मेरी हिंदी कि पूरी कहानी-3
मेरी मां जोर जोर से आहे भर रही थी अह्ह्ह ओह्ह्ह अह्ह्ह ओम्म्म अह्ह्ह आयी औऊउई माँ आह्ह्ह ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह ओह्ह्ह यस्सस बस्स बेटा क्या कर रहे हो. उनका पूरा शरीर कांप रहा था, ऊपर नीचे हो रहा था. कुछ देर बाद मैंने दोनों हाथों से मेरी माँ की बुर की दोनों फांक को फैलाया. कभी मैं जीभ को बुर के अंदर डालता तो कभी बुर को चबाने लगता था…. कितना टाइम गया मुझे नहीं मालूम… माँ ने चुतड ऊपर उछाला.
बेटा चोदो.. लौड़ा बुर में पेलो.. मां को जमकर चोदो…. जल्दी पेलो राजा बर्दाश्त नहीं हो रहा हे मुझसे अब जल्दी दे करो नहीं तो में मर जाउंगी. प्लीज़ बेटा करो चोद दो अपनी माँ को..
मैंने अपना सर ऊपर उठाया तो देखा की मेरी माँ अपने हाथों से चुचियों को मसल रही थी… मैने भी जरा सी भी देर नहीं की और फटा फट से नंगा हो गया. “Hindi Chudai Ki Poori Kahnai”
मैंने लौड़े को हाथ में लिया.
देख माँ, अपने बेटे का लौड़ा… पसंद आया? बुर में लेगी..
“ मैंने लौड़ा को उसके आंखो के तरफ पॉइंट्स करके रखा
मां ने मेरे लौड़े को गोर से देखा.
हरामी परेशान मत कर… जल्दी पेल मेरी बुर के अंदर.. मुझे भी वैसे ही धक्का मार जैसे सपना को मारता है. साली बोलती है की तू सबसे बढ़िया चोदता है… चोद मुझे भी मादरचोद और दिखा अपनी माँ के दूध की ताकत को.. चोद मुझे अगर तूने अपनी माँ का दूध पिया हे तो मेरी आग को आज अपने लौड़े से बुजा दे. चोद मादरचोद चोद मुझे.
मैने एक हाथ से लवडा को बुर के ऊपर दबाया और दूसरे हाथ से चूची को कस कर पकड़ा. और फिर खूब जोर से धक्का मारा, एक दो तिन चार लगातार लगातार धक्के मरता रहा.
उफ़ राजा, और जोर से राजा और जोर से और अंदर डालो… फाड़ दो मेरी बुर को… मेरे राजा…. आह्ह्ह ओह्ह्ह अह्ह्ह उह्ह्ह म्मम्म येस्स अहह ओह्ह्ह उम्म्म्म.
और मैं जमकर धक्का लगाता रहा.. पेलता रहा.. और मां ठंडी हो गई… मैंने स्पिड़ बढ़ाई और दो तीन मिनट बाद मैं भी झड़ गया, मेरा माल मां के बुर में गिरा दिया और माँ भी शांत हो गयी. “Hindi Chudai Ki Poori Kahnai”
मैं चुचियों को पकड़कर ढीला हो गया, और मां ने मुझे खूब चूमा, बाल को सहलाया, कुछ देर बाद
उफफफफ बेटा, तू सच का मर्द है, तेरे बाप ने कभी ऐसा नहीं चोदा ना कभी बुर को चूसा चाटा. तूने आज मुझे बहुत मजा दे दिया.
हम दोनों ने एक दूसरे को खूब चूमा चाटा मेरी मा की चूची को मैने मेरी उंगलियों से खूब मसला और फिर मा ने मुझे धक्का दिया.
चल बेटा तेरे चुदाई के चक्कर में खाना ही नहीं बनाया, अब जाने दें अब में खाना बना लेती हु और फिर हम बैठ कर खाना खायेंगे. मैने कहा की ठीक हे माँ.
मैं उनके ऊपर से अलग होकर खड़ा हो गया. मां उठ कर बैठ गयी., मेरे लवडे को हाथ में लिया, मेरी ओर देखा पर फिर लंड के टोपे को एक दो मिनट तक चुसा.
