सीमा भाभी की नशीली गांड-1
Seema bhabhi ki nashili gaand-1
हैल्लो फ्रेंड्स.. मेरा नाम अशोक शर्मा है और में हरियाणा का रहने वाला हूँ और यह यहाँ पर पहली कहानी है जो कि मेरे जीवन की एक सच्ची घटना है.. में 27 साल का हूँ और मेरा कलर साफ है और मेरे रामू काका का साईज़ 7 इंच लंबा और 3.5 मोटा है, जो कि किसी भी उम्र की चूत को नानी याद दिला देगा और दोस्तों सबसे पहले में यह बताना चाहता हूँ कि मुझे शादीशुदा औरते बहुत पसंद है क्योंकि उनको ही सेक्स का असली मजा लेना और देना आता है.
अब में अपनी आज की कहानी पर आता हूँ.. दोस्तों में फरीदाबाद में रहता हूँ और मेरी फेमिली में मेरे पापा और मम्मी है और में अपने मम्मी पापा का बहुत ही लाडला हूँ. वो मेरी हर एक इच्छा पूरी करते है. दोस्तों यह बात आज से एक साल पहले की है.. हमारे पड़ोस में एक फेमिली रहने आई थी और उस फेमिली में भाई साहब अरुण जी, उनकी वाईफ सीमा भाभी और उनके तीन बच्चे थे. तो मैंने उनको पहली बार रात को देखा था, जिस दिन वो अपने घर का सामान टेम्पो से उतार रहे थे और रात को करीब 9 बजे थी और वो सर्दियों का टाईम था. उस समय लगभग हमारी गली में सभी लोग सो गये थे और में बाहर अपने बगीचे में खाना खाने के बाद घूम रहा था. तो माँ ने बोला कि बेटा में चाय बना देती हूँ और तुम जाकर हमारे नए पड़ोसियों को दे आओ. फिर में उनको चाय देने उनके घर पर चला गया और में जब घर के अंदर गया, तो मैंने देखा कि एक 28 साल की गोरी चिट्टी लड़की नीली जीन्स और काले कलर के ओवरकोट में अपने रूम में सामान सेट कर रही थी.
तभी उनके पति मेरे सामने आए और फिर मैंने अपना परिचय उनको दिया.. तो उन्होंने मुझे भी चाय पीने के लिए कहा और चाय की केटली मुझसे लेकर अपनी वाईफ को दे दी. फिर अरुण भाई साहब ने मुझे अपनी फेमिली से मिलवाया और फिर भाभी जी तीन कप चाय लेकर हमारे पास आई और में उनको पहली नजर में देखकर ही उनका दीवाना सा हो गया था और उनको प्यार भरी नजरों से देख रहा था और शायद उन्होंने भी यह बात पता चल चुकी थी तो हमने एक साथ बैठकर बहुत देर बात की और चाय पी और फिर में वहां से चला आया. फिर उस रात मुझे नींद बहुत देर से आई और रात भर मुझे बस सीमा भाभी ही आँखों के सामने दिख रही थी. अगली सुबह रविवार को में 10 बजे सोकर उठा और सीधा बाहर आकर bhabhi ki chudai live को देखने के लिए गया.. लेकिन शायद वो रात को लेट सोई थी और बहुत बार कोशिश करने के बाद मुझे दोपहर तीन बजे उनका चेहरा दिखा. दोस्तों में आपको बता नहीं सकता कि वो क्या बला थी? उनका कलर दूध जैसा सफेद आंखे गोल बड़ी बड़ी होंठ गुलाब जैसे में तो बस उनको देखता ही रह गया और सीमा garam bhabi भी मुझे देख रही थी.
फिर उन्होंने एक बार अंदर अपने पति को देखा और फिर मेरी तरफ़ देखकर धीरे से बोली कि सर जी आप क्या देख रहे हो? तो मैंने हड़बड़ाकर कहा कि कुछ नहीं भाभी बस आपको गुड आफ्टरनून बोलना था. तो उन्होंने मुझे एक शरारती सी स्माईल दी और कहा कि सर जी आप 5 बजे आकर अपने रात वाले चाय के बर्तन ले जाना क्योंकि अभी मैंने किचन सेट नहीं किया है.. तो मैंने कहा कि कोई बात नहीं भाभी जी आराम से दे देना मुझे कोई जल्दबाजी नहीं है. तभी भाभी ने एक स्माईल देकर कहा कि सर जी जल्दबाज़ी तो मुझे भी पसंद नहीं है आराम से ही करूंगी और अंदर चली गई. फिर में शाम 5 बजे तक उनके कहे शब्दों के बारे में ही सोचता रहा और शाम को लगभग 4:50 बजे को उनके पति अरुण जी अपनी गाड़ी लेकर बाहर चले गये और फिर मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि भाभी जी ने मुझे 5 बजे का टाईम क्यों दिया है? जब उनके पति घर से बाहर गए हुए है. तो मैंने सोचा कि शायद वो घर का कुछ सामान लेने गये है फिर 5 बजे में भाभी जी के घर पर जाने के लिए तैयार होने लगा और एक बार उनके नाम की बाथरूम में जाकर मुठ मारी और उनके घर को निकल पड़ा.
