माँ की चुदाई

माँ की चूत लौंडे ने मारी

हेलो दोस्तों कैसे हो आपलोग आज मै अपनी मम्मी की चुदाई की कहानी आपलोगो को सुनाता हूँ जो की एक दम सच है। मेरी मम्मी की उम्र लगभग 35 और 38 के बिच होगी दिखने मे ठीक ठाक बड़ी बड़ी चूची, बड़ी बड़ी गांड,पापा दुबई मे होटल मनेजर है। कम आना होता है मैने हमेशा देखा है की मम्मी मेरी हमेशा देर तक अपनी चूत खुजाते रहती है। पाठको मेरी उम्र करीब 16 ,17 के करीब होगी। एक दिन की बात है मम्मी मेरी बाथ रूम मे नहा कर निकल रही थी। की पैर फिसला और गिर गई कमर मे चोट लगी। आवाज मारी अलोक बेटा जल्दी आ मै भागा। बाथरूम की ओर क्या देखता हुँ। मम्मी मेरी नाईटी मे बाथरूम मे गिरी हुई है। मै भागा और उनको उठाने की कोशिश करने लगा। करीब 70 ,75 किलो से कम नहीं होगी मम्मी किसी तरह उठा कर बेड तक लाया।

मम्मी कराह रही थी. मैने झट से आयोडेक्स मलहम उठा कर लाया। और मम्मी से पूछा मम्मी कहा चोट लगी है। बताओ वह कमर की तरफ इशारा कर बोली यहाँ पर, अब मै सोच मे पड़ गया की नाईटी कैसे उठाओ। क्यो की ऊपर उठाने पर मम्मी जी का गांड दिखने लगता। मम्मी जी मेरी भावनाओं को समझ अपनी नाईटी कमर तक उठा दी। मैने देखा मम्मी” v ” शेप वाली कच्छी पहन रखी थी। मम्मी बोली अब निहारता ही रहेगा की दवा भी लगाएगा। मैने झट से आयोडेक्स निकाल कर उनकी कमर पर मलने लगा। जिससे मम्मी को आराम मिलने लगा। फिर मम्मी ने बोला थोड़ा और नीचे लगा बाबू और अपनी चड्डी थोड़ा और नीचे खिसका दी। बोली बाबू यहाँ पर लगा मुझे मम्मी की गांड की दोनों दरारों पर नजर पड़ी। तब मेरा लंड जोरो से खड़ा हो गया।

मै वहां पर दवा लगा कर मालिस कर ने लगा मम्मी बोली बेटा आराम मिल रहा है। कुछ देर बाद मम्मी सीधी हुई और बोली बेटा यहाँ पर भी मालिस कर दे। मैने देखा मम्मी की चूत कच्छी मे साफ साफ झलक रही थी। चूत की दरारे साफ साफ दिख रही थी। मै दवा ले कर मम्मी की नाभि के नीचे लगाने लगा। कुछ देर बाद मम्मी बोली बेटा थोड़ा और नीचे ढंग से लगा दे। और थोड़ा कच्छी और नीचे कर दी। कच्छी नीचे करते ही मम्मी की झाटों के बाल साफ साफ नजर आने लगी। मै वहा पर दवा लगा कर मालिश करने लगा। क्या देखता हूँ मम्मी की कच्छी पर गिला पानी सा दिखने लगा यानी। मेरे हाथ झाटों पर लगने से मम्मी की चूत गीली हो गई क्या। तब मम्मी अपना हाथ जब हटाने लगी। तो मेरा खड़ा लंड उनके हाथो से टकरा गया मम्मी ने झट से मेरा लंड अनजाने मे ही पकड़ लिया। बोली ये क्या है अलोक मै बोला मम्मी कुछ नहीं। अरे दिखा क्या है अरे वाह कितना बड़ा हो गया है। और लम्बा भी।जरा बाहर निकाल तो,मैने लजाते हुए अपना लंड बाहर निकाला। लंड देख् कर मम्मी बोली अब तु तो बड़ा हो गया है। और मम्मीजी हाथ मे पकड़ कर मेरे लंड को दबाने लगी।

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उस समय मुझे कितना आनंद आया यह मै ही जानता हूँ। तब मम्मी ने अपनी चूत पर हाथ रख कर बोली बेटा यहा पर दर्द हो रहा है। जरा यहा भी दवा लगा दे। अब दवा लगाने के लिए मम्मी जी कि कच्छी। उतारनी पड़ेगी। लगा ना दवा सोच क्या रहा है। यह कह कर उन्होंने अपनी कच्छी नीचे सरका दी। हल्की झांटो से भरी बूर देख् कर मेरी धड़कन बढ़ गयी। और कापते हाथो से चूत के निप्पल पर दवा मलने लगा। चूत पर हाथ लगते ही मम्मी की चूत गर्म हो गई। और मम्मी आह आह कराहते हुए अपनी चूत ऊपर उठाने लगी। और मुझे बोली बेटा जरा निपल को जोर से मसल दे मैने चूत के निपल को मसलने लगा क्या देखता हूँ।  मम्मी आह आह करके उनकी चूत से एक फौहरा निकला। और चूत फच फचा कर पानी छोड़ दी। अब कच्छी चूत की पानी से एक दम गीली हो चुकी थी। यह देख् मैने पूछा मम्मी जी ये क्या है जो आपकी कच्छी इतनी गीली हो गई है। मम्मी ने कहा कुछ नहीं बेटा । मैने तब कहा की मम्मी जी साफ कर दूँ क्या कुछ देर सोचने के बाद मम्मी बोली बेटा ये कपड़े से नहीं जीभ लगा कर साफ किया जाता है।तु करेगा तो बता। कोई बात नहीं मम्मी जी और यह बोल कर मैने मम्मी की कच्छी उतार दी। अब मम्मी की बूर मेरे सामने थी जो उनके गिरे वीर्य से गिला हो गया था। मेरी चलाक मम्मी ने अपने घुटने मोड़ कर अपने चूत फैला दी। और बोली बेटे इसे जीभ से चाट कर साफ कर दे। कपड़ा लगने पर इन्फेक्शन हो जाएगा।

