Teenage Girl Sex

लंड चूसकर प्यार का सबूत दिया-1

(Sexy Girl Oral Sex Kahani)

सेक्सी गर्ल ओरल सेक्स कहानी दोस्तों में जहाँ रहता हूँ उस सोसाईटी का नाम अमन सोसाईटी है और वहाँ पर सभी धर्म के लोग बहुत अमन शांति से रहते है. हम सभी लोग एक दूसरे के बहुत काम आते है और हम सब मिलकर सारे त्यौहार धूमधाम के साथ मनाते और जब कोई भी बात होती तो सब लोग एक साथ मिलकर उसका हल खोजते और समस्या का फ़ैसला करते, इसलिए कोई भी बात ज़्यादा बाहर नहीं जाती. दोस्तों मिस्टर प्रमोद भोसले हमारी सोसाईटी के तीसरी मंजिल पर अपनी बीवी और बेटी के साथ रहते थे, वो बड़े सुशील स्वाभाव के पति पत्नी है और वो दोनों नौकरी करते है. उनकी बेटी जिसका नाम संगीता और अब वो कॉलेज जाने लगी थी, संगीता व्यहवार की एक बहुत अच्छी लड़की थी, उसकी उम्र 18 साल के ऊपर होने के साथ साथ उसका जिस्म अब भरने लगा था.

वो दिखने में अच्छी लगती थी और संगीता के कॉलेज के लड़के उस पर लाईन मारते थे और संगीता को भी वो अच्छा लगता था, लेकिन वो किसी को मौका नहीं देती थी, क्योंकि उसके दिल में तो उसकी सोसाईटी में रहने वाले पंकज के लिए प्यार जाग गया था.

हैल्लो दोस्तों, में पंकज आज आप सभी को अपनी एक मस्त जवान चूत की चुदाई की वो कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसमें मैंने उसको अपनी बातों में फंसाकर बड़े मज़े लेकर चोदा और में उम्मीद करूंगा कि यह आप सभी को जरुर पसंद आएगी.

दोस्तों पंकज जो दूसरी मंजिल पर रहता था, वो अपने माँ बाप की दूसरी औलाद था. पंकज 25 साल का था और वो अपनी पढ़ाई पूरी करके अब नौकरी ढूंढ रहा था और वो अच्छी नौकरी मिलने तक कोई ऐसे वैसे नौकरी नहीं करना चाहता था.

पंकज कई दिनों से देख रहा था कि संगीता उसको आते जाते देखती थी, जब वो किसी के साथ बिल्डिंग के नीचे सेक्सी गर्ल ओरल सेक्स कहानी खड़ी होकर बात करती थी और पंकज अपनी बालकनी में आ जाता तो वो उसको नज़र चुराकर देखती और अब पंकज भी संगीता को देखने लगा था, क्योंकि पंकज को भी संगीता पसंद थी और कई दिनों तक यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहा.

अब पंकज संगीता को देखकर स्माईल भी करने लगा और धीरे धीरे संगीता भी अब उसकी स्माईल का जवाब देने लगी थी, पंकज अब संगीता से बात करना चाहता था, लेकिन उसको मौका ही नहीं मिल रहा था और संगीता भी पंकज से बात करना चाहती थी, लेकिन वो शरम की वजह से नहीं कर पा रही थी.

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फिर एक दिन संगीता से मिलने की पंकज ने पूरी तैयारी की, वो जानता था कि दोपहर के समय सोसाईटी में एकदम सन्नाटा रहता है, इसलिए उसने संगीता को दोपहर के समय मिलने का फ़ैसला लिया. उस दिन पंकज बाल्कनी में खड़ा था और तभी कुछ देर बाद उसको संगीता बिल्डिंग के दरवाजे से अंदर आती दिखी तो वो जल्दी से अपने घर से बाहर निकलकर खड़ा हुआ करीब दो मिनट के बाद उसको संगीता के आने की आहट हुई और जैसे ही संगीता ऊपर आई तो उसने पंकज को देखा संगीता की धड़कन अब तेज़ हुई और संगीता कुछ बोल ही नहीं पा रही थी.

