बाप बेटी की चुदाई

पिताजी तुसी ग्रेट हो

में हूँ कुसुम. में पीछले महीने 19 साल की हुई हू. घर पर सिर्फ़ में और पिताजी हैं. मेरी मा का 1 साल पहले देहांत हो गया था. जब में 18 साल की थी तब मेरी सहेलियों ने मुझे चुदाई के बारें में बताया. मेरी सबसे अच्छी सहेली हैं मेघा. मेघा मुझसे 2 साल बड़ी हैं और उसने 18 साल की उमर में ही अपनी चूत में उंगली करना शुरू किया. वो मुझसे हमेशा कहती चुदाई के सुख से बारें में. में कॉलेज जाने लगी थी और पिताजी ने मुझे हमारे गाओं की लेक्चरर प्रिया दीदी के पास ट्यूशन के लिए भेजना शुरू किया. प्रिया वैसे तो 35 साल की थी, पर दिखने में अभी भी 20-22 साल की लगती थी. उनके पति हरीश भी कॉलेज में प्रोफेसर हैं और दोनो मुझे पढ़ाई में हेल्प किया करते थें. एक दिन में ग़लती से उनकी एक किताब अपने साथ ले आई. उसको देने के लिए में उनके घर गयी. घर पर उनकी 8 साल की बेटी दूसरे कमरे में पढ़ाई कर रही थी.

उसने बताया कि उसकी मम्मी और पिताजी दूसरे कमरे में कुछ इंपॉर्टेंट काम कर रहें हैं. में जब उनके कमरे की तरफ गयी तो मुझे प्रिया की आवाज़ें सुनाई दी…ओह्ह्ह हरीश तुम ग़ज़ब की चुदाई करते हो…उम्म्म्मम ह ऐसे ही ठुकाई करो उम्म्म्म तुम्हे यह रेसीली चूत बहुत पसंद हैं ना उम्म्म्ममम. इतनी पसंद हैं तो तड़पाते क्यूँ हो अहह. मैने उनकी खिड़की से देखा तो प्रोफेसर प्रिया पर चढ़के उसकी चूत मार रहें थें. पहली बार किसीकि चुदाई देख रही थी. में थोड़ा पीछे हटी, पर मुझसे रहा नही गया तो में फिर देखने लगी और अपने आप ही मेरा एक हाथ अपनी चूत पर गया . मैने अपनी चूत रगड़ ने लगी. प्रिया जैसे पागल होकर हरीश को अपनी तरफ खींच रही थी. और हरीश भी उसकी मज़े से चुदाई कर रहा था.

उनकी चुदाई ख़तम होते ही में घर आ गयी लेकिन पूरा दिन मुझसे बस कुछ और सोच ही नही पा रही थी. इतने में पिताजी ने मुझे अपने कमरे में बुलाया. पूछने लगें कि पढ़ाई कैसे चल रही हैं. मेरे पिताजी 40 साल के थें. पिताजी से मैने कह दिया कि मुझे प्रिया दीदी के पास पढ़ाई करने नही जाना. उन्होने पूछा तो मैने कुछ नही कहा. वो मुझपर बरस पड़े. उन्हे लगा में पढ़ाई नही करना चाहती. कुछ देर बाद वो मेरे कमरे में आए और उन्होने शांत रहकर मुझसे प्रिया के घर ना जाने की वजह पूछी. मैने उन्हे बता दिया जो मैने देखा था. उन्होने हल्की सी मुश्कूराहट के साथ अपना हाथ मेरी जाँघो पर रखा. और कहने लगे वो दोनो जो कर रहें थे उसको करने से बहुत मज़ा आता हैं.

Hindi Sex Story :  मम्मी चली गई काम से बाहर, तो पापा ने चोद दिया बेटी को

पिताजी मेरी जाँघो पर हाथ फेरने लगे और में बस उन्हे देखती रही. मूह से हल्की सी सिसकारी निकली सस्स्सस्स उम्म्म्मम पिताजी. कुछ हो रहा हैं पेशाब वाली जगह में. बेटी कुसुम उस जगह को चूत कहते हैं, पिताजी बोल पड़े. पिताजी चूत को रगड़िए ना मैने कहा….उन्होने मेरी सलवार का नाडा खोला और मेरी सलवार उतारी. फिर उन्होने कहा, कुसुम अगर पूरी नंगी हो जाओ तो और भी मज़ा आएगा” और यह कहकर उन्होने मेरी कमीज़ उतार दी. में अब सिर्फ़ ब्रा और कच्ची में थी. पिताजी मेरे करीब आए और उन्होने मेरे होंटो को चूमा उम म्मुउउआअह्ह्ह्ह्ह…में भी उनको चूमने लगीं. पिताजी मेरे नीचले होन्ट को अपने होंठो में लेकर उसको ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे अपने होंठो में. फिर उन्होने मेरे होंठो को दांतो से काटना शुरू किया. मैने पिताजी की पीठ पर अपने हाथ ज़ोर से दबायें और उन्हे अपनी तरफ खींचने लगी.

