Aunty Sex Storyपड़ोसी की चुदाई

आंटी की गांड की चुदाई-1

(Aunty ki gaand ki chudai)

sex auntys, मेरा नाम विश है और में गुजरात शहर के राजकोट का रहने वाला हूँ.. मेरी हाईट 5.11 इंच है और मेरा आकर्षित शरीर है.. दोस्तों यह कहानी एक सच्ची घटना है और आज से एक साल पुरानी है और मेरी पड़ोस वाली आंटी की फेमिली में 4 लोग है। आंटी दक्षा उम्र 37 साल, उसका पति उम्र 40 साल, उसका बेटा उम्र 23 साल और उसकी लड़की उसकी उम्र 20 साल की है। दक्षा आंटी बहुत सुंदर लगती है और वो उसके बूब्स और उसकी गांड के तो क्या कहने? कोई भी मर्द एक बार उसके बूब्स और गांड देख ले तो वो उसका दिवाना ही हो जाए।

अब सीधे घटना पर आते है आज से 15 दिन पहले मेरी पड़ोस वाली आंटी की लड़की ने घर से भागकर लव मेरिज कर ली और वो बात मेरे अलावा हमारी सोसाईटी में किसी को पता नहीं थी क्योंकि जिस लड़के के साथ वो भागी थी वो मेरा ही फ्रेंड है और फिर वो दोनों भागकर शादी करने वाले है.. यह बात मुझे एक महीने पहले ही पता थी और हमारे यहाँ पर किसी घर की लड़की अगर भागकर अपनी मर्जी से शादी करती है तो उसे समाज में बहुत बुरा माना जाता है और उससे उस फेमिली की इज्जत भी खत्म हो जाती है।

इसलिए जैसे ही उनकी लड़की ने भागकर लव मेरिज कर ली तो उन्हें ऐसा पता चलते ही वो पूरी फेमिली अपने घर से थोड़े दिनों के लिए बाहर चली गई ताक़ि कोई उनसे उसके बारे में कुछ भी ना पूछ सके और उनकी लड़की की ऐसी हरक़त से उनको किसी के सामने अपनी इज्जत ना गवानी पड़े.. आंटी यह बात सोच सोचकर अंदर से टूट चुकी थी और वो अकेले में रोने लगी थी। तो मैंने अपने घर से देख लिया था कि आंटी अकेले में रोने लगी है तब से में मौका ढूंढने लगा था कि कैसे आंटी को हिम्मत दिला सकूँ कि वो बाहर के लोगों से डरे नहीं और फिर मुझे वो मौका मिल ही गया।

फिर एक दिन जब मेरे घर पर कोई भी नहीं था तब घर की डोर बेल बजी और जैसे ही मैंने दरवाजा खोला तो में देखता ही रह गया कि वाह आंटी क्या माल लग रही थी और बहुत दुखी भी लग रही थी। तो मैंने उनको अंदर आने को कहा और वो अंदर सोफे पर बैठी और उन्होंने मुझसे कहा कि उनको थोड़ा सा दूध चाहिए। तो मैंने उनको सोफे पर बैठाया और दूध लेने किचन में चला गया और जब वापस आया तो देखा कि आंटी रो रही थी.. तो में उनके पास जाकर उनके पास में बैठ गया और उनके आँसू साफ किए और उनसे पूछा कि क्या हुआ? और आंटी आप रो क्यों रही हो? तो उसने बताया कि उसकी बेटी ने भागकर शादी कर ली है और वो आंटी समाज में किसी को मुहं दिखाने लायक नहीं रही।

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तो मैंने उसको बड़े प्यार से समझाया कि हम तो अच्छे लोग है और अगर आपकी लड़की को कोई लड़का पसंद है और उसने शादी कर ली तो उसमे शरमाना कैसा और रोना कैसा? और में उनको समझाते समझाते धीरे से उनके करीब जा रहा था और फिर वो मेरे कंधे पर सर रखकर रोने लगी..

पहले तो मैंने उन्हे 20 मिनट तक रोने दिया और फिर उन्होंने कहा कि में क्या करूं मेरा पति मेरी कोई बात नहीं मानता और ना ही मेरा बेटा.. बेटी भी अब चली गयी और अब में क्या करूँगी में तो बिल्कुल अकेली पड़ गयी और तुम्हारे अंकल तो हमारी शादी के बाद कभी मुझे कहीं बाहर घुमाने तक नहीं ले गये और ना ही दो प्यारी बातें की है और ना कभी मुझे फिल्म दिखाने लेकर गये। वो तो दुकान से घर और घर से दुकान.. मेरे ऊपर कभी ध्यान ही नहीं दिया।

तो मैंने बिना इंतजार किए उन्हे कहा कि आप बिल्कुल सही कह रहे हो आंटी.. मैंने अंकल को बहुत टाइम सिनेमा हॉल में देखा है वो हमेशा अकेले ही या फिर अपने किसी दोस्त के साथ फिल्म देखने चले जाते है.. लेकिन आपको कभी उनके साथ नहीं देखा.. मुझे लगता है कि वो लाईफ को अपनी तरीक़े से जिया करते है और आपका बेटा मेरा दोस्त भी है वो भी हमेशा अपने तरीक़े से अपनी लाईफ एंजाय कर रहा है और फिर आपको भी अपनी लाईफ अपने तरीक़े से जीनी चाहिए और आपको भी फिल्म देखने मॉल में घूमने और रेस्टोरेंट में जाना चाहिए।

वो थोड़ी देर चुप हो गयी और फिर मुझसे कहा कि तुम एकदम ठीक कह रहे हो.. लेकिन में अकेले कैसे अपनी लाईफ के मजे कर सकती हूँ? फिर मैंने कहा कि अपने फ्रेंड के साथ। वो फिर मेरे कंधे पर सर रखकर रोने लगी.. फिर मैंने उसे चुप कराया और पूछा कि आप क्यों रो रही हो? तो वो रोते हुए बोली कि मेरा शादी के बाद से मेरी सभी फ्रेंड से बातचीत टूट गई है और अब में किसके साथ फिल्म देखने जाउंगी? और फिर सीधा मेरी आँखों में देखकर मुझसे पूछा कि क्या तुम मेरा साथ दोगे?

