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ससुर ने अपनी बहु को बदलकर चुदवाया-1

Sasur ne apni bahu ko badalkar chudwaya-1

हैल्लो दोस्तों, आप तो मेरे बारे में जानते ही हो. में अपनी पिछली स्टोरी “ससुर ने अपनी बहु और लता को चोदा” का आगे का भाग ले कर आया हूँ और जैसा कि आप पहले ही पढ़ चुके है कि ससुर और बहुओ की चुदाई कैसे हो रही थी? दोनों बहु अपनी चूत की गर्मी शांत करने में लगी हुई थी और ससुर अपने लंड को शांत करने में लगे हुए थे. अब तो दोनों बहु और दोनों ससुर एक ही घर में चुदाई का खेल खेलना चाहते थे, जिसकी शुरुवात हो चुकी थी और सारी प्लानिंग हो गयी थी. अब तो बस कपड़े ही उतारने बाकी थे. पिछली बार बाबूलाल ने अपनी बहु निमो को चुदाई के लिए राज़ी किया और फिर हरिलाल ने लता को चोदा.

तभी बाबूलाल बोला मेरी जान क्या करूँ? दो दिनों से इसे आराम ही कहाँ मिला है, तभी भाभी बोली आराम क्यों नहीं मिला? तब बहु के बार-बार पूछने पर उन्होंने बताया कि वो और उनका दोस्त हरिलाल उनकी नई नवेली बहु की चुदाई में लगे हुए थे. उसे भी मेरा लंड तेरी तरह बहुत पसंद आ गया है. बहु तुम मेरी एक मदद कर सकती हो तो निमो बोली क्या मदद करनी है? तो ससुर जी बोले अगर तुम हरिलाल से चुदवा लो तो में दुबारा से उसकी बहु को चोद सकता हूँ. मेरी जान उसकी शादी को अभी तीन महीने ही हुए है, सच में उसकी बड़ी कसी हुई चूत है, बिल्कुल वैसी ही कसी हुई है जैसी तेरी शादी के बाद थी. फिर भाभी ने कुछ देर सोचा और कहा कि ठीक है मुझे मंजूर है, लेकिन अगर मुझे तुम्हारे दोस्त का लंड पसंद आ गया तो तुम भी मुझे चुदाई करने से मना मत करना, कोई चिंता नहीं मेरी जान, तुम भी अपनी चूत का पूरा मजा दो. फिर ससुर जी बोले निमो वो कल हमारे घर आ रही है.

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में भी बहुत खुश था कि घर में दो चूत और तीन लंड थे. जिसमें से में एक चूत का मजा ले चुका था और भाभी भी खुश थी कि अब एक नये लंड से उसकी चुदाई होगी. फिर अगले दिन हरिलाल और उसकी बहु (लता) बाबूलाल के घर आ गये, जैसा सुना था ठीक वैसे ही लता और उसका ससुर था, दोनों कसे हुए बदन के मालिक थे और लता सेक्स की मूर्ति थी.

फिर सुबह करीब 12 बजे दरवाजा बजने की आवाज़ आई और बाबूलाल ने जाकर दरवाजा खोला तो देखा कि सामने दोनों ससुर बहु खड़े थे, बाबूलाल दोनों को हॉल में ले आया और आवाज़ लगाई, बहु मेहमान आए है ठंडा लेकर आना.

इस समय लता ने हल्के पिंक रंग की साड़ी और गहरे गले वाला ब्लाउज पहन रखा था. वो गजब की सुंदर लग रही थी. बाबूलाल तो हरी से बात करता-करता लता को कपड़ो के ऊपर से ही चोद लेना चाह रहा था, तभी बाबूलाल की बहु निमो उनके लिए ठंडा ले आई. निमो ने भी हल्की पीली साड़ी और गहरे गले वाला ब्लाऊज पहन रखा था, ताकि पूरी चूचीयों के दर्शन आराम से हो जाए. फिर लता अपनी जगह से उठी और निमो के गले लग गयी. उन दोनों का बदन ऐसा हो गया था कि जैसे उनमें से जल्दी कोई नहीं झड़ने वाला है और बैठ गयी. फिर निमो ने ठंडा उठाकर लता और हरिलाल को दिया, जिसको निमो पहले भी कई बार मिल चुकी थी, लेकिन अब देखने का नज़रिया बदल गया था. अब हरिलाल ठंडा लेते हुए निमो की रसीली चूचीयों को देख रहा था कि कितनी देर के बाद वो उनको चूस पायेगा. फिर बाबूलाल ने निमो से कहा कि बहु जाओ ज़रा लता बेटी को घर तो दिखा दो (घर क्या दिखाना था? बस चुदाई के लिए तैयार करना था) फिर लता उठी और बाबूलाल को तिरछी नज़र से देखा और निमो के साथ चल दी.

