प्यासी भाभी निकली लंड की जुगाड़-2
देव और नताशा भाभी की कामुक कहानी का दूसरा भाग! भाभी की प्यासी चुत को देव के 6 इंच के तगड़े लंड ने जमकर शांत किया। चुदाई, 69 पोजीशन और भाभी की चीखों से भरी इस हॉट स्टोरी को पढ़ें और मजा लें।
मैं: “प्लीज भाभी, जो आज हुआ, ये बात किसी को मत बताना।”
भाभी: “ओके… पर एक शर्त पर।”
मैं: “कौन सी शर्त भाभी?”
भाभी ने मेरे तौलिया के ऊपर से ही लंड को पकड़ते हुए कहा: “इसे मेरी चुत में डालना होगा।”
ये कहते ही भाभी ने तौलिया खींच लिया। मैं कुछ समझ पाता, इससे पहले ही वो नीचे बैठ गईं और मेरे लंड को पकड़कर अपने मुँह में भर लिया। फिर वो ऐसे चूसने लगीं जैसे लंड चूसने की मास्टर हों। मेरा लंड पहले से ही टाइट था, लेकिन भाभी ने उसे चूस-चूसकर लोहे की छड़ जैसा कड़क कर दिया। जिस तरह से भाभी मेरे लंड को मुँह में आगे-पीछे कर रही थीं, ऐसा लग रहा था मानो वो मेरा सारा रस पीने को बेताब हों। मुझे तो जैसे स्वर्ग का सुख मिल रहा था।
तभी अचानक मेरे लंड से रस की पिचकारी छूट गई। भाभी ने फटाक से लंड मुँह से निकाला, और मेरा सारा माल उनके बड़े-बड़े मम्मों पर गिर गया। भाभी ने मेरे रस को अपने चूचों पर मलते हुए मेरे लंड को ऊपर से साफ कर दिया।
मैंने पूछा: “भाभी, आपको लंड चूसना इतना पसंद है। फिर तो आप भैया का लंड कभी छोड़ती नहीं होंगी?”
भाभी बोलीं: “नहीं देव, तुम्हारे भैया का लंड इतनी देर तक खड़ा ही नहीं रहता। मुँह में लेते ही वो झड़ जाते हैं, और मेरी ये बेचारी चुत प्यासी की प्यासी रह जाती है। पर आज ये चुत प्यासी नहीं रहेगी। आज इसे तुम्हारा मोटा लंड मिलेगा, जो इसकी सारी प्यास बुझा देगा। चलो, आज तुम्हारे लंड की खैर नहीं!”
इतने में राम भैया ने भाभी को आवाज लगाई, जो हम दोनों ने सुन लिया। भाभी बोलीं: “तुम्हारे भैया को ड्यूटी भेजकर खेल करते हैं। अभी उन्हें जाना है।” फिर भाभी कपड़े पहनकर चली गईं।
थोड़ी देर बाद भैया, चाचा जी और श्याम भैया ड्यूटी के लिए निकल गए। उनके जाने के दस मिनट बाद चाची भी पड़ोस में चली गईं। मेरे पूछने पर भाभी ने बताया कि चाची इन दिनों अपने भांजे की बहू से मिलने जाती हैं।
चाची के जाते ही मैं अपने कमरे में आया। देखा तो भाभी एक पतली सी मैक्सी पहने मेरे कमरे में बैठी थीं। मैक्सी इतनी झीनी थी कि अंदर से सब कुछ साफ दिख रहा था। भाभी ने ब्रा भी नहीं पहनी थी, जिससे उनके बड़े-बड़े चूचे बाहर उभरकर नजर आ रहे थे।
उनके चूचों को देखते ही मेरा सोया हुआ लंड फिर से जाग उठा। भाभी ने मेरे फनफनाते लंड को देख लिया और उनके चेहरे पर शरारती स्माइल आ गई। जैसे ही मैं उनके पास पहुँचा, भाभी मुझ पर भूखी शेरनी की तरह टूट पड़ीं। मैंने उनकी मैक्सी के ऊपर से ही उनके चूचों को जोर से मसला, फिर मैक्सी उतारकर उनके दोनों मम्मों को आजाद कर दिया। इसी बीच भाभी ने मेरा निक्कर खींचकर उतार दिया और मेरे लंड को जोर-जोर से दबाने लगीं।
