Bhabhi Sex

सगी भाभी की गोद मेने भरी-1

Sagi bhabhi ki god maine bhari-1

हेल्लो दोस्तों, मैं रमन है में जयपुर के रहने वाला हु आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी जिन्दगी की सच्ची घटना है।

मेरे बड़े भैया की शादी बड़े धूमधाम से हुई थी। भाभी का नाम सीमा था। वो बहुत ही खूबसूरत औरत थी। सुहागरात में तो मेरे भैया का लंड भाभी को देख देख के बार बार खड़ा हो जाता था। फिर उन्होंने सीमा भाभी को नंगा करके उनकी जबरदस्त चुदाई की। मेरे भैया तो सारा सारा दिन बस भाभी के कमरे में ही घुसे रहते थे और उनकी चूत बजाया करते थे। घर में सभी लोग मेरी माँ और मेरे पापा सोच रहे थे की एक साल में भाभी के बच्चा हो जाएगा पर ऐसा नही हुआ। उसके बाद मेरे बड़े भैया और जादा भाभी की चुदाई करने लगे। पर दोस्तों कोई भी प्रयास सफल नही हुआ। इस तरह 6 साल पुरे हो गए, पर उनको बच्चा न हुआ। जब सीमा भाभी ने डॉक्टर के पास जाकर जांच करवाई तो पता चला की बड़े भैया में कमी है। उधर मेरी माँ भी भाभी को तरह तरह से ताने मारने लगी थी। उनको बाँझ कहती थी। भाभी पूरी तरह से सही है। एक दिन दोपहर में जब घर के सब लोग कहीं बाहर गये थे सीमा भाभी मेरे पास आई।

“देवर जी, मुझे आपसे बहुत जरूरी काम है” भाभी बोली और उन्होंने मुझे सारी बात बताई। ये सब सुनकर मैं हैरान था।

“देवर जी, अब आप ही मेरा आखिरी सहारा हो!!” भाभी बोली

दोस्तों मैंने कई बार अपनी सीमा भाभी को चुपके चुपके बाथरूम में नहाते हुए देखा था। कई बार मैंने उनको सोच कर मुठ मारी थी। सपने में तो मैं भाभी को कई बार कसके चोद चुका था। मैंने कभी सोचा नही था की सच में कभी वो दिन जाएगा जब भाभी की चुद्दी [चूत] मारने का मौक़ा मुझे मिलेगा। इसलिए मैंने तुरंत हाँ कर दी।

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“ठीक है भाभी, मैं आपको एक स्वस्थ और हट्टा कट्टा बच्चा दूंगा!” मैंने कहा

“देवर जी चलो कमरे में चलते है। तुम आज से ही कोशिश शुरू कर दो” सीमा भाभी बोली

उसके बाद भाभी मेरा हाथ पकड़कर मुझे अपने कमरे में ले आई। उन्होंने खुद ही मुझे पकड़ लिया और किस करने लगी। मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने भी उनको कंधे से पकड़ लिया और उनके गाल पर चुम्मा लेने लगा। आज मेरा सपना पूरा होने वाला था। अपनी सगी भाभी की रसीली चूत को कसके चोदने का सपना। हम दोनों खड़े खड़े ही होठो पर किस करने लगे। सीमा भाभी ने खुद ही मेरा बायाँ हाथ उठाकर दाई छाती कर रख लिया। मैंने छूकर देखा तो मुझे करेंट सा लग गया। क्या बड़ी बड़ी गोल गोल छातियाँ थी भाभी की। छूते ही मेरा 7” का लंड खड़ा हो गया था। मैं तेज तेज दबाने लगा। भाभी मेरी आँखों में देखने लगी। हम दोनों ठरकी हो गए थे।

उन्होंने अपनी चुन्नीदार साड़ी का पल्लू ब्लाउस से हटा दिया और नीचे गिरा दिया। उफफ्फ्फ्फ़..उनके मम्मो को तो ऑस्कर अवार्ड मिलना चाहिए था । इतने खूबसूरत मम्मे थे भाभी के। सफ़ेद, दूधिया, बड़े बड़े और बहुत ही चिकने। 34” के मम्मो को देखकर मेरी नियत खराब हो गयी थी। अब तो मैं भाभी को जल्दी से बस चोद लेना चाहता था। मैंने उनको बाहों में भर लिया था और उनके ताजे होठो को चूस रहा था। वो भी मुझे अपने गुलाबी होठ पिला रही थी। दोस्तों सीन भाभी की उम्र 27 साल की थी। वो बहुत जवान और खूबसूरत माल थी।

