चुदाई की कहानियाँ

सेक्सी डॉ हिमांशी की 6 घंटे शानदार चूत चुदाई

Sexy Doctor Himanshi ki 6 Ghante shandar chut chudai

मेरा नाम राहुल है, उम्र 44 और मैं पूर्वी दिल्ली रहता हूँ.
मैं आपको अपना एक और सच्चा किस्सा बताने लगा हूँ जो मेरे और एक लेडी डॉक्टर के बीच हुआ था.
यह कहानी सच्ची है. सिर्फ पात्रों और जगह के नाम बदल दिए गए हैँ.
मैंने बहुत सी एडल्ट साइट्स पर अपनी सच्ची कहानी लिखी हैं. बहुत जगह छपी भी हैं और उनको पढ़कर आप जैसे लोग और लुगाईयाँ पत्र भी लिखते है. इन साइट्स से भी मुझे फटी या कम फटी चूतें मिलती रहती हैं.
भगवान की कृपा से मुझे चूतो की कोई कमी नहीं है बल्कि इतनी है कि मुझे उनको मना करना पड़ता है.
लेकिन दिक्कत यह है कि जितनी भी चूतें हैं,वह सभी पुरानी हो चुकी हैं. और इतने साल से उनको चोद चोद कर मेरा दिल भर चुका है.

इसलिए मुझे हमेशा नया माल चाहिए होता है और मैं हमेशा नई चूत की तलाश में रहता हूं.
मेरी पसंदीदा जूते जवानचूतें होती हैं क्योंकि जवान चूत मारने का मजा अलग ही है.
बच्चे हो जाने के बाद मारने में ज्यादा मजा नहीं आता क्योंकि चूत लूज़ हो जाती है.
बिना बच्चों वाली मैरिड लेडी ही हो उसको चोदने में बहुत मजा आता है. बच्चे होने के बाद तो आप मानिये कि चूत का नाश हो जाता है.
लेकिन फिर भी चूत तो चूत है.
कई बार ऐसे ऐसे एक्सपीरियंस हो जाते हैं कि उन पर विश्वास नहीं होता है.
ऐसा ही जो अनुभव मेरे साथ हुआ मैं उसको आपके साथ इस कहानी में जरूर शेयर करना चाहूंगा.
मेरे काफी कपल फ्रेंड्स हैँ. उनमे से किसी ने एक लेडी डॉक्टय को मेरा नंबर दे दिया और डॉक्टर ने मुझे कॉल किया.
डॉक्टर- ” मैं डॉ हिमांशी बोल रही हूँ. आपका नंबर आपके एक कपल दोस्त ने दिया है, जिसका मैं नाम नहीं बता सकती. ”
मैं -” यस मैडम. सेवा बताइये “.
वो -” आप कल दोपहर 12 बजे होटल जिंजर आ जाना. लेकिन मैं अपने बारे में बता दूँ कि मैं मोटी हूँ. 120 kgs. आपको कोई प्रॉब्लम है तो मत आना.”

मेरा फ़ोन काफी जगह घूमा हुआ है और मुझे इस तरह के फोन रोज ही आ जाते हैं.
इसलिए मैंने ज्यादा गौर नहीं किया कि हिमांशी को मेरा नंबर किसने दिया.
लेकिन जिसने भी दिया ठीक ही दिया.
मैं अगले दिन 12 बजे पहुँच गया और उसने ऊपर रूम में बुला लिया.
दरवाजा नौक किया तो अंदर से आवाज़ आयी कि खुला हुआ है, कम इनसाइड.
लगता है वो CCTV से सब देख रही थी.
मैं बेधड़क घुस गया. बहुतों ने होटलों में बुलाया है. इसलिए मुझे इस बात से बिल्कुल भी डर नहीं लगता
मुझे ऐसे मौके पर डर नहीं लगता.
अंदर कोई नहीं दिखा. अंधेरा सा था.
बेड पर देखा एक लेडी लेटी हुई थी. उसकी शक्ल मैं देख नहीं पा रहा था.
वो बोली -” नहा कर यही आ जाना. ”
मैं बाथरूम में गया और अंदर जाकर साबुन से रगड़ रगड़ कर बहुत नहाया.
अंदर बाथरूम में उसके अंदरुनी कपड़े टंगे हुए थे.
लाल रंग की ब्रा और पेंटी का साइज तो बहुत ही बड़ा था. ब्रा और पेटी कुछ ज्यादा ही बड़े साइज की थी इतना बड़ा साइज मैंने अब तक नहीं देखा था.