अब संगीता को इस दुविधा में देखकर पंकज हल्के से मुस्कुराकर बोला कि हैल्लो संगीता कैसी हो तुम? तो संगीता शरमाते हुए बोली हैल्लो पंकज में ठीक हूँ और तुम कैसे हो? पंकज संगीता के पास आकर बोला जब तक तुझे नहीं देखा ठीक नहीं था, लेकिन अब ठीक हूँ संगीता मुझे तुमसे एक बात कहनी है, में तुमसे बहुत मोहब्बत करता हूँ और में तुमको मेरी माशूका बनाना चाहता हूँ, क्या तुम भी मुझे चाहती हो संगीता? तो पंकज की बात सुनकर संगीता शरमाने लगी और पंकज की बात से उसकी धड़कन तेज हुई और अब वो नीचे देखकर बोली पंकज यह तुम क्या बोल रहे हो? मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है.

अब पंकज संगीता के और पास आकर उसका हाथ हल्के से थामते हुए बोला कि संगीता तुम ऐसी नादान मत बनो, क्यों तुम भी तो मुझे चाहती हो ना? तो पंकज के हाथ पकड़ने से संगीता बहुत डर गई, वैसे वो भी पंकज को चाहती थी, लेकिन ऐसे अचानक अपने प्यार का इज़हार कैसे करती? अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करते हुए वो बोली प्लीज़ पंकज तुम मेरा हाथ अब छोड़ो ना, देखो यहाँ पर कोई भी आ सकता है, प्लीज मेरा हाथ छोड़ो.

दोस्तों पंकज को पता था कि इस वक़्त कोई नहीं आता, इसलिए वो बिल्कुल बिंदास था, संगीता जैसे हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगी, पंकज उसका हाथ और कसकर पकड़कर उसके और पास आ गया और अब वो उसकी कमर में एक हाथ डालते हुए बोला कि अरे हाथ क्यों खींच रही है तू? में तेरा दीवाना हो गया हूँ, तू पहले मेरी बात का जवाब दे सेक्सी गर्ल ओरल सेक्स कहानी और मेरा प्यार कबूल कर.

फिर संगीता अब पूरी तरह डर गई और वो हाथ छुड़ाने की कोशिश करते हुए बोली पंकज यह क्या कर रहे हो तुम? वो अब बहुत डर गई थी, वैसे संगीता ज़रा भोली और शर्मीली लड़की थी, लेकिन अपनी सहेलियों की चुदाई की बातें सुनकर उसके दिल में भी अब अपनी चूत की चुदाई की उमंग जाग उठी थी और वैसे पंकज उससे उम्र और अनुभव में संगीता से बहुत बड़ा था, वो संगीता जैसे भोली लड़की के साथ मस्ती करने के मूड में था. अब संगीता के मुहं से कोई जवाब ना पाकर पंकज हल्के से संगीता के बूब्स पर हाथ फेरते हुए बोला कि संगीता में तुझसे शादी करना चाहता हूँ और में तुझे हमेशा बहुत खुश रखूँगा.

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अब अपनी छाती पर पहली बार ऐसे खुली जगह में मर्द का हाथ महसूस करते ही संगीता के पूरे जिस्म में एक करंट दौड़ने लगा और पूरे जिस्म में सरसराहट फैल गई. संगीता पर एक अजीब सी मस्ती छा गई और वो उसी मस्ती में बोली पंकज देख में भी तुझे प्यार करती हूँ और मुझे पूरा यकीन है कि तू मुझे बहुत खुश रखेगा, प्लीज़ अब मुझे जाने दे कोई हमे यहाँ देखेगा तो मेरी बड़ी बदमानी होगी.

अब पंकज हल्के से संगीता के बूब्स पर अपना एक हाथ घूमाते हुए बोला अगर तू जानती है कि में तुझे खुश रखूँगा तो क्यों तू खुले दिल से मेरा प्यार नहीं अपनाती? अब भी वो चुप रही और बूब्स दबाने से संगीता को बड़ा मज़ा आता है, लेकिन वो बहुत शरमाती भी है, पंकज की बातें सुनकर संगीता बड़ी खुश हुई, लेकिन डर से उसका दिल और ज़ोर से धड़कने लगा और बूब्स को दबाने से वो धीरे से चीखते हुए बोली, आह्ह्ह्ह पंकज मुझे बड़ा दर्द हो रहा है तुम क्यों दबा रहे हो? प्लीज़ तुम अब मुझे जाने दो.

