मेरी वासना भरी नजरो के जाल में फांसी भाभी-1
नवरात्रि का मौसम था, रंग-बिरंगी रोशनी और ढोल की थाप से गूंजता हुआ माहौल। उस शनिवार की रात मैं दांडिया खेलने गया था। जगह थी शहर का सबसे पॉश इलाका, जहां हर चेहरा रौनक और रईसी की कहानी बयां करता था। दांडिया की थाप पर थिरकते हुए एक घंटा बीत चुका था, और तभी मेरी नजर एक ऐसी हसीना पर पड़ी, जिसने मेरे दिल की धड़कनें तेज कर दीं।
वो थी नम्रता। उम्र करीब 30 साल, लेकिन खूबसूरती ऐसी कि मानो कयामत का दूसरा नाम हो। उसका फिगर 34-30-26, एकदम परफेक्ट, जैसे किसी शिल्पकार ने तराशा हो। गोरी चमड़ी, जो चांदनी रात में भी अपनी चमक बिखेर रही थी। उसकी आंखों में एक अजीब सी चमक थी, जो मुझे अपनी ओर खींच रही थी। मैं उसे देखकर बस खो सा गया। मेरे शब्दों में उसकी खूबसूरती को बयां करना नामुमकिन था।
मैं भी कोई कम नहीं था। रोज जिम, अच्छी बॉडी, और चेहरा ऐसा कि लड़कियां बार-बार पलटकर देखें। दांडिया खेलते वक्त हम बार-बार आमने-सामने आ रहे थे। मैं उसे वासना भरी नजरों से देख रहा था, और वो हल्का-हल्का शरमा रही थी। लेकिन उसकी आंखों में भी एक तड़प थी, जो मुझे साफ दिख रही थी। मैंने अपनी नजरों का जादू चलाना जारी रखा। थोड़ी देर बाद मैं थककर साइड में बैठ गया, और 15 मिनट बाद वो भी वहां आ पहुंची।
उसने अपना फोन निकाला, कुछ देखने का बहाना किया, और फिर मेरे पास आकर बोली, “ये लो, अपना नंबर टाइप करो।” मैंने चुपचाप अपना नंबर डाल दिया और फोन उसे वापस थमा दिया। वो वापस दांडिया खेलने चली गई। मुझे लगा शायद कल कॉल करेगी, सो मैं घर जाने को तैयार हुआ। तभी मेरा फोन बजा। एक मीठी, मदहोश करने वाली आवाज आई, “तुम कहां जा रहे हो?”
मैंने पूछा, “आप कौन?”
वो बोली, “मैं नम्रता हूं। तुमने अभी-अभी मुझे अपना नंबर दिया है।”
मैंने हल्का सा फ्लर्ट करते हुए कहा, “ओह, तो आप वो हसीना हैं, जिन्होंने आज की रात की खूबसूरती को और बढ़ा दिया।”
वो हंसकर बोली, “शट अप एंड थैंक यू।”
मैंने कहा, “मैं घर जा रहा हूं।”
वो बोली, “थोड़ी देर बाद पार्किंग में मिलो।” और कॉल कट कर दिया।
मैं पार्किंग में पहुंचा। 10 मिनट बाद वो अपनी चमचमाती BMW में आई। उसे देखकर मैं दंग रह गया। इतनी क्लास, इतना स्टाइल! मैंने पहले भी कई औरतों की प्यास बुझाई थी, लेकिन नम्रता कुछ खास थी। मैं जानता था, मैं उसे ऐसा सुख दूंगा कि वो किसी और की ओर मुड़कर भी न देखे। मेरी एक खासियत है – जब तक सामने वाली न कहे, “अब तुम्हारा निकाल दो,” मैं रुकता नहीं। और जो मेरे साथ होती है, वो फिर किसी और को नहीं बुलाती।
वो कार के पास आई और बोली, “अंदर आ जाओ।” मैं कार में बैठ गया। उसने कहा, “हाय, मैं नम्रता हूं।”
मैंने जवाब दिया, “हाय, मैं प्रेम हूं।”
वो बोली, “तुम मुझे घूर-घूरकर क्यों देख रहे थे?”
मैंने हंसते हुए कहा, “मेरे अंदाज में तो 80% लड़के आपको ही घूर रहे थे।”
मेरे इस जवाब से वो इम्प्रेस हो गई। उसने पूछा, “तुम क्या करते हो?”
मैंने कहा, “मैं एक IT कंपनी में काम करता हूं। कुछ खास क्लाइंट्स हैं, जिनकी प्यास बुझाता हूं। उन्हें सर्विस देता हूं।” मेरी बात सुनकर वो चौंक गई, लेकिन उसकी आंखों में एक चमक थी।
वो बोली, “ठीक है, आज रात तुम फ्री हो?”
