भाई-बहन की चुदाई

पहली चुदाई का नशा पार्ट 2

(Pahli Chudai ka Nasha part 2)

हॅलो दोस्तो ,

मेरा नाम राजेश, फिर एक बार आपके सामने मेरी अधुरी रह गयी कहानी लेकरं आया हु।

अब तक मैने कैसे मेरी सोते हुवे बुवा की लंडकी रेखा को मध्यरात्री चोदा. जब उसको पता चला तो उसने मेरे सामने एक शर्त रखी वो सब आप मेरी पिछाली कहानी पहले चुदाई का नशा मैं पढे.

अब आगे…

मैं सायकल लेकरं रेखा दीदी ने बताई चिजें कंडोम और इरेजर लेने मेडिकल निकला, पर मेडिकल जा कर इरेजर मांगने मे कोई आपत्ती नही थी ,पर कंडोम मांगने मे मेरे को झिजक महसुस हो रही थी. करिब 10 मिनिट सायकल चलाकर मे मेडिकल दुकान मे पहुच गया. मे मेडिकल की और बढा तभी मेने देखा मेडिकल मे तो एक लेडी थी. मे मेडिकल के पास पहुचकर वापस अपनी सायकल की और मुडा, मेरे मैं हिम्मत ही नही हो पा रही थी की कैसे जाकर वो औरत को कंडोम मागू , वो क्या समजेगी, तरह तरह के सवाल मनमे आने लगे, दुसरे मेडिकल जाने का सवाल ही नही आ रहा था, क्योकी वो करिब और 5 किलोमीटर लंबा था. तभी मेने सोचा चलो एक बार प्रयास करके देखते है. मे वापस मेडिकल की और बढा ,जैसे ही मे काउंटर पर पोहचा, ऊस मेडिकल वाली औरत ने मुझसे पुछा ,क्या चाहीये , मेने इरेजर मांगा , उसने मुझे इरेजर लाके दिया, मैं उधर ही खडा सोच रहा था को कंडोम कैसे मागू , तभी वो बोली और क्या चाहीये , मे को.को…..कुछ नही. शायद वह समज गयी थी, स्माईल करके बोली और कुछ नही चाहीये ना? मैं नही बोला , तीस रुपये हो गये वो बोली. मेने 100 का नोट दिया , उसने बाकी का पैसा वापस दिया , मेने बिना उसकी तरफ देखे वहा से निकल गया और सायकल के पास जाकर खडा हुवा , करिब 10 मिनटं खडे रह कर मैने निश्चय किया अभि कुछ भी हो अब कंडोम लेके ही आने का.मे वापस मेडिकल की तरफ बढा. काउन्ट पर जाकर रुका तभी. वहा पर एक लंडकी आई

मेडिकल वाली:- तुम को अब क्या चाहीये,
मैं:- आप ऊस लंडकी को देखो पहले क्या चाहीये बाद मैं मे बता देता हु.

शायद वो मेडिकल वाली समज गयी थी, एक प्यारी स्माईल करते हुवे , उसने वह लंडकी को जो मेडिसिन चाहीये वो देकर मेरे पास आई,

मेडिकल वाली:- अब बोलो

मैं:- जी वो को… को..

मेडिकल वाली:- क्या?

मैं:- (धीमी आवाज मैं) कंडोम

मेडिकल वाली:- क्या , समजा नही

शायद वो मेरी फिरकी ले रही थी, उसकी हसी से मे समज गया और जोर से बोल दिया कंडोम.

मेडिकल वाली एक प्यारी स्माईल देकर बोली, कोणास दु?
मैं – क्या मतलब
मेडिकल वाली- अरे कभी लिया नही क्या पहले, मेने पुछा कोणास फ्लेवर या कंपनी का?

मैं – जो सही लगे वो दे दिजीए.

