Bhabhi Sex

पड़ोसन भाभी के साथ बस का सफर

दोस्तों ये मेरी पहली कहानी है , पढ़ के आनंद लीजिये।
मिलते हैं कहानी के अंत में।

मेरा नाम पवन है में दिल्ली में रह कर पढ़ाई करता हूँ और ट्यूशन पढता हुँ। मेरे गाँव के पड़ोस के एक भैया हैं जिनकी शादी अभी 2 साल पहले ही हुई है, भाभी मस्त गोरी चिट्टी , गदराई बदन वाली हैं, उम्र में वो मुझसे भी छोटी हैं। वो लोग भी दिल्ली में ही रहते हैं तो मैं उनके घर कभी कभी जाता था। होली का टाइम था घर जाना था टिकट नहीं मिल रहा था, मैं भैया के घर गया पूछा आप लोग कब जा रहे हो तो पता चला कि भैया को कुछ काम है वह जाएंगे नहीं और अकेले भाभी कैसे जाएंगी ,फिर भैया ने कहा कि तुम जा रहे हो भाभी को भी लेते जाओ। मैन कहा भैया टिकट मिले तब तो कोई जा पायेगा।भैया ने किसी एजेंट से बात की तो पता चला स्लीपर बस में टिकट है एक बैठने का एक स्लीपर का। मुझे तो बस घर जाना था तो मैंने कहा कोई बात नही भाभी आप सो जाना मैं बैठ के चला जाऊंगा।

जाने का दिन आया ,हम दोनों बस स्टॉप पर पहुचे भाभी ने स्काई ब्लू रंग की साड़ी पहनी थी और एक नंबर की माल लग रही थी, मैंने लोअर और टीशर्ट पहना था ताकि कम्फ़र्टेबल रहे।
हम बस में चढ़े तो देखा एक लड़का हमारी केबिन में लेटा हुआ था । भाभी ने बोला कि अब आप ही सो के जाओ मुझे तो बैठ के ही जाना पड़ेगा, मैंने कहा कि भाभी अभी थोड़ी देर आप बैठो मैं उससे बात कर के देखता हूँ। अगर वो मान गया तो आप आ कर सो जाना , मेरे साथ तो एडजस्ट कर ही लोगी आप। मैं केबिन में अंदर गया ,मैंने उसको बोला कि भाई हम लोग साथ में है तुमको अगर कोई दिक्कत नही हो तो नीचे वाली सीट पे चले जाओ । लड़का नीचे वाली सीट पर चला गया ।

शाम के 4 बज रहे थे, अब मैं और भाभी ऊपर एक केबिन में लेटे हुए थे एक तरफ भाभी ने सिर रखा था ,एक तरफ मैंने सिर रखा था। भाभी ने केबिन लोक् कर दिया , मैंने पूछा तो बोली कि सामने एक आदमी है जो इधर ही देख रहा था । बस चल रही थी, एसी की ठंडी ठंडी हवा में मुझे नींद आ गई ,मैं सोया हुआ था तभी अचानक से भाभी का पैर मेरे मुंह पर पड़ा मैं उठ के बैठ गया भाभी भी उठ कर बैठे गई और बोलने लगी की सॉरी सॉरी नींद लग गई थी मुझे ध्यान नहीं रहा ।फिर हम दोनों लेट गए थोड़ी देर में भाभी ने कहा कि बाबू आप इधर ही मुंह करके लेट जाइये ,नही तो मैं कहीं नींद में आपको फिर से मार दुँ ।मैंने भी सोचा कि भरोसा नहीं है नींद में मार दे तो दिक्कत हो जाएगी।

