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हॉट माँ और मामी की चुदाई कहानी – गाँव में सेक्स का रोमांच

पढ़ें एक सच्ची सेक्स कहानी जिसमें माँ के साथ चुदाई का सिलसिला गाँव में शिफ्ट होने के बाद रुक जाता है। लेकिन एक दोस्त की मदद से नदी के पार झोपड़े में मामी के साथ हॉट सेक्स का मौका मिलता है। माँ की चूत से लेकर मामी की जन्नत तक का रोमांचक सफर।

हाय दोस्तों, मैं फिर से हाज़िर हूँ एक सच्ची कहानी के साथ। दोस्तों, मैं अपनी माँ को चोदता था, और ये मेरे लिए नॉर्मल सा हो गया था। लेकिन एक दिन हम अपने मामा के गाँव शिफ्ट हो गए। जाते वक़्त माँ ने सख्ती से कहा, “बेटा, वहाँ ये सब ड्रामा नहीं चलेगा।” ये सुनकर मेरा मूड टोटली ऑफ हो गया। खैर, हम मामा के गाँव पहुँचे। मामा हमें रेलवे स्टेशन पिक करने आए थे। घर पहुँचते ही देखा कि मामी गेट पर हमारा वेट कर रही थी, स्माइल के साथ।

पहली रात हमने बस थोड़ी-सी बातें की और सो गए। माँ का वॉर्निंग मेरे दिमाग में घूम रहा था कि यहाँ कुछ नहीं हो पाएगा। मैं उदास सा हो गया। दो रातें किसी तरह काटीं, लेकिन मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था। तीसरे दिन मैं माँ के पास गया और बोला, “माँ, मुझे आपसे कुछ सीरियस बात करनी है।” उस वक़्त मामी भी पास में थी। मैंने माँ से कहा, “अकेले में बात करनी है।” मामी ने शरारती स्माइल दी और बोली, “अच्छा, माँ-बेटे की सीक्रेट बातें? ठीक है, मैं निकलती हूँ।”

मैंने फटाक से दरवाज़ा लॉक किया और माँ को टाइटली पकड़ लिया। उनकी लिप्स पर एक ज़ोरदार किस ठोक दिया और बोला, “माँ, मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा। प्लीज़, एक बार आपकी चूत चाटने दो।” माँ ने मुझे धक्का देकर अलग किया और गुस्से में बोली, “यहाँ नहीं!” मैंने फिर से माँ को कसके पकड़ा। वो बोली, “बस एक हफ्ते की बात है, सब्र कर।” मैंने कहा, “एक किस तो दे सकती हो ना?” माँ ने स्माइल दी, मेरा लंड पकड़ा, हिलाने लगी और मुझे किस करने लगी। दो मिनट तक हॉट किसिंग के बाद माँ ने खुद को संभाला और बोला, “बस, अब हो गया।”

मैं उदास-सा दरवाज़ा खोलकर बाहर आया। मामी कुछ काम नहीं कर रही थी। उसने पूछा, “हो गई माँ से बात?” मैंने कहा, “हाँ, थोड़ी-सी।” फिर मैं बाहर खेलने निकल गया। वहाँ मेरा पुराना दोस्त बबन मिला, जो चौथी क्लास से मेरा यार था। हमने हाय-हैलो किया और पूरे गाँव में घूमने लगे। बातें करते-करते अचानक एक औरत दिखी, जो कपड़े चेंज कर रही थी। उसे देखते ही मेरी माँ की याद आ गई। बबन और मैं उस हॉट सीन को देखते रहे। फिर हमारी बातें सेक्सी टॉपिक पर शिफ्ट हो गईं।

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मैंने कहा, “यार, इस औरत के बूब्स मस्त थे ना। एक बार चोदने को मिले तो मज़ा आ जाए।” बबन बोला, “ये तो कुछ भी नहीं। गाँव के बाहर इससे भी हॉट आइटम्स हैं।” मैंने पूछा, “तुझे कैसे पता?” वो बोला, “मैंने चार लड़कियों को चोदा है।” मैं अंजान बनकर बोला, “सच में? कैसे चोदा? मज़ा कैसा था?” बबन ने बताया, “गाँव के बाहर एक आदमी बैठता है। उसे 100 रुपये दो, वो फ्रेश माल सेट कर देता है। मैं आज भी वहाँ जा रहा हूँ।”

मैंने तुरंत कहा, “मैं भी चलूँगा।” वो बोला, “शाम 7 बजे वो आता है। जगह बताता है, वहाँ जाकर चोदना पड़ता है।” मैं घर भागा, माँ से बोला, “माँ, मैं बबन के साथ जा रहा हूँ। लेट हो सकता है।” बबन मेरे साथ था, तो माँ ने हाँ कर दी। हम 15 मिनट पहले वहाँ पहुँच गए। एक लंबा आदमी साइकिल पर आया। बबन ने उसे पैसे दिए और बोला, “मेरे दोस्त को आइटम चाहिए।” उसने बबन के कान में कुछ कहा। बबन मेरे पास आया और बोला, “तुझे अकेले जाना होगा। वो नदी के उस पार आएगी। 9 बजे यहीं मिलते हैं।”