मेडिकल वाली ने एक पॅकेट पेपर मैं बांध कर मुझे दे दिया और बोली 5 रुपये, मेने उसे पैसे दिये. वह मेरे तरफ हसके देख रही थी, वो भी क्या माल थी , उसकी सेटिंग कैसे हुवी और मेने उसे कैसे चोदा वह आपको दुसरे कहाणी मैं बताउनगा और मैं वहा से निकल गया. मैं सायकल के पास जाकर उसने लगाया कागद निकाला, उसने मुझे डीलक्स का कंडोम दिया था, ऊस समय यही चलता था, और जादा मेहंगा भी नही था. कंडोम जेब मैं रख कर सायकल पर बेठ कर मे घर की तरफ निकल गया. अब मुझे कब घर पोहचकर रेखा दीदी को चोदता हु इसकी आतुरता लगी थी. इस रोमांचित अनुभव से मेरा लंड तन चुका था. सायकल का पेडल मारने से मुझे वह जादा महसुस हो रहा था.

घर पोहचकर मैने बेल बजाई, रेखा दीदी ने दरवाजा खोला तो मे तुरंत अंदर घुस गया और दरवाजा बंद करके ,उसके उपर तूट पडा, मगर उसने मुझे रोकते हुवे कहा राज अपना क्या तय होगया था? मैं रुक कर बोला जैसे आप चाहो वैसे ही होगा दीदी. वह मुझे टोकते हुवे बोली , मुझे दीदी मत बुला गांडू , अबसे, जब कोई नही होगा तब तुम मुझे जानू बुलाते जा? मैं ओके जानू. अब वह बोली, अगर तू सब सामान लाया है तो अब हम अपने काम पे लगते है. चल मेरे साथ …. वह मुझे पकडकर बाथरूम की और लेकरं गयी. अंदर जाते जाते उसने गीजर ऑन किया. मेने पुछा, अब तक तुमने नहाया नही, उसने मेरे गाल पर पप्पी ली और बोली नही मेरे राजा तेरे लिये तो रुकी थी ,तेरे साथ नहाने का था ना!! हम लोग बाथरूम मे गये, तभी वह बोली , मेरे राजा अब एक काम कर , वह इरेजर निकाल. मे अन्याधारी के तरह इरेजर निकाल कर उसके हाथ मे दे रहा था।

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तभी वो बोली रुक इसका क्या करणे का हे वो सब तुझे ही करना है. मुझे कहा चल काम पे लग जा, प्यार से मेरी सलवार उतार , वेसेही मे आगे बढा और उसके रसिले होठो पे अपना होठं रखकर किस करणे लगा , वो भी मेरा पुरा साथ दे रही थी, एक हाथ नीचे ले जाकर मेने उसके सलवार का नाडा खिचा, सलवार खिसकर नीचे पैरो मे जा रुकी, मेने अपना हात उसके चुत की तरफ बढाया और उसकी चुत को चड्डी के उपरसेही सहला ने लगा , वह भी मस्त सिसकीया लेते हुवे मुझे किस कर रही थी , उसने अपनी जीभ मेरे मु मे डाली , मे और रोमांच से भर गया और उसकी जीभ चुसने लगा , हमारी दोनो की जीभ एक दुसरे का आलिंगन ले रही थी , तब मैं रुका और नीचे झुकर उसकी निकर नीचे सरका कर सलवार और चड्डी उसके पैरोसे अलग कर दि. झाटो के जंगल मे उसकी चुत भी दिखाई नही दे रही थी, मैं ने उसे बोला अरे जानू क्या है ये , कितने सालो से इसे साफ नही किया, तभी वह बोली , कोई चोदने वाला नही ना, तो इसलीये उसके उपर मैने ध्यान ही नही दिया।