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फिर निमो उसे रसोई में ले आई और अपनी बाहों में भरकर बोली, क्यों रहा नहीं जा रहा क्या? जो पिताजी को देखती आ रही थी. तो लता बोली क्या करूँ दीदी? मुझे पिताजी ने दो दिन से नहीं चोदा है, ओह तो ये बात है मेरी रानी को खुजली हो रही है. अभी आराम से बैठो कुछ खा पी लो, तो लता बोली दीदी खाने और पीने ही तो आई हूँ पता नहीं कितनी देर बाद मिलेगा. ये तो बता मेरी लता रानी मेरे ससुर (बाबूलाल) का केला खाने में कैसा लगा? अरे दीदी क्या बताऊँ? उनका केला खाने ही तो यहाँ तक आई हूँ. मेरी रानी अब एक बात ध्यान रख, अगर मज़े लेने है तो मेरे ससुर का नाम लेकर ही असली मजा ले पाओगी, वो तुम्हें इतना चोदेंगे की तुम्हारी चूत का तो भोसड़ा बन जायेगा. हाँ दीदी तुम सच कहती हो इन दो दिनों में बाबू ने मेरी इतनी कस कर चुदाई की थी कि मैंने अपने हरी को भी चुदाई के लिए मना कर दिया था, सच दीदी तुम जल्दी से कुछ करो ना.

एक बात तो बताओ दीदी जब बाबूलाल यहाँ नहीं थे, तो तुम्हें भी तो खुजली लगी होगी? लता ने निमो से उसको देखते हुए पूछा, तो निमो कुछ नहीं बोली वो चुप हो गयी, तभी लता बोल पड़ी कि इसका मतलब दीदी तुम किसी और से भी चुदी हो. तब निमो बोली क्या करती प्यास तो बुझानी है मेरी रानी? तुमने भी तो बाबू का लंड लिया ना, चलो अब बाहर चलो, दोनों के लंड हमारी चूत के लिए तड़प रहे होंगे. दीदी तुम बाबू का लंड लोगी या हरी का, तुम बताओ मेरी लता रानी तुम किसका लंड लोगी, दीदी मेरा मन तो बाबू का लेने का है तो फिर तू बाबू का ले ले और में हरी का ले लूँगी. ज़रा पता तो चले कि उसका कैसा है? फिर वो दोनों वहीं रसोई में नीचे बैठ गयी और अपनी-अपनी चूत को अच्छे से धोया, ताकि उसमें से बदबू ना आए. उन दोनों ने अपनी अपनी चूत को क्लीन कर रखा था.

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फिर निमो बोली कि लता ये मीठा लेकर चलो, नये काम की शुरुवात जो करनी है, वहीं दूसरी और दोनों दोस्तों ने मिलकर पूरा प्लान बना रखा था कि उन दोनों के रसोई में से आने के बाद उनको प्यार करना शुरू करना है, ताकि जल्दी से दोनों को गर्म करके उनकी चूतो का मज़ा ले सके. उधर वो दोनों भी चुदने को बेताब हो रही थी.

फिर वो दोनों मीठा लेकर कमरे में गई और मीठा टेबल पर रख दिया. उन दोनों की बहुओं के बदन से साफ नज़र आ रहा था कि दोनों ने क्या पहन रखा है? फिर वो दोनों अपने-अपने ससुर के साथ बैठ गयी. तभी हरीलाल बोला बेटी ज़रा निमो बहु को भी तो मेरे पास बैठने दो तुम तो रोज ही बैठती हो. तभी लता बोली क्यों नहीं पिताजी? आप निमो दीदी को बैठा लो और वो उठकर बाबूलाल की गोद में जाकर बैठ गयी और निमो ने भी वही किया. निमो भी हरिलाल की गोदी में बैठ गयी और लता ज़रा मीठा तो ले आ. लता उठी और निमो के हाथ में मीठा दिया और खुद ने भी ले लिया. पिताजी ज़रा हरिलाल जी का मुँह तो मीठा करा दो, पहली बार लता को ले कर आए है.