First Time Sex

पहले दोस्ती फिर चुदाई

(Pahle Dosti Fir Choot Chudayi)

हाय दोस्तो, मेरा नाम विक्की है, मैं दिखने में अच्छा हूँ, रंग सांवला है, मेरा कद 5’10” है। मुझे कभी चोदने का मौका नहीं मिला था, कई बार मैं लड़कियों के बारे में सोच कर मुठ मार लेता था। मुझे एक बार चोदने का मौका मिला, मैं इसकी पूरी कहानी बताता हूँ, मैं अपनी पहली कहानी लिखने जा रहा हूँ, अब से तीन साल पहले हुई एक घटना के बाद सब कुछ बदल गया।

यह उस समय की बात है जब मैं बारहवीं में था, मेरी ऊम्र करीब 18 वर्ष थी, क्यूँकि मैं क्लास के बाकी लड़को से बड़ा था इसलिए लड़कियाँ मुझसे ज्यादा बात नहीं करती थी, पर मुझे एक लड़की बहुत पसंद थी, वो दिखने में बहुत सेक्सी थी, मेरा लंड उसको देख कर खड़ा हो जाता था, पर मैं कुछ नहीं कर सकता था।

मेरे दोस्त मुझसे हमेशा सेक्स की बात किया करते थे, वे हमेशा मुझसे कहते थे कि चल नागपुर में रंडी चोदने चलते हैं, पर मैं नहीं जाता था। मेरे दोस्त और क्लास की कुछ लड़कियाँ साथ में कोचिंग जाया करते थे, एक दिन मेरे दोस्तों ने बताया- अपने स्कूल की एक लड़की कोचिंग में आ रही है।

मैंने सोचा कि कोई होगी, मुझे उससे क्या लेकिन बाद में पता चला कि वह तो उषा है, यह वही है जिसे मैं चाहता था, मेरे मन में लड्डू फूटने लगे। मैं उससे बात करना चाहता था पर दो हफ्ते तक नहीं हो पाई, मेरा एक दोस्त उसके घर के पास रहता था, मैंने उससे बात कर ली कि हम दोनों साथ में कोचिंग जाया करेंगे।

कुछ दिनों बाद, मेरे दोस्त ने बताया कि उसकी माँ उस लड़की के घर आती जाती है। हम दोनों खुश हो गए, मेरे दोस्त ने कॉपी के बहाने अपने माँ के साथ जाकर उससे बात करना शुरू किया।

इसके बाद क्या था, उसने मेरी दोस्ती उससे करवा दी, हम तीनों एक साथ कोचिंग जाने लगे।

इस प्रकार एक महीना बीत गया, उषा और मैं अच्छे दोस्त बन गए थे। हम दोनों में मजाक-मजाक में सेक्स की बातें हो जाया करती थी, कभी कभार मैं उसे यहाँ वहाँ छू दिया करता था। अब हम दोनों कोचिंग में एक साथ एक मेज पर बैठते थे। इस प्रकार हमारा प्यार शुरू हुआ, पर हम एक दूसरे को कभी नहीं कहा। सभी लोग हमारी ही बातें करते थे।

Hot Sex Story :  शादी के बाद पति ने नहीं चोदा और मुझे सौंप दिया किसी और को

कुछ दिनों बाद स्कूल में प्रैक्टिकल शुरू हो गए, सब अपने-अपने रिकॉर्ड बुक बनाने में जुट गए, मैं होशियार स्टुडेंट था, इसलिए मेरा प्रैक्टिकल कॉपी पूरी थी, उसने मुझसे कॉपी मांगी पर मैंने नहीं दी तो वो गुस्से वहाँ से चली गई। पर वो शाम को मेरे घर कॉपी लेने आ गई।

मैं ख़ुशी के मारे पागल हो गया। मैंने उसे अन्दर बुलाया, वह आ गई।

वह मुझसे बोली- मुझे कॉपी क्यों नहीं दी थी।

तो मैंने कहा- अरे, कुछ नहीं मेरा पास सही रीडिंग नहीं थी न इसलिए !

उस समय उसकी आँखों में अजीब सा नश था, मानो कह रही हो- आओ प्यारे और चोद डालो !

मैं समझ गया कि इसे सेक्स की जरुरत है पर मौका सही नहीं था, घर में मेरी माँ थी, मैं उसे अपने कमरे में ले गया और कहा- लो लिख लो !

उसने लिखना शुरू किया और मैं उसकी चूचियों को निहार रहा था। क्या स्तन थे उसके, ऐसा लगता था जैसे संतरे हों। निहारते-निहारते मुझे मुठ मारने की इच्छा हुई, मैं उठ कर बाथरूम गया और मुठ मार ली।

मेरे आते तक उसने लिख लिया। फिर उसने मुझसे पूछा- तुम उठ कर कहाँ चले गए थे?

तो मैंने कहा- मुझे जोर की लगी थी इसलिए बाथरूम गया था।

वो हंस दी।

बातों बातों में मैंने उससे किस माँगा, पर उसने नहीं दिया, उसने कहा- ये सब हमारे शादी करने के बाद में होना चाहिए !

और उठ कर जाने लगी, मैंने रोकने की कोशिश नहीं की और उसे जाने दिया।

अगले दिन हर रोज की तरह हम दोनों कोचिंग में बैठे थे, मैंने उससे बात नहीं की। उसने बार-बार मनाने की कोशिश की पर मैंने बात नहीं की। उसकी आँखें नम हो गई। मैं फिर उससे बोलने लगा, फिर मैंने सोचा कि कुछ शरारत की जाये। मैंने अपना एक हाथ उसकी चूत के पास उसकी जांघ में रखा और सहलाने लगा। उसने मुझे एक नजर देखा पर कोई विरोध नहीं किया। हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था। मेरा किसी लड़की के बदन के साथ यह पहला अनुभव था, बहुत मजा आ रहा था। देखते ही देखते कोचिंग की छुट्टी हो गई। उस दिन मैंने अपने दोस्त को कुछ काम का बहाना देकर उसे भगा दिया और हम दोनों साथ-साथ घर को जाने लगे। रास्ते में मैंने उससे पूछा- तुम्हारी प्रैक्टिकल कॉपी पूरी हो गई या नहीं?

