मेहमान की खातिरदारी लंड से: एक सेक्सी आंटी की कहानी
हाय दोस्तों, मेरा नाम अनुराग है। मैं इंदौर का रहने वाला हूँ और एक कॉलेज स्टूडेंट हूँ। मेरी उम्र 21 साल है और मेरी हाइट 5 फीट 10 इंच। मुझे शुरू से ही सेक्सी आंटियाँ और भाभियाँ बहुत पसंद हैं। आज मैं आपको अपनी जिंदगी की एक सच्ची और hot घटना सुनाने जा रहा हूँ, जो हाल ही में मेरे साथ हुई। यह मेरी पहली कहानी है, तो कोई गलती हो जाए तो मुझे माफ करना और जरूर बताना। मुझे उम्मीद है कि यह चुदाई की कहानी आपको पसंद आएगी।
घर में अकेलापन और मेहमानों का आना
मेरे घर में मम्मी, पापा और मैं रहते हैं। कुछ समय पहले पापा को पाइल्स की तकलीफ हुई। उनकी सरकारी नौकरी है, तो उन्होंने 2 महीने की छुट्टी ले ली और गाँव चले गए। मम्मी भी उनके साथ गईं, और मैं घर पर अकेला रह गया। कुछ दिन ऐसे ही बीत गए। फिर एक दिन बड़े पापा का फोन आया। उन्होंने बताया कि मेरी कजिन बहन का ऑपरेशन हुआ है और उसे इंदौर के हॉस्पिटल में रखा गया है। वे उसे मेरे घर पर कुछ दिन रखना चाहते थे। मैंने कहा, “ठीक है, ला सकते हैं।”
अगले दिन बड़े पापा, उनकी बेटी, उसके पति, और एक आंटी मेरे घर आए। वो आंटी उनकी रिश्तेदार थीं और मेहमानों की देखभाल व मेरे लिए खाना बनाने आई थीं। मुझे क्या पता था कि उनकी “देखभाल” इतनी खास होगी! आंटी की उम्र करीब 36 साल थी, फिगर 34-32-36, थोड़ी साँवली लेकिन गाँव की गोरी से कम नहीं। उनका गठीला बदन, बड़ी गांड, और भरे हुए बूब्स उन्हें एकदम सेक्सी माल बनाते थे।
आंटी से दोस्ती और नजदीकियाँ
बड़े पापा और कजिन के पति हॉस्पिटल में व्यस्त रहते थे। मैं और आंटी दिनभर घर में अकेले रहते। हमारी अच्छी दोस्ती हो गई। उन्होंने बताया कि उनकी शादी को 14 साल हो गए हैं और उनके दो बच्चे हैं। उनका पति शराबी था, जो उन्हें मारता भी था। रात को मैं अपने कमरे में सोता, बाकी लोग हॉल में। हम देर तक बातें करते, और मैं उन पर लाइन मारता। एक रात मैंने गौर किया कि आंटी चादर ओढ़े सो रही थीं, उनका हाथ उनकी चूत पर था और हिल रहा था। मुझे लगा, ये जल्द ही मुझसे चुदने को तैयार हो जाएँगी। उन्होंने मुझे देख लिया और चादर में छिप गईं। मुझे डर हुआ कि वो नाराज हो गईं।
उसी रात मेरी नींद खुली। बाथरूम से आवाज आई। मैंने झाँका तो आंटी और दीदी थीं। दीदी बाहर आई, फिर आंटी अंदर गईं। उनकी मूतने की तेज आवाज सुनकर मैं समझ गया कि वो महीनों से प्यासी हैं। अगली सुबह मैं किचन में गया। आंटी खाना बना रही थीं। मैं उनके पीछे खड़ा हुआ, मेरा लंड उनकी गांड को छू रहा था। वो चौंकी, लेकिन मैंने स्माइल दी। वो चुपचाप काम करने लगीं। मैंने चाय पी और पूछा, “नींद कैसी आई?” वो बोलीं, “अच्छी, पर तुम इंदौर वाले सुस्त हो।” मैंने कहा, “एक काम में हम तंदुरुस्त हैं, और वो रात को ही होता है।” वो शरमा गईं।
