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मामी और उनकी नौकरानी-1

Mami aur unki naukrani-1

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सन्नी है और मेरी उम्र 22 साल है और में बेंगलोर का रहने वाला हूँ. में बेंगलोर की एक अमीर पंजाबी परिवार से हूँ. हमारे घर में सेक्स बहुत रोचक है और बहुत लोग एक दूसरे की बीवियों के साथ सेक्स करते है. मेरे घर में 6 लोग है. मेरी मम्मी उनकी उम्र करीब 46 साल है और वो बहुत सुंदर और बिल्कुल सती सावित्री, मेरे पापा उनकी उम्र करीब 48 साल और उनकी हाईट 6 फीट, लंड 7 इंच लंबा है और उनसे बहुत औरतों के साथ सेक्स सम्बन्ध है. मेरी उम्र 22 साल 5.11 मेरी हाईट और मेरा लंड 6.5 इंच लंबा और मैंने भी बहुत औरतों के साथ सेक्स किया है. जिसमे मेरी बुआ, मामी, चाची और तीन भाभियों को भी चोद चुका हूँ. अब मेरे चाचा उनकी उम्र 39 साल और उनकी हाईट 5.8 इंच नॉर्मल शरीर, मेरी चाची उनकी उम्र 36 साल और उनकी हाईट 5.6 इंच और एकदम सेक्सी जिस्म और एक उनका बेटा है, उसकी उम्र 10 और वो भी हमारे साथ रहने आ गये है, पहले यह लोग हमारे गाँव में रहते थे.

दोस्तों यह स्टोरी मेरे और मेरी मामी के सेक्स की है और मैंने कैसे उन्हे चोदा और अपने दोस्त कपिल से भी चुदवाया. दोस्तों कपिल मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त है और हम दोनों बचपन से ही साथ में रहते है. वो भी 22 साल का है और 5.5 उसकी हाईट है. मैंने और उसने बहुत लड़कियों और आंटियों के साथ में चोदा है. मेरी मामी की उम्र 37 साल है और उनका फिगर 38-32-38 है और वो बहुत गोरी फिगर से तो आपको पता चल ही गया होगा कि थोड़ी मोटी है, लेकिन ज़्यादा नहीं और बिल्कुल सही जगह से मोटी है. दोस्तों हम लोग पंजाबी है, लेकिन मेरी मामी मारवाड़ी है और वो ज्यादातर साड़ी पहनती है, लेकिन नानीजी की म्रत्यु के बाद वो सलवार कमीज़ भी पहनने लगी है.

यह 2012 अक्टूबर की घटना है, जब मुझे और कपिल को चेन्नई जाना पड़ा था और एक कंपनी की ऑडिट के लिए वहाँ हम लोग मेरे मामा के घर पर रुके हुए थे और हम लोग वहाँ पर बुधवार सुबह पहुँच गये थे. मेरे मामाजी का एक बहुत बड़ा तीन मंजिल का बंगला है और उसमे सिर्फ 4 लोग ही रहते है, मामाजी, मामीज़ी, उनका बेटा और एक बाई है जिसका नाम रंजीता है और जो वहीं परमानेंट रहती है. पहले दिन बुधवार को तो हमने आराम किया और फिर दो (गुरुवार & शुक्रवार) दिन नॉर्मल गुज़रे, सुबह हम लोग 9 बजे ऑडिट के लिए जाते और शाम को 7 बजे तक वापस आ जाते और फिर आकर फ्रेश होकर नीचे आते और मामाजी से बात करते, खाना खाकर थोड़ी देर टी.वी. देखते और फिर सो जाते, तीसरे दिन जब हम लोग ऑडिट के बाद घर पर वापस आए तो मामा ने बताया कि वो कल बिजनेस के काम से हैदराबाद जा रहे है और बुधवार तक वापस आ जाएँगे.

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में : क्यों मामा फिर तो आप हमसे मिल नहीं पाओगे?

