Aunty Sex Storyपड़ोसी की चुदाई

पड़ोसी आंटी को चोदा

दोस्तों, मैं फिर से विशाल एक सच्ची घटना पर आधारित यह कहानी मेरे पड़ोस में रहने वाली आंटी सिमा की है, उम्र 45 या 46 साल की। उसके ब्रेस्ट 38 इंच और गांड 40 से 42 इंच के आसपास हैं। उसकी सर में बाल बहुत सारे हैं, जैसे जंगल का कोई भी जानवर गुम हो जाएगा! रंग गोरा है, मारवाड़ी।

तो दोस्तों, ऐसा हुआ कि मैं अक्सर सुबह अपने छत पर बैठता था। सिमा आंटी का घर मेरे घर से थोड़ा आगे था। वो भी सुबह नहाकर कपड़े डालने आती थी। मैं अक्सर उसे देखकर इशारा करता था जैसे “आंटी, क्या हाल है?” वो हंसती और कहती, “सब ठीक है।” ऐसा रोज़ चलता रहा एक दिन मैं नीचे खड़ा था, देखा कि आंटी के दोनों हाथों में सामान था। मैंने कहा, “लाओ आंटी, मैं पकड़ दूँगा।”

आंटी ने मुझे बैग दिया और मैं उनके घर के अंदर गया। सामान रख दिया। देखा कि आंटी सोफे पर बैठ गई हैं। उसका cleavage दिख रहा था। मेरी नजर उसके गोरे-गोरे स्तनों पर पड़ी। मैं दीवाना हो गया! चूसने को मन कर रहा था। मैंने पूछा, “आंटी, थक गई हो?” उन्होंने कहा, “हाँ, दबाव है इसलिए मैं दौड़कर पानी ले आई हूँ।” मैंने पानी दिया और कहा, “आंटी, मैं चलता हूँ।” उन्होंने कहा, “बैठो, चाय बनाती हूँ। थोड़ा पी लो।”

मैंने कहा, “ठीक है।”

फिर आंटी उठी और जाने लगी। उसकी मोटी गांड दिख रही थीं। मैं बैठ गया। कुछ देर बाद आंटी आई। हम दोनों ने चाय पिया। बातचीत करते हुए मैंने पूछा, “आंटी, घर पर कोई नहीं है?” उन्होंने कहा, “चचेरा और मेरा बेटा दोनों कार में गए हैं।” मैंने पूछा, “कहाँ गए हैं?” उन्होंने कहा, “बारबाजार में।” मैंने कहा, “कितने बजे जाते हैं?” उन्होंने कहा, “9 बजे जाते हैं और शाम 8 बजे आते हैं।”

फिर थोड़ी देर बाद आंटी का बेल बज गया। दरवाजा खोलकर देखा कि कोई रिश्तेदार आया है। मैंने कहा, “आंटी, मैं चलता हूँ।” आंटी ने कहा, “बेटा, आना फिर।” मैंने मुस्कुराते हुए कहा, “हाँ आंटी, फिर आऊंगा।” और मैं चला गया। आंटी को लेकर मन में कुछ गलत फीलिंग थी।

कुछ दिन बीत गए।

19 जनवरी, दोपहर के 2 बजे थे। मेरे घर की बिजली गयी थी। मैं ऊब रहा था सोचा कि आंटी के घर जाऊँगा, वक्त भी बीत जाएगा। मैं गया और देखा कि घर खुला है। मैं अंदर गया। आवाज आई तो आंटी कमरे में हैं। मैंने सोफे पर बैठकर करीब आधे घंटे तक इंतजार किया। कामवाली भी चली गई। मैंने सोचा कि आंटी कहाँ गयी हैं?

