हिंदी सेक्स स्टोरी

स्कूल के मालिक ने सपना पूरा किया

School ke malik ne sapna pura kiya

हैल्लो दोस्तों, में आज आप सभी लोगों को जो स्टोरी सुनाने करने जा रही हूँ, वो मेरी खुद की एक सच्ची घटना है. दोस्तों मेरा नाम रिया है और मेरी उम्र 25 साल और मेरे फिगर का साईज 34-32-36 है. मेरा गदराया हुआ बदन, रंग गोरा, सुंदर चेहरा, गुलाबी होंठ, बड़े बड़े बूब्स और उस पर हल्के भूरे रंग के निप्पल में बहुत ही सुंदर दिखती हूँ. मुझे देखकर बहुत से लड़के मुझे लाईन मारते है लेकिन में उन्हे कभी भी कोई मौका नहीं देती हूँ और में एक स्कूल टीचर हूँ.

दोस्तों एक उम्र के बाद सबको अपना बिस्तर सूना लगता है. हर एक लड़का और हर एक लड़की चाहती है कि रात में कोई उसके साथ हो जो पूरी रात उसे अपनी बाहों में लेकर प्यार करे, उसे चूमे चाटे, उसके बूब्स को दबाए, उसकी निप्पल को चूसे, उसकी चूत को चूमे और उसकी चुदाई करे. दोस्तों, में भी कुछ समय पहले ऐसा ही सोचती थी और एक दिन मेरा यह सपना पूरा किया मेरे स्कूल के प्रिन्सिपल ने.

दोस्तों में जिस स्कूल में पढ़ाती हूँ उसके मालिक बहुत ही स्मार्ट हेंडसम है, लेकिन वो एक शादीशुदा और साथ में दो बच्चो के बाप भी है. लेकिन फिर भी उन्हे देखते ही मेरी चूत में एकदम आग लग जाती थी और मेरा दिल करता था कि बस अभी आकर वो मुझे अपनी बाहों में जकड़ ले और मेरी चूत को बहुत देर तक अपने मोटे लंड से चोदे और मेरी चूत को शांत करके मेरी इच्छा को पूरा करें. दोस्तों, फिर धीरे धीरे मुझे पता चला कि वो भी एक आशिक मिज़ाज़ के है और वो भी मेरी तरफ थोड़ा झुके हुए है. मेरे तो सपनो को पर मिल गये और अब मुझे क्या चाहिए था? तो धीरे धीरे हम दोनों में बात होने लगी और थोड़ा बहुत नॉनवेज हंसी मज़ाक भी होने लगा और फिर जब भी मौका मिलता, वो मुझे अपनी बाहों में ले लेते थे, मेरे होंठो को चूमते, मेरे बूब्स को दबाते, तो में बहुत गरम हो जाती थी. लेकिन मुझे पूरी तरह से चुदने का अच्छा मौका नहीं मिल पा रहा था. लेकिन उन 7 दिन की सर्दीयों की छुट्टियों में हम दोनों को वो मस्त मौका भी मिल ही गया, जब उनकी पत्नी सर्दीयों की छुट्टियों में आउट ऑफ स्टेशन चली गयी.

तो उन्होंने एक दिन फोन करके मुझे अपने घर पर बुलाया. में उनका फोन आते ही मन ही मन बहुत खुश होने लगी और सोचने लगी कि आज मेरी चूत को चुदने का मौका मिलने वाला है. में आज अपनी चूत को चुदवाकर शांत करूंगी और फिर यही सब बातें सोच सोचकर में तैयार हुई और जब में उनके घर पर गयी तो मैंने देखा कि वो अकेले ही अपने बेडरूम में लेटे हुए थे और फिर में भी उनके पास उनकी रज़ाई में जाकर बैठ गई. पहले तो उन्होंने मुझे अपनी बाहों में ले लिया और बुरी तरह से चूमने चाटने लगे और बहुत देर तक तो वो मेरे होंठो को चूमते चूसते रहे और में भी मज़े लेने लगी और अब धीरे धीरे उनके हाथ मेरे बूब्स पर चलने लगे. लेकिन वो मेरे बूब्स को ऐसे दबा रहे थे जैसे कि उन्हे पहले बार किसी लड़की के बूब्स दबाने का मौका मिला हो और अब उनके हाथ धीरे धीरे मेरे बूब्स से होते हुए मेरी जाँघो पर घूमने लगे.

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दोस्तों मैंने एकदम टाईट फिटिंग जीन्स और टी-शर्ट पहनी हुई थी, जिसमे से मेरा कसा हुआ बदन उन्हे और भी ज्यादा गरम कर रहा था. तो में भी अब फुल मूड में थी और उनका वो चूमना, मेरे बूब्स को दबाना, मुझे और भी गरम कर रहा था. मैंने उनकी शर्ट के बटन खोले और खुद ही उनकी पेंट की ज़िप खोलकर, उनके लंड को बाहर निकालकर हाथों से धीरे धीरे सहलाने लगी तो वो और भी गरम हो गये और फिर उन्होंने मेरी जीन्स में अपना हाथ डालने की कोशिश की लेकिन ज्यादा टाईट होने की वजह से उनका हाथ अंदर नहीं जा रहा था.

