ग्रुप सेक्स स्टोरी

मेरी बीवी शिल्पा की सामुहिक गैंगबैंग चुदाई-1

Meri Biwi Shilpa ki Samuhik chudai Gangbang Chudai-1

नमस्कार दोस्तो, मैं 45 साल का मोटा ताजा यश अपनी 35 साल की रंडी बन चुकी बीवी की चुदाई की कहानी सुना रहा हूँ।
मेरी बीवी का नाम शिल्पा है
वैसे तो मेरी बीवी बहुत ही मिलनसार और हँसमुख है।
हमेशा नया सीखने और ट्राई करने में माहिर है कभी हिचकिचाती नहीं है।
पहले हम जोईन्ट फेमिली में रहते थे। तो पुराने खयालों के कारण कभी भी निजी पल मिल ही नहीं पाए।
जिसके कारण मेरी जवान बीवी को मै कभी संतुष्ट नही कर पाया ना ही भरपूर प्यार कर पाया।
मैने अपनी पत्नी को संतुष्ट करने के लिए दवाई भी लिया खीरा वगैरह का भी प्रयोग किया
जिससे उसकी चूत की प्यास और बढ़ गई।
वो बहुत गरम और सेक्सी है।

मेरी बीवी का फिगर मस्त है गदराता भरा पूरा बदन उस पर,…उसके बड़े बड़े मम्मे दुसरों से कहीं ज्यादा बड़े हैं
जब भी कोई आदमी मेरी बीवी को देखता है तो उसकी छाती और उसकी गांड़ देखता ही रहता है।
लाकडाउन से पहले हमने एक टेक अवे रेस्टोरेंट खोला था जिसमें एक पहचान के हलवाई को रखा था।
वह जवान है अभी 26 27 साल का होगा। उसका नाम दिलीप है
वह उसके सुपरविजन में रेस्टोरेंट का खाना बनाता था।
पर उसको दारू और गुटके की लत थी। जो कि शिल्पा को पसंद नहीं था
इसलिए उसे छुड़ा दिया। पर लड़का व्यवहार में और खाना बनाने में माहिर था।

दिखने में कोयला, काला, कलुटा, दुबला, पतला
बिलकुल हमाल मजदुर था पर जवान था।

लाकडाउन के 2 साल बाद अब हम अकेले रहते हैं मेरी बीवी फिर से अपना रेस्टोरेंट चालू करना चाहती है।
पर लेबर रखने के लिए हमारे पास कोई पैसे नहीं है।
तो मैने उसे दिलीप जैसे लेबरों को काम के बदले फ्री
खाना, दारू, रहना और
शिल्पा को अपनी चुदाई करने देने की डील बताई।

जिसके लिए वह डर गई और मना कर दिया।

पर जैसे हमारे हालात हैं वह सोचने पर मजबुर हो गई। आखिर कमाई और चूत की संतुष्टि के लिए वह तैयार हो गई।

ये ऑफर ऐसा था कि किसी महिला को नहीं रख सकते थे। इसलिए सभी मजदूर पुरुष ही चाहिए थे।
1 हलवाई,
1 हेल्पर,
2 सफाईकर्मी ( एक रेस्टोरेंट के लिए दूसरा घर के लिए)

कुल (4) लोग की जरूरत थी और इस स्थिति में पुरुष मजदूर ही रख सकते हैं।

शिल्पा को 4 पुरुष मजदूरों के बारे में सोच कर डर भी लग रहा था
और साथ ही दुसरी तरफ़ जोश और चुदास भी भरपूर था।

आखिर शिल्पा ने तय कर लिया कि कब तक गरीबी सहना। अब तो पैसे और मजा दोनों लेना है।

शिल्पा ने दिलीप को बुलाया और उसको अपना ऑफर बताया ।
कि तुम लोगों को फ्री रहना फ्री खाना फ्री दारू गुटखा और मन भर के मेरी चुदाई कर सकते हो।

दिलीप पहले तो राजी नहीं हुआ क्योंकि वो उसके मायके का खानदानी कुक था इस तरह से शिल्पा घर की बेटी और मै उसका दामाद हुआ
और उसको लगा कि कोई भी इस बात के लिए नहीं मानेगा और काम के बदले पैसे जरूर मांगेगा।
शिल्पा ने उसको 1 हफ्ते का समय दिया ।

