Bhabhi Sex

ट्रेन के टॉयलेट में भाभी की चुदाई

हे दोस्तों, HotSexStory.xyz पर पढ़ी हुई कहानियों ने मुझे भी अपनी कहानी लिखने की प्रेरणा दी। मेरा नाम रोमिल है और मैं 21 साल का हूँ। यह सच की घटना है जो दो साल पहले मुंबई से अमृतसर के लिए पश्चिम एक्सप्रेस में घटी थी। हम अपने माता-पिता के साथ थ्री टायर एससी डिब्बे में यात्रा कर रहे थे।

मेरी बहन काजल का अमृतसर में शादी है और हर साल हम दो दिन उसके पास जाते हैं। हम मुंबई से पश्चिम एक्सप्रेस से ही जाते हैं, अगर टिकट न मिले तो फ्लाइट लेते हैं। मैं उस समय बी.इ. के अंतिम वर्ष में था।

ट्रेन थोड़ी देर लेट चल रही थी और वापसी में मैं सो गया था। जब हम वापस मुंबई पहुँचे तो मैंने कुछ चिप्स और ड्रिंक ली और दरवाजे के पास खड़ा रहा। तभी मुझे एक सेक्सी भाभी दिखाई दी जो ट्रोलि बैग लेकर आ रही थी। उसके पीछे एक बूढ़ा आदमी छोटी सी बैग लेकर चल रहा था।

मैंने सोचा कि वह हमारे डिब्बे में ही बैठेगी। उस भाभी ने बड़े गॉगल्स लगाए थे और उसने मेरे सामने देखकर उसी डिब्बे का नंबर पूछा। मैंने उसे हाथ से इशारा किया। भाभी अपनी सेक्सी गांड दिखाते हुए डिब्बे में चढ़ गई। साथ आये बूढ़े ने उसे बैग देकर नीचे उतर गया, शायद वह अकेले ही ट्रेन से यात्रा कर रही थी।

मेरा दिल तेज़ धड़कने लगा क्योंकि मुझे लग रहा था कि इस सेक्सी भाभी के साथ पूरी यात्रा रोमांचक होगी। वो एक ही डिब्बे में थी इसलिए दरवाजे पर खड़े रहकर भी उसे देख सकता था। मैंने ड्रिंक खत्म की और ट्रेन चल पड़ी। मैंने दरवाजे पर खड़े-खड़े चिप्स खत्म कर लीं और फिर हेडफोन लगाकर अपने कमपार्टमेंट में गया।

जब मैं अंदर आया तो मुझे हैरानी हुई कि वह भाभी वहीं थी! वो मेरे सामने बैठे हुए थे। मेरी माँ ने उसे देखा और कहा, “ये मेरा बेटा रोमिल है, इंजीनियरिंग कर रहा है।” मैंने भाभी को मुस्कुराते हुए जवाब दिया। उसने भी एक सेक्सी मुस्कान दी।

मैंने अखबार खोलकर बैठ गया और उसकी गलियों को देखता रहा। उसकी क्लेवेज काफी गहरी थी, इससे साफ़ जाहिर था कि उसके चुंचे बहुत बड़े होंगे। मेरा लंड खड़ा हो रहा था लेकिन माँ के सामने कुछ नहीं कर सकता था।

कुछ देर बाद भाभी ने डिब्बे से कुछ खाना निकाला और मुझे और मेरे पिता को भी खाने के लिए कहा। माँ ने एक बाइट ली और मैंने और पिताजी ने मना कर दिया। खाना खाने के बाद भाभी अपनी अपर बर्थ पर आ गई। माँ मिडल बर्थ में और पिता लोअर में लेट गए। सामने की तीन सीटें अभी भी खाली थीं। मेरे नीचे एक सरदार जी मुंबई से चढ़े थे, लेकिन वो ट्रेन चलने से पहले ही सो गए थे। भाभी अब मेरे सामने थी। मैं उसे देख रहा था। वो सोने के लिए चादर खोलकर लेटी हुई थी। मेरी नजर बार-बार उसकी तरफ जाती थी।

सेक्सी भाभी के उभरे हुए अंगों को देखकर मुझे एक लंड के अंदर अजीब तनाव महसूस हुआ। भाभी ने कुछ देर तक सोने की कोशिश की लेकिन शायद उसे शोर से नींद नहीं आई। मैं अभी भी उसे हर दूसरी मिनट देख रहा था। पहले तो यह सेक्सी भाभी जैसे कि मुझ में कोई दिलचस्पी नहीं है, इधर-उधर नजरें घुमाती रही। लेकिन थोड़ी देर बाद उनकी तिरछी नजरें भी मेरे तरफ घूमने लगीं। वो बार-बार किसी ना किसी बहाने मेरी तरफ देख रही थी। अब वो मुझे हलकी हलकी मुस्कान भी दे रही थी।

