माही दीदी की चूत और गांड चुदाई की सच्ची कहानी – विशाल की सेक्स स्टोरी
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विशाल है और मैं आगरा में रहता हूँ। मैं बी.सी.ए. का स्टूडेंट हूँ। मेरा रंग साफ है, शरीर पतला और उम्र 21 साल है। मेरे लंड का साइज़ 7 इंच है। आज मैं पहली बार अपनी चचेरी बहन माही दीदी के साथ हुए सेक्स अनुभव को आप सबके सामने बता रहा हूँ। ये एक सच्ची घटना है, जो जोश और चुदाई से भरी है। मुझे उम्मीद है कि इसे पढ़कर आपको बहुत मज़ा आएगा। अब मैं सीधे कहानी पर आता हूँ और दीदी के बारे में भी थोड़ा बता देता हूँ, ताकि आपको पता चले कि वो दिखती कैसी हैं और मैंने उन्हें क्यों जमकर चोदा।
माही दीदी 22 साल की हैं। उनका रंग गोरा, शरीर पतला और कमर इतनी नाज़ुक कि उस पर तने हुए बूब्स और मटकती सेक्सी गांड उनकी खूबसूरती को दोगुना कर देती थी। उनका फिगर 32-28-34 है, जो मुझे उनके साथ सेक्स करने के बाद पता चला। हम शुरू से ही साथ में बहुत वक्त बिताते थे। हंसी-मज़ाक और मस्ती हमारी आदत थी। लेकिन दो महीने पहले की बात है, जब सब बदल गया।
मेरे मन में उनके लिए कभी गलत ख्याल नहीं आए। वो मुझे इंग्लिश ट्यूशन में मिलती थीं। हमेशा बड़े गले, जालीदार या टाइट कपड़े पहनती थीं, जिनमें वो हॉट और सेक्सी लगती थीं। उनके बूब्स आधे बाहर झांकते थे। 5-6 दिन में पता चला कि उनका एक बॉयफ्रेंड भी है। फिर न जाने क्यों मेरे मन में उनके लिए गंदे ख्याल आने लगे। ट्यूशन में मैं बस उनके बूब्स और गांड को घूरता रहता था। शायद उन्होंने भी ये नोटिस किया।
एक दिन ट्यूशन के बाद दीदी मेरे पास आईं और बोलीं, “विशाल, मेरे घर आ जाओ, कुछ काम है।” अगले दिन 3 बजे मैं उनके घर पहुँचा। वहाँ पता चला कि चाचा-चाची और छोटी दीदी शादी में जा रहे हैं। चाचाजी ने कहा, “आज रात यहीं रुक जाओ, माही का ख्याल रखना। वो अकेली होगी।” मैंने हाँ कहा और मम्मी को फोन करके बता दिया। मम्मी ने कहा, “ठीक है, पापा को बता दूँगी।”
शाम 5 बजे तक घरवाले चले गए। अब उस बड़े घर में सिर्फ मैं और दीदी थे। दीदी ने मुझे अपना लैपटॉप दिया और कहा, “विंडोज़ डाल दो।” देते वक्त उन्होंने सेक्सी स्माइल दी। मेरा लंड तन गया, जो टाइट जींस में साफ दिख रहा था। मैंने विंडोज़ डाली और दीदी बोलीं, “नहा ले, मैं चाय बनाती हूँ।” मैं बाथरूम गया, नहाया, लेकिन बाहर आया तो याद आया कि अंडरवियर और बनियान गीले हो गए हैं।
मैंने दीदी को बताया। वो बोलीं, “कोई बात नहीं, ऐसे ही जींस-टी-शर्ट पहन लो, अंडरवियर बाहर सुखा दो।” बाहर जाते वक्त मेरा टॉवल फंस गया और ढीला होने की वजह से गिर गया। मैं दीदी के सामने नंगा हो गया। अपने लंड को हाथों से छुपाने लगा। दीदी पास आईं और बोलीं, “दीदी के सामने इतना शरमा मत।” मैंने टॉवल उठाया और बांध लिया। वो चाय बनाने गईं। मैंने जींस-टी-शर्ट पहनी। चाय पीते वक्त दीदी ने पूछा, “लैपटॉप तैयार है?” मैंने कहा, “हाँ।”