दिलीप ने अपने भाईयो और दोस्तों से काम के बदले पहला फ्री रहना दुसरा फ्री खाना तीसरा फ्री दारू गुटखा और चौथा मन भर के चुदाई वाली शिल्पा का ऑफर बताया।
दिलीप का छोटा भाई बोला मस्त ऑफर है। मै और लड़कों का जुगाड़ करता हूँ।

Hindi Sex Story :  दो आदमियों से एक साथ चुदने का मजा

तीसरे ही दिन दिलीप अपने जैसे 2 लड़कों को लेकर आया। और कहा कि हम तीनों को ऑफर मंजूर है।
शिल्पा ने कहा ” पर एक आदमी कम है। ”
तो दिलीप ने कहा “हम संभाल लेंगे। जरूरत पड़ने पर टेम्पोरेरी किसी को बुला लेंगे।”
शिल्पा ने देखा तीनों टोटल बेवड़े गुटकाखोर और काले कलुटे गंदे थे।
दिलीप 26 साल का उसका भाई प्रदीप 24 साल का और मुस्टंडा 17 साल का लंबा सा था

शिल्पा समझ नहीं पा रही थी एक तरफ इनको देखकर डर और घिन आ रही थी तो दुसरी तरफ
उसका शरीर झनझना रहा था उसकी चूत गीली होना शुरू हो गई
उनको घर के अंदर बुलाते हुए चुदास की सर्सराहट से काँप रही थी
शिल्पा उनको घर के अंदर लाई और उनको एक कमरा दिखायाऔर कहा कि “अब से यही कमरा तुम लोगों का होगा।”
और घर के एक तरफ ओपन किचन दिखाया ।

कहानी सुन कर कैसा लग रहा है ?
अब शिल्पा उन लोगों को थोड़ी दुरी पर हाईवे से लगे गार्डन में नगर निगम का एक छोटा दुकान दिखाया और सब कुछ समझाया।
और कहा
“तुम लोग अपने कपड़े वगैरह लेकर कल से काम पर आ जाना ।”

वो तीनों मुस्कुराए और बोले “कुछ एडवांस मिल जाता तो”
शिल्पा नाराज हो कर बोली “तुम्हें पैसे वैसे नहीं मिलेंगे।”
दिलीप बोला “पैसे नहीं चाहिए” “बस थोड़ाआऽ ”
शिल्पा समझ गई और बोली “उसके लिए घर जाना होगा।”
समय शाम का था और पार्क में अंधेरा और सन्नाटा था
और कई लड़के लड़कियों की जोड़ी कहीं कोने में दुबक कर चूम्मा चाटि कर रहे थे।
दिलीप बोला “यही पर कुछ करते है।”
शिल्पा घबरा गई “खुले में ”
पर फिर शिल्पा ने देखा सब अंधेरे में अपने में मस्त हैं तो वो भी तैयार हो गई
फिर सब एक घने झाड़ियों में गये।
शिल्पा ने तीनों से कहा “अपना अपना लंड निकालो।”
दिलीप और उसका भाई छोटू और मुस्टंडा अपना अपना लंड निकालते हैं
सबका लंड मेरे लंड से दोगुना बड़ा था
जिसमें मुस्टंडा का लंड तो मेरे लंड से भी तिगुना था।
शिल्पा ने देखा तो देखते ही रह गई। उसके मन और तन में एक सुरसुराहट सी दौड़ रही थी
उनके काले काले लंड देख कर शिल्पा खोसी गई।

तभी दिलीप का दोस्त मुस्टंडा बोला पेशाब लग रही है मै मूतता हूँ और शिल्पा के बगल में ही खड़ा हो कर फुहार मारने लगा।
जिसको देख कर शिल्पा मुस्टंडा पर मोहा गई इतने बड़े लंड की फुहार वाह।

