भाई-बहन की चुदाई

मेरी कज़िन का आकर्षण-1

Meri cousin ka aakarshan-1

हैल्लो दोस्तों,  मेरी उम्र 27 साल है. में अभी तक कुंवारा हूँ और यह घटना तब की है जब में 20 साल का था और यह मेरा पहला सेक्स अनुभव था. मेरी लम्बाई 5.11 इंच और में दिखने में एक ठीक-ठाक लड़का हूँ और मैंने अपने ननिहाल से अपनी पढ़ाई पूरी की है और अपनी पढ़ाई के पूरे हो जाने के बाद में अपने घर पर वापस आ गया.

तो एक दिन मुझसे मेरे पापा ने कहा कि तुम अब कोई अच्छी सी नौकरी ढूंडना शुरू कर दो और फिर एक दो जगह पापा ने मेरी नौकरी के लिए बात भी की, लेकिन हमारे एक चाचा है, जो मेरे पापा के चाचा के लड़के है. वो कभी कभी पापा के पास आते जाते रहते थे और उनका घर भी पास ही था. तो उन्होंने पापा से अपनी बेटी आहना को एम.ए. में दाखिला दिलाने की बात की और उन्होंने पापा से मेरे लिए भी बोला. लेकिन पापा के पास उनसे कम पैसा था, तो उन्होंने उनसे साफ मना कर दिया.

लेकिन चाचा ने ज़ोर देकर बोला तो पापा मान गये और हमारे एम.ए. में एडमिशन के फॉर्म भरवाने के लिए कहा और चाचा को आहना के साथ ना जाना पड़े, इसलिए उन्होंने बोला कि तू अपनी बाईक से आहना को साथ ले जाना और इसका भी फॉर्म भरवा देना. तो में जब उस दिन चाचा के घर पहुंचा तो मैंने चाची को बोला कि मुझे चाचा ने भेजा है और में उस दिन उनसे बहुत सालों के बाद मिला था. तो चाची ने सबसे पहले मुझसे अपना हाल चाल पूछा और फिर मुझसे बोला कि आहना ऊपर अपने कमरे में है, तुम उसे बुला लो.

दोस्तों मैंने आहना को आखरी बार 8वीं कक्षा में ही देखा था और तब वो मुझे बहुत अच्छी लगती थी. लेकिन फिर उसके बाद हमारा ज़्यादा मिलना ही नहीं हुआ, क्योंकि में अपनी पढ़ाई के लिए हमेशा अपनी नानी के घर पर रहता था और कभी कभी अपने घर पर आता था. तो में जब ऊपर आहना को बुलाने गया तो मैंने देखा कि आहना अपनी छोटी बहन के साथ म्यूजिक चलाकर डांस कर रही थी. तो तब मैंने उसे बहुत सालों के बाद देखा और में उसे देखता ही रह गया और गर्मी के कारण उसने पतला सा लोवर और पतली सी टी-शर्ट पहनी हुई थी. उसकी हाईट करीब 5.5 थी और वो इतनी प्यारी, मासूम और सुंदर लड़की थी, उसके जैसी लड़की मैंने शायद ही पहले कभी देखी होगी.

वो उस पतली सी टी-शर्ट में छोटे छोटे गोर कंधो के साथ अभी अभी जवान हुई उसकी छाती बिल्कुल टाईट दिख रही थी. कमर बिल्कुल पतली और कुल्हे भी चौड़े थे. तो उसे देखकर लग रहा था कि इससे अच्छे आकार की लड़की और क्या होगी? और जैसे ही दोनों बहनों की नज़र मुझ पर पड़ी तो वो एकदम थम सी गई और मुझे पहचान कर हल्की सी मुस्कान दिखाई और फिर बोली कि नीचे बैठ जाओ में अभी कुछ देर में तैयार होकर आती हूँ.

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करीब 15-20 मिनट में वो तैयार होकर आई तो वो काली कलर की जीन्स और लाल कलर की टी-शर्ट पहनकर नीचे आई और में ना चाहते हुए भी बार बार उसे देखने की कोशिश कर रहा था. लेकिन जिस तरह बेकार का नखरा वो मुझे दिखा रही थी, जिससे मुझे ऐसा लग रहा था कि कहीं ना कहीं वो मुझे अपनी तरफ आकर्षित करना चाह रही है. दोस्तों ऐसा लड़कियां अक्सर करती रहती है.

फिर वो मेरे साथ बाईक पर बैठ गई और बाईक पर एक दो बार झटके लगे तो उसने अपने आप को संभाल लिया. हम कुछ घंटो में अपना फॉर्म जमा करवाकर घर पर आ गए और करीब 1.5 महीने बाद हमारे पेपर थे और दो तीन बार कॉलेज में किताब बदलने और दूसरे कामों की वजह से साथ में बाहर जाने में हम बहुत ही कम समय में एक दूसरे से बहुत खुल भी गये थे. मुझे आने वाले पेपर की तैयारी अपने घर पर करने में दिक्कत होती थी क्योंकि उन दिनों हमारे घर पर इनवर्टर नहीं था और हमारी तरफ लाईटे बहुत ज्यादा जाया करती थी.

तो एक दिन शाम के टाईम चाचा ने मुझे इमरजेंसी लाईट में पढ़ते हुए देखा तो वो मुझसे बोले कि तू मेरे साथ चल आहना के साथ पढ़ लेना और तुम दोनों एक दूसरे की मदद भी कर दोगे और उनके घर इनवरटर था. तो में पापा से पूछकर उनके घर पर चला गया और जब में वहां पर गया तो चाचा के तीनों बच्चे बैठे हुए थे और सबने मुझे वेलकम किया और फिर मुझे महसूस हुआ कि आहना भी यह बात जानकर बहुत खुश थी कि पेपर खत्म होने तक में रोजाना उसके पास पढ़ने आया करूँगा.