मामा : ऐसा क्यों बेटा?

में : क्योंकि मामा हम लोग तो मंगलवार रात को ही अपने घर के लिए निकल जाएँगे.

मामा : अरे बेटा यह तो दिक्कत हो गयी.

दोस्तों मेरा चेहरा लटक गया, क्योंकि में मामा से बहुत प्यार करता हूँ और मामा भी मुझसे बहुत प्यार करते है.

मामा : अरे कोई बात नहीं बेटा, में जल्दी से जल्दी आने की कोशिश करूंगा, अगर मेरा काम जल्दी ख़त्म हो गया तो एक दिन पहले की रिज़र्वेशन करवा लूँगा नहीं तो में बस से आ जाऊंगा, लेकिन तुझे बिना मिले नहीं जाने दूँगा.

फिर हम सब बहुत खुश हो गये और मामी का सबसे ज़्यादा चेहरा चमक रहा था और मामा की यह बात सुनकर नहीं बल्कि यह सुनकर की मामा जा रहे है और अब मामी मुझसे चुदवा सकेगी और फिर अगले दिन में और कपिल मामा जी को स्टेशन छोड़कर आए तो वापिस आते वक़्त कपिल ने बोला.

कपिल : यार अब तो तेरे ऐश है.

में : तुमने ऐसा क्यों कहा?

कपिल : कमीने ज़्यादा शरीफ मत बन, मुझे सब पता है, क्योंकि अब शनिवार रविवार की छुट्टी है और तू मुझसे पूछता है क्यों?

में : बहुत ही शैतानो वाली स्माईल के साथ बोला कि हाँ अब घोड़ी को घोड़े के साथ अकेले छोड़ेंगे तो अस्तबल तो हिल ही जाएगा ना और हम दोनों हंसने लगे.

कपिल : भाई प्लीज मुझे मत भूल जाना.

में : पागल है क्या, वो मेरी मामी है यार?

कपिल : साले तू मेरी चाची को और सीमा भाभी और नेहा भाभी को चोदता है, तब तो कुछ नहीं बोला कमीने?

में : साले तुझे भूल सकता हूँ क्या? चल अब हम दोनों साथ में घोड़ी को दौड़ाएंगे, लेकिन आज रात तू रंजीता से काम चला ले.

कपिल : अरे हाँ यार रंजीता यहाँ पर रहेगी तो हम अपनी मामी को कैसे चोदेंगे?

में : अरे रंजीता को सब पता है मामी के बारे में और वैसे वो खुद भी बहुत बड़ी वाली है.

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कपिल : क्या बात कर रहा है?

में : हाँ रे मुझे भी पता है, मैंने ही पिछली बार मामी को उसके सामने चोदा था और आज में मामी का पूरा पूरा ख़याल रखूँगा और तू रंजीता का, क्यों अब ठीक है?

कपिल : हाँ ठीक है.

फिर हम लोग घर पहुँच गये और उस वक़्त रात के करीब दस बजे होंगे, दरवाज़ा रंजीता ने खोला. फिर हम दोनों ने थोड़ी देर टी.वी. देखी और इतने में रंजीता हमारे लिए एक एक ग्लास ठंडी ठंडाई ले आई और फिर मैंने उससे पूछा कि मामी कहाँ है? तो उसने कहा कि ऊपर के कमरे में बाबा को पढ़ा रही है तो रात के 11 बजे तक अगले दिन का प्लान बनाकर और थोड़ा टी.वी. वगेरह देखकर में ऊपर जाने लगा तो कपिल ने रंजीता को गेस्ट रूम में बुलाया.

मैंने सीड़ी की तरफ जाते जाते रंजीता का सीधा बूब्स दबा दिया और एक स्माईल पास की तो वो भी समझ गई कि कपिल ने उसे गेस्ट रूम में क्यों बुलाया? फिर में ऊपर जाने लगा और इतने में मामी जल्दी से सीढ़ियों से नीचे उतर रही थी तो मेरी और मामी की ज़बरदस्त टक्कर हो गयी और उनके बूब्स बहुत ज़ोर से मेरी छाती से टकरा गए.

