पड़ोसी की चुदाई

तड़पते हुए दो जिस्म

(Tadapte hue do jism)

मेरा नाम अजय और में हरियाणा का रहने वाला हूँ मेरी हाईट 5.9 इंच है और मेरी उम्र 22 साल है. दोस्तों अब में आप सभी का ज्यादा समय खराब ना करते हुए सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ.. लेकिन इसमें कोई गलती हो तो आप सभी मुझे अपना समझकर माफ़ करें. दोस्तों यह बात आज से एक साल पहले की है जब में कॉलेज में था और में अपने कॉलेज के पास में किराए से एक रूम लेकर रहता था.

उस समय मेरे पड़ोसे में एक फेमिली रहती थी जिसमें दो लड़के और एक लड़की और उनके माता, पिता रहते थे और उस लड़की का नाम रश्मि था और वो लड़की अपने नाम की तरह बहुत सुंदर थी. उसके पतले, पतले लाल सुर्ख होंठ, हिरनी जैसी आखें, सुराही सी गर्दन, कसे हुए बड़े बड़े बूब्स, पतली कमर और मदमस्त गांड, एकदम मस्त बिंदास फिगर और उसको देखकर रह किसी का भी ईमान डोल जाए और उसके मेरे पड़ोस में रहने के कारण मेरी उससे अक्सर बात होती थी.

एक रात वो अपनी छत पर घूम रही थी और मैंने उससे उसका मोबाईल नंबर माँगा तो उसने इशारे से मुझे अपना नंबर दे दिया और फिर उसी समय मैंने उसे फोन किया और हम बातें करने लगे.. लेकिन उस रात के बाद मेरी उससे फोन पर हर रोज बातें होने लगी थी और एक बार रात को मैंने उससे मेरे फ्लेट पर आने को कहा तो उसने साफ मना कर दिया.. लेकिन बाद में आने का वादा करके उसने कॉल काट दिया.

फिर अगली सुबह किसी ने मेरे दरवाज़ को खटखटाया और जैसे ही मैंने दरवाजा खोलकर बाहर देखा तो वो मेरे सामने खड़ी थी और मुझे अपने ऊपर विश्वास नहीं हो रहा था और में उसे एक सपना समझकर देखने लगा. तभी उसने मेरे हाथ पर छुआ और में हडबड़ा कर अपनी नींद से पूरी तरह उठा और मैंने उसे अंदर आने को कहा और हम बैठकर बातें करने लगे.

थोड़ी देर बाद उसने मुझसे पूछा कि क्या घर में दूध है? तो में हाँ में सर हिलाकर किचन की तरफ जाने लगा तो उसने कहा कि तुम बैठ जाओ आज में तुम्हारे लिए चाय बनाकर लाती हूँ और जब वो किचन में चाय बना रही थी तो पहली बार में उसके गोल गोल बूब्स, बड़ी सी चूतड़, पतली कमर को बड़े गोर से देख रहा था.

फिर हमने चाय पी और बातें करने लगे.. में उसे एकटक देखने लगा. तो उसने पूछा कि ऐसे क्यों देख रहे हो? तो मैंने कहा कि आज तुम बहुत सुंदर लग रही हो. तो मेरे मुहं से यह बात सुनकर वो ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी और मैंने मौका देखकर धीरे से उसका हाथ पकड़ लिया.. उसने मेरी तरफ बड़ी मदहोशी से देखकर स्माइल की और अपना हाथ छुड़ाकर भाग गई. तो में उसे जाते हुए देख रहा था और फिर वो मेरे फ्लेट पर अक्सर आने जाने लगी और में उसे छेड़ने लगा.. में कभी उसका हाथ पकड़कर मसल देता तो कभी उसके नाजुक, गोरे गोरे गालों को सहला देता.. लेकिन वो मेरे किसी भी काम का ऐतराज नहीं करती और मुझे धीरे धीरे आगे बड़ने का मौका मिलने लगा और एक दिन मैंने थोड़ी हिम्मत करके उसकी गांड पर हाथ रख दिया. तो उसने कहा कि ऐसे मत करो तो मैंने उसको पकड़ा और दीवार से लगाकर उससे चिपककर खड़ा हो गया और कहा कि अच्छा बताओ और क्या करूं?

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वो मुझे धक्का देकर मुझसे दूर हो गयी और मुस्कुराकर चली गई. तो उस दिन मैंने दो बार उसे सोचकर मुठ मारी और फिर रात को उसने मुझे कॉल किया और मैंने उससे थोड़ी सी हंसी मज़ाक की और फिर मैंने उससे उसके फिगर का साईज पूछा.. पहले तो उसने साफ मना कर दिया और फिर दो तीन बार पूछने पर उसने अपने फिगर का साईज़ मुझे बताया 34-30-36 और उसकी उम्र पूछी. फिर हमने बहुत देर तक सेक्सी बातें की और कॉल खत्म होने के बाद मैंने एक बार फिर से मुठ मारी और सो गया.

