Aunty Sex Storyरंडी की चुदाई / जिगोलो

ऋतू चाची हॉट रंडी रेश्मा बनकर चुदी- 3

Ritu Chachi Randi Reshma Bankar Chudi-3

पहली बार एक मस्त लंड को अपनी चूत में पकाए वो अब मस्त हो गई थी वो भी अनवर भाई के बालों को पकड़ने के लिए लगी थी। ऋतु चाची : हाऐइइइइइइइइइइ… क्या लंड है आपका अनवर भाई… मत रुको पेलते जाओ अपना लंड मेरी चूत के अंदर बहुत मजा आ रहा है।

मत रुको मेरे राजा… हाऐइइइ… आअह्हह्हह्हह्हह्हह…. आआहहहअनवर भाई: साआअल्लीइ…मजा तो मुझे बीहाय बहुत आ रहा है तेरे नरम बदन से खेलने में और तेरी टाइट चूत मारने में… क्या गजब माल है तू… आआहहहह ये ले साली रंडी.. ये ले… ऋतु चाची: हायइइइइइइ मर जाऊं मैं तेरे लंड पे।

आज तक जिंदगी में ऐसा मजा कभी नहीं आया था। हाईईई… मस्त कर दिया है मेरेको तेरे लंड ने… क्या फौलाद है…. आआअहह हाऐइइइइ…. मैं आज से सिर्फ और सिर्फ तेरी रंडी हूं… तेरे लंड की गुलाम.. आआआह्ह्ह…. और जोर से देखो… आआअहह…. अनवर भाई ने अपने बाद में बहुत प्यार किया और जोर से पेलना शुरू कर दिया।

चाचीजी की बातें सुनके उनका जोश और भड़क गया और वो और बेहमी से रितु चाची को चोदने लगे। चाचीजी को बिस्तार पे लेता कर अब वो उनके ऊपर चढ़ गए और ऋतु चाची के मुँह को चूमते चाटते वो उनके पूरे चेहरे को छूने लगे। एक हाथ से चुचियांन्न मसलते हुए वो अपने लंड को आगे पीछे कर रहे थे। चाची जी का बदन सिकुड़ने लगा और चाची जी ने अपनी चूत को टाइट करते हुए अनवर भाई का लंड जकड़ लिया।

ऋतु चाची जी अनवर भाई के मजबूत हाथों में पिघलने लगी और दूसरी बार अपना पानी चोद के अधमरी हो गई। मगर अनवर भाई तो रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे। अपना आसन बदलते हुए अब उन्हें चहसी जी को ऊपर कर दिया और खुद लेट गए। चाची जी उनक फौलादी लड़े के ऊपर बैठ के ऊपर नीचे होने लगी। अनवर भाई अब सीधे उनकी क्लिटोरिस और बची हुई दानी को चोद रहे हैं। कुछ ही देर में चाची वापस मस्त हो गई और जोर जोर से कूदने लगी और साथ में अनवर भाई भी चाचीजी की चुचियों को कसके निचोड़ते हुए तेजी से अपना लंड पेलने लगे।

दोनों ही अपने जिस्म की आग और प्यास को बुझाने के लिए पागल हो रहे थे। जैसे जैसे अनवर भाई अपना सारा माल चोदने के करीब आने लगे वो उतनी ही तेजी से पेलने लगे। चाची जीब ही मस्त होकर आखें बंद कर के बस मस्त हो कर अपना काम ज्वाला शांत करने में लगी थी। अनवर भाई: हाअन्नन्न रानी… आआह्ह्ह बहुत मजा आ रहा है… आआह्ह्ह साली मस्त कर दिया है आज तूने मुझको… ऋतु चाची: आआह्ह्ह्ह अनवर भाई आआह्ह्ह्ह… अब अनवर भाई अचानक से लंड पेलते चाची जी से लिपट गये। चाची जिब ही पागलों की तरह उनको अपनी बाहों में बहारने लगी।

डोनो जोर जोर से आहेन भरने लगे और अनवर भाई ने एक आखिरी जोर के झटके के साथ अपना सारा माल उनकी चूत में गिरा दिया। चाची जी ने भी अपना पानी चोद दिया और अनवर भाई के ऊपर गिर गई और उनको चूमने लगी। अनवर भाई धीरे-धीरे अपना लंड पेल जा रहे थे और फिर उनकी चोट से अपना लंड निकल लिया। रितु चाची जी की चूत फूल गई थी सुजान के कारण। रितु चाची के झटों पर अनवर भाई का माल गिरा हुआ था।

