माँ की चुदाई

मेरी सेक्सी माँ की जमकर चुदाई

Meri sexy ma ki jamkar chudai

हैल्लो दोस्तों, चलो बिना बोर किए तुम्हें मेरी जिंदगी की असली कहानी बताता हूँ. ये बात तब की है जब में पढ़ता था और कॉलेज घर से दूर था तो इसलिए में रूम किराये पर लेकर रहता था और मेरा रूम पार्टनर रोहित नाम का लड़का था, उसे सेक्स मैगज़ीन पढ़ने की आदत थी और वो ब्लू फिल्म भी देखा करता था. उसी वजह से मुझे भी इसकी आदत लग गयी थी और में मेरी माँ को सोचकर इतना उत्तेजित हुआ कि मुझे 2 बार मुठ मारना पड़ा. मुझे सेक्सी वीडियो, स्टोरी पढ़ने का चस्का लग गया था. में मेरी परीक्षा ख़त्म होने के बाद छुट्टियों में घर चला गया, मेरे पिता जी मल्टीनेशनल कंपनी में थे और ज्यादातर टूर पर ही रहते थे. माँ और उनमें 20 साल का अन्तर था तो वो माँ को संतुष्ट नहीं कर पाते थे और ये मुझे पता चल गया था. अब मेरे पिता जी बेंगलोर 15 दिन के लिए ऑफिस काम के लिए चले गये थे.

फिर में मन ही मन खुश था और माँ को गर्म करके चोदने के ख्वाब देखने लगा. फिर अगले दिन मैंने नींद से उठकर देखा तो माँ नहाने की तैयारी कर रही थी. फिर माँ जैसे ही बाथरूम में गयी तो में साईड की खिड़की पर चढ़ गया और अंदर का नज़ारा देखने लगा. मेरा दिल जोरो से धड़कने लगा था और अब मेरी पेंट में करंट दौड़ रहा था और डर भी बहुत लग रहा था. फिर मैंने देखा कि माँ ने सबसे पहले लाल रंग की साड़ी उतार दी, उसके बाद काला ब्लाउज उतार दिया, अब वो सिर्फ़ पेटिकोट और ब्रा में थी. फिर उसने पहले बाथरूम वॉश किया और उसके बाद उसने ब्रा उतार दी, ओह माई गॉड माँ के बूब्स देखकर मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया था.

फिर उसने जैसे ही अपना पेटीकोट खोला तो में उसकी चूत की झांटे देखकर दंग रह गया, क्योंकि उसने पेंटी नहीं पहनी थी, वो जैसे रगड़-रगड़कर अपने चूतड़ धोती तो में पेंट के अंदर उतना ही रगड़ता. अब माँ नाहकर निकलने ही वाली थी तो में नीचे उतर गया और रूम में चला गया और अब वो अपने कपड़े पहनकर मुझे नहाने के लिए आवाज़ देने लगी. फिर मैंने झट से बाथरूम में जाकर अन्दर से दरवाजा बंद कर दिया और माँ की ब्रा उठाकर उसे सूंघने लगा, मैंने उनका पेटिकोट भी सूंघ लिया और दोनों को पहन लिया. फिर मैंने उसमें ही मुठ मार दी और मेरा सारा माल ब्रा पर छोड़ दिया और नहाकर वापस आ गया. फिर अगले 4-5 दिन तक यही सिलसिला चलता रहा.

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अब मेरी जिंदगी की हसीन रात का आना बाकी था, में उस रात माँ को चोरी से देखने के बहाने घुटनो पर घसीटता हुआ रूम में जा पहुँचा और मेरे सामने अब जो नज़ारा था तो उसे देखकर में दंग रह गया. अब माँ की साड़ी नींद में घुटनों तक आ गयी थी और पल्लू सीने से हटकर नीचे जा चुका था और जिसकी वजह से उनके बूब्स पूरे दिख रहे थे. अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था तो मैंने धीरे से माँ के पैरों को ऊपर उठाया और दोनों पैरो को हल्का सा दूर किया तो अब मेरे सामने उनकी चूत देखकर में धीरे से 1-1 उंगली अंदर बाहर करने लगा, शायद माँ गहरी नींद में थी तो ये देखकर मेरा हौसला बढ़ गया और में मेरी नाक सीधी उनकी चूत पर ले जाकर उसे सूंघने लगा, क्या ख़ुशबू थी? में तो पागल सा हो गया और अपनी जीभ बाहर निकालकर चाटने लगा. अब धीरे-धीरे माँ के पैर अकड़ने लगे और उसका हाथ मेरे बालों में घूमने लगा तो में समझ गया कि माँ को ये अच्छा लग रहा है, लेकिन में चाहता था कि वो भी मेरा पूरा सहयोग दे.