अब हम दोनों एक दूसरे की तरफ पीठ करके सोए हुए थे भाभी तो शायद नींद में थी पर मुझे नींद नहीं आ रही थी। अब मेरे दिमाग में वह सारी कहानियां चल रही थी जो मैंने पोर्न साइट्स पर पढ़ रखी थी धीरे-धीरे मेरा लंड खड़ा होने लगा मैं.ने सोचा भाभी तो सो ही गई है क्यों ना मैं उनके तरफ मुंह करके ही सो जाऊँ। क्या पता मौका मिल जाए उनको देखो देखते नहीं तो कहीं बस स्टॉप पर बस रुकेगी। उतर के हिला लूंगा पर मुझे पता नहीं था। भाभी पहले ही मेरी तरफ घूम चुकी थी। मैं जैसे ही घूमा अब हमारा मुंह बिल्कुल पास पास में था। 1 इंच और नजदीक और हमारे होंठ एक दूसरे के होंठ से सट जाते। मेरी सांसे तेज हो गई थी मैंने जल्दी से अपनी आंखें बंद कर ली और इधर उधर की बातें सोचने लगा। ताकि मेरी सांसे नॉर्मल हो इसका कोई फायदा नहीं हुआ। भाभी के जिस्म की खुशबू मेरे सांसो से अंदर जा रही थी। और मैं मदहोश हो रहा था मेरी आंख बंद थी पता नहीं कब भाभी की आंख खुली औ.र मुझे अपने इतने पास देखकर शायद भाभी की भी सांसे तेज हो गई थी। मुझे उनकी सांसो की आवाज आने लगी। मुझे लगा कि भाभी जग गई है पर मैंने नींद में होने का नाटक किया। अब ना मैं घूम रहा था ना वह घूम रही थी हम दोनों पास पास लेटे हुए थे। फिर मैंने नींद में थोड़ा सा हिलने का नाटक किया और मेरे होठ भाभी के होठों से सेट हो गए।

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भाभी के होठों का गीलापन का एहसास मेरे होठों पर हुआ। मैंने अपनी आंखें खोली देखा कि भाभी जी आंखें खोल कर मुझे देख रही है। मैं उनके गर्म गुलाबी होठों को चूमने लगा आश्चर्य की बात की थी भाभी भी मेरा साथ दे रही थी। 40 सेकंड तक हमारा चूमना चला मुझे लगा जैसे मैंने धरती पर ही स्वर्ग देख लिया हूं। फिर पता नहीं क्या हुआ भाभी ने मुझे धक्का देकर अपने से दूर किया तो मैं होश में आया। अब हम दोनों उठ कर बैठ गए और हमारी सांसे तेज चलने लगी कैबिने में पूरा सन्नाटा था। मेरा कंधा भाभी के कंधे से टच कर रहा था। पता नहीं मुझे क्या हुआ मैंने अचानक से अपना एक हाथ भाभी के गांड पर रखा। और उन्हें अपनी तरफ खींच कर गोद में बैठा लिया और चुमने लगा। भाभी मेरा साथ देने लगी मेरा एक हाथ उनकी गांड को दबा रहा था। और दूसरा उनकी चुचियों को और वह अपने दोनों हाथों से मेरे पीठ को जोर जोर से सहला रही थी। मैंने किस करते हुए उनके ब्लाउज का हुक खोल दिया और ब्रा के अंदर हाथ लगाकर चुचियों को मसला। भाभी ने एक मादक आह भड़ी , हम दोनों एक दूसरे को चूम रहे थे। चुमते चुमते मैंने भाभी का ब्लाउज निकाला और ब्रा को निकालकर भाभी से अलग कर दिया। अब उनके दो मखमली चुचियां मेरे सामने थी। अब मैंने धीरे से गले को चूमते हुए धीरे-धीरे उनकी चूची हो तक आया और उनकी एक चूची को चूसने लगा। भाभी और जोरों से सांसे ले रही थी वह पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी।

मैंने सोचा यही मौका है हथोड़ा चला देना चाहिए , मैंने अपना लोअर और चड्ढी नीचे सरकाया , अब भाभी की पैंटी मेरे लन्ड से छू रही थी । भाभी ने अपने हाथ से पैंटी साइड में खिंचा और मेरे ऊपर बैठ गई मेरा लंड उनकी चूत को छू रहा था और हम वापस एक दूसरे को चूमने चाटने लगे मैंने अपने दोनों हाथ भाभी के गांड पर रखा और उन्हें हल्का सा ऊपर उठाकर लंड पर बैठा लिया भाभी की चूत गीली हो रखी थी तो मेरा लंड सरसराता हुआ अंदर चला गया मैंने भाभी को कस के गले लगा लिया और उनकी चुचियों अपने सीने से दबा के उनके गले को चाटने लगा। भाभी मेरे ऊपर धीरे-धीरे ऊपर नीचे कर रही थी , और आह आह ओह्ह उफ्फ की आवाजें निकाल रही थीं । बस बस के साथ-साथ हमारी अपनी गाड़ी चल रही थी पर बहुत देर से उत्तेजित होने के कारण भाभी अचानक से झड़ गई उनका कामरेस जैसे ही मेरे लैंड पर छुआ मैंने भाभी के कंधे पर जोर से अपना दांत गड़ाया और उनके अंदर ही झड़ गया फिर हम 2 मिनट उसी पोजीशन में बैठे रहे उसके बाद भाभी मेरे से अलग हुई ।

