Aunty Sex Story

मामीजी एक रजाई के चक्कर में चूत ठुकवा बैठी–2

Mamiji Ek Razaai Ke Chakkar Me Chut Thukwa Baithi-2

तभी मैंने फटाफट रजाई को एक तरफ फेंक दिया और तुरंत मामीजी की टांगो को हवा में लहरा दिया। अब मामीजी तुरंत समझ गई कि उनकी चूत में लंड ठुकने वाला है।मैंने जल्दी से पेंट खोलकर लंड को बाहर निकाल लिया।तभी मामीजी ने आंखे खोल दी और चूत पर हाथ रख लिया।
मामीजी– नहीं रोहित,अब आगे कुछ मत करना।
मैं– अब नहीं मामीजी, अब तो आप बहुत देर कर चुकी हो।
मामीजी– देख रोहित हमारे बीच ऐसा नहीं हो सकता। थोड़ी देर के लिए मै बहक गई थी लेकिन अब मै सम्हल गई हूं।
मैं– मामीजी,अब मेरा लन्ड बाहर निकल चुका है, तो अब ये आपकी चूत में अंदर घुसकर ही मानेगा।
मामीजी– नहीं, ऐसा कुछ नहीं होगा। तू इसे जल्दी से अंदर डाल ले।
मैं– मामीजी अब अंदर तो ये आपकी चूत में ही जाएगा।

मामीजी– देख,रोहित तू समझ मै तेरी मामीजी हूं।और ये सब हमारे बीच में सही नहीं है।
मैं– मामीजी चूत और लंड में कोई रिश्ता नहीं होता है। अब बस मेरे लन्ड को आपकी चूत चाहिए।
अब मैं मामीजी के हाथो को हटाकर उनकी पैंटी को निकालने लगा लेकिन मामीजी ने पैंटी को अच्छी तरह से पकड़ रखा था।मामीजी पैंटी को बचाने के लिए पूरा जोर लगा रही थी और मैं उनकी पैंटी को खोलने के लिए बेताब हो रहा था।हम दोनों के बीच पैंटी को लेकर भयंकर खींचतान हो रही थी।तभी मैंने मामीजी को ज़ोरदार धक्का देकर उनकी पैंटी को खींचकर चूत को नंगी कर दिया।मामीजी आह ऊंह करती रह गई लेकिन पैंटी उनकी पकड़ से दूर जा चुकी थी।
अब मामीजी ने टांगो को समेट लिया। तभी मैंने ज़ोरदार झटका देकर उनकी टांगो को भी खोल दिया और जल्दी से मेरे लन्ड को उनकी चूत पर सेट कर दिया। अब मुझे रोकना मामीजी के बस की बात नहीं थी। अब मामीजी ने मेरे लन्ड को पकड़ लिया।

मामीजी– रोहित यहां नहीं,दूसरे घर में चल।
मैं– ठीक है मामीजी,जैसी आपकी मर्ज़ी।
अब मामीजी उठी और साल ओढ़कर दूसरे घर में आ गई। मैं भी उनके पीछे पीछे लंड लटकाए घर में आ गया। मैं तो अब मामीजी को चोदने के लिए पागल हो रहा था। अब मामीजी ने गद्दा बिछा दिया।
मामीजी– रोहित,यार मत कर ना ऐसे। माना कि मै खुद गर्म हो गई थी लेकिन अब आगे कुछ नहीं करते है।
मैं– मामीजी गर्म लोहे पर हथौड़ा मारकर उसे ठंडा किया जाता है और आप मुझे हथौड़ा मारने से रोक रही हो।
मामीजी– तेरा हथौड़ा इतना गरम हो चुका है क्या?
मैं– बहुत ज्यादा गरम हो चुका है मामीजी।वैसे भी आपने तो हथोड़े का पूरा मज़ा ले रखा है। मैंने तो अभी तक गर्म लोहा देखा भी नहीं है।
मामीजी– आज तू मुझसे कांड करवा कर मानेगा।आज दिन तक मैंने किसी और का हथौड़ा नहीं लिया है लेकिन तू तो मान ही नहीं रहा है।
मैं– मामीजी आज तो आपको मेरा हथौड़ा ठुकवाना ही पड़ेगा।