मैं उठा और आगे बड़े कमरे की तरफ गया। कमरे में प्रवेश किया तो देखा कि आंटी सो रही हैं। मैंने सोचा चलता हूँ लेकिन कंबल्ट आंटी की नाइटी तक ऊपर थी। यह देखकर मेरा मन खराब हो गया। मैं दौड़कर बाहर चला गया और दरवाजा लगा दिया। फिर अंदर आया और देखा कि आंटी अभी भी सो रही हैं।

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मैं आंटी के बिस्तर के नीचे बैठा और आंटी को देखने लगा। और मेरा लिंग खड़ा हो गया।

फिर थोड़ी देर बाद देखते देखते मेरा मन हुआ कि आंटी को छू दूँ। मैंने एक हाथ बढ़ाया और आंटी की चूत में रख दिया। पूरा जंगल था जैसे आंटी एक साल से साफ़ नहीं कर चुकी हों। मुझे हाथ लगाने में बहुत मजा आया।

मेरा लिंग खड़ा हो गया। मैंने एक हाथ से लिंग निकाला और एक हाथ आंटी की चूत पर रख दिया और लिंग हिलाना शुरू किया। “उफ्फ, क्या मजा आ रहा है!” जोर से ही लाया और चूत में हाथ रखा। “आह्ह, आह्ह, क्या मजा आ रहा है!” करीब 15 मिनट बाद मेरा लिंग से मल निकलने वाला था। मैंने सब मल ज़मीन पर निकाल दिया। लिंग को अंदर रखा और सोचा कि आंटी को सोए हुए मैं उसकी तस्वीर खींच लेता हूँ और रात में लिंग हिलाकर मल गिरा दूंगा।

मैंने आंटी की नाइटी थोड़ा ऊपर उठाया और 6 पिक्चर लीं। फ्लैश और साउंड बंद करके। फिर मैं चला गया। रात को आंटी याद आई। मैंने तस्वीरें देखकर माल निकाल दिया और सो गया। सुबह हुई तो मेरा लिंग आंटी को चोदने के लिए बेचैन था लेकिन कैसे छोडूं, कुछ समझ नहीं आ रहा था। फिर एक सबसे खतरनाक विचार आया।

मैं 11 बजे आंटी के घर गया। आंटी ने दरवाजा खोला। मैं अंदर गया। आंटी बोली “बैठो विशाल, थोड़ा मैं छत पर देकर आती हूँ।” मैंने कहा, “आंटी, आप छत पर गए तो पूरे कमरे में उनका मोबाइल ढूंढ लिया और अपने नंबर पर मिस कॉल किया फिर नंबर डिलीट कर दिया। सोफे पर बैठा करीब 15 मिनट बाद आंटी नीचे आई बोली “बैठो विशाल, मैं कुछ ला रही हूँ।”

हम दोनों बैठे और बातें करने लगे। आंटी ने कहा, “कल आए थे क्या तुम?” मैंने डरकर कहा “हाँ आया था, आंटी आप सोते हुए देखकर मैं चला गया।” आंटी ने कहा “क्यों उठा देते? मुझे” आंटी काले रंग की नाइटी पहन रही थी लेकिन अंदर कुछ नहीं चुरा रहा था। मैंने कहा “आंटी आपका फोन बज रहा है।” आंटी बोली “रुको आती हूँ।” आंटी ने फोन लेकर आई बोली “मेसेज आया है।” मैंने कहा “देखो क्या मैसेज किसका है?” आंटी ने 6 पिक्चर खोली और देखते रह गई। मैंने पूछा “क्या हुआ आंटी?” उन्होंने कहा “किसी औरत की फोटो भेजी है किसी ने।” मैंने कहा “देखू तो।” और मैंने सब पिक्चर अपलोड कर दीं। मैंने देखा और कहा “आंटी ये आप हो!” उन्होंने कहा “नहीं, मैं नहीं हूँ।” मैंने ज़ूम करके दिखाया। आंटी देखते रह गई। आंटी बोली “ये कैसे हुआ?”

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मैंने कहा “कैसे बताऊं आंटी? सोच में पड़ गई थी मुंह लटकाकर बैठी थी। मैंने कहा “डरो मत, मैं किसी को नहीं बताऊँगा।” आंटी ने कहा “धन्यवाद।” मैंने सोचा अब मौका है। मैंने कहा “लेकिन आंटी आप बहुत हॉट लग रही हैं इस पोज में।” उन्होंने कहा “ये बुढ़िया में अब क्या हॉट होगा?”