मामी : अरे बाबू संभालकर ( दोस्तों मामी मुझे प्यार से हमेशा बाबू बुलाती है. )

दोस्तों मामी ने पर्पल कलर का नाईट गाउन पहना हुआ था और आँखों में काजल में तो बस मामी को एक टक नजर से देखता ही रह गया.

मामी : बाबू अब देखते ही रहोगे क्या?

में : अरे मामी आप इतनी जल्दी में नीचे कहाँ जा रहे हो?

मामी : में आप ही को ऊपर बुलाने आ रही थी.

में : क्यों छुटका सो गया?

मामी : अब वो पूरे दस साल का हो गया है और अब तो आप उसे छुटका मत बुलाया करो और वैसे छुटका सो गया.

फिर मैंने यह बात सुनते ही तुरंत मामी के चेहरे को थामा और ज़बरदस्त लिप किस किया और अब हम दोनों ही वहाँ सीढ़ियों पर ही एक दूसरे को चूमे जा रहे थे और मामी भी मुझे बहुत टाईट पकड़कर चूमे जा रही थी और हमारी जीभ जैसे आपस में लड़ पड़ी हो और हमारे मुहं से थूक ऐसे इधर से उधर हो रहा था, जैसे आसमान से बारिश हो रही हो. फिर करीब दो तीन मिनट बाद मामी ने किस छोड़ा और कहा कि कमरे में आओ. फिर हम लोग मामा मामी के कमरे में चले गये, में मामी के पीछे चल रहा था और उनकी गांड दबा रहा था और कमरे में जाते ही में मामी को चूमने लगा तो मामी ने मुझे दूर किया और कहा कि एक मिनट रुक जाओ, जल्दी क्या है? अब तो आने वाले तीन दिन अपने ही है और मामी पास वाले कमरे में चली गयी और दो मिनट बाद वापस आई.

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में : क्यों कहाँ गये थे?

मामी : अपने बाल बाँधते हुए बोली कि में कुछ नहीं छुटकू को देखने गयी थी और फिर हंसने लगी और बोली कि सो गया?

फिर मामी मेरे पास आई और मुझे चूमने लगी और अब हम दोनों बेड पेर लॉटपोट हो रहे थे और एक दूसरे को चूमे जा रहे थे, चूमते चूमते मामी ने मेरी टी-शर्ट को उतार दिया और फिर मैंने खुद ही मेरा लोवर भी उतार दिया. इस दौरान भी हम 1 दूसरे क होठों को चूसे जा रहे थे और जीभ आपस मे लड़ रही थी. मामी ने फिर मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया.

मैंने मामी को पलटा और उनके ऊपर आ गया. मैंने मामी का गाउन उनके बूब्स तक सरकाया और दोनों बूब्स को दबाते हुये सीधे बूब्स के निप्पल को मुहं मे ले लिया, तो मामी आहें भरने लगी और में दस मिनट तक कभी सीधा बूब्स तो कभी उल्टे बूब्स को चूसता और दबाता रहा. फिर मैंने मामी का गाउन और भी नीचे करना चाहा तो मामी बोल पड़ी.

मामी : अरे बाबू आज इतने उतावले क्यों हो रहे हो और क्या मेरा गाउन फाड़ोगे?

में : नहीं मामी, में आज आपकी गांड फाड़ दूंगा और फिर हम दोनों हंसने लगे.

फिर मामी ने अपना गाउन उतारा और फिर मैंने देखा कि उन्होंने अंदर कुछ नहीं पहना हुआ था, ना ब्रा ना पेंटी.

में : अरे मामी क्या बात है, अंदर तो कुछ भी नहीं है?

मामी : जब पता हो कि पिच पर मैच खेला जाना है तो उस पर कवर चढ़ाने का क्या फायदा?