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मैं मन में सोच रहा था, भाभी एक बार सिग्नल दे दो तुमहारी चूत में हम चला देंगे। वैसा ही तो मोम डेड पूरी यात्रा में 75% वक्त सोते रहते हैं इसलिए उनकी चिंता नहीं थी। भाभी अब मेरी तरफ घूरने लगी। मैंने अपनी नजरें उसके ऊपर से हटाई ही नहीं।

मैंने सोचा कि ऐसे देखा-देखकर कुछ पता नहीं चलेगा और अमृतसर पहुँच जाएगा। मैंने सीट से नीचे उतरकर दरवाजे के पास खड़ा हो गया। यह डिब्बा किसी खााली सीट में जाकर सोया होगा क्योंकि वहाँ पर उस समय मेरे अलावा कोई नहीं था। मैंने अपने हेडफोन की वॉल्यूम कम कर दी। पता नहीं मुझे ऐसा क्यों लग रहा था कि वह सेक्सी भाभी यहाँ आएगी। 10 मिनट तक कुछ हुआ नहीं। मैं मन में सोच रहा था कि चल बेटे रोमिल बाथरूम जा के सेक्सी भाभी को सपनों में चोद ले। मैं मुठ मारने का पक्का मन बना चुका था तभी मैंने देखा कि वह भाभी सीट से नीचे उतर गई थी। वो इधर ही आ रही थी। मेरे शरीर में एक शीतलहर दौड़ गई।

भाभी वहाँ आकर रुकी और बोली, “हाय…अंदर बहुत बोर्ड लग रहा है ना…!!!”

मैंने उसके सेक्सी चुंचो की तरफ कुत्ते की तरह देखते हुए कहा, “हाँ अंदर सच में बोर्ड लग रहा है।” उसने अपनी पानी की बोतल से सिप लेते हुए कहा, “कहाँ जा रहे हो आप लोग?” मैंने कहा, “अमृतसर।” मैंने उसे पूछा और आप? मैंने भी वहीं जा रही हूँ।” उसने आगे पूछा, “कहाँ रहते हो वहाँ पे?” मैंने कहा, “हम तो यही मुंबई में ही रहते हैं। मेरी दीदी और जीजाजी वहाँ रहते हैं…और आप?”

सेक्सी भाभी ने आँखों को छोटी करते हुए कहा, “मैं वहीं रहती हूँ, वैसा ही मैं अंधेरी की हूँ लेकिन मेरे पति की वहाँ साड़ी शो-रूम है।” मैंने उसके चुंचो से नजर हटा के उसकी तरफ देख के कहा, “अमृतसर तो मुंबई से बहुत छोटा है, आप एडजस्ट हो गई।” भाभी ने अपने चुंचो की उपर मेरी नजर को देखा था लेकिन फिर भी उसने आधे खुले अपने चुंचो के उपर पल्लू नहीं डाल दिया और बोली, “मैं सच में मुंबई मिस करती हूँ। कहाँ यहाँ की तेज़ और रंगीन लाइफ, डिस्को, पबिंग, ड्रिंकिंग, वन-नाइट स्टैंड्स…और वहहाँ तो बस में घर की बिल्ली बन गई हूँ….!!”

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ओह तेर्री, साली यह सेक्सी भाभी तो पार्टी एनिमल थी। मैंने खासकर उसके वन-नाइट स्टैंड वाली बात पर ध्यान दिया और उसे कहा, “सही बात है, लेकिन वन-नाइट स्टैंड तो आप वहाँ डेटिंग साईट से भी कर सकते हैं।” उसने हँसतें हुए कहा, “नहीं यार उसपे मेरा अनुभव इतना अच्छा नहीं है। एक बार 55 साल का बुढ़ा 28 की उम्र बता के मुझे मिलने आया था। वैसा तुम तो काफी हैंडसम हो, गर्लफ्रेंड वगेरह हैं या नहीं?” मैंने कहा, “आज से एक महिने पहले तक थी, अभी हाल में ब्रेकअप हुआ है” (मैंने जानबूझकर झूठ बोला था, अकेले लड़कों को भाभी और आंटियां ज्यादा पसंद करती हैं।)

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सेक्सी भाभी ने मुझे देख के कहा, “फिर तो दिक़्कत होती होगी एक महिने से……”और वो हंसने लगी, उसके हंसने और बातों का मतलब सीधे मेरी सेक्स लाइफ पर था। पता नहीं मुझे उस वक्त क्या हुआ, मैंने उस हंसती हुई सेक्स बम की आँखें देख रुका नहीं पाया। मैंने भाभी के दोनों गलों को अपने हाथो में ले के उसके होंठो के ऊपर किस कर दी। यह सब एकदम से हो गया और भाभी को संभलने का भी मौका नहीं मिला। उसने मेरी छाती के उपर जोर जोर से दो मुक्के लगाए और मैंने उसे छोड़ दिया।