वह खड़ी हो गई और मुझे हग कर के बाहर चली, गई मैंने चिल्ला कर पूछा…
“मा फिर से करने दोगी ना?”
मां ने भी चिल्ला कर जवाब दिया,
“सपना ने तुझे २ बजे बुलाया है, पहले उसे चोद कर उसकी आग को शांत कर दे और अपने घर आ जा. फिर बताऊंगी कि दोबारा बुर में बेटा का लौड़ा लूंगी कि नहीं..”
मैं बेड पर सो गया और सोचने लगा.. मां की चुदाई की बात सोचते सोचते मुझे रेखा याद आ गई और मुझे लगा की रेखा के साथ में ज्यादा मजा आया था.
मां किचन में अंदर बाहर करती रही. एक घंटे के बाद हमने खाना खाया, दोनों नंगे ही रहे. और दो बजे में घर से बाहर निकल गया सपना को चोदने के लिए. तिन घंटे की मस्ती के बाद घर वापस आया, तब तक घर पर बहन भी आ चुकी थी. मां को सपना की चुदाई के बारे में नहीं बता पाया. “Hindi Chudai Ki Poori Kahnai”
हमारे घर में सिर्फ दो रूम थे. एक रूम मां पापा का और दूसरा बहन का. मैं वरन्दाह पर सोता था उसी पेड़ पर जिस पर मां की चुदाई की थी. रात का खाना खाने के बाद सब सो गए. मैं भी अपने वाले बेड पर सो गया, नींद टूटी तो देखा की मां मेरा लौड़ा चूस रही है बाहर चांद की रोशनी फैली हुई थी सब कुछ साफ दिख रहा था. दोनों पैर फैला कर लौड़ा चूस रही थी. मैं उठा और मां मेरे ऊपर 69 पोजीशन में आ गई, हम दोनों ने एक दूसरे का लवड़ा और बुर को खूब चूसा.
और फिर दिन के समय की तरह मां ने बेटे से चुदाई के लिए कहा.
अब बर्दाश्त नहीं कर सकती, बुर में आग लगी है, आग बुझाते बेटा, पेल बेटा जम कर पेल.
मैंने उसे डॉगी स्टाइल में खड़ा किया वह बहुत खुश हो गई और हमने बहुत मजे किए हमने दूसरी बार सेक्स किया और बुर में पानी गिराने के बाद माने लौड़ा चूस कर साफ किया.
मैं अपने घर अगले चार दिन रहा. बहन और बाबू जी के जाने के बाद एक बार १२ बजे के पहले हम मां बेटे जमकर चुदाई करते थे, और खाना खाने के बाद मैं सपना काकी को रोज चोदता रहा. अगली चार रात भी माँ मेरे पास आती रही और हम दोनों ने बिल्कुल बेशरम हो कर चुदाई किया. “Hindi Chudai Ki Poori Kahnai”
शनिवार की सुबह जब मैं नई पोस्टिंग के लिए निकला तो बाबू जी और बहन के सामने मां मुझसे खूब चिपक कर रोई और मैंने मां को खूब सहलाया. जब मैं मां से चिपका था तो सपना भी आ गई और मां के अलग होते ही सपना मुझसे चिपक गई यह पहला मौका था जब सपना किसी के सामने मुझसे चिपक रही थी.
शाम को मे रेखा के घर पहुंच गया वह तो खुश हुई. और उसकी बेटी भी मुझसे चिपक गई. मैंने ऊपर से बहुत मना किया लेकिन रेखा के हस्बैंड के कहने पर मैं उनके यहां ही रुक गया.
हम भी यही चाहते थे रेखा ने क्या किया मुझे नहीं मालूम उसका हस्बैंड और बेटी एक रूम में सोते रहे और दूसरे रूम में हम दोनों ने पूरी रात जमकर चुदाई की. रेखा ने कई बार पूछा लेकिन मैंने उससे झूठ कहा कि मैंने घर में किसी को नहीं चोदा हे.