मैं नदी पार करके एक झोपड़े तक पहुँचा। बाहर एक दिया जल रहा था। बबन ने कहा था, “चार बार दरवाज़ा खटखटा।” मैंने वैसा ही किया। अंदर से आवाज़ आई, “अंदर आ जा।” मैं अंदर गया। एक औरत बेड पर पीठ करके बैठी थी। उसकी पीठ देखकर मुझे माँ की याद आ गई। मैंने उसे पीछे से टाइटली पकड़ा। झोपड़े में लाइट नहीं थी, सिर्फ़ दिए की रोशनी थी, लेकिन उस औरत की खूबसूरती गज़ब ढा रही थी।

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मैंने उसे अपनी तरफ घुमाया। उसका चेहरा देखते ही मैंने उसे छोड़ दिया और साइड में खड़ा हो गया। वो भी घबरा गई। हम एक-दूसरे को देखते रहे। फिर जो मैंने देखा, वो मेरे होश उड़ा देने वाला था। जिसे मैं चोदने आया था, वो मेरी मामी थी! 10 मिनट तक सन्नाटा रहा। फिर मैंने पूछा, “मामी, आप यहाँ कैसे? आपको ये सब करने की क्या ज़रूरत?” मामी शर्म से सिर झुकाकर बोली, “तेरे मामा का लंड बस 3 इंच का है। वो मुझे सैटिस्फाई नहीं कर पाते। इसलिए ये रास्ता चुना।” फिर अचानक मामी ने पूछा, “लेकिन तू यहाँ क्या कर रहा है? तुझे ये शौक कब से चढ़ा?”

मैंने कहा, “मामी, मैं छोटा दिखता हूँ, लेकिन आपकी हर तमन्ना पूरी कर सकता हूँ।” मामी हँसी और बोली, “अच्छा? तेरा भी तेरे मामा जैसा 3-4 इंच का होगा।” मैंने तुरंत उनकी लिप्स पर किस ठोक दी और हल्का-सा काट लिया। मामी चिल्लाई, “अरे हरामी, मामी को काटता है?” मैंने उनके बूब्स दबाने शुरू कर दिए। पहले कभी मामी को इस नज़र से नहीं देखा था, लेकिन अब वो मुझे चैलेंज कर रही थी। मैंने उनके सारे कपड़े फाड़कर उतार दिए। अब मामी मेरे सामने पूरी नंगी थी। अंधेरे में उनकी बॉडी पूरी साफ नहीं दिख रही थी, लेकिन जो दिख रहा था, वो कातिलाना था।

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मैंने उनकी चूत चाटना शुरू किया। माँ की चूत की याद ताज़ा हो गई। मामी चिल्लाई, “अरे हरामी, चाट मत, लंड डाल!” वो आह्ह्ह… आह्ह्ह कर रही थी। मैंने उनके बूब्स दबाए, चूसे, और चूत में दो उंगलियाँ डाल दी। 15 मिनट में मामी दो बार झड़ चुकी थी। दूसरी बार झड़ने के बाद मैंने उनकी चूत चाटकर साफ कर दी। मामी बोली, “अब अपना लंड दिखा।” मैंने चड्डी उतारी। मेरा 7 इंच का लंड देखकर मामी के होश उड़ गए। वो बोली, “ये तो लंड का बाप है!”

मैंने कहा, “इसे मुँह में लो।” मामी बोली, “इससे क्या होगा?” मैंने कहा, “जैसे मैंने आपकी चूत चाटी, आपको मज़ा आया ना? वैसे ही मुझे भी आएगा।” मामी ने मेरा लंड मुँह में लिया और चूसने लगी। 5 मिनट बाद मैंने कहा, “पैर फैलाओ।” मामी ने फटाक से पैर खोले और बोली, “डाल दे अपना हथियार।” मैंने लंड पर थूक लगाया और चूत पर सेट किया। मामी की आह्ह्ह… आह्ह्ह शुरू हो गई। अभी लंड अंदर गया भी नहीं था।

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मैंने हल्का धक्का मारा, 2-3 इंच अंदर गया। मामी चिल्लाई। मैंने उन्हें किस करना शुरू किया। वो बोली, “धीरे कर, चूत फट जाएगी।” मैंने फिर एक ज़ोरदार धक्का मारा, पूरा लंड अंदर। मामी ढीली पड़ गई। थोड़ी देर रुका, फिर पूछा, “दर्द तो नहीं?” वो बोली, “लगा रह, मज़ा आ रहा है।” मैंने धीरे-धीरे धक्के शुरू किए। 20 मिनट तक चोदा। झड़ने वाला था तो पूछा, “पानी कहाँ डालूँ?” मामी बोली, “अंदर डाल दे, तूने मुझे जन्नत दिखाई।”

मैं थक गया था। लंड निकाला तो उस पर खून लगा था। मामी बोली, “तेरे मामा के बाद तू चौथा मर्द है, लेकिन तुझमें जो दम है, वो किसी में नहीं।” मैंने कहा, “मामी, आप भी किसी रंडी से कम नहीं।” फिर हम हँसे, एक लंबी किस की, और झोपड़े से बाहर निकल गए।