हिंदी सेक्स स्टोरी

ननद भाभी संग चुदाई की कहानी-2

Nanand Bhabhi sang Chudai ki Kahani-2

हेलो दोस्तो अब आपके लिए ननद भाभी का लास्ट पार्ट लेकेर आपका राज शर्मा हाज़िर है वा सूपदे को चाटने के साथ मुझे देखते बोली, “कैसा लग रहा है राजा.” “ओह माया बता नही सकता रानी रूको नही छातो.” “लो मज़ा राजा. मुझे जवान मर्द के साथ खेलने मैं बहुत मज़ा आता है. जब मैं और मीना मिलकर चाटेंगे तू और मज़ा आएगा. हाए क्या मस्त लंड है. अगर 60 साल की छूट मैं डाला जाए तू कसा होगा. मीना आ जाए तू उसे भी चत्वौुनगी. मेरे ससुर इसीलिए तू मेरे पीच्चे कुत्ते की तरह लगा रहता है. उससे डरना नही. साले के लंड पर तू पेशाब भी नही करूँगी. तुम उसके सामने भी आना साला मज़ाल नही जो कुच्छ कहे.” सूपदे को जीभ से चटवाने मैं वा मज़ा आ रहा था की बस लेते- लेते चत्वाते रहने को मॅन था. ऐसा मज़ा कभी नही मिला था. माया मेरी तड़प को समझ गयी थी. चूड़ी-चुदाई ने इतने मैं वा मज़ा दे दिया था जो कुँवारी मीना ने छुड़वाने के बाद भी नही दिया था. मैं नीचे से लंड उठा-उठा माया के मुँह मैं घुसा चटवा रहा था.

तभी मीना भी केवल स्कर्ट पहने आई अनार सी चूचियों को नंगी किए अंदर आई. उसके आते ही माया ने लंड को मुँह से बाहर किया तू मज़ा खराब हुवा. जवानी से भारी मीना की कड़ी-कड़ी चूचियों को देख लहरा गया. मीना के आते ही माया मेरे मस्त लंड को पकड़ अपनी ननद से बोली, “मीना तुमने तू कमला कर दिया. हाए. तुम्हारे यार का तू घोड़े सा है. मुझे भी खूब मज़ा आएगा. मीना यह हम लोगो के घर पहली बार आए हैं इसलिए पूरा मज़ा देना है. मैने कह दिया है की रोज़ आए.” मीना केवल स्कर्ट मैं बहुत ही नशीली लग रही थी. मेरे हेवी लंड को देख दोनो मस्त थी. मीना पास आ बोली, “भाभी अच्छा है ना मेरे यार का.” “बहुत मेरी प्यारी ननद जी.” “मैने कहा था ना की मेरे यार का देखते ही आप मस्त हो जाएँगी.” “हन मीना हंदोनो को इनको खूब मज़ा देना है. तुम अभी नादान हो, मर्द को खुश करना मुझसे सीख लो.” माया मेरे लंड को हिलती बोली. माया की इन हरकटो को देख अब मैं मीना की कसी छूट को भी भूलता जेया रहा था. मीना पास आ रात भर अपनी छूट को छोड़कर फाड़ने वेल लंड को देखती बोली, “जी भाभी मुझे सिखाइए.” “सब बतौँगी.” और पुर लंड पर हाथ फेर बोली, “और छाते.” “ओह माया बहुत मज़ा है, और छातो.” “ठीक है अब मैं और मीना अपने तरीके से तुमको जवानी का मज़ा देंगे.

अभी तुमको औरत के साथ मस्ती से मज़ा नही मिला है केवल छोड़ना ही जानते हो. राजा छूट तू सभी छोड़ते है पर जन्नत की करवाकर चखाएँगे तू मस्त हो जाओगे.” मेरे बदन का रोया-रोया खड़ा हो गया था. मीना अपनी कसी-कसी चूचियाँ को ताने पास ही खड़ी थी. उसके आने से मज़ा और मिलने लगा था. मैं माया का दीवाना होई उसकी चूचियों को पकड़े था. रात मैं दमदार चुदाई से मीना को अपने काबू मैं कर लिया था तू इस समय माया ने लंड को चाटकार मुझे अपने काबू मैंकर लिया था. वा मीना से बोली, “अब तुम मेरे बताए तरीके से मज़ा लॉगी.” “ठीक है भाभी.” “आओ राजा कुर्सी पर बैठो. अब देखना दोनो से तुम्हारी जवानी को कैसा मज़ा आता है.” एक साथ दो छूट पा बहुत खुश था. बिस्तर से उठा और दोनो की छ्होटी और बड़ी चूचियों को देखता कुर्सी पर बैठ गया. पैर फैलाकर बैठा तू लंड सीधा खड़ा हो गया. सूपड़ा गुलाबी था और लंड मैं 440 वॉल्ट करेंट दौड़ रहा था. दोनो को सामने खड़ा देख मैं सातवे आसमान पर था. मुझे चेर पर बिताने के बाद माया ने मीना के कान मैं कुच्छ कहा तू मीना मुस्काराकार मेरे पास आई और मेरे लेफ्ट पैर के पास बैठती मेरे लंड को पकड़ बोली, “राजा मुझे भी चताओ.” मीना की बात से मैं बेहोश सा होने लगा. उसने लंड पकड़ कर तू जन्नत मान ही पहुँचा दिया था.

