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मम्मी को मिला दो लोड़ो का मजा-3

Mummy ko mila do lodo ka maza-3

में सोने का नाटक करने लगा और उसके बाद मेरे चाचा और अनिल मेहमानों के कमरे में चले गये, लेकिन कुछ देर बाद मैंने उन दोनों को मेरी मम्मी के रूम की तरफ जाते हुए देखा और फिर उन्होंने अंदर जाते ही तुरंत रूम को अंदर से बंद कर लिया. अब उनके अंदर जाते ही मैंने भी तुरंत अपने बिस्तर से उठकर उस छेद से अंदर झाककर देखा कि अब वो दोनों अपने कपड़े उतार रहे थे और मेरी मम्मी उनके सामने नंगी बेड पर लेटी हुई थी. तभी मेरे चाचा का दोस्त उनसे कहने लगा कि यार नरेश तेरी भाभी तो जैसा तूने मुझे बताया था, उससे भी ज्यादा मस्त है, इसके साथ सेक्स करने की तो बात ही कुछ और होगी, बड़ा आज मज़ा आएगा.

अब चाचा बोले कि तू पहले इसको एक बार चोद तो ले. उसके बाद तुझे इसकी खासियत का पता चलेगा, तूने ऊपर से देखा है अंदर से नहीं ऐसी मस्त मज़े देने वाली चूत तूने कभी नहीं देखी होगी.

अब मम्मी उन दोनों की बातें और अपनी इतनी तारीफ सुनकर खुश होकर ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी और उसी समय उठकर मम्मी ने अनिल के लंड को अपने एक हाथ में लेकर सहलाना शुरू किया तो वो उनके नरम हाथ के स्पर्श को पाकर और भी तनकर खड़ा हो गया. फिर मम्मी ने तुरंत उसके लंड को अपने मुहं में ले लिया और वो चूसने लगी और इस समय चाचा ने मम्मी को कमर से पकड़कर कुतिया की तरह कर दिया और उन्होंने अपने लंड पर थूक लगाकर मम्मी की चूत में अपने लंड को डाल दिया, जिसकी वजह से लंड धीरे धीरे फिसलता हुआ मम्मी की चूत में पूरा अंदर चला गया और अब उन्होंने मम्मी को लगातार धक्के देकर चोदना शुरू कर दिया और मम्मी अनिल के लंड को चूसे जा रही थी.

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कुछ देर के बाद मम्मी ने चूसना बंद कर दिया और वो बोली कि नरेश तुम बेड पर लेट जाओ. अब चाचा उनके कहते ही तुरंत बेड पर अपनी पीठ के बल लेट गये और मम्मी उनके ऊपर लेट गयी और उन्होंने अपने हाथ को बीच में डालकर चाचा के लंड को अपनी चूत में डाल लिया और वो अपनी कमर को हिलाने लगी. फिर कुछ देर में चाचा का लंड उनकी चूत में बहुत आराम से जा रहा था.

अब मम्मी ने अपने दोनों हाथ पीछे लाकर अपने कूल्हों को हाथ से फैलाया, जिसकी वजह से उनकी गांड का छेद खुलकर बाहर आ गया. उन्होंने कहा कि अनिल तुम अपना लंड मेरी गांड में डाल दो, लेकिन थोड़ा सा ध्यान से करना मुझे इसकी आदत नहीं है और में अपनी गांड में किसी का लंड आज पहली बार ले रही हूँ.

अब अनिल यह बात सुनकर तुरंत उनके ऊपर आ गया और उसने अपने लंड के टोपे को मम्मी की गांड के छेद पर रखकर हल्के से अंदर की तरफ दबाया, जिसकी वजह से उसका टोपा अंदर चला गया, लेकिन मम्मी उस दर्द से एकदम से बिलबिला उठी, उनको बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था, लेकिन फिर भी अनिल ने अपने लंड और ज़ोर लगाकर अंदर किया. फिर मम्मी की अब बहुत ज़ोर से चीख निकलने लगी, ऊऊह्ह्ह आह्ह्ह् प्लीज अनिल अब बस करो बाहर निकाल लो इसको यह नहीं जाएगा, आईईईई इसका आकार बहुत मोटा है, प्लीज तुम अब हट जाओ मेरे ऊपर से आह्ह्हह्ह में मर जाउंगी और अब मम्मी दर्द से छटपटाते हुए उठने की कोशिश करने लगी, लेकिन नीचे से चाचा ने मम्मी को बहुत मजबूती से पकड़ रखा था, इसलिए वो उठ ना सखी और उनकी वो कोशिश मुझे नाकाम होती दिखाई दे रही थी और ऊपर से अनिल ने मम्मी की कूल्हों को और ज्यादा फैलाकर वो अपना लंड मम्मी की गांड में दबाता चला गया, उसको मम्मी के दर्द से कोई भी मतलब नहीं था.

