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प्यासी चाची की कमीनी चूत को चोदा-1

Pyasi chachi ki kamani chut ko choda-1

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मनीष है और में उत्तराखंड का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 24 साल है और में दिखने में एक अच्छा ख़ासा नौजवान हूँ. दोस्तों ये मेरी पहली आप बीती कहानी है, जो में इस साईट पर डाल रहा हूँ. मैंने बहुत सी कहानियाँ इस साईट पर पढ़ी और मुझे लगा कि मुझको भी अपना किस्सा यहाँ शेयर करना चाहिए. दोस्तों आप मेरी कहानी जरुर पढ़े, तो दोस्तों पेश है मेरी आप बीती चाची की प्यास. ये बात ज़्यादा पुरानी नहीं अभी एक हफ्ते पहले की है. अब में आपको अपने बारे में तो में बता चुका हूँ.

अब इस कहानी की हिरोइन के बारे में भी जान लो यानी मेरी चाची. मेरी चाची का नाम अंकिता है और उनकी उम्र लगभग 37 साल है. उनके 3 बच्चे है, उनकी दोनों लड़कियां 16 और 14 साल की और एक लड़का 12 साल का है. मेरे चाचा आर्मी में है और उनका अभी लद्दाक में ट्रान्सफर है. मेरी चाची ने खुद का रख-रखाव काफी अच्छा किया हुआ है.

उनका मस्त मौला बदन क्या बताऊँ आपको? उफ़फ्फ़ मेरा तो सोचकर ही खड़ा हो जाता है. वो एकदम मलाई की तरह गोरी है, छाती थोड़ी कम है, लेकिन पेट और गांड एकदम भरे हुए है, वो जब साड़ी पहनती है तो कयामत लगती है, काश उनके बूब्स भी बड़े होते तो सोने पर सुहागा हो जाता. उनको देखकर लगता नहीं है कि वो 3 बच्चों की माँ होगी, वो जब बाजार में चलती है तो लोग उनके दीवाने हो जाते है और वो इस बात को जानती है, इसलिए वो और भी नखरे करके चलती है.

दोस्तों चाची के साथ रंगरलिया मनाने का मन तो मेरा कई सालों से था, लेकिन कभी मौका ही नहीं मिला. मेरी नज़र तो कई सालों से उन पर थी, जब से मैंने मुठ ही मारनी सीखी है. चाची तो शुरू से ही उत्तराखंड में रहती थी, लेकिन हम लोग कभी दिल्ली, गुजरात, मेरठ अलग-अलग जगह रहे, इसलिए चाची से ज़्यादा नज़दीकियां नहीं बढ़ पाई. हमारा साल में एक बार ही मिलना होता था और वो भी दो तीन के लिए, लेकिन अब एक साल से हम भी उत्तराखंड में रह रहे है.

हमारा घर चाची के यहाँ से लगभग 15 मिनट की दूरी पर है, चाची किराए पर रहती है और हमारा अपना मकान है. मेरे चाचा तो 6 महीने में एक बार छुट्टी पर आते है. अब जब हमने भी उसी शहर में रहना चालू कर दिया तो मेरा चाची के घर उठना बैठना हो गया. अब मुझे कई बार चाची की हरकतों से लगता था कि वो भी वही चाहती है, क्योंकि मुझे उनका भरा पूरा शरीर देखकर लगता था कि उनकी सेक्स की भूख बहुत होगी और मेरे चाचा तो कभी-कभी आते थे, वो भी अपनी प्यास कैसे बुझाती होगी? दोस्तों एक महीने पहले मेरा एक्सिडेंट हुआ था तो मुझे पूरा एक महीना घर बैठना पड़ा और में चाची के यहाँ भी नहीं जा सका. अभी हफ्ते भर पहले ही में ठीक हुआ, मुझे पैर में चोट लगी थी, लेकिन अब में थोड़ा बहुत लंगड़ा कर चल रहा था.

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फिर एक दिन में अपनी बाईक लेकर करीब सुबह के 8 बजे चाची के यहाँ चल दिया. दोस्तों ये दिन मेरी ज़िंदगी का सबसे हसीन दिन था. फिर में चाची के यहाँ पहुँचा और घंटी बजाई, तो चाची ने दरवाजा खोला. जब उन्होंने मैक्सी पहन रखी थी और वो कपड़े धो रही थी. फिर वो मुझे देखकर हल्की सी मुस्कुराई तो मैंने भी हर दिन की तरह उनके पैर छूकर नमस्ते आंटी कहा और फिर में अंदर बैठा. फिर वो मेरे लिए पानी लेकर आई और मेरे पैर का हाल चाल पूछने लगी.

मैंने कहा कि अब ठीक है, लेकिन चलने में दिक्कत है, वो तो बाईक है, इसलिए इधर उधर चला जाता हूँ. अब घर पर चाची के अलावा क़िसी को भी ना देखकर मैंने पूछा कि आंटी बच्चे कहाँ है? तो उन्होंने कहा कि बेटा वो तो अभी- अभी स्कूल चले गये, वो 2 बजे आयेंगे.