फिर पंकज समझा कि संगीता शरम से इनकार कर रही थी, वो संगीता के बूब्स हल्के मसलते हुए उसके गाल को किस करते हुए बोला संगीता तू क्यों मुझे इतना तड़पा रही है? और अब पंकज के किस से संगीता पूरी तरह हड़बड़ा गई और पंकज को धक्का देकर दूर करके वो बोली उम्म्म मुझे छोड़ो प्लीज़ और पंकज से दूर होकर संगीता जैसे ही जाने लगी तो पंकज उसका हाथ पकड़ते हुए बोला अच्छा संगीता एक काम करो मुझे आज शाम को मेरे घर पर मिलकर बताओ कि तुझे में क्यों पसंद नहीं? क्यों आज तुम मुझसे मिलने आओगी ना मेरी रानी?

पंकज से हाथ छुड़ाते हुए संगीता बोली नहीं में नहीं आउंगी, लेकिन पंकज की धमकी से डरकर उसने कहा प्लीज़ मुझे कुछ सोचने का समय दो, में तुमको सोचकर बताउंगी और इतना कहकर संगीता वहाँ से निकल गई, वो पंकज को बहुत चाहती थी और जब पंकज ने उसको अपनी बाहों में लिया तो उसको बड़ा अच्छा लगा और उस दिन संगीता पंकज के बारे में सोचने लगी और अब दोबारा पंकज उसको कहीं भी अकेले में ना पकड़ ले और अब उसके दिमाग़ में पंकज बस गया था.

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अब पंकज हफ्ते में दो तीन बार संगीता को ऐसे पकड़कर उसका जिस्म मसलते हुए प्यार का इज़हार माँगता और संगीता हर बार कोई ना कोई बहाना बनाकर वहाँ से भाग जाती और यह सिलसिला करीब दो सप्ताह तक लगातार चलता रहा, लेकिन संगीता अब भी अपनी तरफ से कोई जवाब नहीं दे रही थी. अब इस बात का फ़ैसला करने का इरादा पंकज ने बनाया, पंकज भी संगीता के मस्त जिस्म के बारे में सोचकर अपना लंड सहलाता था.

फिर एक शाम को जब वो घर आ रहा था तो उसने बिल्डिंग के पीछे वाले रोड से संगीता को आते देखा, बिल्डिंग के पीछे बहुत अंधेरा था और उस रोड के साईड में बहुत झाड़ियाँ भी थी, संगीता अपने आप से कुछ बोलती आ रही थी और पंकज अचानक उसके सामने खड़ा हो गया और पंकज को देखकर वो एकदम रुक गई और उसका दिल ज़ोर से धड़कने लगा.

पंकज मुस्कुराकर बोला अरे संगीता तुम कैसी हो? और इस वीरान जगह पंकज को अपने सामने देखकर संगीता कुछ बोल ही नहीं पाई और अपने जिस्म पर पंकज का स्पर्श क्या है वो जानती थी और अब वो यहाँ पर ज्यादा देर रुकी तो पंकज क्या कर सकता था और उसका कोई भरोसा भी नहीं था, इसलिए पंकज को साईड में करके पंकज की बात का जवाब दिए बिना संगीता जल्दी-जल्दी वहां से चलने लगी.

तभी पंकज ने संगीता का हाथ पकड़ते हुए सेक्सी गर्ल ओरल सेक्स कहानी उसको रोड के साईड में ले जाकर कहा, अरे संगीता इतना क्यों डर रही है? तू मुझसे क्यों भाग रही है? संगीता अब और भी डरते हुए उससे छूटने की कोशिश करके बोली प्लीज मुझे अब जाने दो, में तुमसे कोई बात नहीं करना चाहती, प्लीज़ मुझे जाने दो. अब संगीता को अपनी बाहों में भरकर पंकज बोला क्यों, लेकिन संगीता? मेरा गुनाह क्या है तुम यह तो बताओ? में तुझे दिलो जान से प्यार करता हूँ.