फिर जब वो अगले दिन मेरे पास आई तो मुझसे नज़र हटाकर बात करने लगी और जब वो जाने लगी तो मैंने उसके गालों पर किस किया और हल्के से उसके बूब्स को दबा दिया. तो वो उस दिन के बाद कुछ दिन मेरे फ्लेट पर नहीं आई.. लेकिन हमारी फोन पर ही बातें होती रही. फिर जब में सुबह उठा तो देखा कि मेरे कॉलेज जाने का समय हो चुका था और जब में जल्दी से तैयार होकर कॉलेज के लिए निकाला तो मैंने देखा कि उसकी फेमिली कहीं बाहर जा रही है. तो मैंने उसको कॉल किया तो उसने मुझे बताया कि उसके मम्मी, पापा उनके किसी रिश्तेदार के यहाँ पर जा रहे है और शाम तक वापस आ जायेगें और उसने मुझे बताया कि वो वहाँ पर नहीं जा रही है.

तो मैंने उसकी यह बात सुनकर कॉलेज ना जाने का फैसला लिया और वापस अपने फ्लेट पर आ गया और अब में उसके आने का बड़ी बेसब्री से इंतज़ार करने लगा और वो करीब एक घंटे के बाद मेरे फ्लेट पर आई.. उसने काले रंग का सलवार सूट पहना हुआ था और उसमे वो बिल्कुल सेक्सी लग रही थी.. उसे देखकर मेरा लंड उफान मारने लगा. तो मैंने उससे कहा कि क्यों आज किसका कत्ल करने का इरादा है? तो यह बात सुनकर वो शरमा गयी और हम बातें करने लगे तभी ज़ोर से बरसात होने लगी और उसने मुझे छत पर चलने को कहा और हम दोनों ऊपर छत पर बारिश का मज़े लेने लगे. दोस्तों उस बारिश के पानी में उसका सलवार सूट उसके बदन से एकदम चिपक रहा था जिसकी वजह से मुझे उसके जिस्म का हर एक अंग साफ साफ दिख रहा था और उसका भरा भरा जिस्म देखकर मेरा लंड टाईट होने लगा था और फिर में उससे जाकर चिपक गया और उसके जिस्म पर धीरे धीरे हाथ घुमाने लगा और उसकी गर्दन पर किस करने लगा.. तो उसने मुझे एकदम से धक्का दिया और वो भागकर नीचे जाने लगी.. लेकिन मैंने उसे सीडियो पर पीछे से पकड़ लिया.

तो में फिर से उसकी गर्दन को चूमने लगा वो छुड़ाने की कोशिश करने लगी.. लेकिन मैंने उसे नहीं छोड़ा और उसकी गर्दन को पागलों की तरह चूमने लगा और उसके कानों को धीरे से चूमा और धीरे से काटता रहा. अब उसकी आखें बंद होने लगी और मैंने उसका चेहरा अपनी तरफ घुमाया और उसके गालों को चूमने लगा.

फिर उसके होंठो पर अपने होंठ रखकर धीरे धीरे चूसने लगा. दोस्तों उस समय मुझे लगा कि जैसे यह समय रुक सा गया हो और अब उसकी सांसे तेज़ होने लगी थी और मैंने उसे गोद में उठाया और नीचे ले जाकर बेड पर लेटा दिया और उससे लिपट गया. उसके होंठो को चूसने लगा और उसके गरम जिस्म को सहलाने लगा फिर उसके दोनों बूब्स को कपड़ो के ऊपर से ही अपने हाथों में लेकर धीरे धीरे मसलने और दबाने लगा और उसने अपनी आखें अभी तक नहीं खोली थी.

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मैंने सही मौका देखकर उसका सलवार सूट उतार दिया और अब वो मेरे सामने गुलाबी कलर की ब्रा और पेंटी में थी. दोस्तों आपको क्या बताऊँ वो उस समय पानी में भीगी हुई क्या लग रही थी? में उसको शब्दों में नहीं बता सकता. उसका पूरे गरम जिस्म पर छोटी छोटी पानी की बूंदे और भी उसके जिस्म पर चार चाँद लगा रही थी. तो मैंने भी अपनी टी-शर्ट और लोवर उतार दिया और में उसके पेट को चूमने लगा.

उसका जिस्म बहुत गरम हो गया था और वो मचलने लगी और मैंने उसकी ब्रा को उतार दिया और अब उसके बूब्स एकदम मेरे सामने थे बिल्कुल गोल गोल गहरे भूरे कलर की निप्पल एकदम तनकर खड़ी हुई थी और में उसके एक बूब्स को मुहं में लेकर चूसने लगा और दूसरे बूब्स को एक हाथ से दबाने, मसलने लगा और बहुत देर तक में उसके बूब्स को चूसता रहा और धीरे धीरे उसकी कमर को चूमते हुए नीचे जाने लगा और अब मैंने उसकी पेंटी भी उतार दी और में उसकी चूत को घूरकर देखने लगा. उस पर हल्के हल्के बाल थे..