अब केबिन में हम दोनों सामने सामने बैठे थे , भाभी ऊपर से नंगी थी और मैं नीचे से । फिर भाभी अचानक से रोने लगी ,मुझे समझ नही आया कि क्या हुआ। मैं गया भाभी के बगल में बैठा और उनके कंधे पर हाथ रख के उनको साइड से अपने बाहों में भर लिया, मैंने कुछ बोला नहीं तो भाभी ने खुद ही बोलना शुरू किया।
भाभी:- मैंने पाप कर दिया है, मैं किसी को मुह दिखाने लायक नही रही। मेरा पति मुझे घर से निकाल देगा। तुम बहुत खराब आदमी हो तुमने मुझे बर्बाद कर दिया ।
मैं:- भाभी ऐसा क्यों बोल रही हो, जवानी में ऐसा होता है, आप टेंशन मत लो , किसी को कुछ पता नही चलेगा। वैसे भी यहां तो हैम दोनों ही हैं ना आप बोलोगी न मैं बोलूंगा।

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फिर भी भाभी रोये जा रही थी , मैंने उन्हें गले लगाया और हम लेट गए थोड़ी देर में हमे नींद आ गयी। 8 बजे कैबिन पर ठक ठक से हमारी आंख खुली मैंने भाभी को जल्दी से दूसरी तरफ छुपने को बोला और थोड़ा सा दरवाजा खोलकर देखा तो कंडक्टर बोला 15 मिनट में ढाबा आने वाला है खाना पीना खा लो के बाद फिर बस नहीं रुकेगी ।
मैंने कहा ठीक है और गेट बंद कर दिया मैंने भाभी को किस किया उनके बूब्स दबाएं और बोला कि जल्दी से तैयार हो जाओ उतरना है नीचे फिर हमने जल्दी-जल्दी अपने कपड़े ठीक किए ढाबा आया तो हम नीचे उतरे हमने खाना-वाना खाया फिर भाभी ने कहा उधर साइड में एक मेडिकल की दुकान दिख रही है वहां से आईपिल ले लो क्योंकि तुम मेरे अंदर ही झड़ गए थे मैंने कहा ठीक है फिर भाभी जाकर बस में बैठ गयी, और मैं मेडिकल की दुकान पर चला गया मैंने मेडिकल वाले से आईपिल और वियाग्रा ले लिया।

मैं दुकान वाले को पैसे देकर जैसे ही मुड़ा पीछे कंडक्टर खड़ा था वह बोला वह भैया बढ़िया माल लेकर आया मैंने बोला क्या बकवास कर रहा है बोला कि मैंने देखा जब तुमने केबिन का गेट खोला खिड़की के रिफ्लेक्शन में दिखाई दिया भाभी जी ने ऊपर कुछ नहीं पहना था, तुम तो सिर्फ यह बताओ कि यह पैसे देकर लाए हो या यही बस में पटाया। मैंने कहा नहीं रे क्या बकवास कर रहा है। वो बोला भैया इतना बेवकूफ नहीं हुँ । मैंने अपने पॉकेट से एक 200 का नोट निकाला और उसके शर्ट के पॉकेट में डाल दिया मैंने उसके कंधे पर हाथ रखा और बोला कि तूने कुछ नहीं देखा उसने बोला हां भैया मैंने कुछ नहीं देखा।

फिर हम बस की तरफ आ गए। मेरे फ़ोन पे एक दो कॉल आया था तो मैं वहीं केबिन के बाहर ही खड़ा होकर बात करने लगा , तभी केबिन का लॉक खुलने की आवाज आई मैंने देखा तो भाभी थोड़ा सा गेट खोल कर मेरी तरफ झांक रही थी मुझे देखा और गेट बंद कर दिया मेरा भी एक कॉल और बचा था मैंने फोन पर बात की और उठ के चल गया। जब मैं केबिन में गया तो मैंने देखा भाभी पूरा साड़ी पहनकर पल्लू करके बैठी थी , और उनके साइड में उनका ब्लाउज, ब्रा, पैंटी और पेटीकोट है ।इसका मतलब भाभी ने साड़ी के नीचे कुछ नहीं पहना मैंभाभी की तरफ लपका मैंने भाभी की साड़ी खींची और भाभी बैठे-बैठे दो बार घूमी अब साड़ी मेरे हाथ में आ गयी और भाभी बिना कपड़ों के मेरे सामने मेरे से तो कंट्रोल नहीं हुआ मैं उसके भाभी के ऊपर अपना जीभ से उनके होठों से लेकर पैरों तक चाटने लगा।

