अनजान औरत को परिवार का सदस्य बनाया
हाय दोस्तों, मैं HotSexStory.xyz पर अपने बेटे रोहन की एक sacchi ghatna लेकर आई हूँ। इसमें उसने जमकर chudai की और अपने लंड की भूख मिटाई। आज मैं ये hot kahani विस्तार से सुनाऊँगी। रोहन ने हमारे पूरे परिवार को chudakkad बना दिया था। फिर उसने मुझसे एक ब्रा-पैंटी की दुकान खुलवाई, जिससे उसे नई-नई चूतें चोदने का मौका मिला। ये बात मलेशिया से घूमकर लौटने के बाद की है, जब बारिश का सीजन शुरू हुआ था। हम रोज़ sex ka maza लेते थे। पहले बता दूँ—मैं कोई रंडी नहीं हूँ, बस मेरी चूत लंड की pyaasi है। मेरे पति को मेरी खुली सोच पसंद थी। तो चलिए, इस kaamuk aur lambi kahani की शुरुआत करते हैं।
परिवार का बदलता रूप और मलेशिया का सफर
मेरा नाम रंजना है। पुणे में हमारा परिवार था—मैं, पति प्रकाश, बड़ा बेटा राकेश, उसकी पत्नी शिल्पा, छोटा बेटा रोहन, और बेटी प्रिया। रोहन 22 का था, कॉलेज में। राकेश 28 का, नौकरीपेशा। एक दिन रोहन ने कहा, “माँ, परिवार को khul ke jeena chahiye।” उसकी बातों ने हमें बदल दिया। पहले हम सामान्य थे, पर धीरे-धीरे रोहन ने सबको chudai ka junoon सिखाया। मुझसे शुरूआत हुई—एक रात उसने मुझे चोदा। फिर शिल्पा, प्रिया, सब शामिल हुए। प्रकाश को भी मज़ा आने लगा। हमारा घर एक chudai ka adda बन गया।
पिछले साल हम मलेशिया घूमने गए। वहाँ होटल में रोहन ने मुझे और शिल्पा को साथ चोदा। प्रकाश ने प्रिया को। ये हमारी khuli zindagi का नया अध्याय था। लौटकर अक्टूबर में रोहन ने कहा, “माँ, ब्रा-पैंटी की दुकान खोलो। Nayi chut milegi।” मैंने हाँ कहा। दुकान खुली। बिजनेस चल पड़ा। हमने बंगला लिया। राकेश ने पुणे में ट्रांसफर लिया। रोहन कॉलेज की छुट्टियों में आता। दुकान और घर दोनों हमारी kaamuk duniya बन गए।
दुकान का नया माल और रविवार की सुबह
नवंबर का रविवार था। सुबह 9 बजे रोहन और मैं दुकान खोलने गए। शिल्पा और प्रिया घर पर थीं। नया माल आया था—जालीदार ब्रा, बिना डोरी वाली पैंटी, सेक्सी बिकनी। चार पुतले थे। मैंने रोहन से कहा, “Bete, putlon ko naye kapde pehna do।” उसने पुरानी ब्रा-पैंटी उतारी। नई डिजाइन चढ़ाई—एक पर टाइनी बिकनी, एक पर जालीदार ब्रा। मैं काउंटर पर बैठी थी। 10 बजे एक औरत आई—अनिता। 28 साल की, गोरी, फिगर 36-26-36। हर हफ्ते कुछ लेती थी। रोहन को पसंद करती थी। नाम से बुलाने से चिढ़ती थी।
वो साड़ी में थी, पर चेहरा शादीशुदा नहीं लगता। मैंने कहा, “Welcome, kya chahiye?” वो बोली, “कल गोवा जा रही हूँ। बिकनी दिखाओ।” मैंने रोहन को बुलाया।
रोहन: “हाय आंटी।”
अनिता: “हाय बेटा, कैसे हो?”
रोहन: “ठीक हूँ। आप?”
अनिता: “एकदम ठीक।”
रोहन: “कैसी बिकनी दिखाऊँ?”