मैंने उसकी चूत पर अपना एक हाथ धीरे से रख दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा और कुछ देर सहलाने के बाद मैंने महसूस किया कि उसकी चूत से थोड़ा थोड़ा सा पानी बाहर आ रहा था और अब मैंने उसका हाथ अपने खड़े लंड पर रख दिया.. लेकिन उसने तुरंत अपना हाथ हटा दिया और फिर मैंने दोबारा उसका हाथ लंड पर रख दिया.. लेकिन इस बार उसने हाथ नहीं हटाया वो धीरे धीरे मेरे लंड पर अपना हाथ घुमाने लगी. दोस्तों मेरा लंड बहुत देर से तनकर खड़ा था जिसकी वजह से वो बहुत दर्द कर रहा था और फिर वो मेरे लंड को आगे पीछे करने लगी.

फिर मैंने कुछ देर के बाद अपना लंड उसके होंठो पर रख दिया.. वो धीरे धीरे से लंड की टोपी को चूसने लगी और मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. मेरा लंड और भी फूल फूलकर कुप्पा हो गया. तो मैंने उसे लेटा दिया और उसकी चूत पर अपना मुहं रख दिया. मेरे चूत पर मुहं रखते ही वो एकदम मचलने लगी और उसके मुहं से अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह माँ मरी अह्ह्ह उह्ह्ह की सिसकियाँ फूटने लगी और में उसकी चूत को 5 मिनट तक चूसता रहा. फिर कुछ देर में वो झड़ गयी और उसने अपनी चूत का पानी मेरे मुहं में छोड़ दिया और मैंने उसे चाटकर साफ कर दिया. फिर में उसके पैरों के बीच में बैठ गया और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा.

उसने मेरे लंड को पकड़ा और मुझे कुछ देर रोक दिया और मैंने कुछ देर के बाद लंड को चूत के मुहं पर सेट किया और एक झटका मारा लेकिन लंड ऊपर की तरफ़ फिसल गया.. क्योंकि उसकी चूत का छेद बहुत छोटा था और चूत बहुत टाईट थी. लेकिन इस बार उसने मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत पर सेट किया और आखों से मुझे इशारा किया और मैंने एक ज़ोर का झटका दिया और लंड का टोपा उसकी चूत में चला गया और उसके मुहं से चीख निकल गयी. मैंने तुरंत उसके मुहं पर अपना एक हाथ रख दिया और वो दर्द से छटपटाने लगी और छुड़ाने की कोशिश करने लगी.. लेकिन मैंने उसे बहुत कसकर पकड़ लिया और एक ज़ोर का झटका मारा तो उसकी आखों से आंसू आने लगे और अब मेरा आधा लंड उसकी चूत में था.

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में कुछ देर ऐसे ही रुका रहा और धीरे धीरे उसके गालों को चूमता रहा और उसके होंठो को चूसने लगा और उसके जिस्म को एक हाथ से सहलाने लगा. कुछ देर बाद वो मेरा साथ देने लगी और में धीरे धीरे अपना लंड उसकी चूत में आगे पीछे करने लगा और धीरे धीरे मैंने अपना पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया.. लेकिन अब भी मेरा लंड उसकी चूत में बहुत टाईट जा रहा था. दोस्तों शायद यह उसकी पहली चुदाई थी इसलिए उसकी चूत इतनी टाईट थी और वो दर्द से तड़प रही थी. फिर कुछ देर बाद वो भी अपनी कमर को उठाकर मेरा साथ देने लगी और मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी.. वो अपनी गांड को उठाकर मेरे लंड को अपनी चूत में पूरी गहराइयों तक लेने लगी और वो मेरे बदन पर हाथ फेरने लगी और मुझे अपनी बाहों में जकड़ने लगी.

पूरे रूम में उसकी सिसकियाँ गूंजने लगी.. वो मुझे काटने लगी और उसने अपने दोनों पैरों को क्रॉस करके मेरी कमर को जकड़ लिया और मेरे हर एक धक्के पर उसकी सिसकियाँ तेज होने लगी और उसकी चूत से फच फच की आवाजें आने लगी. उसने मुझे अपने जिस्म से ज़ोर से जकड़ लिया.. मुझे ऐसा लगा कि वो मुझमें समाना चाहती और फिर उसने अपने नाख़ून मेरे पेट पर गड़ा दिए. तभी उसकी चूत से जोरदार स्पीड में गरम गरम लावा बाहर निकलने लगा और वो इतने ज़ोर से झड़ी कि 3-4 झटके के बाद मैंने भी अपना वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया और निढाल होकर उसके ऊपर गिर गया और कुछ देर तक हम ऐसे ही एक दूसरे की बाहों में लिपटे बेड पर पड़े रहे और कुछ देर बाद हम उठे और बाथरूम में जाकर एक दूसरे को साफ किया. फिर उसने खून से सनी हुई बेडशीट को उठाकर धो दिया.

उसके बाद उस दिन हमने एक बार और चुदाई की और जब तक शाम हो गई थी और उसके मम्मी, पापा के आने का भी टाईम हो गया था और वो जल्दी से कपड़े पहनकर, मुझे किस करके अपने घर चली गयी.. लेकिन अब जब भी हमे मौका मिलता तो हम सेक्स करते है और मैंने उसे अपने फ्लेट में हर जगह, हर पोजिशन में कई बार चोदा.