सेक्सी भाभी की लिपस्टिक खराब हो चुकी थी। उसने गुस्से वाले आवाज में कहा, “What the hell, क्या कर रहे थे..पागल हो, यहाँ कोई देख लेगा तो।” साली चालू चीज थी, उसे लोगों के देखने की चिंता नहीं थी। मैंने कहा, “भाभी आप इतनी हॉट हैं कि दिल रुक नहीं पाया। यह खुशामत वाला आइडिया के सक्सेस के चांसिस हमेशा ही है।” वो हँसी और नीचे देखने लगी। मैंने कहा, “भाभी अगर आप कहें तो हम वॉशरूम में किस कर सकते हैं।” उसने इधर-उधर देखा और बोली, “अरे कोई आ गया तो।” मैंने उसे कहा, “अगला स्टेशन अभी 30 मिनिट के बाद है और यहाँ तो आधे लोग लाशें बन चुके हैं।” मैंने उसका हाथ पकड़ा और वेस्टर्न स्टाइल के वॉशरूम में ले के अंदर से सिक्कल लगा दी। भाभी के होंठो को मैंने फिर से अपने कब्जे में ले लिया और उसके पतले-पतले सेक्सी होंठों को मैं जोर जोर से खिंच खिंच के चूसने लगी। मैंने भाभी की साड़ी के अंदर हाथ डाल के उसके चुंचे मसलना शुरू कर दिया और उसके हाथ मेरे बालों में जाकर वहाँ नोचने लगे। मैंने भाभी की साड़ी को हटाया और उसके ब्लाउस के बटन खोल दिए। भाभी की काली ब्रा मेरे सामने थी। काली ब्रा के अंदर यह सेक्सी भाभी बहुत ही हॉट लग रही थी। मैंने उसके पेटीकोट के अंदर हाथ डाल के उसकी चूत के ऊपर हाथ डालना शुरू कर दिया। वक्त की किल्लत थी इसलिए हमने ज्यादा फॉर-प्ले नहीं किया।

भाभी की साड़ी को मैंने उठाया और वो टॉयलेट की नीचे पड़ी हुई सीट के ऊपर खड़ी हो गई। मैंने उसे थोड़ा झुकाया और उसकी साड़ी को पूरा उठा के उसके हाथ में पकड़ दिया। मैंने उसकी पेंटी उतारने की कोशिश नहीं की। मैंने पेंटी की पट्टी को खिंच के गांड के ऊपर टांग दिया। सेक्सी भाभी की चूत पहले से पानी छोड़ चुकी थी। मैंने सुपाड़े के ऊपर थूंक लगाया और सीधे भाभी की चूत पर रख दिया। भाभी को भी लंड की गर्मी से मजा आ गया और उसने अपने एक हाथ से साड़ी को पकड़ा और दूसरे हाथ से वो अपनी गांड को फैलाने लगी। मेरा लौड़ा सीधे भाभी की चूत को सलामी देने लगा और दो मिनिट के भीतर तो पूरा लंड उसकी चूत में चला गया। मैंने भाभी की कमर को पकड़ा और जोर जोर से उसकी चूत को झटकने लगा। भाभी ने सामने टेप की पाइप को पकड़ लिया। उसकी चूत को दो तरह के झटके लग रहे थे, ट्रेन के और चमड़े की ट्रेन के। आह आह आह ओह ओह ओह हम दोनों के उदगार निकल रहे थे। मैंने कस के इस सेक्सी भाभी की चूत को लिया और वो भी मुझे जोर जोर से गांड हिला के मजे देती रही। तभी सैलब आया और मेरे लंड ने उसकी चूत में पानी निकाल दिया। भाभी ने चूत को टाईट कर के अपने में सभी पानी समेट लिया।

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दो मिनिट में हम लोग कपड़े पहन के स्वस्थ हो गए। मैंने कमरा खोल के देखा और कोई नहीं आ रहा था इसलिए मैं फट से बाहर आके खड़ा हो गया। भाभी भी मेरे बाहर आने के बाद एक मिनिट में आ गई। मैंने उसके मुहं पे संतोष के भाव देखे, लेकिन मुझे पता था कि यह सेक्सी भाभी इतने कम समय के सेक्स से राजी होने वाली नहीं थी। जैसे वो बहार आई मैंने उसे कहा, “अरे मैं आपका नाम तो पूछना ही भूल गया।” उसने अपना नाम शिल्पा बताया। मैंने अपना नंबर उसे दिया और कहा की मैं 3 दिन अमृतसर में हूँ। उसने भी मुझे अपना नंबर दिया और मिलने के लिए तैयारी बताई। दोस्तों किसी दिन आपको बताऊंगा कि कैसे अमृतसर की एक होटल में शिल्पा भाभी की चूत और गांड में मजे किए थे। तब तक मुझे इजाज़त दें।