माँ की चुदाई

माँ की चूत को पानी पिलाया

Maa ki choot ko pani pilaya

हैल्लो दोस्तों, मेरी  यह पहली कहानी है. यह स्टोरी मेरे और मेरी माँ के बीच की है. मेरी माँ बहुत सेक्सी है और वेरी हॉट बॉडी, बड़े-बड़े बूब्स और बड़े-बड़े कूल्हें है. मेरे पापा का खुद का बहुत बड़ा बिजनेस है तो वो अक्सर बिजनेस के सिलसिले में बाहर जाते रहते है. अब घर में में और मेरी माँ ही थे. अब में कुछ काम से बाहर गया था और जब में वापस आया तो माँ अपने बेडरूम में कपड़े बदल रही थी. फिर उसी समय में उनके रूम के अंदर चला गया. अब उन्होंने अपनी साड़ी उतार दी थी और ब्लाउज भी खोल दिया था. अब में पीछे की तरफ खड़ा था और उन्होंने ब्लाउज भी उतार दिया.

तभी वो घूमी और में उनके पीछे खड़ा था, तो वो अपनी साड़ी उठाने लगी और बोली कि क्या चाहिए? यहाँ क्यों खड़े हो? तो में बोला कि दूध पीना है. तो माँ बोली कि किचन में जाकर ले लो, तो मैंने कहा कि लेकिन मुझे तुमसे लेना है. फिर माँ बोली कि में चेंज करके आती हूँ, तो मैंने कहा कि क्या जरूरत है? यहीं पी लूँगा, तो माँ बोली कि क्या मतलब?

में बोला कि माँ क्यों बनती हो? और मैंने तुरंत ही उनके बूब्स को दबाकर कहा कि यहाँ भरा है ना. तो वो बोली कि चल हट यहाँ से बाहर जा. फिर मैंने कहा कि मुझे तो पीना है और बहुत दिन बाद मौका मिला है ना और फिर मैंने उन्हें अपनी बाहों में लेकर उनकी ब्रा का हुक खोल दिया और उनकी ब्रा को अलग कर दिया.

फिर मैंने उन्हें बेड पर धक्का दे दिया और उन पर चढ़ गया और बोला कि माँ आज मस्ती लेने दो और तुम भी आनंद लो और उनके बूब्स को दबा दिया और बोला कि मान जा. अब में उनके बड़े-बड़े मस्त बूब्स को बारी-बारी चूस रहा था. अब माँ को भी बहुत मज़ा आ रहा था इसलिए अब माँ भी चुप रहकर अपने बड़े-बड़े गोलाई लिए हुए बूब्स को मज़े से चुसवा रही थी.

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अब मैंने भी मेरी माँ के दोनों निपल्स को चूस-चूसकर बहुत कड़क बना दिया था और उनको दबा-दबाकर ज़ोर-ज़ोर से चूस रहा था और धीरे- धीरे उनका पेटीकोट ऊपर उनकी जाँघ तक कर दिया था. फिर मैंने माँ के बूब्स को चूसते-चूसते उनके पेटीकोट के नाड़े को खोल दिया और उनके बूब्स दबा रहा था और उनके होंठो पर किस कर रहा था. फिर माँ बोलने लगी कि अब मत कर.

में बोला कि अब तो शुरू हो गया है तो सब कुछ होगा ही ना. अब में अपने हाथों से उनके बूब्स दबा रहा था और अपने होंठो से उनकी नाभि को चूम रहा था. फिर में और नीचे गया और माँ की चूत के पास किस करने लगा. फिर मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और माँ के बूब्स पर फैरने लगा और फिर माँ के मुँह पर रख दिया और उनके होंठो पर फैरने लगा, तो माँ बोली कि हटो ना, तो मैंने कहा कि अब इसे चूसो, तो वो मना करने लगी.

फिर मैंने उनके मुँह में मेरा लंड घुसेड़ दिया और कहा कि बड़ा नाटक करती है, उस दिन तो पापा का लंड ज़ोर-जोर से चूस रही थी और फिर में बोला कि ठीक है मत चूस, अब में तेरी चुदाई करूँगा. अब मेरा लंड खड़ा तो था ही तो मैंने झट से उनके मुँह में से मेरा लंड बाहर निकाला और माँ की चूत में अपना लंड सरका दिया और अंदर बाहर करने लगा और ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा.

अब माँ को भी बहुत मज़ा आ रहा था और वो भी उछल-उछलकर जवाब देने लगी थी. अब में उसके निप्पल को अपनी उंगलियों से मसलते हुए अपने लंड को उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा था और अब माँ मेरे हर धक्के पर धीरे-धीरे सिसकियाँ भर रही थी और वो साथ ही धीरे-धीरे ऊऊऊहह, हूऊओह, आआआआआहह भी कर रही थी.

