पहली चुदाई के मज़े लिए भतीजे के साथ
दोस्तों, मेरा नाम रूबी है। आज मैं आपके सामने एक ऐसी कहानी साझा करने आई हूं जो मेरे जीवन का एक गहरा हिस्सा है। यह कहानी मेरी अपनी जिंदगी की सच्ची घटना पर आधारित है, जो मुझे 12 साल की उम्र में शुरू हुई थी। तब से ही मैंने चुदाई की कहानियों और उत्तेजक फिल्मों को देखना बहुत पसंद किया करता था। जब भी मैं कोई सेक्सी फिल्म देखती थी, तो मेरी चूत गीली हो जाती थीं और मैं चुदाई के लिए बेचैन होने लगती थी। आज मैं आपको अपनी पहली सेक्स की कहानी सुनाने जा रही हूं, जो मेरे छोटे भाई धीरज के साथ हुई थी।
मैं बंगाल की रहने वाली हूं। दिखने में मैं बहुत गोरी नहीं हूं, लेकिन मेरा फिगर काफी आकर्षक है। मेरी बॉडी टाइप 32-29-34 है और मेरी ऊंचाई 5 फुट 6 इंच है। उम्र 19 साल की। मैं हमेशा एक साथी की तलाश में थी, जिसके साथ मैं अपनी इच्छाओं को पूरा कर सकूं।
मेरे घर में कुल पांच लोग रहते थे – मेरे माता-पिता और उनका छोटा भाई, धीरज। चाची की कुछ दिन पहले ही मृत्यु हो गई थी, जिससे घर में शोक का माहौल था। हमारा घर बड़ा था और उसमें कई कमरे थे। मेरा कमरा छत पर था और धीरज भी मेरे पास रहता था।
धीरज दिखने में गोरा और स्मार्ट है। वह मुझे छोटा लगता है, लेकिन वास्तव में वह मुझसे थोड़ा बड़ा है। वह अभी 11वीं कक्षा में पढ़ता है। हम दोनों रात को साथ में पढ़ते हैं और कभी-कभी एक ही कमरे में सोते हैं। मैं हमेशा किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश में थी जो मुझे समझ सके और मेरे साथ प्यार कर सके।
एक दिन, जब हम दोनों पढ़ाई कर रहे थे, तो समय का पता ही नहीं चला। मैं थक गई थी और धीरज भी। तभी धीरज मेरे कमरे में आया। उस रात, मैंने महसूस किया कि मैं उसके करीब आने के लिए उत्सुक हूं। मैंने देखा कि उसका शरीर उत्तेजित है। मुझे लगा कि क्यों न मैं उसके साथ चुदाई करूं। मैंने अपनी चूत को उठाया और उन्हें उसके शरीर पर रगड़ना शुरू कर दिया। मेरी चूत उसकी त्वचा से रगड़ते हुए मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। तभी मुझे लगा कि धीरज जाग गया है। मैं चुपचाप चादर के नीचे मुंह करके लेट गई।
फिर वह बिस्तर से उठा और टॉयलेट में चला गया। कुछ देर बाद, वह वापस आया और फिर सो गया। सुबह उठकर मैंने नहाया और तैयार हुई। हम दोनों नाश्ता करने के लिए टेबल पर बैठे। फिर हम साथ में नाश्ता करने लगे।
उस दिन, मैं धीरज को पटाने की योजना बना रही थी। मुझे यकीन था कि मैं उससे चुदाई कर पाऊंगी। मैंने उसे अपने साथ ले जाने का प्रयास किया। जब वह मेरे पास लेटता था, तो मैं उसके चारों ओर लिपटी रहती थी और जब वह सो जाता था, तो मैं उसकी त्वचा को अपनी चूत से सहलाती थी। मैं अक्सर ऐसे ही उसके साथ करती थी। लेकिन मुझे नहीं पता था कि मैं जो कर रही थी वह सब उसे पता है।
