सोसाइटी की सेक्सी लड़की के साथ सेंसुअल सेक्स कर लिया
मेरा नाम राजन है मैं मुंबई का रहने वाला हूं हम लोग जिस सोसाइटी में रहते हैं वहां पर हम लोग काफी समय से रह रहे हैं और लगभग सोसायटी में काफी लोग हमें जानते हैं। मेरे पिताजी एक कंपनी में मैनेजर है और मेरी मम्मी भीजॉब करती हैं मेरी पढ़ाई अभी कुछ समय पहले ही पूरी हुई थी इसलिए मैं बच्चों को ट्यूशन दिया करता था शाम के वक्त मैं ट्यूशन देता। Society Ki Sexy Ladki Ke Sath Sensual Sex Kar Liya.
जब हमारे पड़ोस में लड़कियां रहने आई तो वह बहुत सीधी साधी थी वह किसी से भी बात नहीं करती थी वह लोग सिर्फ अपने आप से मतलब रखा करते थे मम्मी ने भी मुझ से कहा कि पड़ोस में जो लड़कियां रहने आई है वह लोग तो किसी से कोई मतलब नहीं रखते और बहुत ही शांत स्वभाव के हैं। मम्मी ने एक बार उनसे बात की थी तो मम्मी नहीं मुझे बताया कि वह दोनों बहने हैं और वह मेरठ की रहने वाली है मेरी उनसे कभी बात नहीं हुई थी लेकिन एक दिन मैं शाम के वक्त बच्चों को ट्यूशन पढ़ा रहा था तभी किसी ने बैल बजाई मैंने जब दरवाजा खोल कर देखा तो सामने हमारे पड़ोस में रहने वाली लड़की थी।
उसने मुझसे कहा कि आंटी घर पर है मैंने उसे कहा नहीं मम्मी घर पर नहीं है वह कहने लगी दरअसल मुझे चीनी चाहिए थी तो मैंने उनसे कहा हां मैं आपको दे देता हूं। उसने मुझे कटोरी दी और मैंने अपने किचन से चीनी कटोरी में डाल कर उसे दे दी उसने मुझे कहा थैंक यू सो मच, मैंने उससे कहा कोई बात नहीं फिर उसने मुझे अपना नाम बताया उसका नाम अंजना है। मेरी उससे उस दिन सिर्फ 5 मिनट तक की बात हुई लेकिन उन 5 मिनट में मुझे अंजना से बात करना अच्छा लगा और मुझे लगा कि वह बहुत अच्छी लड़की है मैं अब बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगा था।
जब बच्चों को बढ़ाकर मैं फ्री हुआ तो मैंने सोचा मैं कुछ खा लेता हूं क्योंकि मुझे बहुत भूख लग रही थी इसलिए मैं अपने फ्लैट से नीचे गया वहां पर मैंने इटली खाई और कुछ देर वही टहलता रहा जब अंधेरा होने वाला था तो मैं अपने घर की तरफ आ रहा था तभी मुझे अंजना दिखाई दी। उसने मुझे मुस्कुराते हुए हाय कहा मैंने उसे उस दिन उसके हाय का रिप्लाई दिया और उस दिन के बाद मेरी अंजना से बात होने लगी थी। एक दिन मैंने अंजना से पूछा कि आप कहां जॉब करते हैं तो वह मुझे कहने लगी मैं एक दवाई बनाने वाली कंपनी में काम करती हूं मैं वहां पर अकाउंटेंट का काम करती हूं। अंजना से मेरी बात अक्सर होती रहती थी लेकिन उसकी छोटी बहन से मेरी कभी बात नहीं हुई थी।
एक दिन अंजना ने मुझे उससे मिलवाया अब उन दोनों बहनों की हमारे परिवार से अच्छी जान पहचान हो चुकी थी इसलिए अपनी छुट्टी के दिन वह मम्मी के साथ बैठने आ जाया करती थी मैं तो घर पर ही रहता था क्योंकि मैं ट्यूशन पढ़ाया करता था इसलिए उस दिन मेरी भी छुट्टी होती थी। अंजना और उसकी बहन मेरी मम्मी से खूब मस्ती किया करते वह दोनों यह कहते हैं कि आंटी आपको जब हम देखते हैं तो हमें अपनी मम्मी की याद आ जाती है मेरी मम्मी कहती कि बेटा जब भी तुम्हें ऐसा कुछ लगे तो तुम हमारे घर पर आ जाया करो। मेरी मम्मी का नेचर उन्हें बहुत अच्छा लगा और जब भी मम्मी घर पर होती तो वह मम्मी के पास आ जाया करते थे कभी कबार मम्मी भी उनके फ्लैट में चली जाती थी धीरे-धीरे हम लोगों के बीच दोस्ती होने लगी मेरी और अंजना की दोस्ती बहुत अच्छी हो चुकी थी।
मैंने भी अब एक कोचिंग सेंटर जॉइन कर लिया था वहां पर मैं बच्चों को पढ़ाया करता था और शाम को मैं बच्चों को घर पर ट्यूशन दिया करता, मुझे जब भी अंजना और उसकी बहन मधु मिलती तो मैं उन दोनों से जरूर बात किया करता था। एक दिन अंजना मुझे कहने लगी क्या तुम हमारे साथ आज मेरी फ्रेंड के बर्थडे पार्टी में चलोगे मैंने अंजना से कहा लेकिन मैं तुम्हारे साथ आकर वहां क्या करूंगा वह कहने लगी तुम भी हमारे साथ चलोगे तो हमें अच्छा लगेगा और वैसे भी हमें रात को आने में देर हो जाएगी तो हम लोग सोच रहे थे कि यदि तुम हमारे साथ चलोगे तो अच्छा रहेगा।
