Office Sex

40 की उम्र में ऑफिस क्लर्क की सच्ची सेक्स स्टोरी – पूजा के साथ चुदाई

एक मिडिल क्लास 40 साल के दिग्विजय की सच्ची सेक्स स्टोरी, जिसमें ऑफिस में काम करने वाली 38 साल की पूजा के साथ उनकी पहली चुदाई की घटना का जिक्र है। अकेलापन, सेक्स की प्यास और ऑफिस रोमांस की इस कहानी में जानिए कैसे दो दुखी लोग एक-दूसरे के सहारे बने।

दोस्तों, क्या चुदाई का हक सिर्फ जवान लोगों को ही है? अगर इसका जवाब हाँ है, तो मेरी इस कहानी को एक गुस्ताखी समझकर माफ कर देना। लेकिन मन में उठे इस उबाल ने मुझे अपनी कहानी आप सबके सामने रखने पर मजबूर कर दिया। मेरा नाम और शहर मैंने बदल दिया है, लेकिन आपके लिए मेरा नाम दिग्विजय है। ये सच्ची घटना मेरे साथ ऑफिस में काम करने वाली पूजा के साथ हुई मेरी सेक्स स्टोरी है। पहली बार ये सेक्स ऑफिस में ही हुआ था, लेकिन इसके संयोग इतने मीठे थे कि… चलिए, आप खुद ही देखिए कि ये सब कैसे हुआ।

हर रोज की तरह आज भी बीवी के साथ ऑफिस आने से पहले झगड़ा हो गया। कम सैलरी और बढ़ती महंगाई में मेरी गलती बस इतनी थी कि मैं मिडिल क्लास था, जिसे हर तरफ से मार पड़ती है। गरीब और अमीर के बीच फंसे रहना जैसे अभिशाप बन गया था। मेरे हिसाब से तो छक्कों और मिडिल क्लास में ज्यादा फर्क नहीं था। 40 की उम्र हो चुकी थी, इसलिए जॉब चेंज करने के चांस भी कम थे। वैसे भी इस उम्र में मुझे कौन जॉब देता? घर में बीवी ताने मारती थी और ऑफिस में बॉस। मेरी सेक्स लाइफ भी पिछले 3-4 साल से बर्बाद हो चुकी थी। बीवी से मैंने सेक्स करना पूरी तरह बंद कर दिया था। ऐसे में सेक्स स्टोरीज पढ़कर या कभी-कभार सॉफ्ट पॉर्न देखकर हस्तमैथुन कर लिया करता था, लेकिन ये सब कितना थोड़ा होता है! बीवी भी मुझसे दूर ही रहती थी। लेकिन पूजा के साथ मेरे रिश्ते ऑफिस में अब पहले से बेहतर हो गए थे। वो भी मेरी तरह एक क्लर्क थी, और उसकी आँखों में मुझे अपने जैसे ही दुख नजर आते थे। शायद इसलिए मैं उसकी तरफ खिंचा चला गया। पूजा की उम्र करीब 38 की होगी, लेकिन वो एकदम दुबली-पतली थी। उसकी कमर मुश्किल से 26 इंच की होगी। वो वैसे कम बोलती थी। मेरे ऑफिस जॉइन करने के 6 महीने बाद उसने पहली बार मुझसे बात की थी।

पूजा मेरे साथ लंच करने लगी थी और धीरे-धीरे वो मुझसे खुल गई। उसने मुझे अपनी कहानी बताई। उसके मुताबिक, उसका पति कुछ कमाता नहीं था। वो नंबर वन का शराबी था और उसे रंडीबाजी का भी शौक था। पूजा की कमाई का बड़ा हिस्सा वो छीन लेता था। पूजा भी मेरी तरह दुखी थी और सेक्स से दूर हो चुकी थी। हम दोनों की अकेलापन हमें एक-दूसरे के करीब ले आया। अब हम बाहर भी मिलने लगे थे। मैं उसकी नेक्स्ट सोसाइटी में रहता था, इसलिए हम सुबह वॉक पर साथ जाने लगे। मुझे पूजा से प्यार सा होने लगा था। वो भी मुझे प्यार से बुलाती थी और आज तक उसने मुझे सम्मान से ही पुकारा था। हम अभी तक सेक्स या ऐसा कुछ नहीं करते थे, लेकिन सच कहूँ तो अब मेरे दिल में पूजा को शारीरिक सुख देने का ख्याल आने लगा था। आप सोच रहे होंगे कि मैं स्वार्थी हूँ, अपनी चुदाई के लिए ऐसा सोचता हूँ। लेकिन दोस्तों, मुझे पूजा पर दया आती थी। मुझे लगता था कि उसे सेक्स से दूर हुए एक अरसा हो गया था। उसकी कोई संतान भी नहीं थी, जो एक और अभिशाप था।