वो बोलीं, “आराम कर ले, मेरी कमर में दर्द है।” मैंने कहा, “दीदी, मैं मालिश कर दूँ?” वो मान गईं। मैंने तेल लिया और उनकी टी-शर्ट ऊपर करने को कहा। उनकी नाज़ुक कमर पर मालिश करते वक्त मेरा लंड खड़ा हो गया। मन में चोदने की इच्छा जागी। दीदी बोलीं, “ब्रा का लॉक परेशान कर रहा है, उतार दूँ?” मैंने तुरंत हाँ कहा। ब्रा खुलते ही मैं उनके बूब्स देखकर पागल हो गया। मालिश करते वक्त मेरा हाथ फिसला और उनके बूब्स से टकराया। वो सिसक पड़ीं।
मुझे लगा, आग दोनों तरफ बराबर है। मैंने कहा, “दीदी, जींस परेशान कर रही है, उतार दो।” वो बोलीं, “पैंटी नहीं पहनी।” मैंने कहा, “आपने मेरा सू-सू देखा, कोई बात नहीं।” वो हंसकर बोलीं, “उसे लंड बोलते हैं, बुद्धू।” फिर जींस उतार दी। वो नंगी उलटी लेटी थीं। मैंने उनकी कमर की मालिश की। वो बोलीं, “पेट की भी कर दे।” वो सीधी हुईं। उनकी गुलाबी चूत देखकर मेरा लंड बेकाबू हो गया। मैंने पूरे शरीर की मालिश शुरू की—बूब्स, गले, जांघें, चूत। वो सिसकने लगीं।
मैंने कहा, “दीदी, गर्मी लग रही है।” वो बोलीं, “कपड़े उतार ले।” मैं नंगा हो गया। फिर कंट्रोल नहीं हुआ। उनके बूब्स चूसने, दबाने लगा। वो मेरे होंठ चूसने लगीं। मैंने उनके बूब्स और होंठ बेतहाशा चूसे। वो बोलीं, “क्या मेरी चूत में लंड कल डालेगा?” मैंने लंड उनकी चूत पर रखा और एक ज़ोरदार धक्का मारा। पूरा लंड अंदर चला गया। तेज़-तेज़ धक्कों से चोदने लगा। वो चिल्लाईं, “आह्ह्ह, और अंदर घुसा दे, ज़ोर से चोद, अपनी प्यासी दीदी को ठंडा कर!”
वो कमर उछालकर चुदवाने लगीं। 15 मिनट में वो तीन बार झड़ीं। मैंने कहा, “मैं झड़ने वाला हूँ।” वो बोलीं, “मुँह में डाल दे।” मैंने सारा वीर्य उनके मुँह में छोड़ दिया, वो पी गईं। फिर मैंने कहा, “आँखें बंद करो, उलटी हो जाओ।” उनकी गांड पर लंड रखकर धक्का मारा। वो चीखीं, आँसुओं निकल आए, लेकिन मैं नहीं रुका। आधे घंटे बाद फिर झड़ा।
हम बाथरूम गए। वहाँ लंड, चूत, बूब्स, गांड से खेले। मेरा लंड फिर खड़ा हुआ। दीदी को बाथरूम में चोदा। बाहर आए। वो नंगी किचन में खाना बनाने लगीं। मैं पीछे गया, उनकी गांड में लंड डालकर चोदा। आधे घंटे बाद झड़ा। रातभर कई बार चुदाई की। सुबह तक सात बार चोदा। दीदी की हालत खराब हो गई, वो चल भी नहीं पा रही थीं। उनकी चूत और गांड फट गई थी। फिर घरवाले आए, मैं घर चला गया।
दोस्तों, ये थी मेरी दीदी की चूत और जिस्म की आग ठंडी करने की कहानी। हमने खूब मज़े किए।