तभी माया रिघ्त साइड मैं आ उसी तरह लंड पकड़ बोली, “राजा मुझे भी चताओ.” मैं गदगद हो गया. आज तक जो मज़ा दूसरी छूट वालीयो को छोड़कर लिया था, इस मज़े के आयेज बेकार हो गया. एक साथ दो हाथ मैं लंड दे खुश हुवा तू माया ने कहा, “राजा जब हंदोनो एक साथ चाटेंगे तू बहुत मज़ा आएगा. तुम हदोनो की एक-एक चूची को पकडो और जब छाते तू मसलना.” अब मेरे एक हाथ मैं मीना का अनार था तू दूसरे मैं माया का पपीता जिसे मैं मसल रहा था और वी दोनो एक-एक हाथ से लंड पकड़ एक साथ चाट रही थी और दूसरे हाथ से मेरी राणो को सहला रही थी. माया बीच-बीच मैं अपनी ननद को लंड चाटने के अंदाज़ बता रही थी. दो को एक साथ चटवाने मैं अनोखा मज़ा था. मैं अब तेज़्त् से दोनो की दोनो चूचियों को दबाता-मसलता काँटा नाथ की बहू- बेटी के साथ उसी के घर मैं मज़ा ले रहा था. दोनो बड़े प्यार से एक साथ मेरी राणो पर हाथ फेरती पुर लंड को जीभ चला-चला छत रही थी, जैसे कोई चाट के पत्ते को चाट्ता है. दोनो को भी मज़ा आ रहा था और उनका चेहरा लाल हो गया था. दोनो एक साथ जीभ को जोरकर ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर लाती तू लगता की झार जाएगा. यह मज़ा मेरे लिए नया था. तभी माया ने मुझे नशीली आँखो से देखते पूचछा, “मज़ा आ रहा है.” “हन रानी बहुत.” “हम लोगो को भी तुम्हारा चाटने मैं बहुत मज़ा आ रहा है.

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राजा अब खड़े होकर चटवओ.” मैं कुर्सी से उतार कर दोनो के सामने खड़ा हो गया. लंड एकदम रोड की तरह सीधा खड़ा था. दोनो लंड को मुठ्ठी मैं ले चाटने लगी. खड़े होकर चटवाने से और मज़ा मिला. तभी माया मेरे लंड को दबा बोली, “खड़े रहो राजा अब मैं मीना को चाटती हून.” इतना कह माया मेरे पीच्चे आई और मेरी पीठ से अपनी चूचियों को दबाती राणो को मेरे चूतदसे लगा पीच्चे से हाथ आयेज लाई और लंड को पकड़ बोली, “मीना.” “हन भाभी.” “अब मैं राजा का मज़ा तुमको दिलवती हून. लो मज़ा.” “जी भाभी.” फिर माया मेरे लंड को सहला सहला मीना को चटवाने लगी. इस अंदाज़ से तू मई मस्त हो गया. एक हाथ से पकड़ दूसरी को चटा रही थी. “मज़ा है राजा.” “हाए माया बस करो नही तू निकल जाएगा.” “क्या मस्त लंड है राजा. बहुत मज़ा आ रहा है. तोड़ा सा और मज़ा मुझे दो.” “लो ना रानी.” मैं बात करते हुवे मज़े की वजह से आँख बंद कर लेता था. इस तरह से दोनो ननद-भाभी मेरे लंड को चाट-चाट कर मज़ा ले रही थी.