मैंने कहा, “आप जैसी हसीना के लिए मैं हमेशा फ्री हूं।”
उसने कार स्टार्ट की, और एक घंटे की ड्राइव के बाद हम एक हाई-प्रोफाइल सोसाइटी में पहुंचे। मैं उसे फॉलो करते हुए अंदर गया। उसकी चाल, उसकी गांड… हाय! मन कर रहा था कि अभी उसे उठाकर चूमना शुरू कर दूं।
हम 8वें फ्लोर पर पहुंचे। मैं सोफे पर बैठ गया, और वो मेरे सामने। उसने कहा, “और बताओ…”
मैंने कहा, “बस, सब अच्छा चल रहा है।”
वो बोली, “मैं अपनी जिंदगी से बोर हो चुकी हूं। मेरा पति हमेशा टूर पर रहता है। बच्चे बोर्डिंग स्कूल में हैं। मैं अकेली रह जाती हूं।”
मैंने कहा, “चिंता मत करो। तुम्हारे पास पैसा है, तुम कुछ भी खरीद सकती हो।”
वो बोली, “लेकिन अगर किसी को पता चल गया तो?”
मैंने कहा, “मुझ पर भरोसा करो। मैं औरतों की इज्जत करता हूं। मेरे क्लाइंट्स सिर्फ मेरे पास ही आते हैं।”
वो उठी, मुझे गले लगाया और बोली, “थैंक यू सो मच। तुम तो औरतों के बारे में बहुत माहिर लगते हो।”
मैंने कहा, “आजमा के देख लो।”
वो हंसकर बोली, “सब आजमाऊंगी, लेकिन थोड़ा सब्र करो। वैसे, तुम्हारी फीस क्या है?”
मैंने कहा, “मुझे आजमाओ, फिर तुम खुद डिसाइड कर लेना।”
वो बोली, “जाओ, नहा लो। मैं भी नहा लेती हूं।”
मैं नहाकर बाहर आया, और उसे देखकर पागल हो गया। उसने काली, ट्रांसपेरेंट नाइटी पहनी थी, जिसमें उसका हर कर्व साफ दिख रहा था। वो किचन में खाना लगा रही थी। मैंने कहा, “भगवान भी क्या खूबसूरत चीज बनाता है।”
वो शरमाकर बोली, “यू नॉटी, बस करो। क्या पियोगे?”
मैंने कहा, “एक बियर पेग।”
वो दो ग्लास बियर लेकर आई और मेरे बगल में चिपककर बैठ गई। हम ड्रिंक करते हुए बातें करने लगे। मेरा एक हाथ उसकी जांघ पर था। उसकी नजरें प्यासी थीं। अचानक वो मेरी ओर झुकी, और हमने किस करना शुरू कर दिया।
मैंने उसे अपनी गोद में खींच लिया और जोर-जोर से वाइल्ड किस करने लगा। मेरा एक हाथ उसकी बॉडी पर घूम रहा था। उसने अंदर कुछ नहीं पहना था। उसकी स्किन इतनी सॉफ्ट थी कि मैं पागल हो रहा था। मैंने उसकी नाइटी ऊपर की और उसकी जांघों को सहलाने लगा। वो सिसकारियां ले रही थी, “आह… प्रेम… मत रुको।”
मैंने उसे सोफे पर लिटाया और उसकी नाइटी उतार दी। उसका नंगा जिस्म मेरे सामने था। मैंने उसके होंठों से शुरू किया और धीरे-धीरे नीचे की ओर बढ़ा। उसकी गर्दन, उसके कंधे, फिर उसके परफेक्ट ब्रेस्ट्स। मैंने उन्हें चूमा, चूसा, और वो पागल हो रही थी। “आह… प्रेम… और जोर से…” वो बार-बार कह रही थी।
मैंने उसकी जांघों के बीच जगह बनाई और उसे चूमना शुरू किया। उसकी सिसकारियां अब चीखों में बदल रही थीं। “प्रेम… प्लीज… मुझे और चाहिए…” मैंने उसे वो सुख दिया, जो उसने पहले कभी नहीं लिया था। वो बार-बार मेरे बाल खींच रही थी, मेरे कंधों को नोच रही थी।
करीब आधे घंटे बाद वो थककर चूर हो गई। उसने कहा, “प्रेम, तुमने मुझे जन्नत दिखा दी। मैंने ऐसा कभी फील नहीं किया।” मैंने कहा, “अभी तो शुरुआत है।”
उसने मुझे बेडरूम में खींच लिया। वहां उसने मेरे कपड़े उतारे और मेरे जिस्म को चूमना शुरू किया। उसकी हर हरकत में एक जुनून था। वो मेरे सीने से नीचे की ओर बढ़ी, और फिर… उसने मुझे वो मजा दिया, जो मैंने पहले कभी नहीं लिया था।
रात भर हम एक-दूसरे में खोए रहे। हर बार वो और प्यासी होती गई, और मैं उसकी हर ख्वाहिश पूरी करता गया। सुबह जब हम थककर बिस्तर पर पड़े थे, उसने कहा, “प्रेम, मुझे तुम कभी मत छोड़ना। मैं तुम्हें हर वो चीज दूंगी, जो तुम चाहोगे। बस मेरी इस प्यास को हमेशा बुझाते रहना।”
कहानी जारी है……