पड़ोसी की चुदाई

सेक्सी पड़ोसन की ठुकाई-2

उनको अब कैसे भी किसी भी बहाने से मेरा लंड चाहिए, लेकिन में खुद इसकी पहल नहीं कर सकता था क्योंकि में डरता था कि आंटी कहीं मेरी बात का बुरा ना मान जाए और किसी को मेरी हरकतों के बारे में ना बता दे और में उनकी गांड में लंड लगाने, उनके बूब्स को छूने, उनसे बातें करने से भी चला जाऊँ, लेकिन एक दिन आंटी हमारे घर पर आई और वो सीधा मेरे कमरे में आकर बेड पर बैठ गई. में भी वहीं पर आंटी के पीछे बेड पर बैठ गया और अपने पैर से आंटी की गांड को छूने, दबाने लगा.

तभी आंटी ने पीछे मुड़कर मेरी तरफ देखा और वो मुस्कुराने लगी उनकी मुस्कुराहट को देखकर मुझे आगे बढ़ने का मौका मिल गया था इसलिए अब मैंने थोड़ी सी हिम्मत करके अपना पैर उनकी गांड के नीचे डाल दिया और वो खुद ही मेरे पैर पर अपनी गांड को घिसने लगी कि तभी अचानक से मेरी मम्मी वहां पर आ गई और हम दोनों तुरंत अलग होकर बैठ गये.

अब मुझे आंटी की तरफ से ग्रीन सिग्नल मिल गया था और मेरी हिम्मत भी अब बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी और इसलिए अब में आंटी को जब भी कोई अच्छा मौका मिलता तुरंत उनको पकड़ लेता और उनकी गांड, बूब्स को दबाने लगता और उनकी गांड से अपना लंड घिसता. कभी अपना लंड उनको हाथ में पकड़ा देता वो मेरे लंड को कुछ देर छूकर महसूस करती, उसे सहलाती और फिर कुछ देर बाद वो मुझसे कहती कि चलो अब दूर हटो वरना हमें कोई देख लेगा तो बहुत बड़ी मुसीबत आ जाएगी, लेकिन मुझे उन्हे चोदने का कोई अच्छा मौका नहीं मिल रहा था.

फिर एक दिन में उनके घर पर चला गया तो मैंने देखा कि उस दिन अंकल घर पर नहीं थे और आंटी उस समय किचन में अपना काम कर रही थी तो मैंने अच्छा मौका देखकर तुरंत उन्हे पीछे से जाकर पकड़ लिया और में कपड़ो के ऊपर से ही अपना लंड उनकी गांड में घुसाने लगा और आगे से उनके दोनों बूब्स को पूरे ज़ोर से दबाने लगा. फिर कुछ देर बाद आंटी मुझसे बोली कि तुम्हारे अंकल बाथरूम में नहा रहे है और वो अभी आ जाएँगे, लेकिन मेरा मन उनको बिल्कुल भी छोड़ने का नहीं कर रहा था.

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फिर मैंने उनको बोला कि आंटी में अब आपको चोदे बिना नहीं रह सकता, अब चाहे कुछ भी हो जाए, लेकिन में आपको चोदकर ही रहूँगा. फिर आंटी बोली कि आज नहीं मेरे राजा, दो दिन के बाद तुम्हारे अंकल को उनकी कंपनी की तरफ से बाहर जाना है और तब तुम्हारी मर्जी पड़े वो सब कर लेना. फिर मैंने उनके मुहं से यह सभी बातें सुनकर आंटी को एक लंबा सा किस किया और बोला कि आंटी में आपको बहुत प्यार करता हूँ, आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो. दोस्तों में उस दिन ना चाहते हुए भी उन्हें छोड़कर अपने घर पर आ गया और फिर एक बार उनके नाम की मुठ मारकर ना जाने कब सो गया.

फिर दो दिन के बाद अंकल अपनी कम्पनी के टूर पर बाहर चले गये और उस दिन में सुबह ही आंटी के घर पर चला गया और मैंने देखा कि आंटी किचन में दूध गरम कर रही थी. मैंने चुपचाप अंदर जाकर आंटी को पीछे से पकड़ लिया और अब अपना लंड उनकी गांड पर घिसने लगा तो आंटी मुझे अपने पीछे देखकर बहुत खुश हो गई और वो भी अपनी गांड को मेरे लंड पर घिसने, दबाने लगी. में आंटी के बूब्स को लगातार दबा रहा था और उनकी निप्पल को खींचकर निचोड़ रहा था और आंटी अपना एक हाथ पीछे ले जाकर मेरे लंड को दबाने लगी.

फिर मैंने अपनी जीन्स की ज़िप को खोलकर आंटी के हाथ में अपना लंड दे दिया. आंटी मेरे लंड को अपनी गांड पर रगड़ने लगी और फिर मैंने आंटी के सूट को पूरा ऊपर किया. उस समय उन्होंने ब्रा नहीं पहन रखी थी और सूट को ऊपर करते ही उनके एकदम गोरे बूब्स मेरे सामने लटकने लगे, जिनको देखकर में ललचाने लगा. अब में उनके गुलाबी निप्पल को चूसने लगा, वो गरम होकर सिसकियाँ भरने लगी आह्ह्ह् आईईइहह उफ्फ्फ्फ़ राहुल प्लीज थोड़ा आराम से करो वाह बहुत मज़ा आ रहा है.

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फिर मैंने अपना हाथ उनकी सलवार में अंदर डालकर उनकी चूत को सहलाने लगा और मैंने अपनी एक उंगली को उनकी चूत में डाल दिया. फिर वो मुझसे लिपट गई और सिसकियाँ भरने लगी और मुझसे कहने लगी उफ्फ्फ्फ़ हाँ तुम आज मेरे बूब्स को खा जाओ आह्ह्ह्ह. दोस्तों में भी अब पूरे जोश के साथ उनके निप्पल पर काटने लगा और फिर मैंने सही मौका देखकर अपनी दो उँगलियों को उनकी चूत में डाल दिया और धीरे धीरे लगातार अंदर बाहर करने लगा. उसके बाद मैंने आंटी की सलवार को उतार दिया और मैंने उनकी चूत को देखा.

दोस्तों यह मेरा पहला अनुभव था जब में किसी औरत की चूत को अपनी आखों के बिल्कुल सामने अपने हाथों से छूकर महसूस कर रहा था और अब में उनकी चूत को बड़े गौर से देख रहा था. फिर आंटी मुझसे बोली कि क्या कभी तूने किसी की चूत नहीं देखी क्या? दोस्तों उनके मुहं से चूत जैसा नंगा शब्द सुनकर में और भी ज्यादा गरम हो गया था और फिर में उनसे बोला कि हाँ मैंने बहुत बार ब्लू फिल्म में चूत देखी जरुर है, लेकिन आखों के सामने पहली बार देख रहा हूँ, तो आंटी मुझसे बोली कि अब ऐसे घूर घूरकर देखता ही रहेगा या इसके आगे कुछ करेगा भी?

फिर मैंने ज्यादा देर ना करते हुए उनकी चूत के होंठो को खोलकर चाटने लगा तो आंटी ने एक लंबी सी आह भरी और वो जोश में आकर मेरा सर अपनी चूत पर दबाने लगी और में उनके चूत के दाने को अपने दांतो से काटने लगा और उस पर अपनी जीभ को फेरने लगा, जिसकी वजह से आंटी सिसकियाँ भर रही थी और करीब दस मिनट चूत को चूसने के साथ ही आंटी मेरे मुहं में झड़ गई और में उनका सारा पानी पी गया.