इसलिए मैं ये आजतक कोई मौका नही छोड़ना चाहता था। मैं उनके जोश से चूम रहा था। उनके गले और कान पर मैं बार बार किस कर रहा था। भाभी भी चुदासी हो रही थी। फिर मैं खड़े होकर ही उनके दूध दबाने लगा। भाभी “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….” की आवाज निकालने लगी। मैं और जादा कामुक हो गया था इसलिए और तेज तेज मैं उनके दूध ब्लाउस के उपर से ही दबाने लगा था। दोस्तों सीमा भाभी गहरे गले वाले ब्लाउस पहनती थी जिससे उनके आधे आधे दूध तो मुझे ब्लाउस से ही दिख रहे थे। मैंने कुछ देर तक खड़े होकर उनके दोनों मम्मो को दबाया। फिर मैं झुक गया और जीभ लगाकर उनके मम्मो को चाटने लगे। लग रहा था की भाभी ने २ बड़ी बड़ी गेंदों को अपने ब्लाउस में छिपा रखा था। मैं झुककर उनके मम्मे चाटने लगा। फिर हाथ से दबाने लगा।

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“भाभी!! साडी उतारो!!” मैंने कहा

उनके बाद सीमा भाभी अपनी साड़ी धीरे धीरे खोलने लगी। उन्होंने पर साड़ी को कसके बाँध रखा था। धीरे धीरे वो खोल रही थी। फिर उन्होंने साड़ी निकाल दी। मैं खुद को रोक ना सका और मैंने भाभी को कसके पकड़ लिया।

“ओह्ह्ह्ह भाभी!! यू आर सो हॉट!!” मैंने कहा और मैंने उनको कसके पकड़ लिया।

मैंने अपने हाथ उनकी कमर में डाल दिए थे। मैं अब खुलकर बिना किसी शर्म के उनकी कमर पर अपने हाथ घुमा रहा था, प्यार से सहला रहा था और मजे ले रहा था। एक बार फिर मैंने अपनी सगी भाभी को बाँहों में कस लिया और सब जगह चूमने लगा। मैं उनके गाल, ओठो, गले, कन्धो सब जगह चूम रहा था। उधर भाभी भी मस्त हुई जा रही थी। “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..”बोलकर वो सिसकियाँ ले रही थी। “देवर जी!! आज मुझे कसके चोद चोद कर तृप्त कर दो और मेरी गोद भर दो। मुझे एक प्यारा सा बच्चा दे दो!!” भाभी बार बार कहने लगी। ये सुनकर मैं और जादा चुदासा हो गया था। अब मैं पुरे जोश से भाभी को चूम रहा था। फिर मैंने उनको बिस्तर पर ले गया। एक बार फिर से हम होठो का चुम्बन लेने लगे और पीने लगे।

मेरा खुद ही नीचे की तरफ दौड़ गया। भाभी के पेटीकोट में मैंने हाथ हाथ डाल दिया और उनकी रसीली चूत की तरफ मेरा हाथ बढ़ने लगा। फिर मैंने उनकी चड्ढी आखिर ढूढ़ ली और उसके अंदर अपना हाथ डाल दिया। मजबूरन सीमा भाभी को अपने दोनों पैर फैलाने पड़ गए। मैंने उनकी चूत का छेद ढूढ़ लिया और अंदर ऊँगली कसके पेल दी। “आऊ…..आऊ…. भाभी के मुंह से निकला। मैंने अपने हाथ की बीच वाली ऊँगली जो सबसे लम्बी होती है अंदर डाल दी थी और जल्दी जल्दी उनकी चूत फेटने लगा था। इधर भाभी बार बार अपना मुंह खोल रही थी। मेरा हाथ उनके पेटीकोट में, फिर उनकी पेंटी में घुसा था। मैं पूरी तरह से पागल हो गया था और जल्दी जल्दी ऊँगली अंदर बाहर करने लगा था।

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भाभी को बहुत उत्तेजना हो रही थी। वो बार बार सिस्कारे ले रही थी। बार बार वो अपना मुंह खोल देती थी। मैंने 10 मिनट तक उनकी चूत में ऊँगली की फिर हाथ बाहर निकाल लिया। फिर मैंने वही ऊँगली अपने मुंह में डाल दी और भाभी के सफ़ेद माल को चाटने लगा। नमकीन स्वाद था। एक बार फिर से मैंने अपना हाथ भाभी की चूत में डाल दिया और 5 मिनट तक उनकी चुद्दी में ऊँगली करता रहा। भाभी तो जैसे काँप ही जाती थी। वो बहुत बेचैन महसूस कर रही थी क्यूंकि उनके जिस्म की सबसे संवेदनशील अंग में मैं रंग जमा रहा था।