बड़े बूब और बड़ी गांड हर आदमी की कमजोरी होती हैं और मेरी तो खास तौर से है.
इसका मतलब यह था कि डॉक्टर हिमांशी बिना ब्रा और पेंटी के ही बेड में घुसी हुई है.
उसके नंगे बदन की कल्पना करते ही मेरा लण्ड टन्न से खड़ा हो गया.
मैंने लण्ड को पुचकारते हुए कहा कि बेटा थोड़ा देर सबर कर. अभी जल्दी ही तुझे चूत और गांड मिलने वाली है. तेरे लिए तैयार पड़ी है. बस तू 2 मिनट सबर कर ले मरे घोड़े.
मैं नहा कर सीधा उसके साथ घुस गया.
अब मैंने उसे ध्यान से देखा. रज़ाई से सिर्फ मुँह बाहर था.
बहुत सुन्दर महिला थी. माथे पर लाला बिंदी थी. वही डॉ हिमांशी थी. उम्र यही कोई 44 /45 होंगी.
अपने कपड़े निकाल कर अपना मोटा लण्ड लेकर अंदर घुसा तो जैसा उसने बताया था वो उतनी ही मोटी थी.
वो -” मैं थोड़ी हैवी हूँ, आपको कोई दिक्कत है तो आप अभी भी वापिस जा सकते हैँ ”
दोस्तों मुझे यह साफ साफ कहना बहुत पसंद आया.
मोटा पतला होना कई बार किसी के हाथ में नहीं होता.
वो जब साफ-साफ कह रही है कि मैं थोड़ी मोटी हूं तो इस बात की प्रशंसा करनी चाहिए.
मैं -” नहीं मैडम. मुझे कोई दिक्कत नहीं है, आप बेफिक्र रहें. ”
मैं उअके साथ रज़ाई में लिपटकर घुस गया.
हिमांशी मोटी जरूर थी लेकिन सुँदर बहुत थी.
मैंने उसके माथे पर चुम्बन लिया और फिर सीधा उसके बेहद सेक्सी होंठो पर हमला कर दिया.
वो लगता है जैसे जन्म जन्म की प्यासी हो.
आप यकीन करना, हम कम से कम 1 घंटा एक दूसरे के लिप्स ही चूसते रहे.

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कभी मेरी जीभ उसके मुँह में, कभी उसकी मेरे मुँह में. हम दोनों ने एक दूसरे के होंठ बुरी तरह चूसे.
इस बीच मैं उसके कपड़े उतार चुका था और हम दोनों बिलकुल नंगे होकर होंठ से होंठ लड़ा रहे थे.
होंठ चूसने में असीम आनंद आ रहा था. लगता था कि उसके होंठो से ज्यादा मज़ा किसी भी चीज में नहीं है.
वह बहुत ज्यादा सुंदर चीज थी.
मैंने उसे उसकी सुंदरता की बार-बार प्रशंसा की कि आप वाकई बहुत ज्यादा सुंदर हो.
उसका शरीर भले ही मोटा हो लेकिन उसका मुंह बिल्कुल हिसाब से था और कहीं से भी लटका हुआ नहीं था. खास तौर से उसके गरमा गरम होंठ तो कमाल के थे जा रहे थे जिनको मैं पिछले 1 घंटे से चूस रहा था.
मैंने उसके बाकी शरीर का ज़ायजा लेना शुरू किया.
वो वाकई बहुत मोटी थी. शरीर काफी फैला हुआ था. टुनटुन कह सकते हैँ.
मुझे लगा कि यार चूत के चक्कर में कहाँ फंस गया हूँ ये तो बहुत मोटी है. इसे कैसे चोदुँगा? और इस मोटी की चूत में घुसेगा कैसे?
लेकिन उसका शरीर इतना गुलगुला था कि उसके ऊपर पड़े रहने में बहुत ही मजा आ रहा था.
दोस्तों मुझे थोड़ी हैवी लड़कियां पसंद है क्योंकि हैवी लड़कियों में औरत वाली लुक आती है.
पतली लड़की चोदने में ज्यादा मजा नहीं आता है उसकी हड्डियों में ही दिमाग लगाना पड़ता है.