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उनकी पूरी चूत माल से भर गई थी। वो दोनो पूरी तरह संतुष्ट हो कर बिस्तर पर लेते हुए थे। रितु चाची अनवर भाई के लंड को हाथों से पकड़ के सहला रही थी और अनवर भाई उनके बब्बन को हिला रहे थे। अनवर भाई: मजा आया या नहीं तेरेको मेरी रानी। रितु चाची: हाऐइइइ बहुत मजा आया। आज जा कर मैं पूरी औरत बनु हूँ। आपके लंड का पानी मेरी चूत की आग शांत हो गई है। अनवर भाई: साली तेरे जैसी कातिल रंडी पर मेरा लंड भी बहुत दिनों से खराब हुआ है।

तेरी कातिल जवानी ने मेरे लंड को पागल कर दिया है। ये कह कर अनवर भाई रितु चाची को चूमे लगे और अपनी बाहों में भरने लगे। थोड़ी देर बाद वो उठे और दारू के पैग बना के चाची को पिलाने लगे। वो दोनों दारू पी के नशे में दूसरे के हिस्सेदार से खेल रहे थे। कभी चाची जी उनके लंड को सहलाती कभी चूमती। अनवरभाई ऋतु चाची की चूत में उंगली करते थे और बुब्बन को डांटते हुए चूम रहे थे।

तभी अनवर भाई बोले: अनवर भाई: सुनो भड़वे राजेश. मैं: बोलिये अनवर भाई. अनवर भाई: बड़ा मस्त माल लाया है आज तूने. अब मेरा काम अपने चाचा को फोन कर के बोल कि तेरी चाची आज अपनी सहेली का यहाँ गई है और वहीं रुकेगी और तुम दोनो कोई काम में व्यस्त हो। साला मेरेको कोई अशांति नहीं मांगता है।

मैं: जैसा आप बोलोगे अनवर भाई. अनवर भाई: आज रात तेरी चाची मेरा बिस्तार गरम करेगी और तू और तेरा चुत्तड़ दोस्त जा कर किसी और रांड को बजायो। समझे.मैं: ठीक है अनवर भाई. जैसा आप बोलो. रितु चाची जी अनवर भाई की बाहों में लेती हुई उनको चूम रही थी और हम दोनो अनवर भाई के कमरे से निकल के बाहर जा रहे थे।

हमने अनवर भाई के कहने पर कैमरे को ऑन ही रख दिया था। मगर अंदर का नजारा हम मिस नहीं करना चाह रहे थे और अनवर भाई की रंडियों में हमें आज पहली बार कोई दिलचस्पी नहीं थी। हम दोनों गेट के बाहर खड़े हो कर अंदर का नजारा देख रहे थे। रितु चाची : क्यूं नहीं जाने दिया मेरेको हां. अब क्या इरादा है आपका आज।अनवर भाई: हा हा हा… आज तो तू रात भर मेरे बिस्तर पर गरम करेगी रानी।

कहीं नहीं जाने दूंगा तेरेको. सुन आज से तू ऋतु हो गी अपने घर पे। इस कोठे पर तेरा नाम होगा रेशमा। अनवर की राखाइल रेशमा रानी. रितु चाची : और तुम होगे मेरे चुद्दकड़ भड़वे अनवर मियाँ। मेरे मालिक. महज़ लंड डेटा. अनवर भाई: साली चिनार बहुत जल्दी हाय रंडियों जैसी बात करना सीख गई है तू। बहुत जल्दी बहुत आगे जायेगी तू. ऐसे ही मस्त बातें करते हैं और एक दूसरे की बॉडी से खेलते हुए अनवर भाई का लंड वापस तैयार हो रहा था।

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वो लंड खड़ा हो रहा था और अनवर भाई अपनाप्यारी रांड रेशमा रानी को चूम ते जा रहे थे। चाचीजी भी गरम होने लगेंगी। अनवर भाई ने अचानक चाचीजी की गांड में उंगली डाल दी और चाची जी ने एक सेक्सी सी आह निकली… आआहह. उसके बाद तो जो हुआ वो देख कर मैं पागल ही हो गया था। अनवर भाई ने रितु चाची को दूसरी तरफ मोड़ दिया और उनकी गांड में अपनी नाक को घुसा दिया और सुंघने लगे।

थोड़ी देर बाद उन्हें अपनी जीभ से चाची जी की गांड को चाटना शुरू कर दिया। चाची जी मस्त हो गई थी वो अनवर भाई के लौड़े को अपनी पकड़ में लाने लगी। अनवर भाई उठे और रितु चाची की गांड को फेला दिया और अपना लंड उनकी गांड के छेद पर पोजीशन बनाने लगे।इससे पहले कि रितु चाची कुछ समझती और बोलती अनवर भाई ने एक जोर का झटका लगाया और अपना लंड रितु चाची की गांड मैंने पेल दिया. रितु चाची बहुत जोर से चिल्लायी और शोर मशीन लगी।