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तभी मैंने मामीजी को धक्का देकर गद्दे पर पटक दिया। अब मैं जल्दी से नीचे से पूरा नंगा हो गया। अब मैंने मामीजी की साड़ी और पेटीकोट को उनकी कमर तक खिसका दिया और मामीजी की टांगो को मेरे कंधो पर रख लिया। अब मैंने जल्दी से मामीजी की चूत पर मेरा लन्ड रखा और ज़ोरदार धक्का लगा दिया लेकिन मेरा लन्ड फिसल कर बाहर गिर पड़ा।मैंने फिर कोशिश की लेकिन इस बार भी मेरा लन्ड मामीजी की चूत में नहीं घुस पाया।
मामीजी– पहले थोड़ा सा लंड चूत में सेट कर।फिर धक्का लगा।
अब मैंने पहले मेरे लन्ड के सुपाड़े को मामीजी की चूत में सेट किया फिर मामीजी की कमर पकड़कर ज़ोरदार धक्के के साथ लंड मामीजी की चूत में कूदा दिया।मेरा लन्ड एक ही बार में मामीजी की चूत की सिलवटें खोलते हुए सीधा मामीजी की चूत के पेंदे में पहुंच गया।चूत में लन्ड ठूकते ही मामीजी की जान हलक में आ गई।वो दर्द से बुरी तरह झल्ला उठी।
मामीजी– आईईईई आईईईई आईईईई।
आज जिंदगी में पहली बार मुझे अहसास हुआ कि चूत ठोकने का मज़ा क्या होता है। अब मैं पल पलर मामीजी को चोदने लगा।मुझे मामीजी को चोदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि आज मै मामीजी को चोद रहा था। मैं धकाधक मामीजी की जबर्दस्त तरीके से ठुकाई कर रहा था।मामीजी भयंकर दर्द से तड़प रही थी।उनकी चूत मेरे लन्ड के सामने छोटी पड़ गई थी।
मामीजी– आईईईई आईईईई ऊंह आईईईई आईईईई ओह।

मामीजी चुदाई की अनुभवी खिलाड़ी थी लेकिन मेरे लन्ड ने उन्हें नानी याद दिला दी थी।मामीजी पसीने से लथपथ होने लगी तभी मामीजी ने साल उतार कर फेंक दी। अब मैं भी मामीजी को चोद चोदकर पसीने में भीग गया था। अब मैंने मेरे सारे कपड़े खोल दिए और पूरा नंगा हो गया।मै गांड़ हिला हिलाकर मामीजी की चूत की बखिया उधेड़ रहा था।भयंकर सर्द रात में हम दोनों पसीने से लथपथ हो चुके थे।
बहुत देर की झमाझम ठुकाई के बाद मामीजी का जिस्म कांप उठा।तभी मुझे एहसास हुआ कि मेरा लन्ड मामीजी की चूत के रस में गीला हो चुका है। अब मेरे लन्ड के हर एक धक्के के साथ घर में प्छ पछग पाछ्ध पच्छ पच्छ की आवाजे गूंजने लगी।
मेरा लन्ड आज मामीजी के ऊपर कहर बनकर टूट रहा था। मैं दे दना दन मामीजी की खतरनाक ठुकाई कर रहा था।मामीजी का हाल बेहाल हो रहा था।
मामीजी– ऊंह आह आह आईईईई आईईईई आऊ ऊंह आह आह।

