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प्यासी चाची की कमीनी चूत को चोदा-2

Pyasi chachi ki kamani chut ko choda-2

अब तो मेरे मन से पूरा डर निकल गया था और अब मुझे विश्वास हो गया था कि चाची मना नहीं करेगी. फिर में आगे बढ़ा और चाची की चुन्नी हटा दी और कहा कि आपने तो मेरा सब कुछ देख लिया, अब आपकी बारी है. अब मेरे आगे बढ़ते ही मेरा लंड चाची की जाँघो से सट गया, ये सुनते ही चाची खुद को रोक नहीं पाई और कहा कि चल पहले में तुझको नहला दूँ और फिर सब देख लेना.

फिर हम दोनों बाथरूम में चले गये. अब की बार चलने में मैंने चाची का सहारा नहीं लिया. फिर चाची बोली कि अच्छा तो ये सब तेरा ड्रामा था, तो मैंने मुस्कुरा कर चाची को आँख मार दी. अब चाची ने शॉवर चालू कर दिया और हम दोनों उसके नीचे खड़े हो गये. अब चाची पागलों की तरह मुझसे लिपट गई और मेरी पीठ को नोचने लगी.

अब मेरा लंड उनकी दोनों जाँघो के बीच में फंस गया था और अब चाची धीरे-धीरे कह रही थी कि बहुत दिन निकल गये बेटा मैंने कुछ किया नहीं, आज तुझे पूरा चूस लूँगी. फिर मैंने चाची की गर्दन हटाई और उनका मुँह अपने सामने किया, तो उनकी दोनों आँखे बंद थी और उनका मुँह पूरा लाल था. फिर मैंने झट से अपने होंठ उनके गुलाबी होंठो पर रख दिए, तो उन्होंने झट से अपनी जीभ मेरे मुँह में घुसा दी और मेरी जीभ को तलाशने लगी.

फिर मैंने भी शरारत दिखाई और में भी अपनी जीभ को छुपाता रहा. फिर हम दोनों एक दूसरे की जीभ चाटने लगे. अब मेरा मुँह पूरा गीला हो गया था और अब मैंने अपने होंठो से चाची की जीभ को क़सकर पकड़ा और चूसने लगा. अब चाची तो पागल होकर तड़प उठी और सिसकियां भरते हुए मेरे लंड को हिलाने लगी. फिर लगभग 15 मिनट तक किस करने के बाद हम अलग हुए और अब हम पूरे भीग चुके थे. फिर मैंने चाची का सूट उतारा, उफ़फ्फ़ जो नज़ारा था सफेद रंग की भीगी ब्रा और उसके अंदर छोटे से दो नींबू.

चाची ने अपनी सलवार खुद उतार दी और वो अंदर लाल पेंटी पहने थी. अब मुझसे रहा नहीं गया तो फिर मैंने शॉवर बंद किया और चाची को दिवार से चिपका दिया. फिर में अपने घुटनों के बल बैठ गया और अपना मुँह चाची की दोनों जाँघो के बीच में घुसा दिया, उनकी प्यासी चूत की क्या भीनी- भीनी खुशबू थी? अब में उनकी पेंटी के ऊपर से ही उनकी चूत को काटने और चाटने लगा. अब इधर चाची भी अपनी आँखे बंद किए हुए सिसकियां भरने लगी थी. फिर चाची ने कहा कि बेटा उतार दे पेंटी और चाट ले इस कमिनी चूत को. फिर मैंने उनकी पेंटी उतार दी और मुझे चाची की चूत के पहली बार दर्शन हुए.

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उनकी चूत आकार में बहुत बड़ी थी, लेकिन चाची की चूत लाल बहुत थी और बाल सब साफ थे. अब में पागलों की तरह उनकी चूत को चाटता रहा और अपनी जीभ से ही अंदर बाहर करता रहा. अब मैंने उनकी चूत के दाने को चूस-चूसकर उसका हाल बुरा कर दिया था. फिर चाची ने मेरा सर ज़ोर से पकड़ा और धक्के मारने लग गई. अब में समझ गया कि अब चाची झड़ने वाली है, वाह चाची की चूत से क्या नमकीन स्वाद आ रहा था? अब चाची की सिसकारियां बहुत तेज हो गई थी और अचानक वो ढीली पड़ गई. फिर मुझे अपने होंठो पर बहुत ज़्यादा चिपचिपा महसूस हुआ, शायद वो चूत रस था, जो भी था चूत का स्वाद बहुत कामुक था.

फिर में खड़ा हुआ और चाची का हाथ पकड़कर उनको बाथरूम से बाहर लाया. अब हम दोनों पूरे भीगे हुए थे, इसलिए में बेड पर नहीं गया. फिर मैंने नीचे ही चटाई पर चाची को लेटाया और अब चाची तो जैसे बेहोश सी हो गई थी, लेकिन उनके चेहरे पर हसीन मुस्कान थी. अब वो कह रही थी कि वाह बेटा ऐसा मजा ना तो कभी तेरे चाचा ने दिया, ना कभी क़िसी और ने दिया.