अनवर भाई ने अपने हाथ से रितु चाची का मुंह पकड़ के बंद किया और एक और झटके में अपना पूरा लंड चाची जी की गांड के अंदर घुसा दिया। थोड़े देर हल्के हल्के झटके मारने के बाद ऋतु चाची का दर्द थोड़ा बहुत कम हुआ और वो कुछ शांत हुई तो अनवर भाई चाची जी के बब्बन को बहस हुए उनकी गांड में लंड आगे पीछे करते रहे। ऋतु चाची तो बस आंखें बंद कर के सिसकियां भरती हुई मजे ले रही थी. अब दर्द काबू में होता देख कर अनवर भाई ने वही अपना जानवर रूप दिखाया दिया और बेरहामी से जोर जोर से अपना लंड रितु चाची की गांड में आगे पीछे करने लगे।

अन्होन रितु चाची को ऐसा चोदा कि रितु चाची की 7वीं पीढ़ी भी चुदाई को भूला न पायेगी। दर्द से बेहाल चाची जी रो रही थी और मस्ती भी ले रही थी। अनवर भाई ने अपनी पूरी हवस चाची के गामद पे निकल दी। हौसी दरिंदे की तरह उन्हें रितु चाची ने अपनी राखाइल रेशमा बना डाला। गांड मारते-मारते अनवर भाई ने अपनी दो उंगली चाची जी की चूत में घुसा दी। चाची जी को तो अपनी वासना की आग में कुछ समझ नहीं आ रहा था और वो सिर्फ गरम गरम सिसकियाँ भर रही थीं।

अब जब अनवर भाई झड़ने वाले थे तो उन्हें झटके से अपना लंड निकला और रितु चाची को पलटकर उनके मुँह में अपना लंड डाल दिया दीपक। रितु चाची लॉलीपॉप की तरह उनके दानव लंड को चूस रही थी। उसके बाद अनवर भाई ने अपना लंड निकाला और रितु चाची के मुँह के सामने उसको जोर जोर से हिलाने लगे। फिर वो अचानक जोर से चिल्लाए और अपना सारा माल रितु चाची के चेहरे, आंखों और होठों पर गिरा दिया। बच्चा हुआ माल उनकी चुचियों पे भी डाल दिया। रितु चाची समय एक बहुत ही सस्ती सी गलती लग रही थी। उनका वीडियो मार्केट में धूम मशीन वाला था।

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अब उनको लंड का चस्का लग चुका था. अब ये आग सिर्फ लंड के पानी से ही जल सकती है। अनवर भाई का काम अब भी पूरा नहीं हुआ था। वो रितु चाची को पूरी रांड बना कर ही हर मन्ने वाले थे। अन्होन रितु चाचीजी के चेहरे और बुब्बन पे पड़े माल को चमचे से उठा कर एक गिलास में भरा और चाची जी को अपना चेहरा चाटने को बोला।

उसके बाद उन्होंने वो माल का गिलास रितु चाची जी को पिला दिया और एक ब्रश से अपने दांत अपने माल से ब्रश करने को बोला। रितु चाची जी के पास कोई और रास्ता ना था। धीरे-धीरे वो भी इस गंदी सी हरकत को एन्जॉय करने लगी और अनवर भाई के माल से ब्रश करते हुए उसे खेलने लगी।

कुछ देर खेलने के बाद उन्हें वो सारा माल एक झटके में पेशाब लग गया। ये सब होने के बाद अनवर भाई खड़े हुए और चाची जी के पूरे बदन पर वापस मुटना शुरू कर दिया और बोला की: “अब तू सिर्फ मेरी ही सिर्फ मेरी है रेशमा रानी। मेरी रखैल तेरी जवानी के हर एक रस को मैं चूस जाउंगा साली छिनाल” रितु चाची अधमरी हालत में पड़ी हुई कर रही थी। तभी अनवर भाई चिल्लाये: अनवर भाई: अबे बहन के लौड़े बहार से झाँक ना बंद करो और अंदर आओ।

मेरेको मालोम था कि तुम दोनों भड़के कहीं नहीं जाओगे। बहुत मस्त माल है तेरी चाची. इस का जिस्म बेच के जो भी कमाई होगी वो आधी-आधी बातें ठीक है। अब बुझा लो अपना हवस इसके साथ। चोदो और चोदो साली छिनार को। हम दोनो एक दूसरे का चाँद देख ने लगे और एक सेकंड में कपड़े उतार के रितु चाचीजी पे चढ़ गये। हम दोनो ने रात भर चाची जी को चोदा। थोड़ी देर बाद तो लगा कि मर गई है रंडी की बच्ची मगर हमें तो अपना हवस शांत करने से मतलब था और हम रात भर चाची जी को चोदते रहे। आगे की कहानी अगली बार सुनूंगा। आशा है कि आप सभी लोगों को मेरी पहली कहानी पसंद आएगी।