अनिता: “Sexy bikini, जो मुझे हॉट बनाए।”
रोहन: “आप तो पहले से hot aur sexy हो।”
अनिता: “चुप, शरारती। ऐसी जो बीच पर सबसे हटकर हो। सब मुझे देखें।”
रोहन ने टाइनी बिकनी दिखाई। फोटो भी। बोला, “ये सबसे sexy hai। कुछ नहीं छुपाती।” अनिता बोली, “Fit hogi?” रोहन ने कहा, “Bilkul fit। आप इसमें कयामत लगोगी। सब घूरेंगे।” वो खुश हुई। बोली, “पहनकर देखना पड़ेगा।”
दुकान के पीछे चुदाई का खेल
मैंने सुना। कहा, “Peeche wale room mein jao, बिकनी चेक करो।” रोहन उसे ले गया। वो रूम ग्राहकों के लिए था—कपड़े ट्राई करने का। 5-10 मिनट बाद आवाजें आईं—आह, ऊह, उफ्फ, छोड़ो। मैं समझ गई, रोहन उसे chod raha hai। मैंने डीवीडी पर गाने चालू किए, आवाज बढ़ाई—कोई शक न करे। आधे घंटे बाद वो बाहर आए। अनिता की साड़ी सिमटी थी, चेहरा लाल। रोहन की शर्ट खुली थी। मैंने दो ग्राहकों को निपटाया। फिर दो 18 साल की लड़कियाँ आईं। हमारी दुकान सेक्सी कपड़ों के लिए मशहूर थी। मैंने उन्हें रोहन के पास भेजा। वो बाहर आईं तो उनकी चाल लड़खड़ा रही थी। एक बोली, “Aapka beta kamaal ka hai। इसे साथ ले जाना पड़ेगा।”
मैंने कहा, “Lekar jaiye, या रात को घर आ जाइए। Bahut maza aayega।” अनिता बोली, “हाँ, बिल्कुल।” रोहन ने उसे kiss की। उसने दो बिकनी लीं, 500 रुपये अलग से दिए, चली गई। रोहन बोला, “माँ, आज रात maza aane wala hai। क्या चूत, बूब्स, गांड—एकदम गोरी, जैसे दूध से निकली हो।” उसने मुझे गले लगाया। शाम को अनिता का कॉल आया, “आ जाऊँगी। पता भेज दो।” रोहन ने मैसेज किया।
घर पर अनिता का स्वागत और नंगा सच
रात 8 बजे अनिता का कॉल आया, “निकल रही हूँ।” हम दुकान बंद कर घर पहुँचे। वो बाहर थी—स्कर्ट, टॉप में। घर पर सब नंगे थे। शिल्पा ने दरवाजा खोला, नंगी। अनिता चौंकी। बोली, “Yeh aapki bahu?” मैंने कहा, “हाँ।” वो बोली, “Nangi kyun?” मैंने कहा, “Ghar mein kapde nahi pehnte। अंदर आओ, सब समझ आ जाएगा।” उसे अंदर लाए। प्रकाश बेटी को चूम रहा था। राकेश सोफे पर नंगा था। मैंने जींस-टॉप उतारा। रोहन नंगा हुआ। अनिता टेंशन में थी। रोहन ने उसका टॉप उतारा, स्कर्ट खींची। वो ब्रा-पैंटी में थी—हमारी दुकान की। हम हँसे।
वो घबराई। मैं उसे दूसरे कमरे में ले गई। बोली, “ये क्या हो रहा है?” मैंने समझाया, “Maza karo, शरमाओ मत। हम सब मिलकर सेक्स करते हैं। तुम भी शामिल हो। जब चाहो, आ सकती हो।” उसे बाहर लाई। रोहन शिल्पा को चूम रहा था। प्रकाश प्रिया को। राकेश इंतजार कर रहा था। मैंने अनिता की ब्रा-पैंटी एक झटके में उतारी। वो नंगी हुई। राकेश ने उसे चूमना-चाटना शुरू किया। वो उसका लंड हिलाने लगी। मैं उसकी चूत चाटने लगी।
चुदाई का तांडव और रात का नशा
अनिता राकेश के लंड पर बैठी, ऊपर-नीचे हुई। मैं राकेश के मुँह पर बैठी—वो मेरी rasili chut चाट रहा था। 10 मिनट बाद पोजीशन बदली। मैं लंड पर, वो मेरे मुँह पर। राकेश झड़ा। प्रकाश और रोहन बाकी थे। मैंने अनिता को प्रकाश के लंड पर बिठाया। प्रिया मेरी चूत चाटने लगी। मेरे पास 9 इंच का रबर लंड था। मैंने पहना, प्रिया की चूत में डाला। शिल्पा रोहन के लंड पर थी। 10 मिनट बाद प्रकाश और रोहन झड़े। मेरी हालत खराब थी।
फिर रोहन ने अनिता को गोद में उठाया। उसे बेड पर लिटाया। उसकी चूत में लंड डाला। मैं पास बैठी देख रही थी। वो सिसक रही थी—आह, ऊह, हाँ। रोहन ने गांड भी मारी। अनिता चिल्लाई, पर मज़ा लेने लगी। रात में तीन राउंड चले। हर बार alag maza। सुबह 9 बजे अनिता चली गई। जाते वक्त बोली, “Bahut maza aaya। फिर आऊँगी।”
अनिता का साथ और रोहन का राज
अनिता अब कभी भी आती है। प्रकाश से चुदवाती है। रोहन बोला, “माँ, जब आप दुकान पर नहीं होतीं, हर हफ्ते नई चूत मिलती है। इस बार आपके सामने मिली। कभी शिल्पा के सामने भी।” दुकान पर 30 से कम उम्र की औरतें रोहन को ढूंढती हैं। उसकी वजह से हर 3-4 दिन में ग्राहक बढ़ते हैं। दोस्तों, ये थी मेरी hot chudai kahani। आपको कैसी लगी, बताएँ।