लड़की की गांड और पूरा शरीर थोड़ा सा भरा हुआ जरूर होना चाहिए ताकि आपको उसको पकड़ते हुए मजा आए.
यहां डॉ हिमांशु कुछ ज्यादा ही मोटी थी मुझे नहीं पता था कि मजा आएगा या नहीं?
लेकिन मुझे नहीं पता था कि मेरी अगले 5 घंटे में यह धारणा बिलकुल गलत साबित होने वाली थी.
और वह चुदाई मेरी जिंदगी की सबसे शानदार और यादगार चुदाई बनने वाली थी
मैंने मोटे मोटे बूब्स खाने शुरू कर दिए. उनमे आश्चर्य जनक रूप से बहुत मज़ा आ रहा था.
उसके बस में कम से कम 15 मिनट तक चूसता रहा.
हिमांशी ने नीचे एक हाथ से मेरा लण्ड भी पकड़ रखा था जिसको वह बार-बार मुट्ठी बनाये जा रही थी.
अब मेरा लण्ड भी खूँखार हो चुका था.
मैंने उसके ऊपर लेटे लेटे ही बिना टांगे उठाये उसकी चूत में लण्ड घुसा दिया
अब उसकी चूत में मेरा लम्बा लौड़ा था.
वह बिल्कुल सीधी सोने की मुद्रा में लेटी हुई थी.
मोटी मोटी जाँघे होते हुए भी मेरा 8 इंच का लौड़ा उसकी चूत ने हँस कर ले लिया.
मैं उसके बिल्कुल ऊपर उसके साथ छिपकली की तरह चिपक गया.

पास से ही देखने पर यह नहीं पता लगेगा था कि यहां पर एक आदमी सोया हुआ है या दो आदमी सोए हुए हैं क्योंकि हम दोनों बिल्कुल चिपक गए थे.
चूत तो टाइट थी ही.
डॉक्टर की चूत थी. जरूर उसने कम से कम अपनी चूत को तो मेंटेन कर रखा होगा.
चूत बिल्कुल चिकनी थी एक भी बाल नहीं था. साफ लग रहा था कि हिमांशी ने यहां आने से पहले एक-दो दिन पहले ही मैदान साफ किया है ताकि जंग लड़ने में मजा आए.
हिमांशी के मुँह से आनंदभरी आह आह निकली.
अब मैंने डॉक्टर हिमांशु को चोदना शुरू कर दिया.
वह मोटी तो है थी,लेकिन कमाल की बात यह है कि उसे चोदने में बहुत मजा आ रहा था.
उसका मोटापा सेक्स करने में कहीं भी आड़े नहीं आ रहा था. मेरा लंबा लण्ड उसकी चूत में सटाक सटाक करके जा रहा था और पूरे रूम में फट फट फट की आवाजें गूंज रही थी.
अब मैंने उसको गांड की तरफ से चूत मारने की सोची.
जब मैंने उसकी गांड की तरफ से उसे घोड़ी बनाया तो इतनी चौड़ी गांड थी कि मैं देखकर हैरान हो गया.
मेरे ऊपर आने बावजूद उसके दोनों चूतड दोनों तरफ बहुत ज्यादा निकले हुए थे.
मुझे लगता है उसकी गांड कम से कम 50 52 की जरूर होगी.

