मेरी प्रेम कहानी – प्यार और सेक्स की सच्ची दास्तान
मेरा नाम दिव्या है, और मैं दिल्ली से हूँ। मेरे पति मुझे बहुत प्यार करते हैं, और मैं भी उन्हें प्यार करती हूँ। लेकिन शादी से पहले मुझे एक लड़के से Sachcha Pyar हो गया था, जिसे मैं आज तक भुला नहीं पाई। आज मेरी शादी को एक साल हो गया है, और मैं अपने हस्बैंड के साथ खुश हूँ। फिर भी, मैं यहाँ अपनी ज़िंदगी की एक खास घटना—Prem Kahani—सुनाने आई हूँ, जो शादी से पहले की है।
कॉलेज में प्यार की शुरुआत
ये उस वक्त की बात है जब मैं कॉलेज में पढ़ती थी। एक लड़का था जो मुझे हमेशा देखता था। जब मैं उसकी तरफ देखती, तो उसकी आँखों में मेरे लिए सच्चा प्यार और भरोसा झलकता था। कई दिनों तक हम बस एक-दूसरे को देखते रहे—कुछ कहते नहीं थे, बस नज़रों से Pyar Bhari Baatein करते थे। हम पास आना चाहते थे, पर डरते थे। मैंने सोचा, वो पहले बोलेगा, पर उसने कुछ नहीं किया।
बहुत इंतज़ार के बाद मैंने खुद पहल की। एक दिन मैंने कागज़ पर अपना नंबर लिखा और कॉलेज में उसकी बेंच पर रख दिया। मुझे यकीन था कि उसका कॉल आएगा। और वही हुआ—शाम को उसका फोन आया। मैं छत पर उसका इंतज़ार कर रही थी। नया नंबर देखकर मैंने धीमी आवाज़ में “हैलो” कहा। बस, यही थी हमारे Pyar Ki Shuruaat।
प्यार और नज़दीकियाँ
उसके बाद हमारी ढेर सारी बातें हुईं। हम एक-दूसरे से बहुत प्यार करने लगे। हम मिलने लगे—हाथ थामे सड़क पर घूमना, Pyar Bhari Nazron से एक-दूसरे को देखना। एक दिन मुझे बुखार हो गया। मैं उससे बात न कर सकी। जब ठीक हुई, तो मैंने उसे कॉल किया। उसने मेरी तबीयत पूछी। मुझे पैसे चाहिए थे—मैंने कहा, “दो हज़ार भेज दो।” उसने तुरंत भेज दिए और कहा, “अपना ध्यान रखना।” उसका इतना ख्याल रखना मुझे बहुत अच्छा लगता था।
होटल में Pyar Mein Sex की शुरुआत
कुछ दिन बाद मैं ठीक हुई। मैंने उसे मिलने बुलाया। उसे गले लगाने का मन था। मैं सीधे उसकी बाहों में समा गई। हम बहुत देर तक चिपके रहे। उस दिन मेरा मन उसे टूटकर प्यार करने का था। मैंने कहा, “आज मैं फ्री हूँ, चलो होटल चलते हैं।” उसने आँखें झुकाकर हामी भर दी। इसे प्यार कहें या Pyar Mein Hua Sex, हम एक-दूसरे को करीब से जानना चाहते थे।
हमने होटल में रूम लिया और पूरा दिन वहाँ रहे। बेड पर एक-दूसरे से चिपक गए। मैंने उसकी शर्ट उतारी, उसकी बालों वाली छाती पर हाथ फेरा। उसने आनंद से आँखें बंद कर लीं। मैंने उसके माथे पर किस किया, फिर पूरे जिस्म पर प्यार बरसाया। हम एक नई Prem Kahani Banane में डूब गए।
पहली बार Chut Chudai Ka Maza
