तड़पती चूत को भांजे के लंड से चुदवाया-1
Tadapati choot ko bhanje ke land se chudwaya-1
दोस्तों मेरा, नाम लीना है और में 39 साल की एक शादीशुदा औरत हूँ. मेरी किस्मत अच्छी है कि में आज भी बहुत सुंदर और सेक्सी हूँ. दोस्तों में भी आप सभी की तरह पिछले कुछ सालो से सेक्सी कहानियों को पढ़कर उनके बहुत मज़े लेती आ रही हूँ.
मैंने अब तक ना जाने कितनी कहानियाँ पढ़ी है और फिर एक दिन मेरे मन में भी अपने जीवन की उस सच्ची घटना को लिखकर आप सभी तक पहुँचाने के बारे में वो विचार आया और मैंने इसको मेहनत करके लिखना शुरू किया और आज आप सभी के सामने है. दोस्तों मुझे अच्छी तरह से पता है कि कई लंड वाले मेरी इस आज की सच्ची कहानी को पढ़कर मुझे एक बार जरुर चोदना चाहेंगे.
दोस्तों इस समय में सो कर उठी हूँ और इस समय घर पर में बिल्कुल अकेली हूँ. मेरी बहुत इच्छा हो रही है, मैंने काली बॉर्डर की गुलाबी रंग की साड़ी और गुलाबी रंग का ब्लाउज पहना हुआ है ब्लाउज के अंदर सफेद रंग की जालीदार ब्रा में मेरे बूब्स तन रहे है इसलिए में बहुत कसा हुआ सा महसूस कर रही हूँ.
मुझे ऐसा ऐसा महसूस हो रहा है कि कोई आकर मेरे बूब्स को निचोड़ दे और नीचे गुलाबी रंग के पेटीकोट के अंदर हल्के नीले रंग की पेंटी मैंने पहनी हुई है और इस समय मैंने अपनी साड़ी जाँघो तक उठाकर पकड़ लिया है और पेंटी को नीचे सरकाकर में अपने एक हाथ से बार बार अपनी चूत को सहला रही हूँ और बूब्स पर भी थोड़ी थोड़ी देर में अपने हाथ को घुमा रही हूँ. मेरी चूत के बाल इस समय थोड़े से बड़े हुए है क्योंकि मैंने पिछले दो महीनो से चूत की सफाई नहीं की है, लेकिन यह बाल जब भी पेंटी से रगड़ते है तो मुझे मज़ा भी बहुत आता है और में मन ही मन में सोचती हूँ कि काश कोई जवान मर्द इस समय मेरे पास होता. मेरी इस कहानी को पढ़कर मेरी कई बहनों को अपनी जवानी के वो दिन याद आ जाए.
मुझे लड़को से सेक्स की बातें करना और लंड, चूत, भोसड़ा, बूब्स, गांड, चुदाई जैसे बहुत सारे शब्द सुनना अच्छा लगता है क्योंकि में हमेशा खुलकर सेक्स का मज़ा करना चाहती हूँ. मुझे सेक्स फेंटेसी बहुत पसंद है और अब आप लोगों को ज्यादा बोर नहीं करना चाहती इसलिए वो घटना सुनिए.
दोस्तों में आप सभी को अपना एक सच्चा सेक्स अनुभव बताने जा रही हूँ और यह आज से करीब दस साल पुरानी एक सच्ची घटना है, तब मेरी ननद का लड़का जिसका नाम अज्जू है, जिसकी उम्र 18 साल थी वो अपने पेपर देने के लिए हमारे घर आया हुआ था और उन दिनों मेरे पति अपनी कंपनी के काम से हमेशा बाहर ही रहते है तब भी बाहर गए हुए थे और इसलिए में उन दिनों सेक्स के लिए बहुत परेशान रहने लगी थी. हमारे घर में सिर्फ़ दो कमरे थे जिस वजह से अज्जू से मुझे बहुत चिड़ हो रही थी कि इसकी वजह से मेरे जीवन का सेक्स करने का आनंद जा रहा है.