उस रात, जब हम दोनों एक साथ सोते थे, मैंने उसकी होंठों पर चुंबन किया और उसे अपने आगोश में ले लिया। साथ ही, मैंने उसकी त्वचा को कपड़े के ऊपर से सहलाया। अगले दिन, उसने मुझसे पूछा कि मैं क्या कर रही थी। मैं उसकी बात नहीं समझ पाई और मैंने उससे कहा कि वह क्या कह रहा है। उसने कुछ भी नहीं कहा, लेकिन कुछ दिनों बाद, जब हम फिर से एक साथ सोते थे, तो उसने मेरा हाथ पकड़ा। उसने कहा कि वह इस बारे में पूछने आया था। मैंने उसे बताया कि मैं सिर्फ बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड की तरह व्यवहार करना चाहती हूं। उसने इनकार कर दिया। फिर मैंने कहा कि मेरे पास भी कोई बॉयफ्रेंड नहीं है।
हम दोनों ऐसा करते रहे कि बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड की तरह व्यवहार करें। धीरज ने इनकार कर दिया। तभी मुझे एहसास हुआ कि घर में कोई निगरानी कर रहा है। मैंने उसे समझाया कि अगर घर में कोई जान गया तो मैं बहुत गुस्सा करूंगी। उसने मान लिया। फिर मैंने उसकी होंठों पर अपनी होंठें रखकर चुंबन करना शुरू कर दिया। वह भी मेरी होंठों को चूसने लगा। हम दोनों ने एक-दूसरे की होठों को कुछ देर तक चूसा और फिर सो गए।
उस रात के बाद, हम अक्सर एक-दूसरे की होठों को चूमते थे और वह मेरे बूब्स को दबाता था। मुझे यह सब बहुत मज़ा आता था और मैं सोचती थी कि चुदाई में कितना मज़ा आएगा।
कुछ दिनों बाद, जब हम फिर से एक साथ सोते थे, तो मैंने उसकी होंठों पर अपनी होंठें रख दीं। वह हमेशा की तरह मेरी होंठों को चूसने लगा। मैंने भी उसकी होंठों को चूमना शुरू कर दिया। हमने एक-दूसरे की होठों को कुछ देर तक चूसा और फिर मेरे बूब्स को दबाया। मुझे यह सब बहुत अच्छा लग रहा था।
फिर उसने अपने कपड़े निकाल दिए और मैं ब्रा और पैंटी में आ गई। वह मुझे घूरने लगा। कुछ देर बाद, वह मेरे पास लेट गया और मेरी ब्रा खोली दी। उसने मेरे दूध को मुंह में रखा और चूसना शुरू कर दिया। मैंने उसके सिर को दबाकर गर्म सांसें लीं।
वह मेरे दूध को चूसता रहा और दूसरे दूध को हाथ में पकड़कर पीता रहा। मैंने चुपचाप बिस्तर पर लेटकर अपने बूब्स को चूमा। फिर उसने मेरे पहले दूध को छोड़ दिया और दूसरे दूध को मुंह में रखा। उसने मेरे निप्पल को मुंह में डालकर पीना शुरू कर दिया। हमने दोनों बूब्स को एक साथ चूमते हुए कुछ देर तक आराम किया।
फिर उसने अपने कपड़े निकाल दिए और वह भी बिना कपड़ों के आ गया। उसने मेरी टांगों को फैलाया और मेरी चूत पर थूक लगाया। उसके लिंग पर थूक लगा कर मेरी चूत में डाला। मेरे मुंह से सिसकियाँ निकल गईं।
उसने मेरी चूत पर थूक लगाते हुए कुछ देर तक अपने लिंग को रगड़ा। फिर उसने एक जोरदार धक्का मारा, लेकिन मेरी चूत टाइट होने के कारण उसका लिंग बाहर नहीं आ सका। उसने दोबारा मेरी चूत में थूक लगाया और अपने लिंग को धीरे-धीरे घुसा दिया। मुझे दर्द महसूस हुआ और मेरी आंखों में पानी आ गया।
फिर धीरज ने मेरी होंठों पर चुंबन किया और मुझे शांत करने की कोशिश की। हमने एक-दूसरे को गले लगाया और फिर अपने कपड़े पहन लिए। उस रात, मुझे चुदाई का बहुत मज़ा आया और उसके बाद हम अक्सर साथ में चुदाई करते रहे।
ये थी मेरी कहानी। धन्यवाद।