उसने मुझे बेड पर लिटाया। मेरी शर्ट और सलवार उतारी। मेरा गोरा बदन उसके सामने था—सिर्फ ब्रा और पैंटी में। उसने मेरे बाल सहलाए, मेरे जिस्म पर उंगलियाँ फिराईं। फिर ब्रा और पैंटी भी उतार दी। मेरे बूब्स को हल्के-हल्के चूसने लगा। मैं उसके सिर पर हाथ फेर रही थी। उसका हाथ मेरी नंगी कमर पर चल रहा था। ये मेरा पहला सेक्स था—पहले सिर्फ Sex Video Mein Dekha था।
उसने अपने कपड़े उतारे। अपना लंड मेरी कुंवारी बुर पर लगाया। अंदर डालने की कोशिश की, पर नहीं गया। मैंने कहा, “बेबी, पहले मुँह से करो, गीली हो जाएगी तो आसान होगा।” उसने मेरे बूब्स से किस करते हुए मेरी बुर को चाटा। मुझे गुदगुदी और मज़ा दोनों हो रहे थे। मैंने Bur Chatai Ka Scene वीडियो में देखा था, और अब खुद अनुभव कर रही थी।
मेरी बुर उसकी लार से गीली हो गई। उसका लंड भी प्रीकम से चिकना था। उसने लंड मेरी चूत पर सेट किया, मैंने मदद की। हल्के धक्के से लंड अंदर गया। दर्द हुआ, मैंने उसे पीछे धकेलने की कोशिश की। पर धीरे-धीरे मज़ा आने लगा। मैंने टाँगें खोल दीं, और वो “दिव्या-दिव्या” कहते हुए मुझे प्यार करने लगा। हम इसी पोजीशन में झड़ गए।
दूसरा राउंड: Lund Muh Mein
हमने अंडरगारमेंट्स पहने और प्यारी बातें कीं। फिर मैंने उसे बेड पर धक्का दिया। उसका लंड सहलाया। पोर्न में देखा था, सो मैंने लंड मुँह में लिया। धीरे-धीरे उसे मज़ा दिया। वो मेरे बालों और कमर पर हाथ फेर रहा था।
फिर वो लेट गया, मुझे ऊपर खींचा। मैं उसके ऊपर बैठ गई। किस करते-करते उसने लंड मेरी चूत में डाल दिया। मुझे पता ही नहीं चला—बस मज़ा आ रहा था। मेरे खुले बाल मेरी कमर पर बिखरे थे। वो मेरे बालों को सहलाता रहा।
पीछे से Chut Mein Lund
कुछ देर बाद उसने मुझे पेट के बल लिटाया। पीछे से मेरी चूत में लंड डाला। मेरे कंधों पर किस किया। हम दोनों मज़े में डूबे थे। वो मेरी चूत में झड़ गया। मैं भी झड़ रही थी—चादर को मुट्ठी में भरकर, मुँह बेड में दबाकर आवाज़ रोकी।
झड़ने के बाद वो मुझे पीछे से बाहों में भरकर लेटा रहा। बहुत देर तक हम ऐसे ही रहे। फिर मुझे घर जाना था। उसने मुझे घर के पास छोड़ा और खुद चला गया।
प्यार का अंत और शादी
रात को कॉल पर हमने उस दिन को याद किया। सेक्स के बाद हम एक-दूसरे के दीवाने हो गए थे। पर किस्मत ने साथ नहीं दिया। कॉलेज खत्म हुआ, और पापा ने मेरी शादी तय कर दी। घर का माहौल ऐसा था कि मैं मना न कर सकी।
जब मैंने उसे बताया, “मैं शादी कर रही हूँ,” उसने सिर्फ पूछा, “सच है?” फिर उसने कभी संपर्क नहीं किया। मैं भी नहीं कर पाई। आज अपने हस्बैंड के साथ हूँ, खुश हूँ, पर वो प्यार वैसा नहीं। उसकी याद आती है—वो जो मेरे लिए हमेशा खड़ा रहता था। अब पता नहीं वो कहाँ खो गया। ये थी मेरी Sachchi Prem Kahani।