इतनी चौड़ी गांड मैंने वाकई किसी की नहीं देखी थी
वो आराम से घोड़ी बन गई और मैंने उसकी घोड़ी बनीं हुई चूत में लण्ड डाल दिया.
पीछे से उसकी गांड का छेद बड़ी मुश्किल से दिखाई दे रहा था.
गांड का नाजुक छेद चूतड़ों के बहुत अंदर जाकर था.
मैंने सोचा कि काश यह गांड मुझे मारने को मिले तो कितना मज़ा आये.!
चूँकि मेरे लण्ड का साइज बहुत लंबा है तो इसलिए गांड का छेद चाहे कितना ही अंदर क्यों ना हो मेरा लण्ड उस तक पहुँच ही जायेगा.
लेकिन फिलहाल उसकी चूत को गांड की तरफ से चॉदने का कार्यक्रम चल रहा था.
घोड़ी बनते ही गांड के नीचे उसकी चूत का छोटा सा छेद नज़र आया.
मैंने वहीँ से उसकी चूत में लौड़ा डाल दिया.
चिकनी चूत लम्बे चिकने लण्ड को अपने अंदर ले गयी और पूरा लण्ड खा गयी.
लण्ड उसकी चूत में आ रहा था और जा रहा था.
दोस्तों उसे इस पोज़ में चोदने का आनद ही कुछ और था.
उसकी गांड दो मोटे-मोटे गुब्बारे की तरह मेरे लण्ड से टकराकर जन्नत का नज़ारा पेश कर रही थी .
भगवान कसम इतना मिला मुझे किसी भी चुदाई में नहीं आया था.

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डॉ हिमांशी -” अपना लण्ड धोकर आओ. मुझे चूसना है. ”
पर्सनली मुझे लण्ड चुस्वाने में ज्यादा मजा नहीं आता है लेकिन मैंने उसकी बात मान ली.
मैंने लण्ड धोकर उसके मुँह में दे दिया तो उसने ऐसे चूसा कि जैसे की बचपन से लण्ड ही चूसती रही हो. और लण्ड चूसने में ही पीएचडी की हो.
वह हैवी जरूर थी लेकिन चुदाई में उसका शरीर कोई अडचन नहीं था.
मैंने उसकी चूत का पानी पीने की सोची.
मैं उसकी जांघो की तरफ आ गया और उसी समय उसकी टाँगे आसमान में उठाकर उसकी चूत पर मुंह दे मारा.
हाय हाय कर उठी और उत्तेजना में उसने मेरा सिर दबाकर अपनी चूत की मुंह में घुसा दिया.
उसकी मोटी मोटी जांघों में दबी चूत में मेरी नाक घुसने की वजह से मुझे सांस लेने में बहुत तकलीफ हुई.
मैंने उसकी दोनों जांघों को अपने हाथ से थोड़ा दूर किया ताकि मुझे सांस आ सके.
दोनों टांगों की पैर होते ही चूत का मुंह मेरी आंखों के सामने था.
क्या कमाल की चूत थी!!!
चूत का साइज बहुत छोटा था और अंदर से बिल्कुल लाल रंग की थी.
लगता था जैसे तरबूज को काटकर उसका लाल पीस अंदर लगा दिया गया हो.
उसके शरीर के हिसाब से उसकी चूत बहुत छोटी थी.