फिर मैंने उठकर आवाज़ लगाई, माँ आ ई लव यू तो फिर माँ ने अपनी आँखे खोल दी और कहा कि आई लव यू टू बेटा, में तो ये कितने दिनों से चाहती थी और तुम्हारे पिताजी बूढ़े होने की वजह से मुझे खुश नहीं कर पाते, आजा मेरी चूत के राजा, चोद डाल तेरी रंडी माँ को, फाड़ दे उसकी चूत, मिटा दे जिस्म की आग, चोदो मुझे, चोदो. अब माँ के मुँह से गंदी-गंदी बातें सुनकर में पूरे जोश में आ गया था. फिर मैंने उनके होठों को चूसना शुरू किया. फिर 15 मिनट तक किस करने के बाद मैंने उसके बूब्स को दबाना शुरू किया तो वो अब मस्त सिसकारियां लेने लगी. फिर मैंने उसका ब्लाउज उतार दिया और उसकी ब्रा फाड़ दी तो वो मुस्कुराई और बोली कि आराम से डियर ये छिनाल तुम्हारी गुलाम है.

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फिर मैंने उसकी साड़ी निकालकर फेंक दी और उसके पैरों को हाथ से ऊपर उठाकर चूत को सहलाने लगा. अब उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे लंड को मुँह में ले लिया तो मुझे तो जैसे सातवें आसमान में होने का सुख मिला हो. फिर मैंने कहा कि चूस सुरेखा, मेरी सौतेली माँ और जोर से चूस, रंडी आज तो तेरी चूत की प्यास बुझाकर ही रहूँगा और फिर में उसके मुँह में ही झड़ गया और उसने मेरा सारा वीर्य अमृत समझकर पी लिया. में उसकी टांगो के बीच में आ गया और उसकी चूत को चाटने लगा तो वो अपनी कमर हिलाती रही और सर पकड़कर दबाती रही, सिसकियां मारती रही और उसने भी पानी छोड़ दिया तो में भी उसका सारा का सारा पानी पी गया. उसके बाद में उठकर माँ की चूत के दाने को सहलाने लगा तो उसने मुझे बाहों में खींचकर कहा कि बस भी करो जानू, अब और मत तड़पाओ, रहा नहीं जाता, ये चूत तुम्हारे लंड को पाने के लिए मछली की तरह तड़प रही है, चोदो इसे जमकर ताकि इसकी तड़प फिर ना उठे.

फिर में उठकर लंड को चूत पर रगड़ने लगा और अंदर डालने की कोशिश करने लगा, लेकिन लंड अन्दर जा ही नहीं रहा था तो माँ ने मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत के छेद पर रखा और मुझे धक्का देने को कहा. फिर मैंने धीरे से धक्का मारा तो मेरा आधा लंड ही अन्दर गया था कि माँ चिल्ला उठी और अपनी आँखों में आंसू भरकर मुझे गाली देने लगी, मादरचोद, बहनचोद आराम से डाल, ये तेरी माँ की चूत है, बीवी की नहीं. फिर मैंने भी गुस्से में कहा कि सुरेखा रंडी तेरी चूत इतनी टाईट है तो में क्या करूँ? में तुझे दिन रात चोदूंगा छिनाल और मेरा बेटा पैदा करूँगा, मेरे सारे दोस्तों के साथ तुझे मिलकर चोदूंगा, तब तेरी अकल ठिकाने आयेगी और मैंने दूसरे धक्के में बचा हुआ लंड उसकी चूत में पेल दिया और उसको कसकर पकड़ लिया. फिर थोड़ी देर तक तो उसे दर्द महसूस हुआ, लेकिन बाद में वो उछलने लगी और हाँ हाँ हुउऊऊउ हुऊऊउ उउउउउउ हाअआआअ हा आहहा की आवाज़े निकलने लगी. फिर मैंने 20 मिनट तक लंड को अंदर बाहर किया और उसकी चूत में ही झड़ गया.

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अब माँ भी झड़ चुकी थी, लेकिन मेरी प्यास अभी तक नहीं बुझी थी, क्योंकि मुझे तो उसकी गांड भी मारनी थी. फिर मैंने उसे घोड़ी बना दिया तो वो कहने लगी कि मैंने कभी गांड नहीं मरवाई है, प्लीज ऐसा मत करो. फिर में कहाँ उसकी सुनने वाला था तो मैंने मेरे लंड को सहलाकर उसकी गांड के छेद पर निशाना लगाया, लेकिन वो सच में बहुत टाईट थी. फिर मैंने तेल की बोतल से तेल निकालकर लंड पर लगाया और बचा हुआ उसकी गांड की छेद पर भी लगाया और अगले झटके में ही निशाना आर पार लग गया और वो गिड़गिडाने लगी, नहीं ऐसा मत करो, बहुत दर्द हो रहा है. फिर मैंने आधे घंटे तक उसकी गांड मारी और उसकी गांड में ही अपना पानी छोड़ दिया. फिर माँ ने खुश होकर मुझसे रोज चुदवाने का वादा किया है और हम उस वादे को आज भी निभा रहे है.