अब मेरे मन में अभी तक नहीं आया कि चाची अकेली है, में सेक्स की कोशिश करता हूँ, लेकिन शायद चाची इस मौके को छोड़ना नहीं चाहती थी. फिर चाची मेरे लिए चाय बनाकर लाई और कहने लगी कि बेटा जूता उतारकर आराम से बैठ जा, में जाकर कपड़े धोकर आई. फिर मैंने कहा कि ठीक है आंटी. फिर लगभग 20 मिनट के बाद चाची आई, अब उनकी मैक्सी पूरी भीगी हुई थी.

फिर जब मैंने पीछे से देखा तो उनकी गीली मैक्सी में से चाची की काली पेंटी साफ चमक रही थी. अब ये सब देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने सोच लिया कि आज जो होगा देखा जाएगा और अब मेरी काम वासना ने पल भर में मुझे अँधा बन दिया था. फिर चाची कपड़े सुखाकर अंदर आई और बोली कि रुक बेटा में जाकर नहा लूँ, में पूरी भीग गई हूँ तो फिर नाश्ता बनाती हूँ, तब तक तू टी.वी. देख. अब में तो अभी भी चाची की भीगी मैक्सी के अंदर से झाँकते उनके अंगो को बेशर्मी की तरह घूर रहा था.

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फिर चाची टावल लेकर बाथरूम में चली गई और में अपने लंड को पकड़कर सोचने लगा कि कैसे शुरुआत करूँ? फिर मेरे दिमाग़ में एक प्लान आया और मैंने भी नहाने का बहाना मारा, तो चाची बाहर आकर अपने रूम में चली गई और अपने कपड़े चेंज किए, अब चाची ने सलवार सूट पहन लिया था. फिर मैंने चाची से बोला कि आंटी हमारे यहाँ पानी नहीं आ रहा और आपको देखकर मेरा मन भी नहाने को हो रहा है, आजकल गर्मी बहुत है. फिर चाची ने कहा कि बिल्कुल नहा ले बेटा टंकी में बहुत पानी है.

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मैंने कहा कि आप नाश्ते की तैयारी करो, में अभी नहाकर आया. फिर चाची किचन में चली गई. अब में जानबूझ कर वही रूम में अपने कपड़े उतारने लगा ताकि चाची मुझे देखे, लेकिन वो तो अपने काम में मस्त थी. फिर मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और सिर्फ़ टावल लपेट लिया. तब मैंने चाची को आवाज़ लगाई कि आंटी एक मिनट आना. फिर चाची तुरंत आई और मुझको सिर्फ़ टावल में देखकर कुछ पल के लिए मुझको प्यासी नज़रों से ऊपर से नीचे तक देखने लगी.

अब उनके ऐसे देखने से मेरा लंड खड़ा होने लेने लगा था और टावल आगे से उठ गया, तो अब मुझे शर्म आई. फिर मैंने कहा कि आंटी वो मेरे पैर पर चोट लगी है तो में बाथरूम में अपने कपड़े नहीं उतार पाता. फिर चाची बोली कि अरे कोई नहीं बेटा, ये कहते-कहते भी चाची की नज़र मेरे लंड पर थी, जो कि टावल पर अपना आकार बन चुका था.

मैंने कहा कि आंटी मुझसे चला नहीं ज़ा रहा है, तो आप मुझे बाथरूम तक कंधा दे दो. फिर चाची मेरे पास झट से आ गई, उफ़फ्फ़ जैसे ही वो मुझसे चिपक कर खड़ी हुई मेरी तो जान निकल गई. फिर मैंने अपना दाया हाथ उनके गले में डाला, जो कि उनकी छाती को टच हो रहा था और में लंगड़ा-लंगड़ा कर चाची के साथ बाथरूम की तरफ चला. अब तो मेरा पूरा लंड खड़ा हो चुका था, जिसको चाची साफ देख सकती थी. अब में भी पूरा बेशर्म हो गया और चुपचाप चलने लग गया था.

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फिर दरवाजा आते ही मैंने कहा कि थैंक्स आंटी अब आप जाओ, तो मैंने जैसे ही चाची के कंधे से हाथ हटाया तो मैंने अपने दूसरे हाथ से अपना टावल गिरा दिया. अब में चाची के सामने बिल्कुल नंगा खड़ा था और अब मेरा लंड भी एकदम खड़ा हुआ था. मेरे जिस्म पर एक भी बाल नहीं है. अब मुझे ऐसे देखकर चाची ने अपने दोनों हाथ अपने होंठो पर रख दिए और अपनी आँखे बड़ी-बड़ी कर दी. कुछ देर के लिए हम दोनों ऐसे ही चुप खड़े रहे. फिर चाची बोली कि बेशर्म अंडरवियर कहाँ है? और मुस्कुराई, तो में भी झट से बोला कि अंडरवियर होता तो आपको इसके दर्शन कैसे होते? अब चाची थोड़ा गुस्सा होने का नाटक करके बोली कि बेशर्म में तेरी चाची हूँ, कुछ शर्म तो कर लेता.