लाल साड़ी वाली भाभी की रसीली चूत
हाय, मैं आकाश, मुंबई का रहने वाला, उम्र 27 साल, कद 5.6 फीट, और एक ऐसा लड़का जो बाहर से तो साधारण सा दिखता है, लेकिन अंदर की आग किसी को भी पिघला सकती है। ये कहानी तब की है जब मैं कॉलेज में था, और मेरी ज़िंदगी में एक ऐसी भाभी आई जिसने मेरे हर सपने को हकीकत में बदल दिया।
हर सुबह स्टेशन पर मेरी नज़रें उस हसीना को ढूंढती थीं। वो थी एकदम जन्नत की हूर – लंबी काली आँखें, जिनमें एक नशीली चमक थी, और होंठ इतने रसीले कि बस देखते ही दिल बेकाबू हो जाए। उसकी स्माइल में एक अजीब सा जादू था, जो सीधे दिल को भेद देता था। मैं उसे रोज़ देखता, लेकिन हिम्मत नहीं जुटा पाता था कि बात करूँ। फिर एक दिन, सर्दी की वो ठंडी-ठंडी सुबह आई, जब मेरी ज़िंदगी हमेशा के लिए बदल गई।
वो लाल साड़ी में थी, मानो चाँदनी रात में कोई अप्सरा उतर आई हो। उसका बदन साड़ी के पार से चमक रहा था, और हवा में उसकी खुशबू मुझे मदहोश कर रही थी। मैं स्टेशन पर खड़ा कांप रहा था, तभी उसने मुझे देखा और एक हल्की सी मुस्कान के साथ पास बुलाया। उसकी आवाज़ इतनी नरम थी कि मेरे रोंगटे खड़े हो गए। “आकाश, क्या तुम मेरा एक काम करोगे?” उसने धीरे से कहा। मैं तो बस उसकी आँखों में खो गया और बिना सोचे हाँ कह दिया। उसने मुस्कुराते हुए कहा, “चलो मेरे साथ, आज कुछ खास बात होगी।”
वो मुझे अपने घर ले गई। घर में कदम रखते ही एक अजीब सी गर्मी ने मुझे घेर लिया। उसने दरवाज़ा बंद किया और मेरी ओर देखकर कहा, “आकाश, अगर तुम मेरा ये काम कर दो और किसी से कुछ न कहो, तो मैं तुम्हें हर बार 200 रुपये दूँगी।” मैंने हामी भरी, लेकिन मन में सवालों का तूफान उठ रहा था। वो मुझे अपने बेडरूम में ले गई, और फिर जो हुआ, वो मैं ज़िंदगी भर नहीं भूल सकता।
उसने धीरे-धीरे अपनी साड़ी उतारी, और जैसे ही साड़ी फर्श पर गिरी, मेरा दिल धड़कने लगा। उसका बदन… हाय! मानो रब ने सारी कायनात का हुस्न उसमें उड़ेल दिया हो। भारी-भारी जाँघें, जो किसी को भी पागल कर दें, बड़े-बड़े स्तन, जिन्हें देखकर साँसें थम जाएँ, और उसकी क्लीन शेव्ड चूत… एकदम रसीली, जैसे शहद की नदी बह रही हो। उसकी खुशबू मेरे होश उड़ा रही थी। मेरा लंड पैंट में तंबू बनाए खड़ा था, और मैं कई दिनों से मुठ भी नहीं मार पाया था, तो हालत खराब थी।
उसने मुझे पास बुलाया, “आजा मेरे राजा, मेरी प्यास बुझा दे।” उसकी आवाज़ में वो नशा था कि मैं खुद को रोक नहीं पाया। मैंने फटाफट अपने कपड़े उतारे और उस पर टूट पड़ा। मैंने उसकी रसीली चूत को चाटना शुरू किया, और हाय! क्या स्वाद था, मानो जन्नत का अमृत मेरे होंठों पर उतर आया हो। मैं आधा घंटा उसकी चूत और गांड के छेद को चाटता रहा, उसके बदन का हर इंच चूमा, हर कोने को तरस गया। उसकी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं, “अह्ह… और चाटो… हाय मेरे राजा!”
अचानक उसने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। उसकी जीभ मेरे लंड पर जादू कर रही थी, और मैं सातवें आसमान पर था। “अह्ह्ह… मम्म्म…” मेरा पानी निकलने वाला था। मैंने उसे बताया, और सारा माल उसके मुँह में छोड़ दिया। उसने एक बूंद भी नहीं गंवाई, सारा पी गई, मानो कोई भूखी शेरनी हो जो अपने शिकार को चट कर गई।
फिर मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर रखा। उसकी चूत इतनी गीली थी कि मेरा पूरा लंड एक झटके में अंदर चला गया। मैं उसे चोदने लगा, और वो अपनी गांड उठा-उठाकर मेरा साथ देने लगी। उसकी सिसकारियाँ कमरे में तूफान मचा रही थीं, “हाय… और जोर से… चोदो मुझे, मेरे राजा!” मैंने उसे 20 मिनट तक चोदा, फिर उसे कुतिया बनाया और पीछे से पेलना शुरू किया। ये पोजीशन उसे दीवाना बना रही थी। वो चिल्लाने लगी, “और ज़ोर से… फाड़ दो मेरी चूत!” मैंने भी पूरी ताकत लगा दी और आखिरकार सारा माल उसकी चूत में छोड़ दिया। हम दोनों थककर बिस्तर पर ढेर हो गए।
जब मैं उठा, तो देखा वो फिर से मेरा लंड चूस रही थी। उसकी आँखों में वही नशा था, और वो तैयार थी एक और राउंड के लिए। उस दिन हमने 6 बार चुदाई की, हर बार एक नया जोश, नया मज़ा। हर पोजीशन में हमने एक-दूसरे को तृप्त किया – मिशनरी, डॉगी, 69, और न जाने क्या-क्या। उसका बदन मेरे हाथों में पिघल रहा था, और मैं उसकी हर सिसकारी में खो रहा था।
जब मैं जाने लगा, उसने मुझे 600 रुपये दिए, मेरे गाल पर एक लंबा सा किस किया और कहा, “हर हफ्ते दो बार मिलेंगे, ऐसे ही। और हाँ, मेरी कुछ सहेलियाँ भी हैं, जो तुमसे मिलना चाहेंगी।” मैंने हँसकर हाँ कहा। इसके बाद मैं उसे हर हफ्ते चोदने लगा। उसने मुझे अपनी सहेलियों से मिलवाया – हर एक हसीना, हर एक की अपनी अलग आग। मैंने उन्हें भी जमकर चोदा, और धीरे-धीरे मैं एक मेल प्रॉस्टीट्यूट बन गया।
मेरी सर्विस का मज़ा ऐसा है कि एक बार लेने के बाद कोई भी आंटी, भाभी, या लड़की अपने पति या बॉयफ्रेंड को भूल जाएगी। मैं हर बार कुछ नया लेकर आता हूँ – नया जोश, नया स्टाइल, और वो प्यार जो आपको जन्नत की सैर कराएगा। फीस? वो तो मज़े के बाद बात करेंगे। और हाँ, चूँकि मैं इसी सोसाइटी में रहता हूँ, प्राइवेसी दोनों के लिए ज़रूरी है।
तो, तैयार हो जाओ एक जन्नती सफर के लिए! अगर कोई हसीना मुझसे मिलना चाहे, तो मुझे मेल करें। एक बार मेरे साथ वक्त बिताने के बाद, आप हर रात मेरे सपने देखेंगी। चलो, इंतज़ार किस बात का? आ जाओ, और इस आग को और भड़काओ!