Hot Sex Story :  प्रिया दीदी की हॉट चुदाई कहानी: दिल्ली में जवानी का जलवा

एक सुबह का माहौल था। मैं पूजा के साथ गार्डन में वॉक कर रहा था। तभी हमने देखा कि गार्डन के बीच में एक कुत्ता कुतिया को चोद रहा था। मुझे अजीब लगा, लेकिन मैंने गौर किया कि पूजा बड़े शौक से उसे देख रही थी। मैंने उसे चलने को कहा। वो बोल पड़ी, “कितने नसीब वाले हैं ये जानवर भी, और हम ही प्यासे हैं।” मुझे पहली बार एहसास हुआ कि पूजा कितनी अकेली है। उसके सेक्स के अरमान कितने बुलंद हैं। मैंने उसका हाथ पकड़ लिया। उसने मेरी आँखों में आँखें डालकर देखा। मैंने कहा, “पूजा… बदनसीब तो मैं भी हूँ। क्यों ना हम एक-दूसरे का सहारा बन जाएँ?” पूजा कुछ नहीं बोली। मैंने उसे उसी शाम एक गेस्ट हाउस में चलने का प्रस्ताव रखा। उसने बिना हिचक हाँ कह दिया। मैं डरते-डरते शाम को कंडोम लेकर आया और शहर से बाहर जाते रास्ते पर एक छोटे से गेस्ट हाउस की तरफ चल पड़ा। मैंने घर पर बीवी से सूटकेस रिपेयर का बहाना बनाकर सूटकेस उठा लिया था, ताकि गेस्ट हाउस वाले को शक न हो। पूजा हल्की गुलाबी साड़ी में आई थी। वो अंदर जाते ही पलंग पर बैठ गई। मैंने सूटकेस साइड में रखा और उसके पास जाकर बैठ गया। मेरे हाथ काँप रहे थे, फिर भी मैंने हिम्मत करके उसके कंधे पर, फिर उसके स्तनों पर हाथ रख दिया।

पूजा ने धीरे से नजर घुमाकर मेरी तरफ देखा। उसके चेहरे पर आज कुछ अलग भाव थे। उसके गालों पर शर्म की लालिमा छाई थी। मैंने उसे अपनी तरफ खींचकर बाहों में भर लिया। मेरा लंड कब से एक अच्छे सेक्स की तलाश में था, जो शायद आज मिलने वाला था। पूजा पहले थोड़ा शरमाई, लेकिन फिर उसने अपनी गुलाबी साड़ी खोल दी और ब्लाउज भी उतार दिया। मैंने उसके छोटे-छोटे स्तनों को मुँह में भर लिया। पूजा सिसकियाँ ले रही थी और मैं उन्हें और जोर से चूसने लगा। पूजा ने धीमे से मेरे पैंट का बकल खोला और मेरा झुर्रियों से भरा लंड बाहर निकाला। कई दिनों बाद इस लंड में सेक्स की उत्तेजना जागी थी। पूजा ने मेरे लंड को पकड़कर उसे बेतहाशा मसलना शुरू कर दिया। मेरे हाथ अभी भी उसकी गोलाइयों को मसल रहे थे और मेरे होंठ उसके होंठों को चूस रहे थे। पूजा इस उम्र में भी मुझे किस में ऐसा मजा दे रही थी, जो उसकी सेक्स की प्यास को बयान कर रहा था। मैंने उसके सारे कपड़े उतारकर उसे पूरी तरह नग्न कर दिया। पूजा की चूत पर घने बाल थे और उसकी चूत का रंग लाल हो चुका था। मैंने उसकी चूत पर हल्के से हाथ रखा, तो उसके शरीर में जैसे करंट दौड़ गया।