पिताजी अपनी बेटी की जीब नही चाटेंगे? मैने पूछा और अपना मूह खोलकर अपनी जीब बाहर कर दी. पिताजी मेरी जीब पर अपनी जीब फेरने लगें. पिताजी ने भी मेरी जीब को अपने होंठो के बीच कसकर पकड़ा और फिर अपने होंठो को रगड़ना शुरू किया मेरी जीब पर आगे-पीछे उम्म्म्ममम ओम्म. जब उन्होने मेरी जीब को छोड़ दिया तो मैने पूछा, “पिताजी स्वाद कैसा था”?. पिताजी बोले और चूसने को जी कर रहा हैं कुसुम. मेरी चूत पानी छोड़ने लगीं थी. मैने पिताजी से कहा कि मेरी चूत में हुलचूल हो रही हैं. कुछ करो ना पिताजी बहुत अच्छा लग रहा हैं. पिताजी ने मेरी ब्रा उतार दी और मेरे मम्मो पर दोनो हाथ फेरें.

फिर उन्होने मेरे मम्मे दबाए और मेरी निपल्स को पिंच करना चुरु किया उम्म्म अहह पिताजी ओह माआआ यह क्या कर रहें हो अप अहह मररर्ररर गाइिईईईईई हान्न्न्न्न्न और ज़ूऊऊररर्र्ररर से कारूव ह. पिताजी ने मेरी लेफ्ट चुचि अपने मूह में ली और उसको चूसने लगे. में मस्त हो रही थी. मैने उनका दूसरा हाथ अपनी राइट चुचि पर रखा और तुरंत पिताजी उसको ज़ोर ज़ोर से अपनी उंगलियों से मसालने लगें. में दोनो हाथों से पिताजी को अपनी छाती पर दबाने लगी. फिर पिताजी ने मेरी लेफ्ट चुचि को अपनी जीब से चाटना शुरू किया. वो अपनी जीब मेरी चुचि पर सर्कल्स में घूमने लगें उूउउफफफफफ्फ़ क्या ग़ज़ब का एहसास था. उनकी थूक से मेरी लेफ्ट चुचि गीली हो गयी थी. फिर मैने अपनी लेफ्ट चुचि अपने मूह में ली और पिताजी की थूक चाट ली अपनी चुचि से उम्म्म्म पिताजी आपकी थ्हूक बहुत मीठी हैं.

Hindi Sex Story :  पड़ोस वाली भाभी को चोदकर कमर दर्द मिटाया

फिर पिताजी ने अपना कुर्ता और अपनी लूँगी निकाली. मैने पहली बार अपने पिताजी को नंगा देखा. पिताजी इसको क्या कहते हैं? यह मेरा लंड हैं बेटी. मैने उनके लंड को ज़ोर से पड़का और दबाने लगीं. उफ़फ्फ़ कितना गर्म लग रहा था पिताजी का लंड . बेटी, घोड़ी बन जाओ, उन्होने कहा. में तुरंत अपने हाथों पर और घुटनो पर आ गयी. ऑश कुसुम क्या प्यारी गांड हैं तेरी….ओह्ह्ह पिताजी आपको अच्छी लगी ना? बहुत अच्छी लगी बेटी. पिताजी ने मेरी गांड पर दोनो हाथ रगडे और फिर मेरी गांड को दबाने लगें उंगलियों से. अहह पिताजी उम्म्म और करो ना…और कर बेटीचोद….और कर….अहह ऐसे शीयी उम्म्म्मम. पिताजी मेरी गांड को ज़ोर ज़ोर से स्क्वीज़ करने लगें और फिर उन्होने मेरी गांड को चूमना शुरू किया.

में जैसे जन्नत में जाने लगी. अपनी गांड को उनके मूह पर धकेलने लगी अहह पिताजी आप जो कर रहें हो वो बहुत अच्छा लग रहा हैं अहह. अब मेरी गांड को अपने दाँतों से काटने लगें. मैने एक ज़ोर के छींक निकाली ऑश माआआआआअ. मेरी गांड पर अब पिताजी अपनी जीब रगड़ने लगें. चाटने लगें मेरी गांड को. फिर उन्होने मेरी गांड पर थप्पड़ मारना शुरू किया आअहह क्या कर रहा हैं बेहेन्चोद… मैने गुस्से में कहा. हालाँकी मुझे अच्छा लग रहा था. चुप साली छिनाल….बेहेन्चोद नही बेतिचोद हूँ में…यह कहकर पिताजी ने मेरी गांड को फैला दिया और मेरी गांड की क्रॅक को चाटने लगें उम्म्म्म अहह पिताजी.

