देवर ने मेरी तड़प शांत की करवाचौथ के दिन
मैं पूनम, दिल्ली से हूँ। सुबह-सुबह HotSexStory.xyz पर कुछ कहानियाँ पढ़ रही थीं। मैंने जो पढ़ा वो गलत नहीं था, लेकिन कई महिलाएं हैं जो अपनी तड़प को किसी और के साथ शांत करने के लिए मजबूर होती हैं, जिनके पति जालिम होते हैं। मैं भी उनमें से एक हूँ। आज करवा चौथ की रात रंगीन अपने देवर के साथ… यह मेरी पहली बेवफाई है, और उम्मीद करती हूँ कि आगे भी बरकरार रखूंगी क्योंकि जब किसी का पति बेवफ़ा हो जाए तो और क्या कर सकती हूँ? ये सब हुआ क्या और क्या मज़ा है आप मेरी कहानी में पढ़ेंगे।
मैं अभी 26 साल की हूँ, शादी तीन साल हुई हैं, लेकिन मेरी ज़िंदगी में वो आ गई है। मेरा पति उसके पीछे ही दीवाना है। वो साथ-साथ कॉलेज में पढ़ते थे, पर उस कुतिया को ये पता नहीं कि जो वो समझ रही है वो नहीं है। मेरा पति तो उसकी छोटी बहन को भी नहीं छोड़ा, वो दोनों बहनों को चोदता है और पूरी रात रहता है। इसी वजह से वो मेरे तरफ ध्यान नहीं देता। मेरा पति तो उस लूट के खा गया है। खैर माफ़ करना मैं थोड़ी सेंटी हो गई थी।
कल करवा चौथ का दिन था, सास ने कहा कि बहू व्रत तो रख ही लो। क्या करूँ मेरे बेटा मेरे कब्जे में नहीं है? कोई बात नहीं वो वापस आ जाएगा तुम्हारे पास, तुम इतनी खूबसूरत हो आज ना कल वो तेरे पास आ ही जायेगा। इसलिए तुम करवा चौथ का व्रत रख लो। मैंने भी वैसा ही किया। दिन भर तो भूखी प्यासी रही पर शाम होते ही मैं बन ठन के तैयार हो गई। मैंने हाफ स्लीव की ब्लाउज और रेड कलर की साड़ी पहनी, साड़ी मेरी थोड़ी पारदर्शी थी मेरा जिस्म दिख रहा था। रात्रि का पूजा खत्म हो गया, चाँद को छलनी से देखकर और आँख बंद कर के अपने पति को याद किया, और जैसे ही आँख खोली मेरा देवर मेरे सामने खड़ा था। मुझे ठीक नहीं लगा, क्यों की मैं अभी तक मन ही मन अपने पति को ही पूजती थी।
फिर मैंने खुद से ही पानी पि लिया। देवर ने कहा चलो भाभी आपको बाहर से खाना खिला के लाया हूँ। मैंने मना कर दिया पर मेरी सास बोली बहू चलो जाओ इतना प्यार से तेरा देवर तुमहें कह रहा है। फिर मैं तैयार हो गई सोची क्यों अपनी ज़िंदगी नरक बनाऊं, वो तो मजा कर रहा है। इस वजह से मैं जाने के लिए तैयार हो गई। पास में ही एक बड़ा होटल है, डिनर करने गए, वह पे करीब हम दोनों २ घंटे तक रहे, खाना खाया, देवर ने वोदका ऑफर किया, मैंने भी एक पेग ली। इस तरह से शाम काफी अच्छा गया, बड़े दिनों के बाद आज मैं इतनी खुश थी। जब वह से निकलने लगे तो सामने ही ज्वेलरी शॉप था मेरे देवर ने मेरे लिए एक डायमंड की रिंग ली। मैं काफी मना की पर वो मुझे पहना दिया।
