मेरी नाभि चूमते चाटते हुए मेरी पेंटी को खींचते हुए नीचे उतार दिए ।

और फिर मेरे पति अपने तौलिया को खोल दिए और नंगे हो गए और फिर वो वापस से बिस्तर पर बैठ गई और मुझे बोले ,” देखो मेरी जान , कितना बौखलाया हुआ है।”
वैसे तो मेरे पति का लंड ज्यादा बड़ा नहीं है , लेकिन मुझे उनके खड़े लंड और बड़े टट्टों को देख बहुत मज़ा आता है ।
तो मैं मेरे पति से बोली की ,” उफ्फ्फ… सचमें मुझे भी आपकी बहुत याद आएगी , जानू!”

ये बोलते हुए मैं घुटनो पर आ गई और मेरी पति के जांघों को फैलाते हुए उनके बड़े टट्टों को सूंघते हुए , पति के लंड को अपनी मुँह में लेकर कर चूसने लगी ।
और मेरे पति मेरे मुख-मैथुन का मज़ा लेने लगे सिसकियाँ लेते हुए ,” ईईईसस… उउफफफ… ईईईसस… आह! और चुसो मेरी जान ईईईसस…”
और मैं मेरे पति के लंड को पूरा मुँह में घुसा के चूसे जा रही थी और पति के लंड को अपनी लार से लटपट किये जा रही थी ।

और मेरी पति मेरी बाल पकड़ कर नीचे से धक्के भी दे रहे थे , करीब 10 मिनट तक खूब चुसवाया पति ने अपने लंड को ।
और फिर मेरे पति ने मेरी नाईटी के ऊपर उठाते हुए मुझे पूरी नंगी कर दिए और मुझे अपने लंड की सवारी करने के लिए बोले ।
तो मैं पति के गोद में बैठते हुए पति के लंड को अपनी चूत में घुसा ली और फिर उछलने लगी और मेरे पति मेरी गदराई गांड को पकड़ कर फैलाए हुए थे ।

और साथ ही मेरी चूचियों को चाट रहे थे , जिससे मैं मदमस्त हो कर सिसक रही थी ईईईसस… अअआह… ईईईसस… आह!…
फिर मेरे पति मुझे रोके और मेरी चूचियों को चूसने लगे और मेरी गांड की दरार में हाँथ फेरते हुए मेरी गांड की छेद में ऊँगली करने लगे ।
ईईईसस… उउउहह… मुझे तो मज़ा ही आ जाती है, जब भी मेरे पति मेरी चूचियों को चूसते हुए मेरी गांड की छेद में ऊँगली करते है तब ।

और फिर मेरे पति ने मुझे अपने सिने से लगते हुए लेट गए और फिर मेरी चूत में घुसे लंड को नीचे से धकेलने लगे ।
और मेरे पति उस समय मेरी चूतड़ों को पूरा फैलाए हुए थे और अपने लंड को धकेलते हुए मुझे चोदे जा रहे थे ।
और मैं ईईईसस… उउउहह… ईईईसस… करते हुए सिसकते जा रही थी और मुझे पसीना भी आ रही थी और मुझे मज़ा आ रही थी ।

मुझे मेरे पति से चुदवाने में इतना मज़ा आ रही थी कि , जब मेरे पति नीचे से धक्के देते थक गए थे , तब मैं उनके लंड सवारी करने लगी थी ।
और मेरे पति मेरी दोनों चूचियों को कस के पकड़ रखे थे और पूरा ज़ोर–ज़ोर से दबा रहे थे और मैं अअआह… ईईईसस… आह! करते हुए सिसकती जा रही थी ।
तब मेरे पति ने मुझे दूसरे तरफ गिरा दिया और मुझे घोड़ी बना कर पहले तो मेरी गांड फैला कर मेरी गांड की छेद को खूब चाटने लगे ।

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और मैं ईईईसस… उउफफफ… ईईईसस… करते हुए खूब मज़े लेकर सिसकती रही और फिर मेरे पति मेरे ऊपर चढ़ गए ।
और फिर मेरी गांड की छेद में अपने लंड के टोपा को रगड़ते हुए पहले टुंपा को धकेले ईईईसस… अअआह…
और फिर मेरी दोनों कन्धों पर हाँथ रख कर मेरी गांड चुदाई करने लगे , और तब मैं अअआह… आह!… आह!… करती जा रही थी ।

क्यों की गांड में मुझे गांड में लेने में ज्यादा मज़ा आ रही थी और मैं मज़े से सिसक रही थी अअआह… अअआह…

तब मेरे पति को भी मज़ा आ रहा था और वो मुझे बोलने लगे ,” ईईईसस… आह!… आज तो मेरा पानी यहीं छोड़ दूंगा आह!…”
तो मैं मेरे पति से बोलने लगी ,” अअआह… ईईईसस… आह!…पूरा भर दिज्ये उस छेद में आपका खट्टा पानी अअआह…”

और तो मेरे पति इतने जोश में आ गए थे की , उन्होंने मेरे कन्धों में से हाँथ छोड़ा और मेरी बाल पकड़ लिए ।
और फिर मेरी बाल को खींचते हुए पीछे से मेरी गांड की छेद को अपने लंड से ड्रिल करने लगे और मैं अअअईईई… अअआह… करते हुए सिसकती जा रही थी ।
मेरे पति मेरी गदराई गांड पूरा चोद–चोद के पूरी तरह से नष्ट कर देना चाहते थे ऐसा चोदन कर रहे थे और फिर मेरे पति 3–4 ज़ोर के झटके दिए ।

और मेरे पति के गरम मुठ को मैं अपनी गांड की छेद में महसूस की और फिर मैं पूरी लेट गई और मेरे पति भी मेरे ऊपर लेट गए ।
उस रात मैं बहुत थक गई थी और गहरी नींद में सोइ थी , उसी दौरान मुझे बहुत अजीब सा सपना आया था और बहुत गंदा सपना भी था ।
और पता है मैं उस सपने में उसी तांत्रिक को देखि और वो भी मेरे साथ संभोग करते हुए बहुत ही गंदे तरीके से चोद रहा था , वो तांत्रिक मुझे ।

फिर मैं चौंक कर जब आंख खोली तो देखि की सुबह के 4 बजे है और फिर मैं तारो ताज़ा होने गई और फिर रसोई में नाश्ता बनाने गई ।
लेकिन मैं अपने पति को उस सपने के बारे में नहीं बताई थी या यूँ कहूँ की मैं भूल गई थी और लोग कहते है की सुबह का सपना सच होता है ।
अब वो सपना सच हुआ या नहीं वो तो मैं आप लोगों को दूसरी भाग में बताउंगी , तब तक मेरी कहानी कैसी लगी मुझे बताएं ।

धन्यवाद!