मैं पड़ोसी का फ़र्ज़ निभा रहा था. इतना मज़ा आ रहा था की छोड़ने को मान ही नही हो रहा था. तभी माया उसी तरह से अपनी ननद मीना को लंड चुसती बोली, “कल रात मीना की तुमने छोड़कर फाड़ दी है.” “फटत गयी?” “हन राजा देखो तुम्हारा कितना मोटा है. क्यों मीना तुम्हारी छूट फटी है ना?” “हन भाभी थोड़ी सी फटी है.” “मुझे लग रहहै ये आज मेरी भी फारेंगे. हाए कितना अलबेला लंड है. ऐसा तू कभी नही देखा.” 8-10 बार और चटवाने के बाद माया बोली, “बस मीना अब रुक.” फिर माया सामने आ मीना की पतली कमर मैं हाथ डाल उसे मेरे सामनेसीधा खड़ा करती बोली, “राजा अब तुम इसकी चूचियों को दब्ाओ और मीना तुम स्कर्ट उतारकर राजा के लंड को अपनी राणो के बीच दबा राजा से चिपक कर खड़ी हो जाओ.” फिर मीना ने जो अप्ञास्किर्ट खोला तू उसकी झाँते सॉफ की गयी रात जमकर चूड़ी 18 साल की छूट को देखते ही मैं बेचैन हो उसकी दोनो खड़ी-खड़ी चूचियों को बेताबी से इतनी ज़ोर से दबाने लगा तू मीना सिसक गयी. माया मेरे लंड को पकड़ अपनी ननद की चिकनी-चिकनी मांसल जाँघो के बीच कर मीना की जवान छूट से संगम करती बोली, “राजा इसकी चूचियों को मस्लो. इतना लंबा है की सूपड़ा इसके चूटर के पीछे तक आ गया है. अब मैं पीच्चे से चाटूँगी.

देखना इस बार तुम्हारा पानी निकल जाएगा.” अब मीना मेरी कमर मैं हाथ डाल अपनी चूचियों को मसलवा रही थी और मैं लंड को मीना की राणो के बीच से डाले था जिसे पीच्चे से माया चाट रही थी. राणो मैं घुसे लंड से लग रहा था की किसी छूट मैं घुसा हो. माया तू सच ही नये-नये अंदाज़ से भरपूर मज़ा दे रही थी. इस तरह मीना को नंगी चिपकाने का मज़ा ही कुच्छ और था. मैं उजाले मैं के 18 साल के नंगे बदन की खूबसूरती को देखता उसकी छूट को लंड से रगड़ता उसकी संतरे सी गोल-गोल चूचियों को मसल रहा था. उसकी भाभी माया पीच्चे से रसगुल्ले की तरह मेरे लंड के सूपदे को मुँह मैं लेकर चूस रही थी. मैं खो चुका था. माया चाटने के बजाए लंड को चूस रही थी. मीना मेरे और अपनी भाभी के बीच फाँसी चुपचाप अपनी चूचियों को मसलवा रही थी. माया मेरे लंड को चूस्टी मीना की गांद भी सहलाते हुवे कभी-कभी चाट लेती थी. बिना छोड़े ही झड़ने वाली पोज़िशन मैं आया था. तभी माया ने कहा, “राजा अब तुम ज़रा मीना की चूचियों को मुँह मैं लेकर पियो.” मैं तू उसकी हर बात मान रहा था. तभी मीना ने भी कहा, “हाँ हन मुँह से चूस्कर पियो.” तू मैं झुक कर उसकी एक चूची को मुँह मैं लेकर दबा-दबा पीने लगा. 5-6 बार ही चूचियों को मुँह सेचूसा था की माया ने सूपदे को कसकर मुँह से चूसा तू मैं मीना को कसकर दबाते हुवे झरने लगा. ग़ज़ब की प्यासी औरत थी माया.