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तो मैंने थोड़ी देर सोचा और उन्हे हाँ कह दिया तो उसने मुझे 500 रुपये दिए और कहा कि जाओ आज की किसी भी फिल्म के दो टिकिट ले आओ और फिर हम दोनों एक साथ फिल्म देखने जाएँगे.. क्यों ठीक है? फिर मैंने दो कपल टिकिट लिए और आंटी को बताया कि शो 6:00 से 9:00 बजे का है। तो उन्होंने कहा कि ठीक है हम 4 बजे चलेंगे.. तो मैंने पूछा कि इतना जल्दी क्यों जाना है तो उसने बोला कि मुझे कु
मैंने पूछा कि इतना जल्दी क्यों जाना है तो उसने बोला कि मुझे कुछ काम है.. में तो अंदर से बहुत खुश हो रहा था.. इतनी सेक्सी आंटी मेरे साथ फिल्म देखने आएगी आज तो मुझे मज़ा आएगा। फिर मैंने 4 बजे अपनी बाईक निकाली तो आंटी अपने आप ही नीचे मेरे पास आ गयी..

मैंने देखा कि उन्होंने काली पारदर्शी साड़ी पहनी हुई थी जिससे उनकी नाभि दिख रही थी.. में तो देखता ही रह गया.. क्या माल लग रही थी? मेरा मन कर रहा था कि फिल्म बाद में पहले इसको घर पर ले जाकर एक बार चोद लेता। फिर मैंने अपने आप को कंट्रोल किया और फिर बाईक को स्टार्ट किया और वो पीछे बैठ गयी और मैंने बाईक चलाना शुरू किया। फिर रास्ते में उसने मुझसे कहा कि तुम बाईक मॉल में ले लो मुझे कुछ काम है और रास्ते में बात बात पर अपने मुलायम बूब्स मेरी पीठ पर छू रही रही थी में क्या बताऊँ दोस्तों मुझे कितना मज़ा आ रहा था बाईक चलाने में.. मेरा जी कर रहा था कि बस चलता ही रहूँ और आंटी मुझे अपने बूब्स का मज़ा देती रहे।

फिर हम क्रिस्टल माल पहुँचे तो वो बोली कि मुझे कुछ कपड़े लेने है चलो मेरे साथ और रास्ते में चलते चलते वो मेरा हाथ पकड़ कर चलने लगी जैसे कि वो मेरी गर्लफ़्रेंड हो फिर एक अच्छी सी लेडीस कपड़ो की दुकान में हम कपड़े लेने गये और उसने अपने लिए मेरी पसंद का सेक्सी गाउन लिया और फिर मैंने कहा कि चलो यहाँ पर पास में एक गार्डेन है हम वहां पर चलकर थोड़ी देर बैठते है और आंटी और में दोनों गार्डेन में जाकर एक एक शांत जगह देखकर वहां पर बैठ गये और फिर आंटी ने बात शुरू की।

आंटी : तुम्हे बहुत बहुत धन्यवाद.. क्योंकि तुमने मुझे बढ़ावा दिया और मेरी मदद की।

में : इसमे धन्यवाद कैसा आंटी?

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आंटी : आज से तुम मुझे आंटी मत कहना मुझे अच्छा नहीं लगता.. तुम मुझे मेरे नाम से बुलाना आज से तुम मेरे एक बहुत अच्छे दोस्त हो।

में : ठीक है दक्षा जैसा तुम कहो।

आंटी : में तुम्हे अपने एक अच्छे दोस्त के रूप में बहुत पसंद करती हूँ।

में : धन्यवाद।

आंटी : अगर तुम ना होते तो में तो मर ही जाती मेरा आत्महत्या करने का दिल करता था और यह कहते हुए वो मुझसे चिपक कर बैठ गयी जैसे लवर्स चिपक कर बैठते है।

में : उनके कंधे को सहला रहा था.. आंटी कोई बात नहीं अब आप जब भी कभी उदास होगी तब मुझे कहना में आपको हमेशा खुश रखूंगा।

आंटी : रोते हुए मेरी छाती पर हाथ घुमाने लगी तुम क्या जानो में अभी भी कितनी दुखी हूँ?

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में : तो मुझे बताओ कि आपको क्या दुख है? मैंने तो आपकी सभी समस्या तो हल कर दी और अब किस बात का रोना?

आंटी : हवस वाली नज़रों से मुझे देखते हुए बोली तुम क्या जानो एक औरत की प्यास क्या होती है?

में : में तुम्हारी हर एक प्यास बुझा सकता हूँ।

आंटी : सेक्सी स्माईल के साथ.. अच्छा तुम तो बहुत बड़े हो गये हो।

में : आंटी को एक लंबा किस किया.. तो इसके बाद आंटी मेरी तरफ प्यार भरी नज़रों से देखने लगी।

आंटी : यह क्या किया?

में : प्यार से उनके बूब्स दबाते हुए.. क्यों आपको इसकी प्यास थी ना?

आंटी : मेरे लंड पर हाथ फेरते हुए.. हाँ तुम्हारे अंकल ने पिछले 10 सालों से सेक्स नहीं किया।