हम दोनों बिस्तर पर गुत्थम-गुत्था हो गए। मैंने भाभी के चूचों को पकड़कर उनके होंठों को बेरहमी से चूमना शुरू कर दिया। भाभी मेरे खड़े लंड को मसल रही थीं। फिर वो लंड को पकड़कर अपने मुँह के पास लाईं और चूसने लगीं। मैंने भी 69 की पोजीशन में आकर उनकी टाँगें फैलाईं और उनकी चिकनी, गुलाबी चुत पर अपने होंठ रख दिए।
इस 69 पोजीशन में भाभी ने मेरा लंड चूस-चूसकर लाल कर दिया। मैंने भी उनकी रसीली चुत को जीभ से चाट-चाटकर गीला कर दिया। भाभी का पानी निकलते ही वो उठीं और बोलीं: “देव, अब बर्दाश्त नहीं होता। जल्दी से अपना लंड पेल दो मेरी चुत में।”
मैंने भाभी को सीधा लिटाया, उनका गांड पकड़ा और लंड उनकी चुत पर सेट करके एक जोरदार धक्का मारा। मेरा थोड़ा सा लंड अंदर घुसते ही भाभी की आँखें फटी की फटी रह गईं और दर्द से उनकी चीख निकल गई। मैंने फौरन उनके मुँह पर हाथ रखा और दूसरा झटका मारा। इस बार मेरा आधा लंड उनकी चुत में समा गया। भाभी जल बिन मछली की तरह तड़प उठीं: “उम्म्ह… अहह… हाय… हाय राम, मार डाला देव… तेरे इस मोटे लंड ने मेरी चुत फाड़ दी। प्लीज धीरे घुसाओ, बहुत मोटा है तेरा लंड।”
मैं: “ठीक है भाभी।”
मैंने धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाई और आहिस्ता-आहिस्ता पूरा लंड उनकी चुत में घुसा दिया। थोड़ी देर की तकलीफ के बाद भाभी अब मजे लेने लगीं: “देव, सच में तेरा लंड बहुत तगड़ा है। मेरी चुत का तो भोसड़ा बना दिया तूने। आह… और जोर से चोदो मुझे… आह…”
मैं: “भाभी, आपकी चुत इतनी टाइट है कि लग रहा है जैसे मैंने ही इसकी सील तोड़ी हो।”
पांच मिनट की चुदाई में भाभी ने अपना पानी मेरे लंड पर छोड़ दिया। मैं उनकी गांड उठा-उठाकर चोदता रहा। भाभी एक बार फिर झड़ गईं। फिर मैंने भाभी को अपने लंड पर बैठाया। वो अपनी फूली हुई चुत को मेरे लंड पर टिकाकर बैठ गईं। मेरा लंड उनकी चुत को चीरता हुआ अंदर समा गया।
इस पोजीशन में मैंने भाभी को अपने लंड पर खूब कुदाया। भाभी भी उछल-उछलकर मजे ले रही थीं। फिर से उनका पानी निकला, जिससे मेरा लंड और जांघें गीली हो गईं। मैंने भाभी को लिटाकर उनके पैर अपने कंधों पर रखे। इससे उनकी चुत पूरी तरह खुल गई। फिर मैंने लंड घुसाकर उन्हें जमकर चोदा। कुछ देर बाद मैंने उनकी चुत को अपने रस से भर दिया।
चुदाई के बाद भाभी ने मुझे बहुत प्यार किया। अगले दो दिन तक मैंने भाभी की चुत का भोसड़ा बनाया। फिर एग्जाम खत्म होने के बाद मैं दिल्ली लौट आया। दो दिन बाद भाभी का कॉल आया। वो बोलीं कि मुझे बहुत मिस करती हैं और भैया के लंड से उनकी प्यास अब भी बुझ नहीं रही।
छह महीने बाद भैया-भाभी दिल्ली आए। यहाँ उनकी कई सहेलियाँ रहती हैं। अगली कहानी में बताऊँगा कि कैसे भाभी ने ना-ना करते हुए अपनी गांड मरवाई और अपनी शादीशुदा सहेली को भी मुझसे चुदवाया।
मेरी इस हॉट सेक्स स्टोरी को पढ़ने के लिए शुक्रिया!