अब तू है ना तो चल आज तेरे लिये आज उसको चिकणी कर देते है. वेसे ही उसने बाथरम स्टूल लिया और अपनी दोनो टांगे फैला कर बैठ गयी और बोली चल अब राजा काम पे लग जा आज उसको तेरे हाथ से ही चिकणी कर. तब मैं समज गया की इरेजर क्यो लाने को बोला था. वो बोली थोडा पानी और साबण लगा मेरे चुत के बाजू मैं और हलके हलके मसाज कर मेरी चुत की . मेने आज्ञाधरी की तरह साबण और पाणी लिया, पहले पाणी डालकर उसके चुत को भिगोया और साबुन लगाकर अपना हाथ उसके चुत पर रखा तभी उसने एक सिसकारी लेते हुवे मेरे होट चुंम लिये . मेरा हाथ नीचे उसके चुत पर हलका हलका घुम रहा था और वो और जोश मैं आ रही थी. मेने उसके होट चुंमते चुमते , दुसरा हाथ उसके बुब पर रखा और हलका हलका दबाने लगा , करिब पाच मिनिटं उसके होट चुसने के बाद मेने उसका कुर्ता उतार दिया, उसने भी मेरे सारे कपडे उतार दिये और, अब मेरा मु उसके बुब के निप्पल की और बढाया. मेने मेरी जीभ ऊस के उपर घुमाई और उसके निप्पल चुसने लगा. उसने मेरे सरके पिछे हाथ डालकर मेरे बाल पकड लिये और जोर से सिसकीया लेने लागी।

आहहह…ओहहहहह…म्म्मम्म्मम्म राजू चुस जोर से , मेने एक एक करके दोनो बुबकी चुसाई जोर से चालू की , नीचे मेरे हाथ उसके चुत पर घुम रहे थे तभी मेने मेरी एक उंगली उसके चुत मे घुसा दि, उसने जोर से आहहहहह…..राजू ……और मे उंगली अंदर बाहर करणे लगा , ऊस वजह से वह अब और चहक उठी और मेरे सर को अपने मु की तरफ घुमाके मेरे होठो को चुसने लगी. एक हाथ मेरे तने हुवे लंड पर रख कर उसे आगे पिछे कर सहला ने लगी , अब मेरे लंड ने अपना आकार पूर्ण रुपसे ले लिया था. मे पुरे जोश मे उसके होट कभी बुब चुसते हुवे उसके चुत मे उंगली अंदर बाहर कर रहा था, वो भी बडी कामुक सिसकीया ले रही थी , बाथरूम मे जोर से आवाज हो रही थी….. ओह…

अहहहहहहह….म्म्मम्म्मम्म्म….औउउऊऊऊऊऊ…….अपनी चुत को मेरे उंगली पे ढकल रही थी……मेरे लंड को आगे पिछे कर रही थी. उसकी यह कामुक अवस्था देख मेरी हालत खराब होने लगी, मेने और एक उंगली इसकी चुत मे डाल दि , इस वजह से उसने मेरे लंड को और जोर से हिलाने लगी और बडबडा ने लगी राजू…..और जोर से…..आहहह …..अहाहा..आआआआ…. उसकी हाथ की रफतार बढ गयी वेसे मेने भी मेरी उंगली अंदर बाहर जादा रफ्तार से करना चालू किया , अब हम दोनो ही चरम सीमा तक आ चुके थे …उसने कहा राजू मे आ रही हु ,मेने और एक उंगली डालकर राफ्तार तेज कर दि , मेरे लंड पे उसके हाथ तेजीसे चलने लगे …और वो जोर से सिसकीया लेने लगी।

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अहआआआआआआ…….ओऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ…..म्म्मम्म्मम्म्मम्म्मम्म………….अहहहहहहहहहहहहहहहहह…….अहहहहहहहहहहहहहहहहहहह……आ…आ…आ …….. मे भी अपनी परम सीमा पे पोहच गया …..दोनो की सिसकीया अब जोर से मिल गयी और हम दोनो ने अपना पाणी एक साथ छोड कर एक दुसरे को लपेट गये , मेरा सारा वीर्य उसके बदन पे फेल गया…. करिब पाच मिनिटं हम एक दुसरे को लपेटे रहे. फिर उसने मुझे अलग करते हुवे अपनी सलवार ली और खुदका पुरा बदन पोछ लिया.

