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प्रमोशन की मज़बूरी में लंड की गुलामी-1

Promotion ki majboori me land ki gulami-1

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोशन है और एक बार मुझे काम के सिलसिले में लखनऊ जाना पड़ा, वहाँ मुझे 3 महीने का काम था. मेरे दफ़्तर में मेरी सहकर्मी जो कि सीनियर क्लर्क है, जिसका नाम रुबीना है, जिनकी उम्र 32 साल की है, उनकी शादी 12 साल पहले हुई थी और उनके पति दुबई में 2 साल से सर्विस कर रहे थे, रुबीना का फिगर 38-34-40 साँवली, लेकिन मोटी थी.

में तो उसके चूतड़ पर बहुत फिदा था, वो अपनी गांड मटका-मटकाकर चलती थी, वो एक महीने में ही काम के दरमियाँ काफ़ी घुल मिल गयी थी. एक बार तो बातों-बातों में उसने मुझसे रिक्वेस्ट की सर आप चाहे तो मेरा प्रमोशन हो सकता है इसलिए आप हेड ऑफीस में मेरी सिफारिश करेंगे तो मेरा प्रमोशन हो जाएगा और वो इसके लिए कुछ दे भी सकती है, तो तब मैंने कहा कि आप क्या दे सकती हो? तो वो कुटिल मुस्कान भरते हुए खुमारी के साथ बोली कि चाय पानी, तो में भी हंसकर रह गया.

फिर उसके बाद से तो मैंने महसूस किया कि वो मुझे अजीब निगाहों से देखती थी और उसकी नज़रों में काम वासना की ललक नज़र आती थी, तो में समझ नहीं सका कि वो ऐसे क्यों देखती है? तो तब मुझे लगा कि या तो वो प्रमोशन के लिए ऐसा कर रही है या फिर 2 साल से प्यासी होगी. फिर में भी अक्सर रुबीना को देखकर अपना लंड सहलाता था, तो वो मुझे देखकर केवल मुस्कुरा जाती थी. फिर एक दिन उसने मुझे डिनर के लिए इन्वाइट किया.

उस दिन शुक्रवार था तो में ऑफीस से उसके घर उसके साथ चला गया तो उसने मेरे लिए रास्ते से बियर की बोतल खरीद ली और होटल में डिनर का ऑर्डर दे दिया. फिर उसने घर पहुँचकर पहले अपने कपड़े चेंज किए और फिर वो मेरे लिए बियर लेकर आ गयी. अब में बियर पी रहा था और बातें कर रहा था, अब वो बार-बार मुझे अजीब निगाहों से देख रही थी और बातों-बातों में कभी-कभी आँख भी मार देती थी और अपने होंठों को अपने दातों से दबा लेती थी. अब में समझ गया था कि वो आज गर्म हो चुकी है और अब वो मेरे सामने कुर्सी पर बैठी थी.

फिर मैंने रुबीना का हाथ पकड़कर उनको अपनी तरफ खींच लिया तो उसने कोई प्रतिरोध नहीं किया. फिर मैंने रुबीना को दीवार के सहारे खड़ा कर दिया और रुबीना के होठों को चूमने लगा और उसके लिप्स को चूसने लगा. अब रुबीना एकदम पागल सी हो रही थी, जैसे उसे जन्नत का मज़ा आ रहा हो. अब में रुबीना की जीभ को चूसे जा रहा था और अब मेरे हाथ रुबीना की पीठ पर चल रहे थे. फिर मेरा बायाँ हाथ रुबीना की कमर पर जाकर रुक गया और फिर उसकी बाई चूची को दबाने लगा तो अब रुबीना बेताब होने लगी थी.

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फिर मैंने रुबीना के कान में कहा कि रुबीना मेरी जान तू बहुत भूखी है, तो रुबीना सिर्फ़ अपना सिर हिलाकर हाँ कह सकी. फिर मेरा हाथ धीरे-धीरे रुबीना के सलवार के नाडे पर आ गया और रुबीना को किस करते हुए एक झटके में ही उसके सलवार के नाड़े को खोल दिया. अब रुबीना की लाल सलवार सरक कर नीचे ज़मीन पर गिर गयी थी और अब वो नीचे से नंगी थी, उसकी मोटी गोरी चूत पर छोटी-छोटी झांटे थी, उसकी चूत गीली थी.

फिर रुबीना ने मेरी पेंट से मेरा लंड बाहर निकाल लिया और सहलाते हुए बोली कि हाइईईई सर आपका यह तो काफ़ी मोटा और लंबा है. फिर में रुबीना की कमीज़ को ऊपर की तरफ करने लगा, तो रुबीना और जोश में आ गयी और रुबीना ने अपनी सहूलियत के लिए अपने हाथ ऊपर की तरफ कर दिए.

मैंने उसकी कमीज़ उतार दी और उसकी कमीज़ उतारने के बाद पीछे से रुबीना की ब्रा का हुक खोल दिया और एक झटके से रुबीना की ब्रा को उतारकर फेंक दिया. फिर मैंने उसको दीवार की तरफ मुँह करके खड़ा किया और पीछे से उसकी चूचीयों को अपने दोनों हाथों में पकड़ लिया और मसलने लगा. फिर मैंने उसके निप्पल को मसलना शुरू किया तो रुबीना सिसकारियाँ भरने लगी तो मैंने उसको दीवार के सहारे और दबा दिया.

अब रुबीना की गांड पर मेरा लंड सटा हुआ था और रुबीना के दोनों बूब्स मेरी मुट्ठी में थे, अब में मेरी उंगली और अंगूठे से रुबीना के निप्पल को बेदर्दी से मसलने लगा था. अब रुबीना तो जैसे जोश में एकदम पागल सी हो रही थी. फिर 10 मिनट के बाद में रुबीना को पकड़कर टेबल के पास ले गया और टेबल पर बैठने को कहा तो रुबीना टेबल पर बैठ गयी.

