मेरी और मेरी भाभी कि सेक्स कहानी
नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम मयंक है और मैं दिल्ली में रहता हूँ। मेरे लिंग का आकार 7 इंच है। यह कहानी मेरी और मेरी भाभी की है। एक बोल्ड और रोमांटिक कहानी है।
मेरी भाभी का नाम शिवनी है, और उनका फिगर 34-28-36 है। उन्होंने मुझे खुद ही बताया था। अब ज्यादा बोर न करें, कहानी सुनें।
हमारे घर में मेरे पिताजी, माँ, भाई, भाभी और मैं रहते हैं। मेरा भाई व्यवसाय के कारण ज्यादातर बाहर रहता है। मेरी भाभी और मैं बहुत करीब हैं; वो मुझसे बहुत मजाक करती है। और मैं हमेशा उनके साथ समय बिताने का सपना देखता हूँ।
एक दिन, मैं भाभी के कमरे में बैठा था। वह पोशाक बदल रही थी, तो उसके सूट के अंदर बड़े-बड़े स्तन दिखाई दिए। मैं पागल हो गया और मेरे लिंग ने खड़ा होना शुरू कर दिया। शायद उसने मुझे देखा होगा क्योंकि मैं उनके स्तनों को देख रहा था।
मैं उठकर बाथरूम गया, भाभी के नाम की मुट्ठी मार दी और फिर बाहर आया। ऐसे ही दिन बीतते गए। मैं बस भाभी के नाम की मुट्ठी मारता रहता था।
एक रात, मैं और भाभी उनके कमरे में बैठकर बात कर रहे थे। उसने मेरे गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा। मैंने मजाक में कहा, “तुम मेरी गर्लफ्रेंड हो!” उसने हंसते हुए कहा, “अच्छा, मैं तो सुंदर भी नहीं हूँ।” मैंने कहा, “भाभी, आप बहुत सुंदर हैं!”
उस दिन मुझे पता नहीं क्या हुआ था। बिना डरे मैंने कहा, “आपका फिगर…” उसने कहा, “अच्छा, तुम यही सब देखते हो?” मैंने कहा, “हाँ भाभी, आप मुझे बहुत अच्छी लगती हैं।” मेरी गर्लफ्रेंड बन जाओ तो… उसने कहा, “अच्छा, मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड बन गई हूँ। तुम क्या करोगे?” मैंने कहा, “भाभी जो भी आप कहेंगी, मैं वही करूंगा।”
उसने कहा, “अच्छा, चलो आज मुझे छुओ।” जब मैंने उससे यह सुना तो मैं बहुत खुश हो गया। मेरा सपना पूरा हो गया था।
मैं बिना रुके सीधे उसे बिस्तर पर लेटा दिया और उसके होंठों को चूमा। भाभी ने कहा, “रुको, दरवाजा बंद कर दो!” मैं उठा और जल्दी से दरवाजा बंद कर आया और फिर वापस भाभी के पास गया।
वह मेरे साथ थी। फिर मैंने उसके गले को चूमा और थोड़ी देर बाद उसके स्तनों को चूसने लगा। वह पागल हो रही थी, शायद इसलिए कि उसने बहुत समय से सेक्स नहीं किया था।
उसके स्तन चूसते हुए मैं उसके गर्दन पर भी किस कर रहा था। वो मेरे बालों में हाथ घुमा रही थी और “आह” कह रही थी।
फिर मैंने दूसरे स्तन को चूसा। थोड़ी देर बाद, मैंने उसके निप्पल को चूसना शुरू कर दिया। भाभी का हाथ मेरे पैर पर चला गया और उसने मेरे खड़े लिंग को पकड़ लिया। उसने कहा, “ऐसा बड़ा लिंग! आज मेरी जान ही निकल जाएगी!”
उसने मेरी टी-शर्ट और लोअर उतार दिए। मैंने उसके निप्पल को काट लिया। वह चिल्लाई, “आह! एश! आराम से करो ना!”