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उस असहनीए, जोरदार दर्द की वजह से मम्मी के मुहं से अब उनकी आहें निकलना शुरू हो गयी थी और फिर अनिल का पूरा लंड मम्मी की गांड में चला गया तो उसने अपने लंड को थोड़ा सा बाहर निकाला और इस बार दोबारा से डाल दिया, बहुत देर तक वो मम्मी की गांड में अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करता रहा, तब जाकर मम्मी की गांड थोड़ी सी ढीली हुई. अब नीचे से चाचा ने भी अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया और ऊपर से अनिल ने भी अपनी स्पीड को पहले से तेज कर दिया. दोस्तों मैंने देखकर महसूस किया कि मम्मी उन दोनों के बीच में कभी दर्द से तो कभी मस्ती में सिसकियाँ भर रही थी.

फिर कुछ देर के बाद अनिल का पूरा शरीर अकड़ने लगा और वो मम्मी की पीठ पर लेट गया और तब में तुरंत समझ गया कि वो झड़ रहा है और उसका वीर्य मम्मी के गांड में गिर रहा है. कुछ देर तक अपने लंड को मम्मी की गांड में रखने के बाद उसने बाहर निकाला. फिर मैंने ध्यान से देखा कि उसके निकलने के कुछ देर तक भी मम्मी की गांड का छेद खुला ही रहा, जिसमें से उसका वीर्य बहता हुआ बाहर आ रहा था. फिर अनिल अब मम्मी के मुहं के पास आ गया था, मम्मी ने उसके लंड को पकड़कर अपने मुहं में लेकर उसको चाटना शुरू किया और अच्छी तरह से साफ कर दिया और इधर चाचा भी झड़ रहे थे.

फिर उन्होंने मम्मी को कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और वो मम्मी के होंठो को चूसने लगे. फिर कुछ देर बाद मम्मी उनके ऊपर से हटी और वो उठकर सीधा बाथरूम की तरफ जाने लगी. तब मैंने देखा कि उनसे अब ठीक तरह से चला भी नहीं जा रहा था, वो अपने दोनों पैरों को फैलाकर बहुत अजीब तरह से चल रही थी, जिसकी वजह से उनके कूल्हे पूरे खुल गये थे और उनके हर कदम काँप रहे थे. जब मम्मी कुछ देर बाद बाथरूम से निकलकर वापस आई तो वो दोनों उस समय बेड पर लेटे हुए थे और अब मम्मी भी उन दोनों के बीच में जाकर ऐसे ही लेट गयी.

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अब’ उसी समय तुरंत अनिल ने उठकर मम्मी की चूत को चाटना शुरू कर दिया, वो उसकी चूत को अपने हाथ से फैलाकर कुत्ते की तरह चपड़ चपड़ करके चाटने चूसने लगा और मम्मी पड़ी हुई उससे अपनी चूत को साफ करवाती रही. फिर उनके ऐसा करते देख मेरे चाचा ने मम्मी के बूब्स से खेलना उनको चूसना, दबाना शुरू कर दिया और मम्मी बेड पर पड़ी हुई आहें भरने लगी. दोस्तों उस रात को मम्मी की एक बार और बहुत जमकर मस्त चुदाई हुई, जिसके बाद में अपने कमरे में सोने चला गया और उसके बाद अंदर क्या हुआ मुझे नहीं पता, लेकिन हाँ दोस्तों अगले दो दिन में तो उन दोनों ने मेरी मम्मी को बिल्कुल रंडी की तरह बहुत बार जमकर चोदा.

//समाप्त//