उदयपुर ट्रिप की मस्ती
मेरा नाम कुणाल शर्मा है। मैं 26 साल का हूँ और जयपुर से हूँ। मेरी हाइट 5’9″ है। मैं हॉट सेक्स स्टोरी का पुराना रीडर हूँ और ये मेरी पहली कहानी है। अगर कोई गलती हो तो माफ करें। ये एक सच्ची कहानी है।
ये कहानी मेरी और मेरी गर्लफ्रेंड शिखा के साथ उदयपुर ट्रिप की है। शिखा 23 साल की है। उसका फिगर 34-28-36 है, रंग गोरा है। उसे देखकर किसी का भी चोदने का मन हो जाए।
हम जयपुर से बस पकड़कर शाम 7 बजे उदयपुर के लिए निकले। हमने स्लीपर बुक किया था। बस को चले एक घंटा हुआ कि बाहर अंधेरा हो गया। हम पास आए और किस करने लगे। मैं उसके बूब्स दबा रहा था, वो बिना पानी की मछली की तरह तड़प रही थी। मैंने उसके गले पर किस किया, धीरे-धीरे उसका टॉप उतारा। वो अब ब्रा में थी। उसकी काली ब्रा से बूब्स बाहर से आती रोशनी में चमक रहे थे। मैं ब्रा के ऊपर से बूब्स चूस रहा था और एक हाथ से उसकी चूत सहला रहा था। उसने मेरा लंड पजामे में हाथ डालकर सहलाना शुरू किया। मैंने उसकी ब्रा निकाली और बूब्स पर टूट पड़ा। वो बूब्स मेरे मुँह में डालने लगी, मैं जोर-जोर से चूसने लगा। उसने मेरा पजामा उतारा और लंड सहलाने लगी। मैंने उसका शॉर्ट्स उतारा, पैरों के तलवों को चाटते हुए उसकी चूत तक गया। थोड़ी देर चूत चाटने के बाद हम 69 पोज़िशन में आ गए। मैं उसकी चूत का रस पी रहा था, वो मेरा लंड पूरा मुँह में ले रही थी।
15 मिनट बाद हम दोनों एक-दूसरे के मुँह में झड़ गए। तभी बस ढाबे पर रुकी। हमने खाना खाया और फिर बस में बैठ गए। बस चलते ही हमने गेट-पर्दे लगाए, खिड़की हवा के लिए खुली छोड़ी। उसने मेरा लंड पजामे से निकाला और चूसने लगी। मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। मैंने उसे लिटाया, शॉर्ट्स उतारा और चूत चूसने लगा। वो गर्म हो गई, मेरा मुँह चूत में दबाने लगी। उसकी सिसकारियाँ निकल रही थीं, उसने मुँह ढक रखा था ताकि आवाज़ बाहर न जाए। वो बहुत गर्म हो गई, उसने मुझे धक्का दिया, मेरे ऊपर चढ़ी, लंड चूत में सेट किया और आगे-पीछे होने लगी। उसकी साँस फूलने लगी। मैं उसके बूब्स पी रहा था, वो मेरे लंड पर उछल रही थी।
15 मिनट बाद मैंने उसे लिटाया, लंड चूत पर सेट किया और एक बार में पूरा अंदर डाल दिया। वो जोर से चिल्लाई। बाहर की रोशनी में मैं उसकी चूत में लंड अंदर-बाहर कर रहा था। वो चरम पर पहुँच गई, पीठ पर नाखून चुभाने लगी। “और जोर से, जल्दी करो,” कहते हुए वो सिर पटक रही थी। 15-20 झटकों में वो आह करते हुए झड़ गई। केबिन में फच-फच की आवाज़ आने लगी। मेरा अभी बाकी था। मैंने लंड निकाला और उसकी चूत साफ की।
मैंने उसे डॉगी स्टाइल में आने को कहा। वो झुक गई। मैंने एक झटके में लंड पीछे से चूत में डाला। वो गिर पड़ी। मैंने उसे उठाया, कमर पकड़ी और फिर झटका मारा। मेरा पूरा लंड चूत में समा गया। मैं धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाने लगा। वो सिसकारियाँ ले रही थी, गांड पीछे करके लंड अंदर ले रही थी। 15 मिनट बाद वो मेरे ऊपर आई, लंड चूत में सेट किया और ऊपर-नीचे होने लगी। 5 मिनट में वो फिर झड़ने वाली थी। मैं भी झड़ने वाला था। मैंने उसकी चूत में वीर्य निकाला और हम चिपककर सो गए।
2 बजे आँख खुली। वो गांड मेरी तरफ करके सो रही थी। मैंने उसके बूब्स सहलाए, एक उंगली चूत में डाली और अंदर-बाहर करने लगा। उसने आँखें खोलीं, मेरा लंड सहलाकर मुँह में लिया। मैं सीधा बैठा, उसे गोद में बिठाया और लंड चूत में डाला। हम इतने चिपके थे कि हवा भी बीच में न आ सके। बस की ब्रेक लगने से वो मेरे लंड पर उछलने लगी। बाहर की रोशनी में सेक्स करना हमें उत्तेजित कर रहा था। गाड़ियाँ देखकर लग रहा था कोई हमें देख रहा है। 20 मिनट में वो झड़ गई। मेरा बाकी था। मैंने उसे लिटाया, लंड चूत में डाला और जोर-जोर से धक्के लगाए। वो गांड उठाकर साथ देने लगी। 15 मिनट बाद मैं उसकी चूत में झड़ गया। हमने कपड़े ठीक किए और एक-दूसरे की बाहों में सो गए।
आगे की कहानी में बताऊँगा कि अगले 3 दिन उदयपुर में हमने कैसे सेक्स किया। मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करें: [email protected]