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अब मै अपना मुँह मम्मी की बूर के तरफ कर उनके बूर को जीभ से चाटने लगा। किसी कुत्ते की तरह जीभ से उनका वीर्य साफ कर दिया। वीर्य नमकीन जरूर था मगर मजा आया। कुछ देर बाद मम्मी ने कहा बेटा अब साफ हो गई है। तुम यही पर सो जाओ जैसे ही मै लेटा मेरा लंड तन कर खड़ा दिखने लगा। यह देख् कर मम्मी मेरि मंद मंद मुस्कुराने लगी। और पेंट के अंदर लंड मेरा चूत मार ने के लिए तड़प रहा था। मै अपनी मम्मी की तरफ मुँह फेर कर सो गया। अचानक मुझे अहसास हुआ की कोई मरे लंड पर हाथ फेर रहा है। मैने आंखे खोल कर देखा मेरी मम्मी मेरे लंड को पेंट के ऊपर सहला रही थी। और मुझसे बोली बेटा मेरे चूत मे खुजली मची है। दर्द के कारण मेरा हाथ वहा तक पहुंच नहीं रहा हैं। जरा खुजला दो मैने कापते हाथो से चढ़ी के ऊपर से चूत खुजाने लगा।

तब मम्मी ने कहा बेटे ऐसे मीट नहीं रहा। और उन्होंने अपनी चढ़ी उतार दी। बोली अब खुजाओं मै चूत के मुँह पर खुजाने लगा।  तब मम्मी जी ने कहा बेटे खजली बाहर नहीं अंदर मची है। अपनी ऊँगली डाल कर खुजाओं। मै समझ गया की मम्मी अब चुदना चाहती है। मै अंजान बन कर अपनी दो ऊँगली बूर के अंदर डाल कर अंदर बाहर करने लगा। इससे मम्मीजी को अच्छा लगने लगा और कहा हाँ बेटे जरा तेजी से अंदर बाहर करो। करीब 10 मिनट तक अंदर बाहर करने के बाद मम्मीजी बोली बेटे तुम्हारी ऊँगली बहुत छोटी है। कोई लम्बी चीज से करो तब खुजली मिटेगी। बेटे जरा पास आओ मै उनके नजदीक गया तो उन्होंने मेरे पेंट की ओर देखा। जिसमे लंड मेरा तेजी से खड़ा फूफ कार मार रहा था। मम्मी जी ने फट से मेरा लंड पकड़ लिया। और पेंट से बहार निकाल लिया। खड़ा लंड देख् कर मम्मी की आँखों मे चमक उठी। और बोली बेटा यह ठीक रहेगा। इसे अंदर डाल कर जोर जोर से अंदर बाहर कर मेरी चूत की खुजली मिट जाएगी। मगर पहले ठहर इसको थोड़ा और मजबूत कर दूँ।

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फिर मम्मी ने झट से मेरा पूरा लंड अपने मुँह मे लेकर चूसने लगी। और अपनी चूत की तरफ इशारा कर बोली बेटें इसको सहलाते रहो करीब 10 मिनट तक लंड चूसने के बाद मम्मी ने लंड मुँह से निकाला। और अपनी दोनों टांगो को हवा मे फैला कर बोली। बेटे इसमे लंड डालंकर जोर जोर से अंदर बाहर करो। मैने भी मन ही मन बोला रुक जा बहन की लौड़ी अभी बताता हुँ। फाड़ ना डाली तो कहना। अब मै अपनी औकात पे आ गया। मै मम्मी की चूत पर झुका और झटके से उनकी चूत मुँह मे लेकर चूसने चाटने लगा। मम्मी की नीप्प्ल को दातों से पकड़ कर रगड़ने लगा। यह देख कर मम्मी समझ गई की लौंडा पूरा हिट हो चुका है। करीब 10 मिनट चूत पर मुँह रगड़ने और चाटने के बाद मैने अपना लंड मम्मी की चूत मे ढकेल कर पेला।

मम्मी आह करके मेरे को पीछे ठेलने लगी। मगर मै दूसरा धक्का मारा पूरा लंड अंदर। ओह माँ मर गई बेटे फाड़ ही डालेगा क्या। मगर मेरे उप्पर तो भूत सवार था लगा। चोदने दबा दब घचा घच,फचफच आह आह ओह जरा धीरे चोद बेटे। मगर मैने भी ठान ली थी की मम्मी की बूर का भोसड़ा बना कर ही निकलूंगा। घपाघप फचाफच दानदन पूरा बेड लग रहा था की टूट जाएगा। इतने मे मम्मी जी झड गई चूत गीली होने की वजह से अब चोदने मे और मजा आ रहा था। करीब आधे घंटे तक मम्मी जी की चूत का कचुमर बना दिया। जब मै झाड़ा तो मम्मी जी आंखे बंद कर बड़े आनंद से रस पान कर रही थी। अब उनके चेहरे पर संतुस्टि के भाव दिख रहे थे। मम्मी बोली बेटे मजा आ गया फिर मैने रात भर मम्मीजी को तब तक पेला। जब तक मम्मी जी ने नहीं बोला की बस हो गया बेटे। तो दोस्तों कैसी लगी मेरी कहानी by by.