चूत के दोनों होंठ मुस्कुरा से रहे थे.कभी वह एक दूसरे के साथ चिपक रहे थे और कभी थोड़ा अलग हो रहे थे.
चूत को एकदम खुली देखकर मेरा लँड एकदम पागल होने को हो गया.
मोटी मोटी जांघो में फंसी छोटी सी चूत चाटने का मजा अलग ही आ रहा था.
मैंने बहुत ही चूतें ली हैँ.
जवान, मिडिल ऐज, बूढ़ी..लेकिन इस चूत को चाटने का मजा सबसे अलग आया.
ऐसे ही एक दूसरे का आनंद लेते रहें.
मैंने चूत चुदाई का सेकंड राउंड शुरू कर दिया जो लण्ड और चूत चूसने की वजह से बीच में रुक गया था.
इस बार मैंने उसकी टांगें उठाई उनको घुटने की तरह अपनी पीठ पर रखा और उसकी छोटी सी चूत में तड़ाक से अपना लंबा लण्ड घुसा दिया जो कि इतनी देर से खड़ा-खड़ा चूत की मिलन की इंतजार में था.
मेरे लंबे लण्ड ने उसके बच्चेदानी तक की गहराई का नाप लेना शुरू कर दिया.
मैंने उसकी टांगें अपने कंधे पर रखकर जितना भी जोर से हो सकता था उतनी जोर से धक्के लगाए.
मेरा इरादा यह था कि उसके बच्चेदानी तक में ठोकर मारूं ताकि हिमांशी को जन्नत का नजारा आ जाए और वह भी सोचे कि वाकई एक मर्द से पाला पड़ा है और उसकी यह चुदाई आज सार्थक हो जाए.

हिमांशी बीच-बीच में मुझे प्रोत्साहित भी कर रही थी -” तुम्हारा लण्ड बहुत तड़गा लौड़ा है. बहुत लंबा. आह आह आह आह आह आह.”
“मुझे बहुत मजा आ रहा है. लण्ड बच्चे दानी में महसूस कर रही हूं. शाबाश शाबाश ऐसे ही चोदते रहो.”
उसकी यह प्रशंसा की खुराक सुनकर मेरा लण्ड और भी अकड़ गया और और भी मोटा हो गया और नये सिरे से चूत की खबर लेनी शुरू कर दी.
बीच में मैं पेशाब करने के लिए बाथरुम गया.
वहां से वापस आकर मैंने उस च**** को 10:15 मिनट के लिए थोड़ा आराम दिया.
इस दौरान मैंने डॉक्टर हिमांशी से थोड़ी हल्की-फुल्की बातें की.
मेरा लण्ड तो खैर चुदाई के लिए हमेशा तैयार था ही.
इसलिए मैंने अब लास्ट राउंड शुरू कर दिया.
मैंने उसके होंठ दोबारा जकड़े और उसके मुंह में अपने जीभ दोबारा घुसा दी.
और उसका होठों को दोबारा किस करना शुरू कर दिया.
दोनों की गरम-गरम सांसे एक दूसरे से टकरा रही थी.
उसके ऊपर वाले और नीचे वाले होंठ चूस कर तो मेरा जीवन ही धन्य हो गया था!
चुदाई का सेक्सी संगीत मतलब हमारे शरीर के टकराने की आवाज़ और लण्ड के चूत में जाने की लगातार फट फट्ट का मधुर संगीत लगातार बज रहा था.