प्यार का इजहार और पहला कदम
आंटी ने हँसकर कहा, “लगता है लड़का जवान हो गया। कोई लड़की ढूंढो।” मैंने कहा, “ढूंढने की जरूरत नहीं, जो पसंद है वो सामने है।” वो बोलीं, “कौन, मैं?” मैंने हाँ कहा। वो हैरान हुईं, “यह कैसे हो सकता है?” मैंने कहा, “पसंद कभी भी आ सकती है, बस लड़की अच्छी हो।” वो समझ गईं और बोलीं, “लड़के में भी दम होना चाहिए।” मैंने कहा, “मैं ऐसा दम दिखाऊँगा कि आप ना-ना करोगी, फिर भी नहीं छोडूंगा।” वो बोलीं, “देखते हैं।” मैंने पूछा, “किस कर सकता हूँ?” वो बोलीं, “कल, जब सब हॉस्पिटल जाएँ।” मेरे मनाने पर वो मान गईं। मैंने 5 मिनट तक उनकी जीभ चूसते हुए किस किया। वो हँस पड़ीं, “ऐसे भी कोई करता है?” मैंने कहा, “अभी तो शुरुआत है।”
रात का जोश और चुदाई
अगली रात मैं उनके साथ रजाई में था। सब सो रहे थे। मैंने उनकी जाँघ सहलाई। वो इशारे से मना करने लगीं, पर मैंने साड़ी ऊपर की और उनके मुलायम पैरों को छुआ। फिर पेट से होते हुए उनके बूब्स दबाए। वो गरम हो गईं और मेरा साथ देने लगीं। मैंने उनके ब्लाउज के बटन खोले और निप्पल चूसने लगा। वो मेरे लंड को पेंट के ऊपर से सहलाने लगीं। बड़े पापा ने कहा, “सो जा।” मैंने आंटी से कहा, “मेरे रूम में आओ।” वो बहाना बनाकर आईं। मैंने दरवाजा बंद किया, टीवी चालू किया, और उन्हें पागलों की तरह किस करने लगा। वो भी जोश में थीं।
मैंने उनकी साड़ी उठाकर गांड दबाई, उंगली अंदर डाली। वो सिसकियाँ लेने लगीं, “धीरे करो।” मैंने उनका ब्लाउज फाड़ा, बूब्स चूसे। उन्होंने मेरा लंड बाहर निकाला और चूसने लगीं। उनकी गर्मी मुझे महसूस हो रही थी। मैंने उनका पेटीकोट और पैंटी उतारी। उनकी नंगी चूत और बड़ी गांड देखकर मैं बेकाबू हो गया। मैंने उनकी चूत चाटी, दाने को काटा। वो चीखीं, “चूसो, खा जाओ, महीनों बाद सुख मिला है।” 15 मिनट चाटने के बाद वो झड़ गईं, उनकी चूत से गरम लावा बह निकला।
मैंने लंड उनकी चूत पर रगड़ा। वो बोलीं, “चोद दो अपनी रंडी को।” मैंने झटका मारा, आधा लंड अंदर गया। वो चीखीं, “धीरे, तेरा लंड तगड़ा है।” मैं रुका, फिर धीरे-धीरे चोदा। वो नीचे से हिलने लगीं। 30 मिनट तक मैंने उन्हें चोदा, वो “हाँ, जोर से” चिल्लाती रहीं। मैंने पूछा, “वीर्य कहाँ निकालूँ?” वो बोलीं, “अंदर।” 20 झटकों बाद मैं उनकी चूत में झड़ गया। हम थककर सो गए।
प्यार और वो रात
सुबह वो बोलीं, “मुझे इतना मजा कभी नहीं आया। मैं तुमसे प्यार करती हूँ।” मैंने कहा, “मैं भी।” उस रात के बाद हमारा रिश्ता कुछ दिनों तक चला, जब तक वो मेरे घर पर थीं। फिर वो अपने गाँव लौट गईं।