Family Sex Stories

मम्मी पापा वाला खेल-2

 Mammi Papa Vala Khel-2

“दबा इसे बन्टी… मसल दे इसे !” मेघना ने उसके हाथों को अपने स्तनों पर भींचते हुये कहा।

बन्टी उसके स्तनों को मसलता-मरोड़ता रहा पर उसे तो लण्ड मसले जाने पर ही अधिक मजा आ रहा था।

“दीदी, क्रीम दो ना, पीछे लगाता हूँ !”

“ओह, हाँ ! यह ले !” मेघना ने क्रीम उसे थमा दी और मम्मी जैसे पलट कर घोड़ी बन गई।

बन्टी ने उसके गोल मटोल चूतड़ देख तो सन्न से रह गयान इतने सुन्दर, चिकने, आखिर वो भरी जवानी में जो थी। उसका लण्ड कड़कने लग गया। बार-बार जोर मारने लगा।

बन्टी ने उसकी गाण्ड पर हाथ फ़ेरा तो मेघना सीत्कार कर उठी, उसकी गाण्ड के छेद की सलवटें उसे रोमांचित करने लगी।

उसने अंगुली में क्रीम लगा कर उसके छेद पर मला और अपनी अंगुली घुसाने का यत्न करने लगा। मेघना को गुदगुदी होने लगी। उसने और क्रीम ली और अपनी अंगुली को छेद में दबा दी।

वो थोड़ा सा अन्दर घुस गई।

मेघना ने बन्टी का लण्ड पकड़ लिया और दबाने लगी, उसे ऊपर नीचे चलाने लगी।

“दीदी, बहुत मजा आ रहा है … करती रहो !” बन्टी के मुख से सिसकारियाँ निकल रही थी।

“आया ना मजा? अभी और मजा आयेगा, देखना !” मेघना के मुख से भी सिसकारी निकल पड़ी।

मेघना तो वासना की गुड़िया बन चुकी थी। बन्टी गाण्ड में अंगुली घुमाता रहा लेकिन फिर उसने बाहर निकाल ली।

मेघना ने महसूस किया कि कोशिश करने पर बन्टी का लण्ड भीतर जा सकता है,”बन्टी, अब तू पापा की तरह कर, अपना लण्ड मेरी गाण्ड में घुसेड़ दे !”

बन्टी का लण्ड बहुत सख्त हो चुका था, उसने उसके चूतड़ों को खोल कर लण्ड को छेद पर रखा और दबाने लगा, नहीं गया तो नहीं ही गया।

Hindi Sex Story :  बहन चुद गई सेक्स गेम खेलकर-1

“अरे बन्टी, और जोर लगा ना !”

मेघना ने अपनी गाण्ड ढीली कर दी, पर फिर भी वो नहीं गया। बन्टी को तकलीफ़ होने लगी थी।

तभी मेघना ने उसका लण्ड लेकर अपनी चूत में घुसा लिया।

“घुस गया दीदी, और मीठा मीठा सा भी लगा।” बन्टी खुश हो गया।

मेघना ने वैसे ही घोड़ी बने उसके लण्ड को एक झटक जोर से दिया। बन्टी का लण्ड उसकी चूत में घुसता ही चला गया। मेघना आनन्द से सिसक पड़ी।

बन्टी को भी बहुत आनन्द सा लगा। पर उसे एक जलन सी भी हो रही थी।

“भैया, अब धक्का लगा, धीरे धीरे ! समझ गया ना?”

बन्टी अपने लण्ड में जलन का कारण समझ ना पाया। वो कुछ देर यूँ ही घुटनों के बल खड़ा रहा। फिर उसने धीरे से लण्ड को बाहर खींचा और अन्दर धक्का दे दिया। अब उसे भी मजा आया।

धीरे धीरे उसकी रफ़्तार बढ़ने लगी, उसकी सांसें तेज होने लगी।

बन्टी ने पहली बार किसी लड़की को चोदा था, पर किस्मतसे वो उसकी बहन ही थी।

मेघना को तो जैसे घर में ही खजाना मिल गया था, वो बड़ी लगन से अपने छोटे भाई से चुदवा रही थी, बन्टी भी बेसुध हो कर उसे चोद रहा था।

बड़ी बहन के होते हुए वो अच्छा-बुरा भला क्यों सोचता।

तभी मेघना झड़ने लगी। बन्टी भी जोर जोर चोदते हुये बोल रहा था,”दीदी, मुझे पेशाब लगी है !”