मैं उनके पास बैठा और कंधे पर हाथ रखकर रोमांटिक बातें करने लगा। आंटी 15 से 29 मिनट बाद सेक्स में चढ़ रही थी। यह देखकर मेरा लिंग बेचैन हो गया। मैं उन्हें किस करते हुए स्तनों को निचोड़ने लगा। मेरा लिंग खड़ा हो रहा था। मैंने उठाया और आंटी को सोफे पर सुला दिया और ऊपर होठ और कभी स्तन दबाता रहता था।

आंटी सेक्स में चढ़ चुकी थी। मैं नीचे झुका, नाइटी ऊपर की ओर किचलती हुई चूत देखकर मन खराब हो गया। इतने बाल थे लेकिन सेक्स में भी मैं चढ़ चुका था। मैंने उनकी चूत को छूना शुरू किया। आंटी मादोश में होकर बोली “विशाल क्या कर रहे हो?” मैंने कहा “मैं तुमसे प्यार करता हूँ, आंटी।” आंटी चुप हो गई। मैं चुत छूता रहा। कितना सदा सा स्मेल आ रहा था लेकिन मैं छूता रहा। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

मैं करीब 15 से 20 मिनट तक छूने के बाद मेरा लिंग सैलामी दे रहा था। मैंने अपने पेन से लिंग निकाला और आंटी के मुंह पर रख दिया। आंटी ने कहा “नहीं, विशाल नहीं।” मैंने कहा “आंटी, आपका चूत ना प्लीज अब मुझे छूओ।” 10 मिनट गिदगिदाने के बाद आंटी ने छुना शुरू कर दिया। “उफ्फ, विशाल तुम बहुत मस्त हो!” करीब कुछ देर छूने के बाद आंटी का बेल बज गया। हम दोनों घबरा गए। मैं उठा और आंटी भी उठी। कपड़े ठीक किए और दरवाजे के होल से पहले देखा कि कामवाली थी। आंटी ने कहा “मुझे विशाल, मेरे कमरे में चल जाओ।” मैं दौड़कर गया। आंटी कामवाली को बोली “सुशमा, मैं सोने जा रही हूँ। परेशान मत करना और काम करके दरवाजा बंद कर जाना।” उसने कहा “ठीक है भाभी।”

आंटी ने कमरे में आकर अपना पूरा नाइटी उतार दिया और मुझसे छूना शुरू कर दिया। 10 मिनट तक किस करते रहे। फिर आंटी बिस्तर पर ले गई। उसका जांघ मैंने फैलाया और लिंग चूत के होल पर रखकर धक्का मारा। लिंग अंदर नहीं जा रहा था और आंटी मोआनिंग कर रही थी। “विशाल 7 साल से तुम्हारे चाचा ने नहीं किया है।” फिर मैंने चूत फैलाया, दोनों हाथों से लिंग होल पर रखकर जोर से मारा। लिंग थोड़ा गया फिर ऐसे धकेते रहा 10 मिनट तक लिंग पूरा अंदर गया और मैं गपगप गपगप गपगप चुड़ाई कर रहा था। आंटी भी मजे में थी। करीब 15 से 20 मिनट बाद आंटी झड़ गई। फिर मैंने और तेज़ी से किया और मैं भी 5 मिनट बाद उनकी चूत के अंदर माल सब गिरा दिया। आंटी बोली “विशाल क्या छोड़ा यार, I love you। जब चाहे आ जाओ।”

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मैंने कहा “आंटी और मज़ा नहीं करोगी?” उन्होंने कहा “करो जितना करना है लेकिन शाम 7 बजे के पहले तुमको जाना होगा।” मैंने कहा “ठीक है।” फिर मैंने स्तन छूना शुरू किया। उम्म, क्या मजा था! मैं खूब छू रहा था और आंटी मज़ा ले रही थी। करीब 20 से 25 मिनट छूने के बाद मेरा लिंग खड़ा हो गया। मैंने आंटी के दोनों पैर ऊपर कीये और लिंग चुत में घुसाया। थोड़ा तकलीफ हुई लेकिन धीरे-धीरे ठीक हो गया। मैं आंटी को इकदम धीरे-धीरे पेल रहा था। आंटी पूरी मज़े में थी। मैंने करीब 1 घंटे की चूदाई के बाद सर सर चाचप करके आंटी के चूत में माल फेक दिया और ढेर हो गया। मैं और आंटी सो गए। सोकर उठने पर फिर से चुड़ाई हुई। आगे की कहानी अगली स्टोरी में…