अब तक मेरी चूत बहुत गरम हो चुकी थी, तो मैंने खुद ही अपनी जीन्स को उतार दिया और उन्होंने अपने हाथों से मेरी गरम चूत को सहलाना शुरू कर दिया. आअहह सस्स्स्स्सस्स आईईईईइ और में सिसकियों के साथ साथ उनके लंड को पकड़कर धीरे धीरे सहला रही थी और बहुत देर तक हम एक दूसरे को चूमते, चाटते और सहलाते रहे. फिर उन्होंने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मुझे पूरा नंगा करके बिस्तर पर लेटा दिया और मुझे ऊपर से नीचे तक घूर घूरकर देखने लगे. फिर बोले कि जब से मैंने तुम्हे देखा था, तब से में तुम्हे बिल्कुल नंगा अपने सामने ऐसे ही लेटे हुए देखना चाहता था.

मैंने भी थोड़ा शरमाकर कहा कि हाँ में भी आपको बहुत समय से नंगा देखना चाहती थी और मेरे मुहं से इतना सुनते ही उन्होंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और बिल्कुल नंगे होकर बोले कि यह लो देखा लो. यह लंड कब से तुम्हारी इस गरम गरम चूत में जाने को तैयार होकर तनकर खड़ा हुआ है और यह तुम्हे देखते ही पेंट में भी खड़ा हो जाता है.

फिर इतना कहकर उन्होंने अपने दोनों हाथों से पकड़कर मेरे दोनों पैरों को चौड़ा कर दिया और अपने होंठो को मेरी चूत के होंठो पर लगा दिया और मेरी चूत को चूसने लगे और उनके चूत को चूसने के तरीके ने मेरे पूरे बदन में आग सी लगा दी और में ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी और कहने लगी आआअहह आईईईई वाह बहुत मज़ा आ रहा है, हाँ और चूसो अह्ह्ह्हह मज़ा आ रहा है और ज़ोर से चूसो, मेरे मुहं से यह शब्द निकलने लगे और फिर मैंने अपने हाथों से उनका सर पकड़ा और अपनी चूत की तरफ धकेलने लगी.

मेरा तो जी कर रहा था कि उनका पूरा मुहं अपनी चूत में ही घुसा दूँ और वो भी पागलों की तरह मेरी चूत चाट रहे थे और कभी मेरी जाँघो पर अपने हाथ घुमाते तो कभी मेरी निप्पल को रगड़ रहे थे और मेरी चूत गीली हो गयी थी और उनकी इन हरकतों से में एकदम जोश से भर गई. तो मैंने सोचा कि क्यों ना में भी इन्हे मज़े करवा देती हूँ ताकि यह मेरे और भी दीवाने हो जाए और फिर हमने 69 वाला पोज बनाया, मतलब उनका लंड मेरे मुहं में और मेरी चूत उनके मुहं के पास और इस तरह वो मेरी चूत चूम रहे थे, उसे चाट रहे थे, अंदर तक सक कर रहे थे और में उनके लंड को अच्छे से कभी ऊपर से नीचे से मुहं में लेकर चूस रही थी, जिससे वो और भी ज्यादा गरम होकर मेरी चूत को चूसने लगे.

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फिर उन्होंने अपनी एक उंगली को मेरी चूत में डाल दिया और उसे मेरी चूत में इधर उधर, आगे पीछे, ऊपर नीचे घुमाने लगे, जिससे मेरी चूत में अब और भी आग लग गयी. में अपनी चूत में उनका वो लंबा, मोटा लंड जो मेरे मुहं में था, लेने को मचलने लगी और बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी और बिना किसी शरमो हया के एकदम मेरे मुहं से निकल गया कि इस उंगली से क्या होगा? इस चूत को तो आपका मोटा लंड चाहिए. तो इतना सुनते ही वो उठ गये और मेरे ऊपर लेट गये और फिर वो बोले कि यह लंड भी कब से तुम्हारी चूत में जाने को मचल रहा है, प्लीज इसे अपने कोमल कोमल हाथों से पकड़कर डाल दो.

मैंने अपने हाथों से उनका लंड पकड़कर अपनी हॉट चूत में डाला और मैंने इससे पहले कभी भी अपनी चूत की चुदाई नहीं करवाई थी, तो मेरी चूत में थोड़ा कसाव था. जिसकी वजह से मुझे थोड़ा सा दर्द हुआ, लेकिन वो दर्द उस मज़े से बहुत कम था जो मुझे उस वक़्त आ रहा था अपनी चुदाई करवाते हुए. तो उन्होंने मुझसे पूछा कि क्यों तुम्हे दर्द तो नहीं हो रहा?