शिल्पा ने तय कर लिया यही लंड पहले मुँह में लूंगी
फिर सब शिल्पा को घेर कर खड़े हो गए।
शिल्पा घुटने के बल बैठ गई और सबसे पहले ताजा पेशाब से भीगे मुस्टंडा के लंड को सूंघा जिससे पेशाब की तेज गंध आ रही थी
फिर अपने जीभ से चाट कर टेस्ट किया
फिर पेशाब से भीगे सुपाड़े को चारों ओर जीभ घुमा कर चाटा
न जाने कब से उसने अपना लंड नहीं धोया था।
वैसे तो कोई भी मर्द कभी भी अपना लंड नहीं धोता है।
यह बात शिल्पा अच्छे से जानती है।
और इससे उसको फर्क भी नहीं पड़ता।

Hindi Sex Story :  दो आंटी को चोदा

उसको पता है कि आदमी कोई भी हो लंड तो गंदा और पेशाब वाला ही मिलेगा चूऽसने को।

इसलिए शिल्पा अपना जीभ चला चला कर घुमा घुमा कर चाटती है जिसका स्वाद नमकीन खट्टा कड़वा होता है।
फिर घप्प से सुपाडा अपने मुँह में लेकर चूऽसती है पूरा पेशाब और उसकी परतशिल्पा के मुँह में आ जाती है।
पर शिल्पा उस काले गंदे बद्बूदार लंड को पूरी तनमयता के साथ चूउऽसती हैऔर जितना अंदर तक हो सके मुँह के अंदर बाहर करती है

और पूरा थूक एक अच्छी रंडी की तरह उन लोगों के सामने गटक जाती है।
फिर दिलीप के गंदे काले लंड को हाथ में लेकर शिल्पा अपना जीभ चला चला कर घुमा घुमा कर चाऽटती है
जीभ से बाहर से नींचे से सुपाड़े तक और अंदर मुँह में लेकर अंदर बाहर भी करती है।
फिर छोटू का पेशाब की गंध वाले गंदे काले लंड को भी बिना झिझक के चूऽम चाट कर चूऽस कर साफ कर देती है।
सभी का लंड चूऽसती है और गटक लेती है एक बार भी थुकती नहीं है।
2-2 मिनट तक हर किसी का लंड चूऽसने के बाद
शिल्पा उठ जाती है।
सभी पार्क से बाहर निकल जाते हैं। सबके चेहरे में मुस्कान होती है।
शिल्पा के मुँह और चेहरे पर से उन लोगों के पेशाब की भिनी सुगंध आ रही थी।
वो तीनों वापस चले गए।
शिल्पा घर की तरफ जाते जाते सोच रही थी “आज तो खुलेआम पार्क में मै तीन तीन अनजाने मर्दों का लंड चूऽसी हूँ।”
यह सोच सोच कर उसमें बहुत ही जोश और चुदास चढ़ रही थी। वो बहुत ज्यादा खुश थी।
उससे कल का इंतजार नहीं हो पा रहा था।

अगले दिन तीनों सुबह 8 बजे आ गए।
शिल्पा ने मुझे बताया कि किचन के साथ वाला कमरा इन लोगों को दे रही है जिसमें बाथरुम अटैच है और डबल बेड का भी यही लोग इस्तेमाल करेंगे।
हम लोग बगल वाले हमारे कमरे में शिफ्ट हो जाएंगे ।
मैने पूछा ऐसा क्यों?
उसने कहा इससे समय की बचत होगी और इन पर नजर रखना आसान होगा। और चुदाई कराना भी आसान होगा।

उसने समय तय कर दिया सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक घर पर और शाम 4 बजे से रात 10 बजे तक दुकान पर काम करना है।
उनके लिए गुटखा दारू लाने का जिम्मा मेरा था।
रोज फ्री का गुटका और दारू मिल रहा था।
इससे उन्हें हमारे साथ काम करने में मजा आ रहा था, शिल्पा को बढ़िया कमाई भी प्राप्त हो जाता है। धंधा अभी स्पीड पकड़ रहा था।

शिल्पा बहुत ही खुराफाती दिमाग की औरत है।
उसने इनका ड्रेस धुसर काले रंग की टीशर्ट और बिना चड्डी के अपनी त्वचा के रंग की यानि गेहुँए रंग की सिर्फ लुंगी पहनना तय किया। क्योंकि तीनों बहुत काले थे।
पर शिल्पा मस्त गेहुंए रंग की है।
इसका फायदा बाद में पता चलेगा कि शिल्पा ने ऐसा क्यों किया। (अगले कहानी में)
रेस्टोरेंट दुकान भी अच्छी चल निकली।
अब महिना बीतने को आ रहा है।
काम के बदले 1 खाना 2 रहना और 3 गुटखा दारू सब मिल रहा था।