“अरे ऐसे ही मूत दे … बहुत मजा आयेगा !”

बन्टी ने बहन का कहा मान कर अपना माल उसकी चूत में ही उगल दिया। फिर उसे अब मूत्र भी आने लगा। वह फिर से बहन के कहे अनुसार उसकी गाण्ड के गोलों पर अपना मूत्र-विसर्जन करने लगा।

Hindi Sex Story :  मामी का सेक्स गिफ्ट

“अरे बस ना, यह क्या कर रहा है?”

बन्टी तो मूतता ही गया। उसे पूरा मूत्र से भिगा दिया। वो शान्ति से मूत्र से नहाती रही। शायद यह उसके लिये आनन्ददायी था।

“बस हो गया ना?”

“हाँ दीदी, पूरा मूत दिया। पर यह बिस्तर तो पूरा भीग गया है !” बन्टी ने चिन्ता जताई।

“चल मेरे बिस्तर पर सो जाना !” मेघना ने उसे सुझाया।

दोनों ही मेघना के बिस्तर पर जा कर सो गये। सुबह दोनों ही देर से उठे।

“तू मेघना के बिस्तर पर क्या कर रहा है?” मम्मी की गरजती हुई आवाज आई।

“मम्मी, बन्टी ने अपना बिस्तर गीला कर दिया है” मेघना ने नींद में कहा।

“क्या?”

“सॉरी मम्मी, रात को सपने में पेशाब कर रहा था, तो सच में ही बिस्तर में कर दिया” बन्टी जल्दी से उठ कर बैठ गया।

मम्मी जोर से हंस पड़ी।

“अच्छा चल अब चाय पी लो !” मम्मी हंसते हुए चली गई।

मम्मी भाई-बहन का प्यार देख कर खुश थी पर वो नहीं जानती थी कि उन्होंने तो रात को मम्मी-पापा का खेल खेला है।

बन्टी मुझे देख कर झेंप गया।

“सॉरी दीदी, रात को अपन जाने क्या करने लगे थे?” बन्टी सर झुका कर कह रहा था। वो समझ गया था कि उसने दीदी को चोद दिया है।

“चुप बे सॉरी के बच्चे ! आज रात को देख ! मैं तेरा क्या हाल करती हूँ?” मेघना ने खिलखिला कर कहा।

“दीदी, आज रात को फिर से वही खेल खेलेंगे, ओह दीदी, तुम बहुत अच्छी हो।” कह कर बन्टी मेघना से लिपट गया।

Hindi Sex Story :  Mere Sasur Ke Sat Mast Chudai

मम्मी मेज पर बैठी दोनों को आवाजें लगा रही थी,”अब सुस्ती छोड़ो, चलो नाश्ता कर लो !”

दोनों एक-दूसरे को देख कर बस मुस्करा दिए और जल्दी से बाथरूम की ओर भागे।

मेघना की कहानी – उसी की जुबानी :

मैं पहले से ही बहुत कुख्यात लड़की रही हूँ। मुझ पर काबू रखने में मेरे माता पिता को बहुत दिक्कत होती थी। मगर कुछ भी हो मैं उनको अपनी हंसी से जीत लेती थी। इसी हंसी ने मुझे बहुत सारे दोस्त दिलवाए हैं। जो कोई हंसना भूल जाए तो ज़िन्दगी बहुत कड़वी लगती है। जो कोई मुझे मिलता है, ज्यादा हंसने के लिए बेताब हो जाता है।

हंसो और जीओ। ज़िन्दगी हंसने का खेल है, रोने का नहीं।

दोस्तों के साथ मिलने से मुझे एक नया खेल खेलना आया, वो है मुख-मैथुन ! मैं लिंग चूसना बहुत पसंद करती हूँ। लिंग को कैसे चूसा जाये, मेरे से सीखो !

उसके बाद वीर्य को पीना भी मुझे अच्छा लगता है। एक बूँद वीर्य को भी मैं व्यर्थ होने नहीं देती। जिस दिन मैंने वीर्य नहीं पिया, उस दिन मैं बहुत कमज़ोरी महसूस करती हूँ। शायद वीर्य में कुछ पुष्टिकारक पदार्थ है। अगर आपका लिंग चूसना और वीर्य पीना है तो लाइन में खड़े हो जाओ, जो पहले आएगा, उसको ही पहला मौका