अब मेने भी थोडी देर रुकर उसको बोला चलो अब ये झाटो के जंगल से ‘तेरी चुत को आजाद कर देते है…. उसको मेने स्टूल पर बैठ ने के लिये बोला. वो अपने दोनो पेर फैलाकर हाथ पिछे दिवार का सहारा लिये अर्ध लेटी अवस्था मे बैठ गयी.मैने पाणी डालकर उसकी गिली चुत साफ करना चालू किया और वापीस साबुन लगाया …..अब मेने इरेजर लिया और उसके चुत के बाल साफ करणे लगा. सब बाल निकाल दिये . पाणी से अछि तरह से उसकी चुत साफ की. क्या चुत दिख रही थी, मे मेरे जिंदगी मे पहली बार चुत देखणे का आनंद ले रहा था वो भी इतनी नजदिकी से… गुलाबी रसिली चुत चमक रही थी, मे उसे देखे ही जा रहा था. तभी रेखा बोली मेरे राजा अब खाली देखता ही रहेगा या और भी कुछ करेंगा , चल अब ‘तेरी इस जानू की चुत का रसपान कर इसे चाट चाट कर लाल कर दे. वेसेही मेने अपना सर नीचे किया और अपनी जीभ बाहर निकाल कर पुरी चुत पर नीचे से उपर घुमाई. वेसेही रेखा ने एक जोर की सिसकार दि अहहाआ. मेने अपनी जीभ की नोखं से उसके चुत के उपर का गुलाबी दाना चाटणे लगा।

मेने मेरी जीभ अब पुरे चुत पर उपर नीचे करते करते उसके योनी द्वार मे घुसा दि ….रेखा मदमस्त हलकी सिसकीया लेने लगी…मेने अब एक कुत्ते की माफिक उसकी चुत अंदर बाहर करके चाटणे लगा..कुछ देर बाद रेखा बोली मुझे भी तेरा लंड चुसना है. तब मेने बाथरूम का सारा सामान बाजू करके नीचे लेट गया और वह मेरे उपर 69 की पोजिशन मे आ गयी. उसने जेसे ही मेरे लंड के आगे के भाग पर आईसक्रीम चाटणे के माफिक अपनी जबान घुमाई, वेसे ही मेरे पुरे शरीर मे मानो करंट दोड गया … उसने धिरे धिरे लंड का टोपा अपने मु मैं भर लिया वैसे ही मेरा लंड अब तन के खडा हो गया वो बडी प्यार से चुस रही थी और मे पुरे जोश मे आ रहा था, उसकी चुत अब रीज रही थी, हलका खारा स्वाद उसके चुतसे आ रहा था, मे पुरे स्वाद से उसका रसपान करने लगा. अब रेखा बोली बस राजू अब रहा नही जा रहा, तेरा यह लंड अब मेरे चुत मे डाल के कई दिनो की इसकी प्यास बुजा दे।

रेखा मेरे उपर से उठ गई और खुद्द नीचे लेट गयी. मे अब उसके उपर आकार उसे किस करने लगा. हम ऐसें किस करे जा रहे थे मानो ,हम कई सदीयोसे भुके हो, मे उसके ममो को दबा रहा था, थोडी देर किस करने के बाद मेने अपना मोर्चा उसके बुब की तरफ बढाया. एक हात मे एक बुब और एक बुब मु मे लेके बुब दबा कर चुसने लगा. मे मानो सातवे आसमान पे था. मेरा लंड उसकी चुत को छु रहा था. उससे मेरी और रेखा की उत्तेजन बढ रही थी. रेखा ने अपने हात से मेरा लंड पकड कर अपने चुत पर घुमाया. उसकी चुत बहोत गिली हो चुकी थी. अब उसने मेरा लंड अपने चुत के मु पे सेट किया और एक हात से मेरे बंब को दबाते हुई लंड चुत मे डालने लगी. मेने भी सोचा अब जादा समय नही जाने देना चाहीये.इसलीये मेने भी लंड उसके चुत मे एकदम धीमी गती से डाल दिया. रेखा जोर से सिसकारी..ओहहह …राजा… मेरा आधा लंड उसके गिली चुत मैं समा गया. जन्नत क्या होगी यह आनंद मेरे को आ रहा था।