फिर वापस आके मैंने अपना साड़ी चेंज किया, सास को प्रणाम किया और सोने चल गई। नींद नहीं आ रही थी, मैं काफी परेशान थी सोच रही थी मेरी जवानी किस काम की? आज अपने बिस्तर पे उलट पलट रही हूँ, जवानी यूं ही खत्म हो जाएगी, क्या करूँ, मेरा मन काफी बेचैन था, पर सोने का प्रयत्न कर रही थी। रात के करीब एक बज गए थे, सारे लोग सो गए थे पर मैं लाइट जलके मैगज़ीन पढ़ रही थी, तभी मेरा देवर विशाल दरवाजे के पास आकर बोला भाभी सो जाओ काफी रात हो गई है। मैंने कहा नहीं विशाल मुझे नींद नहीं आ रही है। तभी वो आकर बैठ गया, बोला क्यों नहीं नींद आ रही है? तभी मेरी आह फट गई और मैं सोने लग गई। मैं क्या कहती कि मैं अपने पति के वियोग में हूँ और मुझे नींद नहीं आ रही है।
वो बेड पे बैठ गया, मेरे हाथ को पकड़ लिया, मैंने और भी रोने लगी, फिर पता नहीं चला कब हम देवर के गलें लग गए। मेरी चूचियाँ उसके चौड़े साइन से चिपके हुए थे, और उसकी मजबूत पकड़ मेरे पीठ को सहला रही थी। मेरे होठ उसके होठ के पास अठखेलियां करने लगी और फिर एक दूसरे को मिल गए, दोनों एक दूसरे के होठ को चूसने लगे, जिस्म की ज्वाला भड़क चुकी थी। फिर मैंने कहा दरवाजा बंद कर लो, देवर उठकर दरवाजा बंद कर दिया। फिर क्या था एक दूसरे पे दोनों टूट पड़े।
उसने मेरे कपड़े उतार दिए और बूब्स के अपने हाथ से मसलने लगा, मेरे गोर गोर बूब्स पे उसके उँगलियों के निशान पड़ रहे थे। फिर वो नीचे मेरे चूत पे हाथ रखा और ऊँगली करने लगा। मैं आह आह आह आह आह करने लगी। फिर वो अपनी गीली ऊँगली से मेरे गांड में भी ऊँगली डाल दिया अब तो मैं बेचैन होने लगी। मैंने उसका लंड उसके जांघिया से बाहर निकाल ली और चूसने लगी, इतना मोठा लंड था की मेरे मुह में समा नहीं रहा था। मेरा देवर भी आह आह आह आह कर रहा था। फिर वो मेरी दोनों पैर को अलग-अलग कर के बीच में बैठ गया और अपने जीभ से मेरी चूत को चाटने लगा। बोला भाभी आपका चूत तो नमकीन लग रहा है। मैं झड़ चुकी थी उसका पानी था। फिर से मैं तैयार हो गई और उसके सर को पकड़ के अपने चूत में सटा रही थी।
फिर वो मेरे चूत (बूर) को चिढ़ के देखा बोला भाभी आपका चूत तो एकदम लाल है, भैया भी पागल है इतनी खूबसूरत बीवी को छोड़कर इधर उधर मुह माड़ रहा है और अपना लंड का सुपाड़ा मेरे चूत पे रख के अंदर डाल दिया। मैं बेचैन हो गई इतना मोठा लंड था मेरे चूत को चीरते हुए अंदर दाखिल हो गया आप ये कहानी HotSexStory.xyz पे पढ़ रहे हैं, फिर मैंने अपने गांड को उठा-उठा के लंड को अंदर बाहर लेने लगी। वो भी मुझे धक्के पे धक्के दे रहा था। आख़िरकार कार 40 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गए शिथिल होके एक दूसरे को एक दूसरे के बाहों में बाह डाल के सो गए, सुबह चार बजे नींद खुली मैंने देवर को किस करना शुरू कर दिया।
फिर वो एक बार मुझे कामसूत्र की पोज़ीशन में सेक्स करने लगा, इस तरह से साढ़े पाँच बजे तक चोदा। फिर वो अपने कमरे में चला गया। मुझे अभी भी नींद नहीं आ रही थी इस वजह से मैंने ये कहानी आपके सामने लिखी। आशा करती हूँ कि HotSexStory.xyz के सारे रीडर को मेरी ये कहानी अच्छी लगी होगी, आप रेट करके मुझे बताये कैसी लगी मेरी कहानी।