मैंने उसे कहा कितने बजे हमें चलना है उसने मुझे कहा शाम को 7:00 बजे हम लोग कार से चलेंगे मैंने कहा ठीक है मैं तब तक बच्चों को ट्यूशन पढ़ा कर फ्री हो जाऊंगा तो फिर पापा भी आ जाएंगे फिर हम लोग कार से चल पड़ेंगे। अंजना कहने लगी ठीक है और उसके बाद मैंने बच्चों को ट्यूशन पढ़ा दिया था पापा भी अपनी जॉब से आ चुके थे। मैंने पापा से कहा मुझे आज कार चाहिए थी पापा कहने लगे तुम कहां जा रहे हो तो मैंने उन्हें बताया दरअसल अंजना और मधु को अपनी किसी फ्रेंड के बर्थडे पार्टी में जाना है तो मैं भी उनके साथ जा रहा था इसीलिए मुझे कार चाहिए थी। पापा ने कहा ठीक है बेटा तुम मेरे बैग से चाबी ले लेना मैंने बैग में ही कार की चाबी रखी है, मैंने बैग से कार की चाबी ली और तब तक अंजना और मधु भी अपने ऑफिस से आ चुकी थी वह दोनों तैयार हो चुकी थी और हम लोग वहां से उसके फ्रेंड के बर्थडे पार्टी में चले गए।
अंजना ने मुझे अपनी फ्रेंड से मिलाया तो मुझे बहुत अच्छा लगा क्योंकि उसने मुझे यह कहते हुए मिलाया की यह हमारे पड़ोस में रहते हैं और इनका नाम राजन है। अंजना ने मेरी बहुत तारीफ की और मुझे उस दिन काफी अच्छा लगा हम लोगों ने उसकी फ्रेंड के घर में उसकी पार्टी का खूब एंजॉय किया और उसके बाद हम लोग घर वापस आ रहे थे तभी अंजना कहने लगी थैंक्यू सो मच। मैंने उसे कहा तुम मुझे थैंक्यू क्यों कह रही हो वह कहने लगी तुम हमारे साथ नहीं आते तो शायद हम लोग भी वहां नहीं जा पाते क्योंकि आने में काफी देर हो जाती और रात के वक्त काफी डर लगता है मैंने अंजना से कहा कोई बात नहीं तुम्हें जब भी कभी जरूरत हो तो तुम मुझे कह दिया करना। अंजना को जब भी मेरी जरूरत होती तो वह मुझे कह दिया करते थी उसकी बहन मधु कुछ दिनों के लिए अपने घर चली गई थी और अंजना अकेली रहती थी लेकिन अंजना को काफी डर लगता था मुझे इस बात का पता नहीं पता था कि उसे अकेले में डर लगता है। एक दिन मेरे पापा मम्मी भी मेरे मामा के घर चले गए क्योंकि मेरे मामा की तबीयत ठीक नहीं थी और उस वक्त अंजना के साथ उसकी बहन भी नहीं थी।
अंजना मेरे साथ बात करने के लिए आ गई और वह कहने लगी अंकल आंटी नहीं दिखाई दे रहा है। मैंने उसे कहा वह लोग तो मामा के घर गए हुए हैं वह लोग कल ही लौट आएंगे अंजना मुझसे बात कर रही थी और मैं उससे बात कर रहा था लेकिन उसे शायद नींद आने लगी। वह बिस्तर पर ही सो गई मैंने अंजना को उठाया तो उसके स्तन मेरे हाथों पर लगे और मैं अपने आप पर काबू नहीं रख सका। मैंने अंजना से कहा तुम यही सो जाओ मैं बाहर सो जाता हूं अंजना वही अंदर सो गई मैं बाहर लेट गया। जब मैं अंदर गया था अंजना लेटी हुई थी मैं उसके बगल में जाकर लेट गया और मैंने उसके स्तनों को दबाना शुरू किया उसे मजा आने लगा और मैंने उसे कसकर अपनी बाहों में ले लिया।
मैंने जब उसके होठों को अपने होठों में लेकर चूसना शुरू किया तो उसे मजा आ रहा था मैंने उसके लोवर को खोलते हुए उसकी योनि को अपनी जीभ से चाटना शुरू किया और उसकी योनि से पानी निकलने लगा। मैंने जैसे ही अपने मोटे लंड को उसकी योनि पर सटाया तो वह मचलने लगी मैंने धक्का देते हुए उसकी योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया और उसे बड़ी तेजी से मैंने चोदा। उसे मैं इतनी तेज गति से धक्के दे रहा था उसे बहुत मजा आता और मैं उसकी चूत के मजे काफी देर तक लेता मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जब मैं उसे धक्के देता। मैंने जब उसकी योनि की तरफ देखा तो उसकी चूत से खून निकल रहा था वह मेरा पूरा साथ दे रही थी उसे बहुत अच्छा लगता जब वह मेरे लंड को अपनी योनि के अंदर ले रहे थी। मैं तेजी से उसे धक्के देते जाता लेकिन मैं उसके योनि की गर्मी को ज्यादा समय तक बर्दाश्त ना कर सका और मेरा वीर्य पतन हो गया अब मुझे अंजना के बदन की आदत हो चुकी थी और उसे भी मेरे लंड को लेने की आदत हो गई थी इसीलिए हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स के मजे लेते रहते हैं. “Society Ki Sexy Ladki”