Hindi Sex Story :  पहले मम्मी चुदती थी अब मैं भी चुदती हूँ अब दोनों साथ चुदते हैं

तीनों लौंडो में अब डील की आखिरी बात के लिए पहल करने चर्चा होने लगी।
कि कैसे और कब शिल्पा से चुदाई की बात करें।
शिल्पा तो शुरू से ही प्लान बना कर मन ही मन तैयार हो रही थी। पर अभी तक पहल नहीं किया उसने।
उसे तो लगा था कि पहले दिन से ही ये देहाती जंगली उस पर टुट पड़ेंगे।
पर महिना हो चला लड़के पूरी इमानदारी के साथ काम कर रहे थे।

अब शिल्पा की चुदाई की कहानी उसी की जुबानी सुनिए

आखिरकार तीनों ने मेरे सामने अपनी इच्छा बताई
उन्होने कहा “अभी तक तो डील की आखिरी और सबसे जरूरी शर्त पूरी नहीं हुई है।
सिर्फ ट्रेलर ही दिखा है।
तब मै ने कहा “मै तो कब से इस पल का इंतजार कर रही हूँ।”
“ठीक है मै आज रात को तुम लोगों के कमरे में आउंगी परऽ
तुम लोग दारू मत पीना आज। मुझसे बर्दाश्त नहीं होता है।”
लड़कों के चेहरे खिल गए और हँसने लगे।

रात 8 बजे मेरे पति बच्चे को सुलाते सुलाते खुद भी सो जाते हैं और मै रात को सारा काम निपटा कर ही कमरे में आती हूँ।
शायद 12 1 बज जाते हैं।
इसीलिए हमारी लव लाइफ बेरंग हो गई है।
हम अब जोश से कुछ कर ही नहीं पाते। समय नहीं रहता है ना।

रात को जब मै कमरे में आई और सोने की तैयारी कर ही रही थी कपड़े बदल कर मैने मेरे पति का गिफ्ट किया पतला और छोटा सेक्सी गाउन पहना ही था जो थोड़ा पारदर्शी भी था।
कि किसी ने दरवाजा खटखटाया।
दरवाजा खोला तो मुस्टंडा आकर खड़ा था वो मुझे देखकर मुस्कुराया और मै कुछ समझ पाती उससे पहले ही मेरा हाथ खींचकर सीधे बगल वाले कमरे में ले गया।
जहाँ दिलीप और छोटू दोनों जैसे बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। मै हक्की बक्की थी।
अब वो तीनों मुझको ललचाई नजरों से देखने लगे थे। मैने मेरे पति का गिफ्ट किया पतला और छोटा सेक्सी गाउन पहना था जो थोड़ा पारदर्शी भी था।
अंदर ब्रा पैंटी कुछ भी नहीं पहना था।
सिर्फ गाउन।
जिसमें कोई भी औरत बहुत सेक्सी लगती।
दिलीप, छोटू और मुस्टंडा तीनों ने दारू पी हुई थी और गुटका भी खाए हुए थे। मुझे दोनों की गंध आ रही थी। मुझे दारू की गंध सहन नहीं होती।
पर वो तीनों तो अपनी लाल लाल आँखों से मुझे खा जाने वाली नजरों से घूरते हुए मुस्कुरा रहे थे। मै भी मुस्कुरा दी
मै अभी भी दरवाजे पर थी । तभी दिलीप ने झटके से मेरा हाथ पकड़ा और कमरे के अंदर खींच लिया।
अब मै तीनों के बीच में थी और उनमें से उनके पसीने और शराब और गुटके की गंध आ रही थी गंध और तेज हो गई।

मै मन ही मन घबरा गई कि मैने कैसी डील कर ली है मै ये सब नहीं कर पाउंगी।
मै दरवाजे की तरफ बढ़ी कि …छोटू ने दरवाजा बंद कर दिया।