Hot Sex Story :  चांदनी रात में पहली सुहागरात की रंगीन चुदाई

उसने कहा- एक बचा है, आज मेरे घर में कोई नहीं है, तुम आ जाना !

मेरा तो अन्दर का मर्द जग गया, मैंने हाँ कर दी।

मैंने घर में दोस्त के जन्मदिन का बहाना बनाया और उसके घर चला गया, रास्ते में मैंने ब्लू फिल्म और 3 कोंडोम ले लिए। साथ ही एक वियाग्रा भी ले ली।

मैंने उसके घर की घण्टी बजाई, वो लाल नाईटी में बाहर आई, क्या क़यामत लग रही थी। मैं अन्दर उसके कमरे में गया और बैठ गया, वो लिखने के मूड में थी, उसने मुझसे बड़े ही सेक्सी अंदाज में पूछा- तुम उस दिन के कारण गुस्सा तो नहीं हो?

मैंने कहा- अरे पगली, नहीं तू तो मेरी जान है और कोई जान से गुस्सा नहीं होता है।

वह मुझसे लिपट गई जोर-जोर से सांस भरने लगी, मैं समझ गया कि यह गर्म हो रही है।

मैं भी कम हरामी नहीं था, मैंने भी जोर से पकड़ लिया, उसके स्तन मेरे सीने में दब रहे थे, मुझे तो स्वर्ग का अनुभव हो रहा था।

मैंने उसे बिस्तर में लिटा दिया, उसे पागलों की तरह चूमने लगा, वह भी मेरा साथ दे रही थी।

दस मिनट बाद मैंने उसकी नाईटी उतार दी, मैं तो दंग रह गया क्योंकि मैंने कभी लड़की को इतने करीब से नहीं देखा था।

उसने ब्रा नहीं पहनी थी जिसके कारण उसके स्तन ऊपर उठे हुए थे। मैंने उनके साथ खेलना शुरू किया, उन्हें कभी चूसता तो कभी दबाता, मैंने भी अपने सारे कपड़े खोल दिये।

यह कहानी आप Hotsexstory.xyz में पढ़ रहे।

मैंने अपना लंड उसके स्तनों के बीच में रख कर पेलना शुरू किया, आनन्द तो आ ही रहा था मुझे भी और उसे भी !

थोड़ी देर बाद मैंने उसकी चड्डी उतार दी, उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, इतनी चिकनी थी कि जैसे वहाँ कभी बाल आए ही नहीं ! एक नजर में मुझे लग गया कि यह कुंवारी चूत है।

तभी मुझे मेरे दोस्त करन की बात याद आई, उसने कहा था कि ‘लड़की को मस्त करना हो तो उसकी चूत चाटो !’

वो अपनी गर्लफ्रेंड की चूत भी चाटता था। यह कहानी आप HotSexStory.xyz पर पढ़ रहे हैं।

फिर क्या था, मैं उसकी चूत को चाटने लगा। उसके बदन में बिजली की तरंग सी दौड़ गई, उसके मुँह से सेक्सी आवाज निकलने लगी, वो मदहोश होने लगी थी, उसकी चूत से पानी निकलने लगा था। वो मस्त हो गई थी, जोर-जोर से चिल्लाने लगी थी, मैंने उसकी चूत छोड़ अपना लंड उसके मुंह में दे दिया। वो उसे मुँह के अन्दर-बाहर करने लगी जिससे मुझे आनन्द का अनुभव हुआ।थोड़ी देर बाद मेरा वीर्य निकलने वाला था, मैंने उससे बताया तो उसने कहा- मैं इसे पीना चाहती हूँ।

Hot Sex Story :  Dukhi Aurat or Beti ka fayda uthaya Choad kar

मैंने उसके मुँह में पूरा वीर्य एक पिचकारी की तरह छोड़ दिया।

हम दोनों थोड़ी देर लेटे रहे फिर मैंने वियाग्रा खाकर चुदाई शुरू की। मैंने उसे समझाया कि पहली बार में थोड़ा दर्द होता है और खून निकलता है, तुम सह लेना।

उसने कहा- ठीक है।

फिर मैंने अपना काम शुरू किया, मैंने दो कोंडोम चढ़ा लिए और लंड का सुपारा उसकी चूत में रख कर पेल दिया। कुंवारी चूत होने के कारण लंड अन्दर नहीं गया। मैंने फिर से कोशिश की और मेरे प्रिय मित्र करन के बताए अनुसार चोदना शुरू किया। मेरे पहले धक्के में उसकी सील फट गई जिसके कारण वो चिल्लाने लगी, उसकी आँखों से आँसू आने लगे।

मैं थोड़ी देर रुका, उसके स्तन दबाने लगा। थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ और मैं फिर से धक्के लगाने लगा। इस बार मैं रुका नहीं और लगातार चोदता रहा, उसकी चूत फट चुकी थी।

इस बीच वो दो बार झड़ी, अब मैं भी झड़ने वाला था, मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ाई और उसकी चूत में ही छुट गया क्योंकि मैंने दोहरा कण्डोम लगाया हुआ था।

उसके बाद थोड़ा आराम किया और उठ कर मैं उसे एक लम्बी किस करके अपने घर चला आया।

मेरी कहानी कैसी लगी मुझे मेल करें !