फिर उन्होने मेरी गांड की छेद पर थूक दिया और अपनी एक उंगली रगडी मेरी गांड की छेद पर. उंगली को मेरी गांड में डालने लगें. ओह्ह्ह पिताजी अहह मेरी गांड अहह. उनकी उंगली मेरे छेद को खोलते हुवे अंदर गयी मेरी गांड में. मैने मुड़कर पिताजी को देखा और कहा, कितने बड़े गान्डू हैं आप पिताजी ओह मेरी गांड….उम्म्म्म. पिताजी ने अपनी निकाल ली मेरी गांड से और मुझे फिर टर्न करके मेरी पीठ पर सुलाया. पिताजी का लंड नज़र आ रहा था मुझे.

मैने उठकर उसको पकड़ा और उसके सुपादे को पीछे किया और तुरंत लंड को अपने मूह में डाल दिया उम्म्म्ममममम ओह….पिताजी तो जैसे देखते ही रह गये कि उनकी प्यारी सी बिटिया रंडी बन गयी हैं. मैने पिताजी के लंड को ज़ोर ज़ोर से चूसा….उनके सूपदे पर अपनी जीब फेरी…उम्म्म्मम कितना प्यारा और मीठा लग रहा था उनका लंड . फिर मैने लंड पर थूक दिया और उनके लंड को चाटने लगीं उम्म्म.

Hindi Sex Story :  पापा के साथ रोज सुहागरात मनाई-1

पिताजी ने मेरी तरफ देखा और बोलें…”तू तो अपनी मा से भी अच्छा चूस लेती हैं”… पिताजी ने लंड मेरे मूह से निकाल दिया मेरी चूत को चूमने लगें. मेरी चूत जो पहले से गीली थी, पिताजी के होंटो के स्पर्श से जैसे उसमें आग लगने लगीं उम्म्म. मैने पिताजी के बालों को पड़का और उन्हे ज़ोर से अपनी चूत पर दबाया. पिताजी मेरी चूत पर अपने होंटो को रगड़ने लगें. में बस मोन करती रही उम्म्म अहह पिताजी आपकी बेटी की चुतत्त्टटटतत्त कैस लगी उम्म्म. पिताजी ने कुछ नही कहा लेकिन फिर मेरी चूत को खोलकर अपनी जीब मेरी चूत में डाल दी. उफफफफफफफफफ्फ़ अहह पिताजी……..मुझसे रहा नही गया और में झाड़ गयी. मेरी चूत का सारा पानी उनकी जीब और मूह में चला गया .

पिताजी ने उसको चूसा और ज़ोर ज़ोर से मेरी चूत पर अपनी जीब रगड़ते रहें. फिर उन्होने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा और मेरी कमर पकड़कर मेरी चूत पर अपना लंड धकेल दिया. मेरी गीली चूत में उनका लंड अंदर जाने लगा. एक ज़ोर के झटका लगा और उनका पूरा लंड मेरी चूत में जा घुसा. अहह ओह म्माआ मैने अपनी टाँगें बंद की और चूत के दरवाज़े जैसे ही करीब आयें… मैने पिताजी के लंड को महसूस किया. उनका मोटा लंड मेरी चूत के अंदर दफ़न था. उन्होने लंड को निकाला और मुझे दिखाया. मैने लंड पर कुछ खून लगा देखा. पिताजी ने कहा “कुसुम तेरी चूत का दरवाज़ा खुल गया हैं. अब तुझे रोज़ चोदुन्गा…पिताजी ने फिर से अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और मेरी चूत में लंड को अंदर-बाहर करने लगें.

अहह ओह उम्म्म पिताजी ज़ोर ज़ोर से पेलों मेरी चूत को. और ज़ोर से करो पिताजी आहह उम तुम्हारी बेटी की चूत अबसे सिर्फ़ आपकी हैं पिताजी. आपको जितना चाहे…जब जी करें मेरी चुदाई किया करो उम्म्म ऑश कितना मज़ा आ रहा हैं उम्म्म. पिताजी से मेरे मम्मो को पड़का और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगें. चुदाई करते वक़्त मेटी चुचियाँ दबाने लगें. मेरी भी कमर उठकर पिताजी के झटको का साथ दे रही थी. कुछ देर बाद पिताजी ने अपने लंड का सारा पानी मेरी चूत में उंड़ेल दिया. ओर मेरी प्यासी कंवारी चूत की प्यास बुझ गयी. वाह पिताजी तुसी जबरदस्त हो. पिताजी तुसी ग्रेट हो पिताजी तुसी ग्रेट हो.