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मैं हाए-हाए करता झरने लगा और माया मेरे लंड की रस-मलाई को पीने लगी. उसने लंड को मुँह से बाहर नही किया था. उसने मेरे चूतड़ पर हाथ लगा मुझे अपनी ऊवार कसकर दबा लिया था और मीना बीच मैं फाँसी थी. मेरे हातूस्की चूचियों पर थे. झारकर अलग हुवा तू माया मेरे लंड की मलाई को पीटी हुई बोली, “श राजा बहुत टेस्टी था तुम्हारा लंड.” तू मीना बोली, “भाभी तोड़ा सा मुझे भी पीला देती.” “पगली कल रात भर चुडवाया और लंड का पनिभि नही पिया, चल कोई बात नही अब तू बराबर आना है इनको. तुझे भी पीला दूँगी. चल अब हटो. तुम्हारी छूट ने पानी फेंका?” हन दीदी झार गयी है.” “जेया छूट को कपड़े से पूच . मज़ा लेना सीख लो. ला अपना सकर्टेड तू लंड को पूच डू.” फिर माया मीना के स्कर्ट से मेरे लंड को सॉफ करने लगी. आज एक साथ दो चुदसी छूट के साथ मेरी जवानी मस्त थी. अब मुझे मीना के कुंवारे बदन से ज़्यादा मज़ा उसकी चूड़ी भाभी के साथ आ रहा था. लंड को पूच माया अपनी ननद की रात मैं छोड़कर फैलाई गयी छूट को देखती बोली, “क्यों मीना रात को छुड़वाने के बाद राजा का लंड पूचछा था?” “नही भाभी.” “पगली जब लंड से पानी निकले तू अपने हाथ से पूच कर सॉफ कर दिया करो.” फिर माया मेरे लंड को पूचहति मेरी ऊवार देख मुस्कराने लगी. भाभी लंड को पूच रही थी और ननद देख रही थी. मीना पूरी नंगी थी पर माया अभी पेट्तीकोत पहने थी. माया की इस हरकत से मस्त हो उसकी चूड़ी छूट देखने के लिए बोला, “हाए माया पेट्तीकोत खोल दो.” “पहले बताओ मज़ा आया.” “हाए बहुत माया.” “धीरे-धीरे मीना भी सीख जाएगी.

उसे भी सीखा रही हून.” “हन रानी.” मैं और मीना नंगे थे. माया लंड को सॉफ करने के बाद अपनी छूट को मीना के स्कर्ट से पूचहति बोली, “राजा अब बिस्तर पर लेतो.” मैं फ़ौरन बेड पर लेता तू माया मेरे सर के पास बैठी और मेरे सर को अपनी रान पर रख मेरे गाल पर हाथ फेरती बोली, “सच राजा इतना मस्त लंड है की मज़ा आ गया. अब इस घर मैं रोज़ आना. क्यों मीना रोज़ बुलाओगी ना?” “हन भाभी अब इनको रात मैं अपने कमरे मैं ही सुलाया करेंगे.” “पर मीना पापा भी तू हैं घर मैं.” “पापा को गोली मरो भाभी, भाभी आप पापा को दिन मैं अपनी चत्वक्र ठंडा कर दिया करना फिर रात भर मेरे यार का लंड अपनी छूट मैं डलवाकर सोना. हाए भाभी जब तक भयया नही आते इनको ही अपना पति बनाओ.” मैं दोनो की मस्ती से भारी बात सुन खुश हो बोला, “रोज़ अवँगा, हाए अपनी छूट दिखाओ.” मीना मेरे सामने बैठी थी. दो छूट वालीयो को देखकर मस्त था. माया की चूचियों को पकड़ बोला, “उतार दो ना.” “उतार देती हून राजा पर मेरी मीना जैसी लड़कियों वाली नही होगी. मेरे मैं तुम्हारा आराम से चला जाएगा लेकिन मज़ा आएगा.” “मीना तू रात भर की ताकि है. तुम दिखाओ ना.

जाओ मीना तुम आराम करो जाकर.” मेरी बात सुन मीना घबरा गयी और जल्दी से बोली, “नही-नही ताकि नही हून.” “अरे जाओ ना तोड़ा आराम कर लो.” तब माया बोली, “राजा रहने दो इसे भी. इसे मज़ा देना सीखौँगी. लंड को तैय्यर होने दो.” (राइट मे अट इक़्षाहिद92@य…) मैं माया की चूचियों को पकड़ते बोला, “अब तुमको छोड़ूँगा.” माया मेरी बात से खुश हो मुझे कसकर भींच बोली, “मुझे ही छोड़ना पर इसे भी साथ रहने दो. बोलो चूचियों को पीते हो?” “हन.” “छूट भी चाटते हो.” “हन रानी.” “क्यों मीना रात मैं तुम्हारी चटा था?” “हन भाभी बहुत मज़ा आया था.” “ठीक है तू जेया किचन से शहद ले आ.” मैने उसकी घुंडी को मसल पूचछा, “शहद क्या होगा रानी?” “तुम अभी नही समझोगे. जाओ मीना शहद लेकर आओ.” मीना उठकर चली गयी तू माया ने कहा, “राजा शहद लगा-लगा कर चाखौँगी और चखूँगी.