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मेने करिब पाच मिनिटं आधा लंड ही उसके चुत मे अंदर बाहर करणे लगा. रेखा मानो बिना पाणी की मछली के माफिक तडप रही थी. तभी मेने पुरी ताकत से एक जोर का झटका दिया और मेरा पुरा लंड उसके चुत मे समा गया. रेखा इस सुखद आघात से चुहुर उठी. और जोर से सिसकार लेने लगी. मेने भी अपनी राफ्तार अब धिरे धिरे बढाई , वेसेही पुरीबाथरूम ठप्प ठप्प आवाज और रेखा की सिस्कारियोसे भर गयी. मे करिब पाच मिनिट उसको चोदता रहा, बिना लंड चुत से निकाले रेखा मेरे उपर आगयी. अब रेखा मेरे लंड पे मानो कुद रही थी, उसके बडे बडे मम्मे जोर जोर से उछल रहे थे मे दोनो हाथो से उसे दबा रहा था. क्या नजारा था. रेखा अब अपने परम सीमा पर पोहोच गई थी, उसने अपना एक बुब मेरे मु मे दिया ,मे पुरे चाव से चुस रहा था. अब उसकी स्पीड बढ गयी, जोर जोर से मेरे लंड पे कुद रही थी. अहहाआ अहहहहहहहहहह…..म्म्मम्म्म….. आआआआआआआआ……आवाज के साथ उसने अपना सारा पाणी छोड दिया और मेरे उपर गीर गयी , उसने मेरे को एक दीर्घ किस किया और बाजू हो गयी।

लेकीन मेरा अभी बाकी था. तो मेने उसे घोडी बनणे को बोला वैसे ही वो घोडी बनी. मेने पिछेसे उसके चुत मैं लंड डाल दिया और लगा धक्का पेल चोदने , पुरा बाथरूम ठप्प …..ठप्प ….ठप्प आवाज से गुंज रहा था करिब पाच मिनिटं बाद रेखा फिर से गरम होगयी और अपनी गांड पिछे धकेल मुझे साथ देने लगी. अब मे भी और जोश मे आगया और अपनी रफ्तार बढा दि. करिब पाच मिनिटं धका पेल चदाई के बाद हम दोनो ही परम सीमा पर पोहच गये आहा आहा ओह के आवाज के साथ मेने मेरा सारा वीर्य रेखा की चुत मे छोड दिया. और रेखा ने भी अपना बदन अकडते हुवे पाणी छोड दिया. मे उसके पीठ पर गीर गया , करिब दो मिनिट बाद मेने लंड बाहर निकाला. उसके चुत से सारा माल टपक रहा था. तब हमको समज आया अरे हम ने कंडोम लाया हुवा मेने पेहना ही नही, सेक्स का हमे नशा ही इतना चढ गया था की हम ऊस आगोश मे कंडोम पेहनाही भूल गया,और उसको भी सेक्स की खुमारी इतनी चढ गयी थी की उसको भी समज नही आया. मे बोला अब क्या करे जानू , वह बोली अब जाने दो जो हुवा सो हुवा अब तू मुझे माला-डी गर्भ निरोधक गोली लाके दे. मे बोला ठीक है .

उस दिन हमने करिब पाच बार हर आसन मैं चुदाई की. मे ऊस दिन कॉलेज ही नही गया. उसके बाद मेने मेडिकल से उसे गोली लाके दी. मेडिकल मे क्या घटना हुवी और कैसे मुझे मेडिकल वाली को चोदने का मोका मिला वह मे दुसरे कहाणी मे बताउंगा. कुछ महिने बाद रेखा और उसके पती की सुलह हो गयी. वह अपने ससुराल गयी. पर ससुराल जाने से पहले उसने और मेने खूब मजे किये. अब मेरी भी शादी हो गयी है फिर भी महिने दो महिने मे हम जब मोका मील जाय तब चुदाई कर लेते है.

तो दोस्तो कैसी लगी मेरी यह कहाणी. आपके सुजावं और ऐसी बहोतसी सच्ची कहानी लिखने को मुझे प्रेरीत करणे के लिये मुझे जरूर मेल करे.
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