फिर मैंने भाभी को घुमाया घोड़ी बनाया और चूत में अपना लंड घुसा दिया।
भाभी ने कहा तुमने कंडोम नहीं खरीदा दुकान से, मैंने कहा मेरा तो मन ही नही था आपको चोदने का और आप भी रो रही थी , पर यहां तो कुछ और ही सीन था आप बोलती तो मैं ले आता। मैंने बताया नही की मैं वियाग्रा खा कर आया हूँ।भाभी ने बोला मुझे बहुत पछतावा हो रहा था सोच रही थी कि कुछ कर लूं अपने आप को, फिर मैंने सोचा एक एक रात की तो बात है और वैसे भी मैं एक बार तो गलती कर ही चुकी हुँ। मैं लगातार झटके मारे जा रहा था ,अब चुकी वियाग्रा खा कर आया था इसलिए मेरा जल्दी होने नहीं होने वाला था 10 मिनट मैंने भाभी को चोदा और भाभी झड़ गई। भाभी को सीधा कर दिया और मैं उनके गले के दोनों तरफ अपने घुटने रखके अपना लंड उनके मुंह में डाल दिया और उनकी मुह को चोदने लगा 5 मिनट चोदने के बाद अब मैं नीचे गया और भाभी के दोनों पैर उठाकर अपने कंधे पर रखा और अपना लंड की चूत का सेट किया और एक झटके में पूरा लंड घुसा दिया ,मेरा दोनों हाथ भाभी के दोनों चुचियों पर था तो भाभी ने मेरे दोनों हाथों को पकड़ रखा था जैसे ही मैं झटका मारने लगा भाभी ने मेरे हाथों को जोर से भींच लिया और उनके नाखून के निशान मेरे हाथों में पड़ गया फिर भाभी सिसकारियां भरने लगी, उनकी मादक आहें सुनके मैंने धक्के और तेज कर दिए। भाभी आह उहह ओह्ह ओह्ह की आवाजें निकाल रही थीं ।

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मैंने भाभी को 15 मिनट चोदा फिर भाभी एक बार और झड़ गयी , पर इस बार मैं रुका नही और भाभी को चोदते चोदते उनकी चुत में ही झड़ गया । भाभी थोड़ा गुस्सा होते हुए बोली ,इस बार भी अंदर निकाल दिए। मैन कहाँ भाभी चिंता नही करो दवाई तो लाया हूँ न । फिर हम दोनों नंगे चादर ओढ़ के सो गए सुबह 4:30 मेरी आंख खुली भाभी मुझे बाहों में भर के सो रही थी,मैंने भाभी को सहलाना चालू कर दिया और उनके गांड को दबाने लगा, वैसे ही मेरा लंड खड़ा हो गया तब तक भाभी की भी नींद खुल गई फिर हमने सुबह-सुबह एक राउंड चुदाई की और इस बार भाभी ने मेरा लन्ड मुह में लेके चूसा ,और मेरा पानी उनके मुह में ही निकल गया , वो सारा पानी पी गयी ।

7:00 बजे के करीब बस हमारे शहर पहुंच गई हम दोनों बस से उतरे कंडक्टर हमें देख कर मुस्कुरा रहा था भाभी समझ नहीं पाई की क्यों। वहां से मैंने ऑटो किया और अपने गांव चले गए भाभी अपने घर में और मैं अपने घर मैं , 1 घंटे बाद मैं होली का सामान लेके अपने बहन के घर गया , तो उन्होंने मुझे वहां रोक लिया। 2 दिन बाद होली के एक दिन पहले मैं घर आया तो पता चला भाभी मुझे ढूंढ रही थी। मैं उनके घर गया तो उनकी सास बोली कि बहु का कोई सामान तुम्हारे पास रह गया था इसलिए 2 दिन से तुम्हे ढूंढ रही है।

तभी अचानक मुझे याद आया कि आईपिल की गोली तो मेरे पास ही रह गयी थी, मैं यहां था नही और भाभी गांव में आईपिल खरीद नही सकती है।
इसके बाद मैंने भाभी को दवा दी, होली में क्या क्या हुआ , ये सब इस कहानी के अगले भाग में।

हेल्लो पाठकों और पाठिकाओं ,
ये मेरी पहली कहानी है आशा है कि आपको पसंद आई होगी। इस कहानी के आगे और भी भाग आने वाले है जो और भी ज्यादा मजेदार और रोमांचक हैं। तबतक आप इस कहानी को पढ़ें और इसकी बारे में कोई सुझाव , शिकायत या प्रशंषा हो तो मुझसे [email protected] पर संपर्क करें।