फिर मैंने उनके घर की डोर बेल बजाई तो उन्होंने दरवाजा खोला.. यार वो क्या लग रही थी? उन्होंने गहरे नील कलर की साड़ी पहनी हुई थी और क्रीम कलर का स्वेटर पहना हुआ था और बाल खुले हुए थे. में तो बस एक टक नजरों से उनको देख रहा था कि तभी भाभी बोली कि सर जी अंदर आ जाओ वरना सर्दी लग जाएगी. तो मैंने कहा कि नहीं भाभी आप मुझे बर्तन बाहर ही दे दो.. तो उन्होंने कहा कि एक बार अंदर आकर देख तो लो आपकी भाभी ने घर की सजावट कैसी की है. तो भाभी ने मुझसे इतना बोला तो में अंदर चल पड़ा.. यार उसकी क्या गांड थी और आज मैंने पहली बार उनकी गांड के दर्शन किए थे. फिर भाभी ने कहा कि तुम बैठो में तुम्हारे लिए चाय बनाकर लाती हूँ और आज सर्दी बहुत है और आपके भाई साहब भी यहाँ पर नहीं है.. तो तुम्हारे बहाने में भी चाय पी लूँगी.
फिर वो अंदर किचन में चली गई और में सोफे पर बैठ गया और उनके रूम को देखने लगा.. तभी मेरी नजर उनकी साईड में रखी टेबल पर पड़ी उस पर बहुत सारे फोटो रखे थे तो में उनको उठाकर देखने लगा. तभी मेरी नजर भाभी के एक फोटो पर पड़ी उसमे भाभी स्विमिंग पूल के पास काली ब्रा और काली पेंटी में खड़ी थी.. यार क्या माल लग रही थी में बता ही नहीं सकता? उनके बूब्स का साईज़ करीब 36 से 38 का लग रहा था और उनकी चूत वाली जांघो से तो मेरी नजर ही नहीं हट रही थी. तभी यह सब देखकर में उनको चोदने का विचार कर रहा था और मेरा लंड भी भाभी की चूत में जाने को बेकरार खड़ा था और में उसको जीन्स में एक साईड करने लगा.. तो मैंने देखा कि illiana hot भाभी जी मेरे पीछे खड़ी है और उनके हाथों में चाय की प्लेट है और फिर वो मेरे सामने आकर बैठ गई और मुझे को चाय दी.. तभी में बहुत डर गया था कि मेरी इस हरकत पर कहीं भाभी जी नाराज़ ना हो जाए.. लेकिन भाभी मुझसे ठीक ठाक बातें कर रही थी.
भाभी : सर जी आपकी फेमिली में कौन कौन है?
में : भाभी जी में मेरी मम्मी और पापा हम सिर्फ तीन लोग है.
भाभी : सर जी आप वैसे करते क्या है?
में : भाभी जी में बीए आखरी साल की पढ़ाई कर रहा हूँ.
में : भाभी जी आप मुझ को सर जी क्यों बोलती हो? मेरा नाम अशोक है आप मुझे सिर्फ अशोक ही बोलिए.
भाभी : नहीं सर जी मुझे सर जी बोलना बहुत अच्छा लगता है.
में : भाई साहब कहाँ पर गये हुए है?
भाभी : वो बच्चो को लेकर अपनी अपने मम्मी पापा के यहाँ पर गुडगाँव गये हुए है.
में : भाभी वो कब तक वापस आएँगे?
भाभी : वो लोग कल सुबह तक वापस आयेंगे.. क्योंकि मेरी सास की तबियत थोड़ी बहुत खराब है.
में : लेकिन भाभी जी आप उनके साथ क्यों नहीं गई ?
भाभी : सर जी उनकी माँ से मेरी नहीं बनती है और वो कुछ घमंडी टाईप की औरत है.
में : ठीक है भाभी जी अच्छा में अब चलता हूँ.. मुझे घर पर जाना है और अगर आपको किसी भी चीज़ की जरूरत हो तो प्लीज मुझे बता देना शरमाना मत और मैंने अपना मोबाईल नंबर chudai bhabhi ki video को दे दिया और वहां से आ गया. वहां से आने के बाद मेरे सामने बस मुझे हर जगह पर भाभी ही दिख रही थी और उनकी वो काली पेंटी और ब्रा वाली फोटो दिख रही थी. तो में सीधा बाथरूम में गया और अपने लंड पर ढेर सारा थूक लगाकर भाभी के नाम की मुठ मारी.. यार उस दिन की मुठ मारने में भी बहुत मजा आ रहा था और जी तो कर रहा था कि भाभी को जाकर अभी चोद दूँ.. लेकिन लोहा गर्म करके चोट मारने में जो मजा है मुझे उसका इन्तजार था. फिर शाम को 7 बजे में मार्केट को निकल गया.
मार्केट में मेरे फोन पर एक मिस कॉल आया और जब मैंने उस नंबर पर फोन किया तो वहां से हैल्लो की स्वीट सी आवाज़ आई और फिर में भाभी की आवाज़ पहचान गया और दिल ही दिल में भगवान को धन्यवाद बोला कि उन्होंने मेरी इतनी जल्दी सुन ली.. फिर मैंने कहा कि क्या बात है भाभी.. क्या हुआ? आपको कुछ चाहिए क्या? तो भाभी ने जवाब दिया कि नहीं सर जी मुझे कुछ नहीं चाहिए.. वो तो में घर पर बैठे बैठे बोर हो रही थी तो मैंने सोचा कि आपसे ही बातें कर लूँ.