पड़ोसी की चुदाई

पड़ोस की हॉट लड़की की इज्जत बचाई तो खुद उसने मुझे अपनी इज्जत दी-1

नमस्कार दोस्तों, मैं अक्षदीप आप सभी का HotSexStory.xyz में स्वागत करता हूँ. ये मेरी दूसरी कहानी है. मैं आपको बताना चाहूँगा की मैं HotSexStory.xyz का बहुत बड़ा प्रसंशक हूँ. रोज रात में मैं यहाँ की मस्त मस्त कहानियाँ पढता हूँ. तो आप पाठकों को अपनी कहानी पर लेकर चलता हूँ. ये कुछ हफ्ते पहले की ही बात है. मैं शाम को साइकिल से कोचिंग पढ़ कर घर की तरह लौट रहा था. तभी मैंने वर्षा भार्गव को देखा. वर्षा मेरे ही मोहल्ले में रहती है. कुछ लडके उसको छेड रहे थे और भद्दे भद्दे मजाक कर रहे थे. वहां कुल ३ शोहदे थे जो वर्षा के साथ छेड़ छाड़ कर रहे थे.

‘ऐ!! चूत देगी क्या??? कबसे तेरे घर के चक्कर काट रहे है, अब तो मान जान रानी!! दे दे ना! अपने यार से तो खूब चिपकती है. हममे क्या कांटे लगे है??’ वो लड़के तरह तरह से वर्षा पर भद्दी भद्दी कमेंट्स कर रहे थे. मैंने उसे देखते ही तुरंत साइकिल रोक दी. ‘अक्षदीप !!! बचाओ मुझे!! अक्षदीप बचाओ !! ‘ वर्षा मुझे देखकर चिल्लाने लगी. मैं उन लड़को का सामने करने लगा और वर्षा को छोड़ने के लिए कहने लगा. एक लड़के ने चाक़ू निकाल लिया और मुझे मारा, जो मेरे हाथ में लग गया. तब भी जब मैं नही भागा तो वो लड़के डरकर भाग गये. बाप में वर्षा ने मुझे रो रोकर बताया की उन्होंने कई बार उसके होठों पर चुम्मा लिया और उसके टमाटर भी कई बार दबाये. अगर मैं सही समय पर नही आता तो सायद वो उसकी इज्जत लूट लेती.

वर्षा मेरे सीने पर सिर रखकर रोने लगी. मैंने उसे चुप कराया. उन बदमाश लड़कों ने उसकी स्कर्ट और टॉप भी फाड़ दिए थे. वो तो उसकी इज्जत लूट ही लेटे ये कहो मैं सही मौके पर पहुच गया. घर पहुचकर मैंने उसके पापा को सारी आपबीती बताई. उन्होंने उन लड़कों के खिलाफ ऍफ़ आई आर लिखवा दी. अगले ही दिन वो लड़के पकड़ गये और जेल में पहुच गए. दोस्तों, उस दिन से वर्षा मेरी बहुत अच्छी दोस्त बन गयी. वो मेरे मोहल्ले में रहती थी. पहले कोई ख़ास बोल चाल नही थी. पर अब तो हममे काफी दोस्ती हो गयी. वर्षा भार्गव एक काफी खूबसूरत लड़की थी. शर्ट और शोर्ट स्कर्ट में ही वो स्कुल जाती थी. मुझे तो इसी ड्रेस में वो बहुत मस्त माल लगती थी. पर शाम को वो जब लो कट टॉप और शोर्ट स्कर्ट पहनकर स्कूटी से कोचिंग जाती थी तो कितने की लड़कों के दिल मचल पड़ते थे.

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कुछ दिन बाद ३० जुलाई था यानी फ्रेंडशिप डे. शाम को पार्क में जॉगिंग करते वक़्त मेरे पास आई और उसने मुझे एक प्यारा फ्रेंडशिप वाला कार्ड दिया.

‘क्यों किसी से इतना प्यार हो जाता है

एक पल का इंतजार भी दुस्वार हो जाता है’

लगने लगते है अपने भी पराये

और एक अजनबी पर ऐतबार हो जाता है’’

दोस्तों ये खूबसूरत लाइन उस कार्ड में वर्षा ने सिर्फ और सिर्फ मेरे लिए लिखी थी. इसे पढ़ते ही मुझे पूरा एतबार हो गया की वो मुझसे प्यार करने लगी है. बदले में मैंने भी उसे एक खूबसूरत लव कार्ड दे दिया. जिसमे मैंने अपना मोबाइल नॉ लिख दिया. मैंने उसमे आई लव यू भी लिख दिया. धीरे धीरे हम लोग एक दुसरे को मेसेज करने लगे. फिर खुल्लम खुल्ला फोन पर बार होने लगी. धीरे धीरे हम नॉन वेज यानी चुदाई वाले बातें भी करने लगे. कुछ ही दिन मैं मैं उसे पिज्जा खिलाने ले गया. ये हमारी पहली डेट थी. अंदर जाते ही मैंने फैमिली साइज़ पिज़्ज़ा आर्डर कर दिया. मैंने देखा तो ढेरों जवान लड़के लड़की हाथ में हाथ डालकर बैठे है और किस कर रहे है. मैंने भी एक कार्नर सिट ढूढ़ ली. वर्षा को मैंने बिलकुल अपने से चिपक के बिठा लिया. मैंने उसका हाथ लेकर चूम लिया. फिर धीरे धीरे उसको बाहों में भर लिया. मैं उसको तरह तरह से किस करने लगा. कभी पीछे से उसके गाल, कान और गले में किस करता तो कभी आगे से उसके होठो को पीने लगा. वर्षा मुझसे पूरी तरह से सेट हो चुकी है. कुछ देर बाद हमारा पिज्जा आ गया. मैं उसको अपने हाथो से पिज्जा खिलाने लगा.