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किसी भी छूट मैं जब शहद लगाकर छातोगे तू मज़ा आएगा और छूट के पानी से जीभ भी नही खराब होगी. और छोड़ने मैं कसा- कसा जाएगा. वैसे चूचियाँ तू मीना की पीने वाली है. मेरी तू ढीली हैं.” “हाए रानी उसकी बात ना करो. मुझे तू तुम्हारे साथ मज़ा आ रहा है.” माया मेरी बात सुन खुश हो बोली, “मुझे ही छोड़ना पर मीना के साथ. जिस तरीके से चड़वौनगी, उससे तुमको वो मज़ा मिलेगा जो कभी नही पाया होगा. एक साथ टाइट और लूस छूट का मज़ा लो.” और मीना के आने तक वा मज़ा लेने के बारे मैं बताती बोली, “राजा जब एक साथ दो छूट का मज़ा लो तू एक को नंगी रखो और दूसरी को आधी नंगी. जब पेट्तीकोत उठा-उठा दिखौँगी तू मज़ा आएगा. मैं खुद ऊपर आ चड़वौनगी. पुर लंड से छोड़ना.” तभी मीना शहद की शीशी लेकर आई तू माया ने मीना की और अपनी चूचियों पर शहद लगाया और मेरे सामने खड़ी हुई.

मैने दोनो की चूचियों को जो जीभ से चटा तू मीठा मज़ा मिलने के साथ ही लंड एकदम से खड़ा हो गया. फिर माया शहद मुझे दे बोली, “राजा अब अब अपने हाथ से शहद को हम दोनो की छूट पर लगाकर जितना चाट सको चाट लो. पहले मीना की छातो.” मैं फ़ौरन मीना की फैली टॅंगो के बीच आया और अपने लंड को झटके देता उसकी छूट पर शहद डाल चाटने लगा तू मैं झूम गया. बहुत मज़ा आया मीठी छूट चाटने मैं माया मीना को छूट चटवाने के तरीके बता रही थी. मीना बेचैनी के साथ हाथ से छूट के फाँक फैला जीभ को च्छेद मैं डलवा चटा रही थी. तभी माया अपने पेट्तीकोत को उतार अपनी बड़ी और चूड़ी छूट को undefined दिखती बोली, “अब मेरी छातो राजा.” तब मैं माया की गुलाबी छूट पर शहद लगा उसकी चाटने लगा. जब मेरी जीभ माया की छूट मैं घुसी तू माया टाँग उठा-उठा चत्वती बोली, “हाए मेरे राजा हाए मेरे सैंया. मेरी ननद के यार छातो हाए पेच्चे से छातो.” और वा पलट कर चूटर की ऊवार से पेट्तीकोत उठा डॉगी स्टाइल मैं छूट को चटवाने लगी तू मैं मीना कुँवारी छूट को भूल गया. तभी माया बोली, “अब छोड़ो राजा.” “तोड़ा और चटवओ हाए.” “मेरा मज़ा खराब हो जाएगा. शहद लगाओ.” तू मैं फ़ौरन माया की छूट पर शहद लगा बेड पर लेट गया.

मेरा लंड ऊपर की ऊवार सीधा खड़ा था. फिर माया ने मीना को मेरे चेस्ट पर दोनो पैरो को इधर-उधर कर के बिताया और बोली, “मीना तुम अपनी छूट पर शहद लगाकर राजा को छूट चताओ मैं राजा का लंड अपनी छूट मैं लेती हून. मेरे साथ मज़ा लो ऐसा अकेले नही मिलेगा.” तब मीना ने अपनी छूट पर शहद लगाकर उंगली से फैला मेरे मुँह के पास किया और पीच्चे माया ने टाँग फैला छूट के च्छेद को मेरे लंड पर बैठी तू तू जैसे ही सतत से लंड छूट मैं गया वैसे ही मेरी जीभ मीना की कसी छूट मैं जा घुसी और मीना बोली, “हाए भाभी खूब मज़ा आ रहा है.” तभी धक्के लगा पुर लंड को अंदर ले माया ने मुझे पागल कर दिया. शहद लगा होने से माया की छूट कस गयी थी वही मीना की छूट का स्वाद भी मीठा हो गया था. माया हाथ आयेज ला मीना की चूचियों को पकड़ बोली, “दो का मज़ा लो एक साथ लो तुम दोनो. हााययययई.” अब मैं दो छूट का मज़ा एक साथ लेने लगा.