फिर उस दिन मेरे पति रात की ट्रेन से पूरे सात दिनों के लिए बाहर जाने वाले थे और मेरे पति ने उनके ऑफिस जाने से पहले मुझसे बोला कि वो आज दोपहर को वापस घर आ जाएँगे जब अज्जू उसके कॉलेज में रहेगा फिर हम दोनों बहुत प्यार से जमकर सेक्स का मज़ा करेंगे, क्योंकि उसके बाद हम दोनों एक दूसरे से पूरे सात दिन नहीं मिलेंगे और ना मुझे उनके साथ सेक्स का मज़ा उन दिनों मिलेगा.
फिर में उनके मुहं से वो बात सुनकर बहुत खुश थी और मैंने नहाने से पहले अपनी चूत के बालों को साफ किया, जिसकी वजह से मेरी चूत एकदम चिकनी चमकदार दिखने लगी थी. उसके बाद मैंने बहुत सुंदर सेक्सी ब्रा पेंटी और साड़ी पहनी, लेकिन उस दिन मेरी किस्मत बड़ी खराब थी, पहले तो मेरे पति घर पर आने में लेट हो गये और जैसे ही वो आए उनके पीछे से अज्जू भी आ गया. फिर उसको देखकर मेरा दिमाग बिल्कुल खराब हो गया और में गुस्से में आकर फालतू में अज्जू को डांटने लगी और मेरे पति भी मुझ पर नाराज़ हो गए और वो मुझसे कहने लगे कि अभी हम यह सभी काम करने के लिए हमारे पास पूरा जीवन पड़ा हुआ है तुम क्यों इतना परेशान होती हो?
फिर में उनकी वो बात सुनकर अपना मन मारकर उनके बाहर जाने की तैयारी करने लगी थी. वो बारिश के दिन थे और कुछ देर बाद बारिश होने लगी थी. मेरे पति की ट्रेन रात को दस बजे की थी और मैंने जल्दी से खाना बनाकर सभी को खिला दिया था.
फिर करीब 9 बज़े मेरे पति रसोई के अंदर आ गए और उन्होंने अचानक से मुझे पीछे से पकड़कर चूमना शुरू किया और उनका वो तनकर खड़ा लंड में अपने कूल्हों पर महसूस करके बहुत ही उत्तेजित हो गयी और फिर मैंने अपने पति को बताया कि आज कि चुदाई के लिए तैयारी में मैंने क्या क्या किया?
अब मेरे पति ने मेरी साड़ी के अंदर मेरी पेंटी में अपना हाथ डालकर मेरी गरम चिकनी चूत को सहलाया और मैंने भी उनके लंड को अपने हाथ में लेकर सहलाना शुरू किया. अब तक मेरी चूत अपनी चुदाई के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुकी थी और वो अब धीरे धीरे बहुत गीली होने लगी थी.
मेरी चूत के अंदर चुदाई का जोश भर चुका था और अब उसको लंड की बहुत जरूरत थी, जो उसकी मस्त दमदार चुदाई करके ठंडा कर दे और मेरी कामुक चूत लंड को अपने अंदर लेने के लिए फड़क रही थी, लेकिन तभी इतने में अज्जू ने बाहर से एक आवाज़ लगा दी कि मामा ट्रेन का समय हो गया है चलो अब वरना हम लेट हो जाएगें, तो उसकी आवाज को सुनकर हम दोनों होश में आ गए और उन्होंने मुझे उसी समय वैसे ही उस हालत में तरसता हुआ तुरंत छोड़ दिया. फिर अज्जू उन्हे स्कूटर से छोड़ने स्टेशन चला गया.
में उनके जाने के बाद हाल में लेटकर टीवी देखने लगी थी और में अब तक बहुत गरम महसूस कर रही थी और मुझे अपनी इतनी खराब किस्मत पर भी रोना आ रहा था. में उत्तेजना से भरकर अपनी साड़ी में अपने एक हाथ को डालकर अपनी गरम गीली चूत को सहलाने लगी थी.
मेरी चूत को एक बड़ी ही अजीब सी प्यास लगी थी और मेरे दिमाग ने काम करना बिल्कुल बंद कर दिया था. में जोश में आकर चुदने के लिए बहुत बेकरार थी और ना जाने क्या क्या बातें सोच रही थी. फिर तभी इतने में स्कूटर की आवाज़ आई और मैंने अपने कपड़े ठीक किए उठकर गई दरवाज़ा खोला तो मैंने देखा कि अज्जू बाहर हो रही तेज बारिश की वजह से पूरा भीगकर आया था.
बाकि कहानी अगले भाग में-