मैने अपनी चूत अपने भाई से चुदवाई
Maine apni Choot Apne bhai se chudwai
ये कहानी आज से कुछ समय पहले की नहीं बल्कि 2 दिन पहले की है। तो कहानी पर जाने से मैं अपना पहला थोड़ा बहुत परिचय देती हूँ। मेरा नाम प्रिया है और मैं एक 19 साल की लड़की हूँ। मैं कॉलेज के दूसरे वर्ष में हूँ। मेरा रंग गोरा है और मुझे खुद भी काफी सेक्सी लगती हूँ।
यह कहानी पिछले साल की है जब मैं कॉलेज के पहले वर्ष में थी। उस समय हमारे घर में माँ, पिताजी और मेरे बड़े भाई रहते थे। चारों हम एक साथ रहते थे। उस समय मेरी शादी की तैयारी चल रही थी और मेरी कॉलेज की परीक्षा भी थी। उसी समय हमारे सहारे रहने वाले चाचा की बेटी की शादी थी। इस वजह से मेरे माँ-बाप परीक्षा के लिए गए थे और घर पर सिर्फ मैं और मेरे भाई थे। मैंने अभी तक किसी से सेक्स नहीं किया था।
मैं सुबह परीक्षा के लिए घर से निकल गई और दोपहर को वापस आई। उस समय भाई बाहर गया हुआ था, इसलिए मैंने अंदर से दरवाजा बंद करके नहाने चली गई। जब मैं नहाकर बाहर आई तो भाई ने दरवाजा खटखटाया।
मैं तौलिए में ही थी और दरवाजा खोलने लगी। दरवाजा खोलते ही भाई ने मुझे देखते हुए मुस्कुरा दिया। मैंने पूछा “क्या हुआ?” उसने कुछ नहीं कहा और चुपचाप चला गया।
मैंने कई बार देखा है कि भाई कभी-कभी मुझे तिरस्कृत नजरों से देखता है। इसलिए आज मैंने भी भाई से चुदाई करने का मन बनाया। वो मुझसे 2 साल बड़ा था। मैंने कपड़े बदलकर खाना शुरू किया, फिर हमने खाना खाया।
उस समय भी भाई मुझे घूर-घूर कर देख रहा था… मैंने भी वो देखा। फिर हम दोनों अपने-अपने कमरों में चले गए। थोड़ी देर बाद भाई के कमरे से कुछ आवाजें आईं, तो मैं चुपके से वहाँ देखने गई।
मैं देखती रही और डंग रह गई। भाई अपने कमरे में ब्लू फिल्म देखकर अपने लंड को सहला रहा था। मैं ये सब देख रही थी।
फिर मैंने उसका दरवाजा खटखटाया तो भाई ने फिल्म बंद करके दरवाजा खोला। मैंने उसके लंड पर नजर डाली तो उसका लंड साफ-खड़ा दिखाई दे रहा था। मैंने भाई से कहा “भाई मेरे पैर में दर्द हो रहा है, ऐसा कहकर मैं पैरों को रगड़ने लगी। उसने कहा “लाओ मैं मालिश कर दूंगा”। उसने मेरे पैरों की मालिश की तो मैंने कहा “थोड़ा और ऊपर से करते हुए उसके हाथ मेरी जांघ पर आ गए और मैं थोड़ी गरम हो गई। लेकिन मुझे भाई से चुदाई करना था।
मैने उसे और ऊपर करने को कहा तो उसके हाथ मेरी चूत पर आ गए। उसने अपना हाथ तुरंत हटा लिया। मैंने कहा “क्या हुआ?” उसने कुछ नहीं कहा। मैंने कहा “चलो मालिश कर” तो वो मालिश करने लगा। धीरे-धीरे मैं गरम होती गई और मैंने अपने भाई के हाथ को अपनी चूत पर रख दिया तो उसने कहा “क्या कर रही हो तुम?” मैंने कहा “तु जो थोड़ी देर पहले कर रहा था वो मुझे अच्छा नहीं लगा” ऐसा कहकर मैं चूत रगड़ने लगी।
वो भी मुझे चुदाई करना चाहता था इसलिए कुछ नहीं बोला और मेरी चूत से हाथ हटाकर मेरे बूब पर रख दिए और धीरे-धीरे दबाने लगा। ऐसे करते-करते हम दोनों एक-दूसरे को किस करने लगे। अब मुझे सहन नहीं हो रहा था तो हम दोनों ने एक-दूसरे को नंगा कर दिया और किस करने लगे। वो धीरे-धीरे मेरे बूब को दबा रहा था, मेरे मुंह से सीस्कारियां निकल रही थीं। अब मुझे सहन नहीं हो रहा था। मैंने भाई से कहा “अब मुझे चोद दो, मुझे सहन नहीं हो रहा है, मेरी सिल तोड़ दे आज मुझे रंड बना दे”।
मेरे भाई ने अपना सोपारा मेरी चूत पर रखा और एक ही झटके में आधा अंदर डाल दिया। मेरी तो चीख निकल गई। मेरी चूत से रस निकल रहा था। मैंने भाई से कहा “मुझे दर्द हो रहा है” पर उसने मेरी एक न सुनि। उसने धीरे धीरे लंड को पूरा अंदर डाल दिया। मैं दर्द से मर रही थी, मैं चीख रही थी। भाई ने एक न सुनकर और कहने लगा “तुझे आज अपनी बीवी बनाकर ही रहूंगा। तेरी चूत को मस्त चोदुंगाऐसा कहकर वो जटके पे जटका देने लगा। थोड़ी देर तो मुझे बहुत थोड़ी तकलीफ हुआ लेकिन बाद में मजा आने लगा और मेरे भाई ने मुझे जोर-जोर से चुदाई करने लगा। मेरे मुंह से “आह्ह्ह्ह्ह्स” जैसी आवाजें निकल रही थीं। थोड़ी देर बाद हम दोनों भाई बहन जड़ गए। मेरे भाई ने अपना सारा मल मेरी चूत में डाल दिया और हम सो गए।
मेरे माँ-बाप तीन दिन तक बाहर रहे थे। तो मैं दिन में जब भी फ्री होती थी चुदाई करती थी। मेरे भाई ने मुझे उन तीन दिनों में पूरा चुदाई किया। फिर तो माँ-बाप आ गए तो मौका नहीं मिलता था। जब भी मौका मिलता था तब वो मुझे चुदाई करता था। हम भाई बहन ने कई बार चुदाई की है।