Hot Sex Story :  प्रमोशन की मज़बूरी में लंड की गुलामी-1

मुझे भी जल्दी चुदाई करके घर जाना था। मैं भी पूरी तरह नग्न हो गया और पूजा की चूत के होंठों पर अपना लंड रगड़ने लगा। उसकी चूत से धीरे-धीरे रस बहने लगा और देखते ही देखते वो पूरी गीली हो गई। अब लंड अंदर डालने में कोई दिक्कत नहीं थी। मैंने उसे हल्के से उठाया और पलंग पर उसकी दोनों टाँगें चौड़ी करके लिटा दिया। पूजा शर्म से अपना मुँह छिपा रही थी, लेकिन मैं रुका नहीं। मैंने अपना लंड उसकी चूत में आधा डाल दिया। मेरे आश्चर्य की बात थी कि ये चूत अभी भी 30 साल की जवान लड़की की तरह टाइट थी। मैंने दूसरा झटका मारा, तब जाकर मेरा लंड पूरा अंदर घुस सका। मैंने धीरे-धीरे अपनी स्पीड बढ़ाई और सेक्स ने अपनी रफ्तार पकड़ ली। पूजा “आह… अह… ओह… ओह…” की आवाजें निकाल रही थी और मैं जोरदार झटकों के साथ उसकी चुदाई का मजा ले रहा था। पूजा की चूत ने मेरे लंड को जैसे जकड़ लिया था। लेकिन थोड़ी देर बाद उसकी चूत से और रस बहने लगा और मुझे लंड पर ढील महसूस होने लगी। मैंने पूजा को जाँघों से पकड़कर थोड़ा ऊपर उठाया और उसे जोर-जोर से झटके देकर चोदने लगा। पूजा की सिसकियाँ तेज हो गईं और वो अपनी गांड हिलाकर सेक्स में मेरा साथ देने लगी।

यह कहानी आप Hotsexstory.xyz में पढ़ रहे।

फिर क्या पूछना था और क्या बताना बाकी रहता है? मेरी सेक्स की स्पीड अब बहुत तेज हो गई थी और पूजा भी उसी जोश से रिस्पॉन्स दे रही थी। मुझे चुदाई का ये सुख एक हसीन सपने जैसा लग रहा था। लेकिन अगर ये सपना है, तो मैं हमेशा सोया रहना चाहता था, क्योंकि चूत की वो पकड़ और सेक्स की वो मस्ती इस उम्र में मुझे मिलेगी, ये मैंने सपने में भी नहीं सोचा था। पूजा मुझे बाहों में भरने लगी थी और उसकी साँसें अब एक्सप्रेस ट्रेन की स्पीड से चलने लगी थीं। मैंने सोचा कि यही सही वक्त है सेक्स को अंजाम तक पहुँचाने का। वैसे भी साथ में झड़ने का मजा कुछ और ही होता है। मैंने अपने लंड को और जोर-जोर से पूजा की चूत में पेलना शुरू किया और जैसा मुझे यकीन था, दो मिनट के अंदर ही मेरे लंड से वीर्य निकला और कंडोम भर गया। पूजा की चूत में तो नहीं निकला, लेकिन फिर भी उसे कंडोम के आर-पार इस वीर्य का एहसास जरूर हुआ होगा, वरना वो मुझे उसी वक्त अपनी बाहों में कसकर नहीं पकड़ती…!!!

Hot Sex Story :  मौसी की चुदाई: तांत्रिकों के साथ हवस भरी रात

दोस्तों, मेरी और पूजा की सेक्स स्टोरी यहाँ खत्म नहीं हुई, बल्कि शुरू हुई। मैं सचमुच उससे प्यार कर बैठा हूँ और अब ढेर सारे सवाल मुझे घेरे हुए हैं। क्या मुझे उससे शादी कर लेनी चाहिए? क्या मैं ऐसे ही उसके साथ चुदाई का सिलसिला जारी रखूँ? मैं सचमुच बहुत उलझन में हूँ… क्या आप जानते हैं कि इस हालत में मैं क्या कर सकता हूँ? मुझे अपनी राय कमेंट में जरूर बताएँ। मैं इस साइट के लोगों का भी एडवांस में शुक्रिया अदा करता हूँ, जिन्होंने मेरी सच्ची स्टोरी को छापा…!