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चुदाई करते-करते 6 घंटे से ज्यादा हो चुके थे और मेरा लण्ड झड़ने का नाम नहीं ले रहा था.
शाम के 7:00 बज चुके थे.
वह बोली-” मुझे अब जाना होगा.”
मुझे चुदाई में बहुत ज्यादा मजा आ रहा था मैंने कहा-” थोड़ा और रुक जाओ. ”
उसने कहा -“नहीं,मेरे पति और बच्चे मेरा इंतजार कर रहे होंगे.उनको मैं दिल्ली घूमने का प्रोग्राम बता कर आई थी. अब ज्यादा लेट हो जाऊंगी तो उनके फोन पर फोन आने शुरू हो जाएंगे. ”
मैं औरतों की मजबूरी समझता हूं इसलिए मैंने ज्यादा जोर नहीं डाला.
मैंने उसकी बात सुनकर उसे जोर जोर से झटके लगाए और मेऱे लण्ड में एक ब्लास्ट हुआ और मैं हिमांशी की चूत में ही झड़ गया.
6 घंटे से रुका हुआ वीर्य एकदम ज्वालामुखी की तरह फटकर निकला और लंबे लण्ड के जरिए उसके बच्चेदानी तक समा गया.
थोड़ी देर के बाद जब मैंने अपना लण्ड बाहर खींचा तो एकदम पक्क की आवाज आई..
तेरी लोड नहीं वीर्य की बहुत पिचकारिया मारी थी क्योंकि 7 घंटे का जमा वीर्य एकदम निकला था.
मेरे वीर्य और उसके मलाई जैसे रज का मिश्रण चूत से बाहर निकल कर फ़ैल गया. उसकी चूत के मुँह पर चिकना चिकना वीर्य ज़ोरदार सीन का नज़ारा बता रहा था.
मैं 15 मिनट तक उसके ऊपर कटे हुई डाल की तरह पड़ा रहा और हिमांशी के गुलगुले शरीर को दबाता रहा.
हिमांशी को भी बहुत ज्यादा मजा आया था.
बोली – मज़ा बहुत ज्यादा आया. लेकिन एक आदमी से सिर्फ एक बार मिळती हूँ. तुम्हें जिंदगी में दोबारा नहीं बुलाऊंगाी. मेरी नौकरी और काम ऐसा है कि मुझे बहुत ज्यादा सावधानी रखनी पड़ती है.”

उसने मेरे सामने ही मेरा नंबर डिलीट कर दिया और अपना सिम तोड़ कर फेंक दिया.
हिमंशी-” मुझे तुम भी जिंदगी में दोबारा कभी संपर्क नहीं कर पाओगे. आज परफेक्ट रहा,बहुत मज़ा आया लेकिन मेरी मजबूरी है,मैं कभी नहीं मिलूंगी”.
मैं -” मैं आपको कभी परेशान नहीं करूंगा. आप कम से कम मेरा नंबर तो सेव करके रखो ताकि दोबारा मुझे बुला सको. मैं इतना आपको जरूर बता दूं कि मैंने बहुत सी लड़कियां चोदी है लेकिन आपके साथ जो मजा आया है उतना मज़ा मुझे जिंदगी में कभी नहीं आया.इसलिए मैं आपसे दोबारा भी मिलना चाहूंगा. ”
लेकिन वह बड़ी स्पष्ट वादी थी जैसे उसने मुझे स्पष्ट बता दिया था कि वह मोटी है. इसी तरह उसने मुझे स्पष्ट बता दिया कि वह जिंदगी में दोबारा नहीं मिलेगी.

मुझे दुख हुआ कि डॉ हिमांशी के साथ ऐसा शानदार प्रोग्राम आइंदा नहीं बन पायेगा.
लेकिन चूँकि मेरे पास चूतों की कमी नहीं इसलिए मुझे इस बात से ज्यादा फर्क नहीं पड़ा.
लेकिन हां डॉक्टर हिमांशी मुझे आज भी याद आती है.
मुझे नहीं पता कि उस दिन ऐसी क्या बात थी जो चूत और लण्ड का ऐसा जलवा देखने को मिला.
दोस्तों मैं आपको बार-बार कह रहा हूं कि मैंने बहुत चूतें चोदी हैं. कुंवारी,जवान, चुदी चुदाई, बड़ी उम्र की…..लेकिन इस मोटी वाली डॉक्टर वाली चूत को चोदने का सबसे ज्यादा मजा आया.
मैं इस बात को आज भी याद करता हूं और अपने दोस्तों को बताता हूं तो बताते हुए बहुत अच्छा लगता है
सबसे बड़ी बात मैंने 6 घंटे तक सेक्स किया था मेरा 6 घंटे बाद यह डिस्चार्ज हुआ था.
दोस्तों यह थी मेरी और डॉ हिमांशी के बीच की सच्ची कथा.
डॉक्टर का नाम मैंने बदल दिया है ताकि उसकी पहचान छिपी रहे.
कहानी कैसी लगी मुझे खत लिखकर जरूर बताइएगा ताकि मैं भविष्य में भी आपकी सेवा करता रहूं.
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