नेहा दीदी की नंगी चूत 1
Neha didi ki nangi chut-1
हाय दोस्तो!!
कैसे हैं, आप…
मैं रवि आपकी सेवा में मेरी दूसरी कहानी ले कर हाजीर हो गया हूँ…
स्वाती दीदी की चुदाई करने से मैं बहुत थक गया था!! चुदाई का ये मेरा पहला दिन था, दूसरे दिन मैं जरा देर से ही उठा।
मैंने देखा की हमारे कमरे में सिर्फ़ मैं ही अकेला सो रहा था!!
नेहा दीदी और स्वाती दीदी तो मेरे पहले ही उठकर बाहर चली गई थीं।
मैं उठकर जैसे ही दूसरे रुम में गया, तो मेरी नजर स्वाती दीदी पर पड गई।
मैंने शर्माकर नज़रें झुका लीं और मैं कुछ ना बोला।
फिर थोडी देर बाद मैं दोस्तो के साथ घुमने चला गया।
वहां से मैं 1 बजे घर लौट कर आया तो स्वाती दीदी खाना खा रही थीं।
मैं भी उनके साथ खाना खाने बैठ गया। खाना खाने के बाद, दीदी हमारे बेडरुम में चली गईं।
घर में माँ नहीं थी और पापा भी ओफ़ीस चले गये थे। भैय्या काम पर गया था और नेहा दीदी कपडे धो रही थीं… …
स्वाती दीदी के पीछे-पीछे मैं भी बेडरुम में चला गया।
दीदी का मुँह सामने की ओर था; मैंने देर ना लगाते हुये पीछे से उनके मम्मे पकड लिये!! !!!
वो कसमसाकर बोलीं – रवि, क्या कर रहा है, तु…?? ये सब रात में!! दिन में कुछ भी नहीं; हाँ…
मैं उनके मम्मे मसलते हुये कहा – नहीं दीदी, अब ये मजा मैं हर वक्त लुंगा और मुझे ये भी मालुम है की तुम भी मना नहीं करोगी…
मैं उनके मम्मे जोर-जोर से रगडने लगा!!
दीदी ने मेरे हाथ ऊपर से पकड लिये; मगर उस में विरोध बिल्कुल भी नहीं था और मैं दीदी को चूमने लगा!!
वो भी मुझे पागलों की तरह चूमने लगीं।
लगभग ये चुमा-चाटी 10 मिनट तक चलती रही और मेरा लण्ड कडक हो गया।
वो जल्दी से जल्दी दीदी की चूत में समा जाना चाहता था।
फ़िर मैंने दीदी को बिस्तर पर लिटा दिया और बिल्कुल रात की तरह उनके दोनों टांगों के बीच में बैठ गया।
रात में दीदी ने जैसा सिखाया था; अब मैं बिल्कुल वैसा ही कर रहा था… …
दीदी ने आज मिडी-स्कर्ट पहना था और अन्दर नीले रंग की पैंटी पहन रखी थी।
मैंने अपना लण्ड दीदी की चूत पर लगा दिया और बस धक्का लगाने वाला ही था की दीदी ने नीचे से धक्का लगा दिया।
एक ही पल में मेरा लण्ड दीदी की चूत के अंदर जा चुका था!!!
मैं मेरा लण्ड दीदी के चूत के अंदर ही रखकर उनके मम्मे मसलने लगा।
दीदी ने मेरी कमर पकड ली और नीचे से धक्के लगाने लगीं।
मुझे बहुत मजा आ रहा था… …
जब मेरा लण्ड दीदी की चूत के अंदर घुस रहा था तो फ़च-फ़च की बड़ी ही मजेदार आवाज आ रही थी। लेकिन उस से ज़्यादा मदहोश मुझे दीदी की मादक आवाज़ें कर रहीं थीं… दीदी बहुत धीरे-धीरे सिसकारियाँ ले रहीं थीं – आहह अहह अहः… आ अ उफ़… हाँ हाँ हाँ… ऐसे ही मेरे भाई; ऐसे ही… ओह माँ… मर गई रे… आह्हह आहह अहह अहः… आ आ अ अ… ऊंह… ईश इस्स…
इसी अवस्था में तकरीबन 15 मिनट तक चोदने के बाद दीदी ने मुझे अपने से दूर हटा दिया और मेरे कुछ भी समझने के पहले ही दीदी बेड पर मुँह के बल लेट गईं और मुझे बोलीं – अब मुझे पीछे से चोदो!!
मैं फ़िर एक बार मुश्कील में पड गया; पीछे से कैसे चोद्ते हैं, ये मुझे मालुम नहीं था:
मैं बोला – दीदी, पीछे से कैसे चोदूँ…?? आप ही बता दो, ना प्लिज…
तो दीदी ने अपनी कमर थोडी ऊपर उठा ली और मैंने देखा; दीदी की चूत पीछे से भी बिल्कुल साफ़ नजर आ रही थी।
मैंने तुरंत ही अपना लण्ड पीछे से दीदी की चूत में डाल दिया!!
क्या बताऊँ यारो, मुझे कितना मजा आ रहा था… … …
मैं दीदी के मम्मे भी मसल रहा था और बिना रुकावट के दीदी को चोद भी रहा था!! अब मुझे रात से भी ज्यादा मजा आ रहा था!! !!!
दीदी की चूत बहुत गीली हो गई थी… !!!
लगभग हम लोग 45 मिनट तक चुदाई करते रहे।
उसके बाद हम दोनों थक गये।
दीदी बोलीं – दिखने में तो सचिन तुझसे बडा दिखता है; लेकिन तेरे लण्ड में बहुत ताकत है। उससे बहुत ज्यादा पावरफ़ुल है!!
मैं कुछ भी ना बोला।
अब तक हम दोनों ठंडे पड गये थे।
फिर थोडी देर बाद नेहा दीदी ने स्वाती दीदी को आवाज लगा दी और दीदी कपडे ठीक करके; बाहर चली गईं।
कहानी जारी रहेगी… … …
दोस्तो, ये मेरी सच्ची कहानी है।
आपको कैसी लगी…?? मुझे मेल करना ना भूलें…
मुझे आपके मेल का इंतजार रहेगा।
तब तक सलाम, नमस्ते।
धन्यवाद मस्त कामिनी जी और सभी पाठकों… … …