फिर हम दोनों ऊपर के रूम में पढ़ने चले गये और एक दो दिन में ही हम एक अच्छे दोस्त बन गये और हम पढ़ाई के साथ साथ बहुत मस्ती, चुटकुले, हंसी, मज़ाक, एक दूसरे को छेड़ना यह काम भी किया करते थे और हमे पता ही नहीं हम दोनों ने एक दूसरे को कभी चचेरे भाई बहन की तरह माना ही नहीं, बस हम एक दोस्त ही बने थे. तो पेपर से पहले आखरी सप्ताह में चाची ने मुझसे बोला कि तुम रात में देरी तक पढ़कर अपने घर पर मत जाया करो, बल्कि सुबह चले जाया करो और में पढ़ाई में बहुत होशियार था तो वो मुझसे चाहती थी कि मेरे द्वारा आहना की ज्यादा से ज्यादा मदद हो सके.

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तो मेरे घर पर लाईट की दिक्कत होने के कारण में भी मान गया और अब मुझे आहना के साथ रहना भी बहुत अच्छा लगता था और जिस रूम में हम पढ़ते थे उसमे एक ही बेड था और बाहर खुली छत तो हम दरवाजा अंदर से बंद कर लेते थे ताकि बंदर ना आ जाए. तो एक रात हमे पढ़ाई करते करते 1.30 बज गये और फिर आहना ने मुझसे कहा कि तुम यह टॉपिक कर लो फिर तुम मुझे समझा देना क्योंकि अब में आधे घंटे के लिए सो रही हूँ और वो उसी बेड पर सो गई और में उसी के पास में बैठकर टॉपिक ख़त्म कर रहा था और दिन में जोरदार बारिश और कूलर के चलने के कारण उस रात रूम बहुत ठंडा हो रहा था और आहना मेरी तरफ ही करवट लेकर सो रही थी. तो करवट के कारण उसकी छाती का एक हिस्सा बहुत उभरा हुआ सुंदर दिखाई दे रहा था और फिर एक बार नज़र वहां पर पड़ने के कारण मेरा तो टॉपिक वहीं पर ख़त्म हो गया और में उसकी टी-शर्ट के गले की तरफ झुककर देखने लगा.

आहना के बूब्स ब्रा में से साफ दिखाई दे रहे थे और उसकी चमड़ी बिल्कुल दूध की तरह गोरी और क्रीम के जैसी मुलायम थी और उसमे एक अलग ही चमक थी तो अचानक से मेरे मन में एक अलग ही तरह की हलचल होने लगी और मेरा दिमाग़ एकदम सुन्न हो गया, मानो कि जैसे कंप्यूटर हेंग हो गया हो और मुझे पता नहीं कहाँ से यह बात मेरे दिमाग़ में आई कि में भी अपनी किताब को बंद करके उसी के पास लेट गया और कमरे में सिर्फ़ ज़ीरो बल्ब चालू था. मैंने लाईट बंद कर दी. फिर सबसे पहले तो में आहना के बिल्कुल करीब अपना चेहरा ले गया और मैंने उसकी गरम गरम सांसो को महसूस किया. उसकी साँसे सीधा मेरे चेहरे पर आ रही थी. फिर मैंने जानबूझ कर उसके ऊपर अपना हाथ रखा और कुछ देर इंतजार किया लेकिन कोई भी हलचल ना होने के कारण मेरी हिम्मत और भी बढ़ी और मैंने बिल्कुल उसके चेहरे से अपना चेहरा सटा लिया और अब मेरी साँसे भी उसकी सांसो में ही घुल रही थी.

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फिर मैंने अचानक से ऐसा नाटक किया जैसे कि गहरी नींद में कोई करवट बदलता है और मैंने हल्के से अपने होंठो को उसके होंठो से छूकर हटा लिया और थोड़ा इंतजार किया. कोई भी हलचल नहीं होने पर में धीरे से और आगे बढ़ा और मैंने अपने होंठो को आहना के होंठो से छू दिया. दोस्तों में वो पल अपनी पूरी जिंदगी नहीं भूल सकता, मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे अचानक से लाखो चीटियाँ मेरे बदन पर चल पड़ी हो और मेरे अंदर एक अजीब सा एहसास आने लगा था. फिर दो तीन मिनट तक वैसे ही रहने पर जब आहना ने कोई विरोध नहीं किया तो मेरी हिम्मत और बढ़ी और मैंने उसके होंठो को बहुत धीरे धीरे चूमना शुरू कर दिया. लेकिन अब में महसूस कर रहा था कि आहना की साँसे बेख़बर नींद वाली नहीं है बल्कि वो जाग रही है और सिर्फ सोते रहने का नाटक कर रही है और शायद उसे भी मेरा करीब आना अच्छा लग रहा है.

तो मैंने जो मेरा हाथ उसके ऊपर था उसको उसकी टी-शर्ट के निचले हिस्से में ले गया और हाथ को टी-शर्ट के अंदर धीरे-धीरे डालना शुरू कर दिया और उसके पेट तक हाथ जाने के बाद मुझे पूरा विश्वास हो गया कि वो सो नहीं रही है और अब मेरी हिम्मत बढ़ गई. मेरे हाथ लगातार ऊपर जाते रहे और आखिर में उसके बूब्स के पास पहुंच गये.