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अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैंने माँ से पूछा कि बोल मेरी रानी अब कैसा लग रहा है? तो वो बोली कि बहुत मज़ा आ रहा है. कई महीने के बाद आज मेरी चूत को प्यार मिला है. फिर में बोला कि फिर साली नखरे क्यों मार रही थी? सीधी तरह हाँ भर लेती, तो माँ बोली कि अब बोलो मत, सिर्फ़ चुदाई करो और मेरी चूत को आज फाड़ डालो, क्या शानदार लंड है तुम्हारा?

में बोला कि अक्ल देर से आई है, बोलो कैसे चोदूं? तो 2 मिनट के बाद माँ ने मुझसे कहा कि मेरे राजा तेज-तेज करो और तेज और तेजजज्ज्ज कहते हुए वो अपनी गांड को आगे पीछे करने लगी और अगले ही पल वो झड़ गयी, जिसका अहसास मुझे उसकी बॉडी के कांपने से हुआ और जैसे उसकी बॉडी में मेरे लंड ने करंट सा फैला दिया हो.

फिर माँ झड़ने के बाद बोली कि 3 महीने के बाद लंड का स्वाद मिला है और फिर वो शांत होकर लेट गयी और बोली कि में बाथरूम जाकर आती हूँ और फिर जब वो आई तो उसके हाथ में गीला टावल भी था. फिर उसने मेरा लंड साफ किया और उसे चूसने लगी. अब में हैरान था और अब उसने चूस-चूसकर मेरा लंड फिर से खड़ा कर दिया था और बोली कि मेरे राजाआाआआआअ आज मेरी चूचीयों को पूरी तरह मसल कर रख दो, मेरा सारा दूध पी जाओ, हायययययययईईई कहाँ थे अब तक तुम? आज मेरी ऐसी चुदाई करो कि जिंदगी भर याद रहे. अब में दुगने जोश से उसकी चूचीयाँ चूसने लगा था.

अब तो माँ भी पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी और सब बात भूलकर मस्ती में पूरे ज़ोर से मेरा साथ दे रही थी और चीखने लगी कि अब आ भी जा यार, प्लीज़ मत तड़पा, जालिम जल्दी से मेरे ऊपर आजा. अब तक माँ बहुत बेकाबू हो चुकी थी और बार-बार मेरे लंड पर हाथ डाल रही थी. फिर माँ ने अपने एक हाथ से मेरे लंड को अपनी चूत के मुँह पर लगाया और बोली कि अब धक्का मारो.

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फिर मैंने जैसे ही आगे की और धक्का दिया तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया तो माँ धीरे से चीखी आह. अब दूसरे ही धक्के में पूरा लंड उसकी चूत के अंदर था और अब में लगातार धक्के मारने लगा था. अब वो भी पूरी मस्ती में आहह उहह और ज़ोर से ऑश, ज़ोर से ज़ोर से चोद ना, आज अंदर तक हिला दे, पूर मज़ा ले ले और और करता जा जैसे बोले जा रही थी और बोली कि अंदर तक अपना लंड घुसेड़ दे.

अब में भी ज़ोर-जोर से अंदर बाहर करने लगा था. फिर माँ बोली कि अब तुझे भी मस्ती आ रही है, मज़ा आ गया, आज बहुत दिनों के बाद जवानी का मज़ा पाया है, कसम से आज तूने मुझे अपनी जवानी के दिन याद दिला दिए, आयययययईईईईई, हाईईईईईईई, इसस्स्स्स्सस्स. अब में भी बहुत जोश के साथ चुदाई कर रहा था.

फिर में बोला कि आज में तेरी चूत की धज्जियाँ उड़ा दूँगा, अब तू पापा से चुदवाना भूल जाएगी, अब तू हर वक़्त मेरा ही लंड अपनी चूत में डलवाने लिए तड़पा करेगी. अब माँ आआहह, आाआईईईईईईई, क्या मज़ा आ रहा है? जैसे बोले जा रही थी और में भी ओके डार्लिंग, ये ले, मजा आ रहा है ना, आज में भी अपने लंड से तेरी चूत को फाड़कर रख देता हूँ बोले जा रहा था. अब माँ चिल्ला रही थी अया गुड म्‍म्म्मममममममम, आआअहह, उहह और फिर उस सारी रात में उसे चोदता रहा और हर बार अपने लंड से माँ की चूत को पानी पिलाया.