मैंने कहा कि नहीं दर्द तो तब होगा जब आप मेरी चूत को नहीं चोदोगे और फिर इतना सुनते ही उन्होंने अपना लंड एक ही झटके में पूरा का पूरा मेरी चूत में डाल दिया और मेरे बूब्स को दबाने लगे. कभी वो मेरे बूब्स को दबाते तो कभी मेरी निप्पल को चूसते और कभी मेरे हाथों को और अब वो लगातार अपना लंड अंदर बाहर करने लगे. एक बार लंड को अंदर डालते और एक बार उसे बाहर निकालते. दोस्तों कसम से उस वक़्त मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे में जन्नत की सेर पर हूँ, वैसे तो चुदाई में सभी को मज़ा आता है. लेकिन जब आपकी चूत में उस बंदे का लंड हो जिसका लंड आप बहुत समय से लेना चाहते हो तो फिर चुदवाने का मज़ा ही डबल हो जाता है.

फिर मुझे चोदते हुए उन्होंने कहा कि उनका मन शुरू से ही किसी कच्ची कली की चूत देखने और उसे चोदने का बहुत करता था. जिसकी चूत पर एक भी बाल ना हो जो अपनी चूत का बहुत ही अच्छी तरह से ख्याल रखती हो, मुझे तो वही चूत चाहिए. दोस्तों में उनके चोदने के तरीके और उसकी चुदाई से इतना खुश थी कि मैंने उनसे वादा किया कि में तुम से बहुत ही जल्द किसी कच्ची कली की चुदाई करवाउंगी. तो यह बात सुनकर वो और भी ज्यादा ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर लंड को अंदर बाहर करने लगे, जिसका एहसास मुझे अंदर तक हो रहा था, क्योंकि उनका लंड भी बहुत मोटा था और उनका चुदाई करने का तरीका तो उससे भी ज्यादा मजेदार और जोश से भरपूर था.

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फिर करीब 15 मिनट तक वो मुझे लगातार धक्के देकर चोदते रहे और इस बीच हमने कई बार अपने चोदने का तरीका बदला. जैसे कभी में उनके ऊपर आकर उनके लंड पर बैठकर ऊपर नीचे हो रही थी, उस वक़्त मेरे बूब्स भी ऊपर नीचे हो रहे थे और यह सब में सामने लगे कांच में देख रही थी. फिर हम ने कुछ देर बाद डॉगी स्टाईल में भी सेक्स किया और जब में डॉग स्टाईल में आई तो वो बोले कि उनका मन लंड को मेरे पीछे मेरी गांड में डालने का हो रहा है.

दोस्तों मैंने सुना था कि पीछे से चुदाई करवाने में बहुत दर्द होता है और मैंने यही बात उनसे कही. तो उन्होंने कहा कि मेरी जान तुम्हे कुछ नहीं होगा में हूँ ना और फिर मैंने उन पर विश्वास करके हाँ कर दी. तो उन्होंने अपने लंड पर थोड़ा सा तेल लगाया और फिर धीरे धीरे मेरी गांड में डालने लगे और बोले कि थोड़ा दर्द होगा. लेकिन कुछ देर बाद बहुत मज़ा भी मिलेगा.

दोस्तों में ना जाने किस नशे में थी, मुझे पता भी नहीं चला कि कब उनका लंड मेरी गांड में चला गया और वो मेरी गांड मारने लगे. लेकिन मेरी गांड के अंदर बाहर जाते समय लंड मुझे महसूस हो रहा था. फिर तो वो कभी लंड को धक्का देकर मेरी गांड में डालते तो कभी मेरी चूत में और जब उनका वीर्य निकलने लगा तो वो और भी ज्यादा ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगे और फिर उन्होंने मुझे सीधा किया और मेरे ऊपर लेटकर लंड को आगे से चूत में डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्कों के साथ चोदने लगे और फिर 5 मिनट के बाद उनका वीर्य निकलने लगा. तो वो बोले कि क्यों अंदर ही छोड़ दूँ क्या?

फिर मैंने कहा कि हाँ छोड़ दो क्योंकि अब मेरी चूत से भी पानी निकलने लगा था और फिर उन्होंने चूत के अंदर ही अपना गरम गरम लावा छोड़ दिया और मेरी चूत से भी पानी निकल गया. तो उसके बाद भी 5 मिनट तक वो मेरे ऊपर उसी हाल में लेटे रहे और हम दोनों ने एक दूसरे को कसकर गले से लगा रखा था और उसके बाद हम उठे, उन्होंने एक बार फिर से मेरे होंठो को चूमा और हम दोनों ने बाथरूम में जाकर साथ में शावर लिया और कपड़े पहने. फिर उन्होंने चाय बनाई और हम दोनों ने एक साथ में बैठकर चाय पी और फिर में वापस अपने घर पर आ गयी.