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उसी रेस्टोरेंट में मैंने वर्षा के मम्मो पर खूब हाथ लगाया और भीड़ में उसके बूब्स को हाथ से खूब दबाया. यारों, वर्षा ने आज भी मिनी स्कर्ट और लो कट टॉप पहन रखा था. वो इतनी गजब की माल लग रही थी की मन कर रहा था की रेस्टोरेंट में ही उसे गिरा के उसकी पेटी निकाल दु और साली को चोद लूँ. मैंने उसके रेड लिपस्टिक से रंगे होठो को जीभर के चूसा. पिज्जा के पैसे पूरी तरह से वसूल हो गये दोस्तों. रेस्टोरेंट में ही मेरा लंड मेरी जींस में बड़ी जोर से खड़ा हो गया. अगर मैं वहां से नही उठता तो सायद मेरा कड़ा लंड मेरी डेनिम जींस को फाडकर बाहर निकल जाता. मैं वर्षा को लेकर बाहर आ गया. उसने अपनी स्कूटी स्टार्ट की. मैं उसकी पतली कमर पकडके स्कूटी पर बैठ गया. स्कूटी चल पड़ी. सारे जवान लड़के मुझसे जलने लगे क्यूंकि वर्षा भार्गव जैसी पतली कमर वाली लौडिया मेरी माल थी.

दोस्तों अब तो मैं दिन रात वर्षा भार्गव को चोदने की सोचने लगा. उसे कहाँ लेकर जाऊ, कहाँ चोदू, उपर से एंटी रोमियो स्काड वालों से आफत मचा रखी थी. पार्कों में चुदाई करते हुए कई जोड़े पकड़ें गये थे. इसलिए पार्क में वर्षा को ले जाकर चोदना तो बिलकुल भी नही आइडिया नही था. इसलिए मैंने जल्दबाजी करना सही नही समझा और सही मौके का इंतजार करने लगा. एक शाम को वर्षा का फोन आया की उसके घर वाले किसी शादी के गए हुए है और रात २ बजे से पहले नही आएँगे. मैंने तुरंत कपड़े पहने और वर्षा के घर आ गया. चुपके से उसके घर में घुस गया. दोस्तों, अंदर जाते है हम दोनों एक दुसरे से चिपक गए. वर्षा बड़े बड़े ड्रेसेस पहनती थी. उसे वेस्टर्न ड्रेसेस बहुत पसंद थी. वो मुझे अंदर अपने कमरे में ले गयी. कुछ देर बाद वो बिलकुल नये रूप में मेरे सामने आई. उसने बेबी डोल मिमी नाइटी पहन रखी थी और हाई हील्स पहन रखी थी. बेबी डोल नाइटी जैसे कुछ २ ४ रुमालों को जोड़कर बनाई गयी लग रही थी. आज कितने दिनों बाद मैंने नाइटी के अंदर से वर्षा के ३० साइज़ के छोटे छोटे मम्मे देखे. मेरा लंड बहने लगा.

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वर्षा बड़ी ही स्लिम ट्रिम लड़की थी. इसलिए उसके मम्मे करीना कपूर की तरह ० साइज़ के लगते थे. पर अंदर से ३० साइज़ के आराम से होंगे. वर्षा भार्गव को चोदना मेरे लिए एक अनूठे सपने से कम नही था. कितनी गजब की पलती कमर वाली लड़की थी वो. हाई हिल्स और बेबी डोल मिनी स्कर्ट में वर्षा बिलकुल झक्कास माल लग रही थी. उसके छोटे छोटे मम्मे दूर से चमक रहे थे नाइटी के भीतर से. मम्मो के काले काले घेरे अपारदर्शी तरह से दिख रहे थे. वर्षा भी चुदने को बांवली हो रही थी. वो मुझे अपने लटके झटके दिखाने लगे. वो पीछे पलती तो उसके दुधिया गोल भरी भरी जांघें और नितम्ब मुझको दिख गये. कुछ देर बाद पाया की हम एक दुसरे का चुम्बन ले रहे थे. मैं रोज वर्षा को शर्ट स्कर्ट में देखता था पर मिनी नाइटी में देखने का सौभाग्य मुझे आज मिला था.