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अजब गजब नज़ारा था यारो जिस मामीजी ने कभी मुझे गोद में बैठाया था आज मै उन्हीं मामीजी के ऊपर चढ कर उनकी अनमोल चूत में लन्ड पेल रहा था।इस पल के बारे में ना तो कभी मामीजी ने सोचा था ना कभी मैंने।लेकिन लंड और चूत की प्यास ने हमें इतना करीब ला दिया।
मैं बड़ी शिद्दत से मामीजी को पेल रहा था।आज मै बहुत ज्यादा खुश हो रहा था कि पहली बार मेरा लन्ड चूत का स्वाद चख रहा था। अब मैंने मामीजी की टांगो को छोड़ दिया और उन्हें अच्छी तरह से मेरी बाहों में कस लिया। अब मैं गांड़ हिला हिलाकर मामीजी को चोद रहा था।मामीजी के जिस्म से उनके भीगे बदन की खुशबू आ रही थी। अब मामीजी मुझे बाहों के घेरे में फंसा चुकी थी।
मामीजी– ऊंह आह आह ओह उंह आईईईई आऊ ऊंह।
मैं– मामीजी, आपको चोदने में मेरे लन्ड को जन्नत का मज़ा मिल रहा है।

मामीजी– चोद ले तेरी मामीजी को,जितना चोदना चाहे।आज जिंदगी में पहली बार मुझे कोई इतनी बुरी तरह से चोद रहा है।आह आह आह ओह ओह रोहित।
मैं– मामीजी आज तो मैं आपको पूरी रातभर चोदूंगा।
मामीजी– चोद ले रोहित।आज मेरी चूत का सारा जंग साफ कर दे।
मैं– हां मामीजी।
अब तक मामीजी पिघलकर पानी पानी हो चुकी थी। मैं उन्हें ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए चोद रहा था।तभी मामीजी ने फिर से मेरे लन्ड को पानी में भिगो दिया।मेरा लन्ड आज मामीजी की चूत में घुसकर बहुत ज्यादा खुश हो रहा था। अब मेरे लन्ड का भी पानी आने वाला था।तभी मैंने मामीजी को मेरे जिस्म से चिपका लिया और मेरे लन्ड का पूरा पानी मामीजी की चूत में भर दिया। अब मैं पसीने से लथपथ होकर मामीजी से लिपट गया।

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थोड़ी देर तक मै ऐसे ही मामीजी के जिस्म पर पड़ा रहा।फिर थोड़ी देर बाद मैंने देखा लंड अभी भी मामीजी की चूत में ही अटका हुआ है।मेरा लन्ड मामीजी की चूत को पूरा भर चुका था।मै शांत होकर मामीजी के ऊपर पड़ा था।
अब मैंने मामीजी के रसीले होंठों को मेरे प्यासे होंठो में दबा लिया और मामीजी के होंठो को खाने लगा।मुझे मामीजी के होंठो को चूसने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।मामीजी बिल्कुल चुप थी।शायद उन्हें किस करने का कोई अनुभव नहीं था। मैं तो भूखे कुत्ते की तरह मामीजी के होंठो पर टूट पड़ा था। मैं जल्दी जल्दी मामीजी के होंठो को चूस रहा था।फिर थोड़ी देर में ही मैंने मामीजी के होंठो को बुरी तरह से चूस डाला।

अब मैंने जल्दी से मामीजी की साड़ी को हटाकर उनके ब्लाउज के बटन खोल दिए।बटन खुलते ही मामीजी के बड़े बड़े बूब्स उछल कर बाहर आ गई।मामीजी के बूब्स को देखते ही मेरे मुंह तो पानी ही आ गया था। अब मैंने तुरंत मामीजी के बूब्स को पकड़ लिया और उन्हें दबाने लगा।
आह! बूब्स को दबाने का मज़ा अलग ही होता है।आज मै इस चीज को महसूस कर रहा था। मैं ताबड़तोड़ तरीके से मामीजी के बूब्स को दबाने लगा।मुझे मामीजी के रसीले बूब्स को दबाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।मामीजी के बूब्स बड़ी मुश्किल से मेरे हाथो में आ रहे थे। मैं ज़ोर ज़ोर से मामीजी के बूब्स को कसने लगा तभी मामीजी की दर्द के मारे गांड़ फटने लगी।
मामीजी– ऊंह आह आह ऊंह आह आह ओह आह आह।

कहानी जारी रहेगी ……………आपको मेरी कहानी कैसी लगी मुझे मेल करके जरूर बताएं– [email protected]