अब मेरा मोटा और लंबा तना हुआ लंड रुबीना के सामने था तो उसने तुरंत ही मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ा और सहलाने लगी. फिर मैंने बोला कि रानी इसको अपने मुँह में लेकर चूसो, तो रुबीना मेरे लंड को पकड़कर अपनी जीभ से चाटने लगी. फिर थोड़ी ही देर के बाद रुबीना ने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और मेरे लंड के सुपाड़े को चूसने लगी थी.

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अब रुबीना भी जोश से अपने आपको काबू में नहीं रख पा रही थी और बोली कि सर प्लीज जल्दी कुछ कीजिए ना, नहीं तो में पागल हो जाउंगी. फिर मैंने रुबीना की गांड को टेबल के किनारे पर रख दिया और उसकी टागों के बीच में आकर खड़ा हो गया. रुबीना की टागें बहुत मोटी और टाईट थी और अब रुबीना टेबल पर आधी लेटी हुई थी.

फिर मैंने रुबीना के पैरो को अपने हाथों से पकड़कर फैला दिया और अपने लंड के सुपाड़े को उसकी चूत के बीच में रख दिया और एक झटका दिया तो मेरा आधा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ अंदर घुस गया. अब रुबीना दर्द से चिल्ला उठी और कहराने लगी कि उईईईई माँ में मर जाउंगी, आहह सर रुक जाइए प्लीज, तो में रुक गया और अपने लंड को रुबीना की चूत में से बाहर निकाल लिया. फिर मैंने एक तकिया उठाकर रुबीना की गांड को उठाकर उसकी गांड के नीचे रख दिया तो अब रुबीना की चूत थोड़ी और ऊपर हो गयी थी.

फिर में रुबीना के ऊपर झुक गया और रुबीना के होठों को अपने मुँह में ले लिया और मेरे लंड का सुपड़ा एक बार फिर से उसकी चूत के मुहाने पर रखकर एक ज़ोरदार धक्का मारा तो रुबीना की चीख निकलते-निकलते रह गयी, क्योंकी मैंने उसके होठों को अपने होठों से दबा रखा था. अब रुबीना दर्द से कराह उठी तो में रुक गया. रुबीना के पति का लंड छोटा था और उसकी चूत के छेद का साईज़ छोटे लंड के लिए मुनासिब था.

अब मेरा आधा लंड उसकी चूत के अंदर घुस चुका था और फिर में 2-3 मिनट तक उसके ऊपर बिना हिले लेटा रहा. फिर मैंने धीरे-धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया तो रुबीना अभी भी दर्द से कराह रही थी. फिर अचानक से मैंने एक जोरदार धक्का दिया तो मेरा लंड सनसनाता हुआ रुबीना की चूत में और ज़्यादा अंदर तक घुस गया और रुबीना चिल्लाने लगी और मुझे रुक जाने को कहा, लेकिन में नहीं रुका और रुबीना को तेज़ी से चोदने लगा. अब मेरा लंड बिजली की तरह रुबीना की चूत में अंदर बाहर होने लगा था.

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अब जैसे ही रुबीना की चीख कुछ कम होती तो में एक धक्का ज़ोर से लगा देता था और रुबीना फिर चीख पड़ती थी. फिर कुछ देर तक में इसी तरह उसको चोदता रहा और अब धीरे-धीरे मेरा पूरा लंड रुबीना की चूत की गहराई तक जगह बना चुका था और तेज़ी के साथ अंदर बाहर हो रहा था. अब रुबीना दर्द से तड़प रही थी.

फिर 8-10 मिनट के बाद रुबीना को भी मज़ा आने लगा तो उसने अपने हाथ मेरी कमर पर कैंची की तरह कस दिए और अपनी गांड उठा-उठाकर मेरा साथ देने लगी, तो में बोला कि शाबाश मेरी रानी अब तो तुझे चोदने में मज़ा आ गया.

फिर में उसको लगभग 15-20 मिनट तक चोदता रहा और इस दौरान रुबीना 3-4 बार झड़ चुकी थी, लेकिन मेरा लंड था कि रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था. फिर में रुबीना के ऊपर से हट गया और उसको घोड़ी की तरह बन जाने को कहा.

फिर रुबीना उठकर ज़मीन पर आ गयी और घोड़ी की तरह हो गयी. फिर मैंने उसकी कमर पकड़कर अपना लंड पीछे से रुबीना की चूत में डाल दिया. अब 32 साल की रुबीना फिर से दर्द से कहराने लगी थी, लेकिन कुछ ही देर में रुबीना का दर्द जैसे ही कम हो गया तो रुबीना को और मज़ा आने लगा. अब रुबीना अपनी गांड को पीछे कर-करके ताल से ताल मिलाने लगी थी.

फिर 10-15 मिनट के बाद में रुबीना की चूत में ही झड़ गया और अपना लंड रुबीना की चूत में से बाहर निकालकर रुबीना के मुँह में दे दिया तो रुबीना ने मेरे लंड को चाट-चाटकर साफ किया और फिर हम दोनों साथ ही साथ ज़मीन पर ही लेट गये. फिर हम लोगों ने नंगे ही खाना खाया और खाना खाने के बाद मैंने रुबीना से कहा कि रुबीना और मज़ा दोगी? तो रुबीना ने अपना सिर हाँ में हिला दिया, तो तब मैंने अपना लंड जो कि फिर से खड़ा हो गया था, फिर से अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.