अब ये सुनकर तो मेरे कान खड़े हो गये. फिर मैंने कहा कि चाचा के अलावा भी और लोग है क्या? तो चाची बोली अरे पागल तेरे चाचा तो 6 महीने में आते है और चोदकर चले जाते है, बाकी टाईम उनके लंड की याद में कब तक उंगली लेती, आख़िर मुझको भी सेक्स चाहिए, लेकिन अब बेटा तेरे चाचा के बाद सिर्फ़ तू ही मेरी प्यास बुझायेगा. अब ये सुनकर तो मेरा सीना और लंड दोनों चौड़े हो गये. फिर क्या था? मैंने झट से चाची की ब्रा उतार दी और उनके दोनों बूब्स को बारी-बारी अपने मुँह में लिया, उनके काले निप्पल थे.

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मुझे निप्पल चूसने में बड़ा मजा आया था, अब में चाची के ऊपर लेटा हुआ निप्पल चूस रहा था और इधर मेरा लंड उनकी जाँघ पर रगड़ खा रहा था. अब मुझे ये सब करते हुए आधे घंटे से ऊपर हो गया था तो मुझसे रहा नहीं गया, अब मेरा लंड पानी छोड़ने वाला था. अब में पागल सा हो गया था, अब मुझे ऐसे देखकर चाची समझ गई कि अब इसका पानी निकालना पड़ेगा. अब चाची ने मुझे अपने ऊपर से हटाया और नीचे लेटा दिया. फिर चाची मुझसे बोली कि आज तू अपनी चाची के जलवे देख. अब में चुपचाप अपनी आँख बंद करके लेट गया और कहा कि अब तो मैंने खुद को आपके हवाले कर दिया. कर लो जो चाहती हो.

चाची अपनी दोनों टाँगे इधर उधर करके मेरे ऊपर बैठ गई और मेरा लंड अपने हाथ से पकड़कर अपनी चूत के मुँह पर रख दिया. अब मेरा टोपा ही अंदर गया था और अब में एकदम मस्त हो चुका था. अब चाची आराम- आराम से नीचे होने लगी और मेरा लंड धीरे-धीरे चूत की गहराई में जाने लगा था. अब चाची फिर से सिसकियाँ भरने लगी, आअहह ऊओ उउफ़फ्फ़ बेटा बसस्स्स, क्या सूकुन है? आआहझहह मजा आ गया.

अब ऐसा कहते-कहते चाची मेरे लंड पर पूरी बैठ गई और अब मेरा पूरा लंड चाची की चूत के अंदर था. अब मुझको बहुत हसीन लग रहा था. अब चाची कुछ देर तक ऐसे ही बैठी रही और मुझको अपनी कामुक नज़रों से देखने लगी. फिर चाची थोड़ी मेरी तरफ झुकी और फिर हम दोनों की जीभ में खूब लड़ाई हुई. अब हम दोनों ने एक दूसरे के होंठो और जीभ को किस करते हुए खूब मस्ती में चूसा. अब चाची मेरे लंड पर धीरे-धीरे उछलने लगी थी और अब में भी नीचे से अपनी कमर उठा-उठाकर धक्के मारने लगा था.

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कुछ देर के बाद चाची का हिलना तेज हो गया और वो ऊपर उठ गई. फिर उन्होंने मेरे मुँह से अपना मुँह हटा लिया और अपना सारा ध्यान चुदाई पर लगा दिया. अब चाची मेरे लंड पर पागलों की तरह उछलने लगी थी और ज़ोर-ज़ोर से आवाज़े करने लगी थी. इसी बीच मैंने भी अपनी कमर उठाकर थोड़े झटके मारे और मेरा सारा पानी चाची की चूत में निकल गया. अब में तो एकदम निढाल होकर पड़ गया था, लेकिन चाची तो अभी भी मेरे खड़े लंड पर उछले जा रही थी.

फिर थोड़ी ही देर में चाची ने मेरा पूरा लंड अपनी चूत के अंदर ले लिया और उस पर बैठकर एकदम आराम-आराम से आगे पीछे होने लगी और मेरे गालो को चूमने लगी. अब वो भी झड़ चुकी थी. फिर इसी पोज़िशन में हम 10 मिनट तक निढाल होकर पड़े रहे. फिर चाची ने मेरे लंड को अपनी चूत से हटाया और मेरे मुरझाये लंड को देखकर हँसने लगी.

अचानक से ही उन्होंने मेरा पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया और बहुत ज़ोर-जोर से चूसने लगी. अब उनके ऐसा करने से मेरा लंड फिर खड़ा होने लगा था, लेकिन जब मेरी नज़र घड़ी पर पड़ी तो टाईम काफ़ी हो गया था. फिर मैंने कहा कि आंटी अभी नहीं में शाम को आता हूँ, जब बच्चे कोचिंग जाते है, तब आराम से करेंगे और में अभी घर पर भी कुछ बोलकर नहीं आया हूँ, तो चाची ने कहा कि ठीक है बेटा. फिर हम दोनों थोड़ी देर आराम करने के लिए ऐसे ही नंगे बदन एक दूसरे से लिपटकर लेट गये.