थोड़ी देर बाद, मैं उसके पेट पर गया और अपनी जीभ से उसे घुमाया। वह पागल हो गई। “आह! उम्म! आह्ह्ह! ओह! यहाँ आओ मयंक! आह्ह्ह” वह पूरी तरह से मेरे शरीर पर चढ़ गई थी। फिर मैं उसके पास गया और अपनी जीभ उसके कलियों के पास ले आया।
मैंने अपनी जीभ बाहर निकाली और उसे उसके कलियों पर रखा। वह “आह्ह्ह! एश! आह्ह्ह! उम्म! आह्ह्ह” कह रही थी।
फिर मैंने उसे चूसना शुरू कर दिया। वह पागल हो गई थी, लगातार रो रही थी। “आह्ह्ह! उम्म! एश! आह्ह्ह! आह्ह्ह! उम्म! ओह!” उसने कहा।
मैंने उसके कलियों को चूसा और थोड़ी देर बाद उसके अंदर के भाग को चूसना शुरू कर दिया। वह बहुत खुश थी। “आह्ह्ह! मयंक! मार दो! मार दो!” उसने कहा।
फिर मैंने उसे चूसना जारी रखा। उसका पानी मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। भाभी ने कहा, “मुझे भी कुछ करो।” मैं उठा और उसने मेरे लिंग को पकड़ लिया और उसे चूसने लगी।
मैंने कहा, “भाभी रुको! चलो 69 स्थिति में आते हैं!” हम दोनों 69 स्थिति में आ गए। वह मेरा लिंग चूस रही थी और मैं उसके कलियों को चूस रहा था।
5 मिनट बाद भाभी ने अपना कलिया ऊपर कर दिया और वह झड़ गई। मैंने उसका सारा पानी पी लिया। हम दोनों खड़े हो गए। भाभी ने कहा, “मयंक!” और मेरे लिंग को अपने मुंह में ले लिया और फिर से चूसने लगा। मैं “आह्ह्ह! आह्ह्ह! आह्ह्ह” कह रहा था।
थोड़ी देर बाद मेरा भी पानी आने वाला था। मैंने भाभी को कहा, “भाभी! आह्ह्ह! आह्ह्ह! आह्ह्ह! मेरा पानी आने वाला है!” तो भाभी ने और तेज़ चूसना शुरू कर दिया।
“आह्ह्ह! आह्ह्ह! आह्ह्ह!” कहकर मैं झड़ गया। भाभी ने मेरा सारा पानी पी लिया। हम दोनों सो गए। फिर हमने फिर से लिप्स को चूमा। मैं तेज़ी से उसके स्तनों को दबा रहा था। थोड़ी देर बाद हम फिर से मूड में आ गए। भाभी बैठ गई और मेरे लिंग को चूसना शुरू कर दिया। मेरा लिंग फिर से खड़ा हो गया।
फिर भाभी ने कहा, “मयंक! अब मुझे छुओ!” मैंने थोड़ी देर उसके कलियों को चूसा। वह पागल हो गई और बोली, “आह्ह्ह! मयंक! कृपया अब मत तड़पायो! मुझे अंदर डाल दो! आह्ह्ह! उम्म! आह्ह्ह्ह्ह!”
मैंने उसे नीचे किया और अपने लिंग को उसके कलियों में डाल दिया। उसने चिल्लाई, “आह्ह्ह! मयंक! माँ मर जाऊंगी!” मैंने धीरे-धीरे दबाव बढ़ाया और थोड़ी देर बाद भाभी का दर्द कम हुआ। वह अपने कलियों को उठाकर मेरे साथ सहयोग करने लगी और “आह्ह्ह! उम्म! आह्ह्ह! मयंक चोदो!” कह रही थी।
फिर मैंने एक बार फिर दबाव बढ़ाया और अपना पूरा लिंग उसके अंदर डाल दिया। भाभी ने चिल्लाई, “आह्ह्ह! आह्ह्ह!” मैंने फिर से दबाव बढ़ाया और वह दर्द में पागल हो गई थी।
“आह्ह्ह! मयंक! दर्द हो रहा है! आह्ह्ह्ह्ह! कृपया धीरे करो!” उसने कहा।
मैंने उसे चूसते हुए दबाव बढ़ाया। थोड़ी देर बाद, उसे भी मजा आने लगा और वह अपने कलियों को उठाकर मुझे सहयोग करने लगी। मैंने गति तेज कर दी और भाभी “आह्ह्ह! मयंक! चोदो! तेज़ से चोदो! फाड़ दो! आह्ह्ह! उम्म! ओह! यहाँ आओ मयंक! आह्ह्ह!” कह रही थी।
मैंने गति तेज कर दी और हम दोनों पागल हो गए थे, “आह्ह्ह! आह्ह्ह!” हमारा पूरा कमरा कामुकता से भरा था।
मैं तेज़ी से दबाव बढ़ा रहा था और भाभी “आह्ह्ह! मयंक! मैं झड़ने वाली हूँ! मेरे भी निकलने वाले हैं!” कह रही थी। मैंने गति और तेज कर दी और भाभी “आह्ह्ह! आह्ह्ह! आह्ह्ह! आह्ह्ह!” कहकर झड़ गई।
उसके बाद, मेरा भी पानी निकल गया और मैंने उसे उसके कलियों में ही छोड़ दिया। थक कर हम दोनों सो गए।
उस रात हमने बहुत मज़ा किया। भाभी ने कहा, “आज तुमने मुझे पूरी तरह से खुश कर दिया। अब से मैं तुम्हारी पत्नी हूँ। जब मन करे कर लो!” फिर उसने मुझे चूमा और हम साथ में सो गए।